हार्ट अटैक को आने से रोकना है तो आज से ही खाना शुरू कर दें ये 5 जड़ी-बूटियां
डेस्क:– आजकल युवाओं में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। अचानक हार्ट अटैक आने की खबरें और वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में अपने दिल का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। आज के समय में हर एज ग्रुप के लोगों को अपने हृदय का ख्याल रखना जरूरी हो गया है। क्योंकि हार्ट शरीर के मुख्य अंगों में से एक है जिसका स्वस्थ होना काफी जरूरी है। दिल की सेहत का ख्याल रखना हर व्यक्ति की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर आप को ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज जैसी स्थिति है तो आपको हृदय रोगों के होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है, इसलिए आपको हृदय के लिए फायदेमंद डाइट का सेवन करना चाहिए। दिल के लिए काफी ऐसी हर्ब्स हैं जिनका सेवन करने से दिल के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचता है। इसके साथ ही आपको अपने खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए और जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। खुद को एक्टिव रखना चाहिए और तनाव से दूर रहना भी जरुरी है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम रील्स के माध्यम से पांच ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बताया है जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं।

*पुनर्नवा - Punarnva*

इसे एक बेस्ट डायूरेटिक माना जाता है। यह शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने का काम करता है। यह आपकी किडनी, लीवर और आंखों के लिए भी लाभदायक है। यह आप के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए भी लाभदायक माना जाता है। आप पुनर्नवा को रोजाना खाली पेट 2-5 ग्राम ले सकते हैं।

*शुंथि - Dry Ginger*

ताजा रूप से कूटा हुआ ड्राई अदरक का पाउडर दिल की रक्षा करने के लिए बेस्ट माना जाता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म के लिए भी लाभदायक है और आप के इंफ्लेमेशन को कम करने में सहायक माना जाता है। आप इसे आधा चम्मच भोजन से पहले दिन में एक बार गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।

*काली मिर्च - Black Pepper*

यह इन्सुलिन सेंसटिविटी में सुधार लाने के लिए लाभदायक मानी जाती है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में सहायक मानी जाती ही। वृद्ध लोगों को हार्ट अटैक से बचाने में भी काली मिर्च लाभदायक होती है। आप 1 काली मिर्च रोजाना सुबह खा सकते हैं।

*अर्जुन छाल - Arjuna Chhal*

हृदय से जुड़ी बीमारियों का रिस्क कम करने के लिए अर्जुन छाल को बेस्ट माना जाता है। यह हार्ट के फंक्शन को बढ़ाने में मदद करता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी काफी सहायक माना जाता है। मडायबिटीज या हृदय रोग वाले व्यक्ति को सोते समय चाय के रूप में इसका सेवन करना चाहिए।

*इलायची - Cardamom*

इलायची दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छी है और मीठा खाने की लत या क्रेविंग को कम करके शुगर लेवल को बेहतर बनाने में मदद करती है। बार-बार प्यास से भी छुटकारा दिलाता है, जो अक्सर डायबिटीज पेशेंट महसूस करते हैं। इसे चाय में या 1 इलायची के बराबर पाउडर को भोजन के 1 घंटे बाद गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
सर्दियों में पैर सुन्न होना है इस जानलेवा बीमारी का लक्षण, कहीं आपको तो नहीं दिख रहे ये 4 संकेत?

डेस्क :– सर्दियों के दिनों अक्सर हाथ पैर ठंडे होने की समस्या हो जाती है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। सर्दियों के मौसम में काफी लोग पैर सुन्न होने की शिकायत करते हैं और कुछ लोग कहते है कि पैरों को घंटों तक बिस्तर के अंदर रखने पर भी उनके पैर ठंडे व सुन्न रहते हैं। मौसम ठंडा होने के कारण ऐसा होना आम बात है, लेकिन कई बार यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है। दरअसल, पैर सुन्न होना कई बार नसों व धमनियों से जुड़ी समस्या भी हो सकती है और अगर समय रहते उसकी जांच न की जाए तो यह किसी जानलेवा स्वास्थ्य समस्या का रूप बन सकती है। इस लेख में हम आपको ऐसी ही एक बीमारी गंभीर व जानलेवा बीमारी के बारे में बताने वाले हैं जिसके शुरुआती लक्षण पैर सुन्न होने जैसे आम हो सकते हैं।

*पेरिफेरल धमनी रोग का लक्षण*

सर्दियों में बार-बार पैर सुन्न पड़ना पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) नामक खतरनाक बीमारी का लक्षण हो सकता है। यह बीमारी आमतौर पर तब होती है, टांग में मौजूद रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इस कारण से टांगों में रक्त का बहाव भी कम हो जाता है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज की समय पर देखभाल न की जाए तो यह जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है।

*टांगों में दर्द रहना*

पैरों या टांगों में रक्त की कमी होने पर मांसपेशियों में ऐंठन आने लगती है। पेरिफेरल धमनी रोग में लाल रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लग जाती है और इस कारण मांसपेशियों दर्द होने लगता है। अगर सर्दियों के दिनों में आपको टांगे सुन्न होने के साथ-साथ दर्द भी होता है, तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

*टांगों की नसें दिखना*

अगर समय रहते पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का इलाज शुरू न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे में रक्त वाहिकाओं की रुकावट बढ़ जाती है और रक्त जमा होने के कारण नसें फूलने लगती हैं। यही कारण है कि कई बार टांगों की नसें फूलने लगती हैं।

*टांगों में कमजोरी होना*


पैरों व टांगों के हिस्सों में पर्याप्त मात्रा में रक्त की सप्लाई न मिल पाने के कारण टांगों में कमजोरी महसूस होने लगती है। दरअसल, टांगों की मांसपेशियां लगातार लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में रक्त न मिलने के कारण वे सहारा देना कम करने लगती हैं और इस कारण से टांगे कमजोर पड़ जाती हैं।

*टांगे पतली महसूस होना*

अगर आपकी टांगों को लंबे समय तक लगातार पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है, तो पोषक तत्वों की कमी होने के कारण टांगों की मांसपेशियां अपनी सघनता (Muscle mass) खोने लग जाती हैं। यही कारण है कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारण टांगें पतली पड़ने लगती हैं।

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दवाओं के बिना ही रहेगा एलडीएल कंट्रोल,डाइट में इस खास बीज को खाएं कोलेस्ट्रॉल के मरीज
डेस्क :–शरीर में बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना जरूरी होता है और ऐसा न करने पर हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह से दवाओं पर निर्भर रहना भी हानिकारक हो सकता है। हालांकि, अगर सही डाइट का सही तरीके से सेवन किया जाए और उचित रूप से परहेज रखे जाएं जो ज्यादातर लोगों को दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत नही पड़ती है। इसके अलावा कुछ अन्य चीजें भी हैं, जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। इन चीजों में कुछ प्रकार के बीज भी शामिल हैं, जिनमें से एक के बारे में हम आपको बताने वाले हैं।

*एलडीएल कम करेगा ये खास बीज*

बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कई प्रकार के नट्स व बीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनसे काफी फायदा मिलता है लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल की छुट्टी की जा सकती है। दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में कई अध्ययन किए जा चुके हैं, जिनमें पाया गया है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है।

*ऐसे करें डाइट में शामिल*

अलसी के बीजों का सेवन करना बहुत ही आसान है, क्योंकि इसे कई अलग-अलग व्यंजनों में मिलाकर खाया जा सकता है। अलसी के बीजों के पाउडर को बनाना शेक या अन्य फ्रूट स्मूदी में डालकर इसका सेवन किया जा सकता है। अलसी के बीजों को सलाद में मिलाकर भी उसका सेवन किया जा सकता है।

*सेवन की सही मात्रा*

हालांकि, कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के फ्लेक्स सीड्स का सेवन करने के लिए उचित मात्रा का पता होना भी बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 30 ग्राम से ज्यादा अलसी के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं कोलेस्ट्रॉल के मरीज रोज अपनी डाइट में 20 से 25 ग्राम अलसी के बीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। *अन्य फायदे*

सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं अलसी के बीजों का सेवन करने से अन्य कई फायदे भी मिलते हैं जैसे पाचन क्रिया में सुधार करना, बढ़ते वजन को रोकना, कब्ज की समस्या को दूर करना, ब्लड शुर व ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के खतरे को कम करना आदि।

*डॉक्टर से संपर्क जरूरी*

हालांकि, अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर के संपर्क में रहना बहुत ही जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा बढ़े हुए एलडीएल को कंट्रोल करने के लिए दवाएं लेना बहुत ही जरूरी है। हालांकि, अगर आपकी पहले से ही कोलेस्ट्रॉल की दवाएं चल रही है, तो अलसी के बीजों का सेवन शुरू करने के बाद भी दवाएं लेना बंद न करें और इस बारे में डॉक्टर से पूछें।

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दवाओं के बिना ही रहेगा एलडीएल कंट्रोल,डाइट में इस खास बीज को खाएं कोलेस्ट्रॉल के मरीज
डेस्क :–शरीर में बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना जरूरी होता है और ऐसा न करने पर हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह से दवाओं पर निर्भर रहना भी हानिकारक हो सकता है। हालांकि, अगर सही डाइट का सही तरीके से सेवन किया जाए और उचित रूप से परहेज रखे जाएं जो ज्यादातर लोगों को दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत नही पड़ती है। इसके अलावा कुछ अन्य चीजें भी हैं, जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। इन चीजों में कुछ प्रकार के बीज भी शामिल हैं, जिनमें से एक के बारे में हम आपको बताने वाले हैं।

*एलडीएल कम करेगा ये खास बीज*

बढ़ते बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कई प्रकार के नट्स व बीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिनसे काफी फायदा मिलता है लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल की छुट्टी की जा सकती है। दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में कई अध्ययन किए जा चुके हैं, जिनमें पाया गया है कि अलसी के बीजों का सेवन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है।

*ऐसे करें डाइट में शामिल*

अलसी के बीजों का सेवन करना बहुत ही आसान है, क्योंकि इसे कई अलग-अलग व्यंजनों में मिलाकर खाया जा सकता है। अलसी के बीजों के पाउडर को बनाना शेक या अन्य फ्रूट स्मूदी में डालकर इसका सेवन किया जा सकता है। अलसी के बीजों को सलाद में मिलाकर भी उसका सेवन किया जा सकता है।

*सेवन की सही मात्रा*

हालांकि, कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के फ्लेक्स सीड्स का सेवन करने के लिए उचित मात्रा का पता होना भी बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 30 ग्राम से ज्यादा अलसी के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं कोलेस्ट्रॉल के मरीज रोज अपनी डाइट में 20 से 25 ग्राम अलसी के बीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। *अन्य फायदे*

सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ही नहीं अलसी के बीजों का सेवन करने से अन्य कई फायदे भी मिलते हैं जैसे पाचन क्रिया में सुधार करना, बढ़ते वजन को रोकना, कब्ज की समस्या को दूर करना, ब्लड शुर व ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के खतरे को कम करना आदि।

*डॉक्टर से संपर्क जरूरी*

हालांकि, अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर के संपर्क में रहना बहुत ही जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा बढ़े हुए एलडीएल को कंट्रोल करने के लिए दवाएं लेना बहुत ही जरूरी है। हालांकि, अगर आपकी पहले से ही कोलेस्ट्रॉल की दवाएं चल रही है, तो अलसी के बीजों का सेवन शुरू करने के बाद भी दवाएं लेना बंद न करें और इस बारे में डॉक्टर से पूछें।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
बार-बार हैंग होता है फ़ोन, बस चेंज करनी होगी ये सेटिंग
डेस्क :–क्या आप भी फोन के बार-बार हैंग होने की दिक्कत से जूझ चुके हैं? बिना मैकेनिक के पास गए आप खुद ही इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। आगे जानिए ये दिक्कत आखिर क्यों होती है और फोन हैंग होने की समस्या का निपटारा कैसे किया जा सकता है।

स्मार्टफोन थोड़ा पुराना हो जाए तो उसकी परफॉर्मेंस स्लो पड़ जाती है। फोन बार-बार हैंग होने लगता है. ऐसा कई लोगों के साथ होता है, कि फोन में कोई ऐप इस्तेमाल करना चाह रहे हैं और प्रोसेस बीच में ही अटक जाती है। ऐसे में बहुत खीझ भी होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। थोड़ी सी समझदारी दिखाकर स्मार्टफोन के हैंग होने की समस्या सुलझाई जा सकती है।

फोन की स्टोरेज अगर भर गई है या पहले ही काफी कम है तो फोन स्लो होने की समस्या हो सकती है। फोन में जगह कम हो और आप उसपर लगातार काम कर रहे हों चीज़े प्रोसेस होने में समय लग सकता है।

फोन में अलग-अलग रैम दी जाती है और उस हिसाब से इसके दाम होते हैं। फोन में जितनी कम रैम होगी, उसका दाम उतना कम होगा। रैम कम है और आप हेवी ऐप चला रहे है या फोन पर भार डाल रहे हैं तो फोन स्लो होने लगेगा।

हर फोन के लिए लगातार नए OS अपडेट मिलते रहते हैं, ताकि बग फिक्स और परफॉर्मेंस को बेहतर किया जा सके। कुछ लोग फोन की स्पेस बचाने के लिए नए OS इंस्टॉल नहीं करते हैं। तो अगर आपका फोन पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहा है तो आपका फोन स्लो हो सकता है।

तपती गर्मी में अक्सर ये देखा जाता है कि फोन हैंग होने लगता है। ऐसा ओवरहीटिंग की वजह से होता है। अगर फोन बहुत गर्म हो रहा है तो तो इससे हैंग होने की समस्या हो सकती है।

अगर आपको लगता है कि ये सभी वजह नहीं हो सकती है तो ऐसा मुमकिन है कि कुछ मामलों में हार्डवेयर की समस्या की वजह से भी फोन स्लो होने लगता है।
आइए जानते हैं ऐसे 5 हेल्दी फूड्स के बारे में, जो आपकी नसों में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं
डेस्क:–ज्यादातर लोग इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं कोलेस्ट्रॉल हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। हार्ट डिजीज हो या फिर हाई ब्लड प्रेशर इनके जैसे दूसरे रोग आपके लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। अंडे और ऐसे कई फूड्स हैं, जो हेल्दी होने के बावजूद भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करते हैं। हालांकि ये सभी फूड्स हेल्दी होते हैं लेकिन इनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 एमजी से भी ज्यादा होती है। आइए जानते हैं ऐसे 5 हेल्दी फूड्स के बारे में, जो आपकी नसों में कोलेस्ट्रॉल  को बढ़ाने का काम करते हैं।

*1अंडा*

इस बात में कोई दो राय नहीं कि अंडे सबसे हेल्दी फूड्स में से एक हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक 50 ग्राम के अंडे में 207 एमजी कोलेस्ट्रॉल होता है, जो कि आपकी नसों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बहुत तेजी से बढ़ाने का काम करता है। हालांकि जब आप अंडे का पीला भाग निकाल देते हैं तो उसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है।

*2-शेलफिश*

क्लैम, क्रैब और श्रिंप जैसे शैलफिश यूं तो प्रोटीन, विटामिन बी, आयरन और सेलेनियम जैसे ढेर सारे पोषक तत्वों से भरी हुई होती हैं लेकिन इनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। करीब 85 ग्राम श्रिंप में 214 एमजी तक कोलेस्ट्रॉल होता है, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है।

*3-मांस*

कलेजी, गुर्दे और लिवर जैसे जानवरों का मांस कोलेस्ट्रॉल से भरा हुआ होता है लेकिन इनमें मौजूद दूसरे पोषक तत्व आपके लिए इन्हें हेल्दी बनाते हैं। बता दें कि 145 एमजी तक चिकन कलेजी का सेवन आपको 351 किलोग्राम तक कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करता है। हालांकि इसमें एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो काफी हेल्दी होता है।

*4-सार्डिनेस*

ढेर सारे पोषक तत्वों से संपन्न सार्डिनेस बहुत ही स्वादिष्ट और प्रोटीन का एक रिच सोर्स है, जो कि आपके लिए फायदेमंद साबित होता है। बता दें कि 92 ग्राम तक सार्डिन खाने से आपको 131 एमजी तक कोलेस्ट्रॉल मिलता है, जो कि आपकी नसों में जाकर परेशानी खड़ी कर सकता है।

*5-फुल फैट वाला दही*

फैट से भरा दही भले ही प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, बी विटामिन, मैग्नीशियम, जिंक और पोटेशियम का एक रिच सोर्स हो लेकिन इसमें मौजूद कोलेस्ट्रॉल आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। एक कप फुल फैट दही में 31.8 ग्राम तक कोलेस्ट्रॉल होता है, जो कि आपकी नसों के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
तिरुपति बालाजी की 4 सबसे पॉवरफुल पुजारी फैमिली , शाही ठाठ-बाट; सैलरी के साथ मिलती है कई और सुविधाएं

डेस्क : तिरुपति मंदिर की सेवा में लगे 4 परिवारों की चर्चा खूब हो रही है, जिनकी पुश्तें दशकों से देवस्थानम की देखरेख और पूजा अर्चना कर रही हैं। इन परिवार की पावर भी किसी आम परिवार से कहीं अधिक है। तिरुपति मंदिर में कुल 58 पुजारी जो रोजाना की पूजा अर्चना कराते हैं । इसमें 23 पुजारी वंशानुगत हैं ।

मुख्य धार्मिक कार्यकलाप इन्हीं के हाथों से  सभी पुजारियों को सैलरी मिलती है और अन्य सुविधाएं भी, साथ में VIP पास देने की सुविधा भी

सदियों से तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर का धार्मिक प्रबंधन 4 पुजारी परिवारों द्वारा किया जाता रहा है। तिरुमति मंदिर के 4 पॉवरफुल फैमिली के तौर पर इन्हें जाना जाता है। मंदिर में सुबह से शाम तक जो धार्मिक अनुष्ठान चलता है, वो इसी परिवार के लोग करते हैं।

इन 4 पुजारी परिवारों का नाम है – पैडिपल्ली, गोल्लापल्ली, पेद्दिन्ति और तिरुपतम्मा। पीढ़ियों से ये परिवार तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में अनुष्ठान करते आ रहे हैं। इन 4 परिवार के 23 पुजारियों का सिक्का पूरे तिरुपति में चलता है। वो शानोशौकत से यहां रहते हैं।

तिरूमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट में कुल 16,000 लोगों का स्टाफ है।मंदिर में 4 वंशानुगत पुजारी परिवारों के 23 पुजारी हैं, मंदिर की असल धार्मिक ताकत इन्हीं के हाथों में होती है।गैर वंशानुगत तौर पर मंदिर में 35 पुजारी हैं ।

*पुजारियों का वेतन*

मंदिर का मुख्य पुजारी वंशानुगत ही होता है जिसे प्रधान अर्चक कहते हैं, इनका महीने का वेतन करीब 82,000 रुपए होता है, साथ में सुविधाएं अलग।

दूसरे हेड पुजारी भी वंशानुगत ही होते हैं, जिन्हें हर महीने वेतन के तौर पर 52,000 रुपए मिलते हैं, भत्ते अलग, हालांकि ये कितने मिलते हैं, इसका खुलासा नहीं किया जाता।

गैर वंशानुगत पुजारियों का वेतन 30,000 से 60,000 रुपए होता है, जो अनुभव पर निर्भर करता है।

कुछ वंशानुगत पुजारियों को उनकी सेवाओं के साथ एक बार मोटी राशि भी दी जाती है, जैसे रमन्ना दीक्षितुलु को उनकी सेवाओं के बदले 30 लाख रुपए दिए गए।

*पुजारियों को भत्ते और सुविधाएं*

सभी पुजारियों को रहने के लिए घर मिलते हैं। हालांकि इसका कोई नियम नहीं है। सभी पुजारियों को वेतन के अलावा कई तरह के भत्ते मिलते हैं लेकिन उनके बारे में पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है

सभी पुजारियों और उनके परिवार को स्वास्थ्य को लेकर खर्च टीटीडी वहन करता है, वैसे टीटीडी का खुद का भी काफी आधुनिक अस्पताल है।

तिरुपति बालाजी मंदिर में सुबह तड़के से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाते हैं और ये रात तक चलते रहते हैं। इन पुजारियों का मंदिर परिसर के सारे धार्मिक क्रियाकलाप पर पूरा नियंत्रण रहता है।

सभी पुजारियों को छुट्टी भी मिलती है. लेकिन ये नियमबद्ध नहीं है।

सभी पुजारियों की एक उम्र तय है, उसके बाद वो रिटायर होते हैं। तब उन्हें रिटायरमेंट के बेनिफिट मिलते हैं। रिटायरमेंट प्लान यहां 2018 से लागू हुआ है। 65 साल की उम्र में पुजारी रिटायर हो जाता है।

हालांकि ये मामला कोर्ट में गया तो राज्य सरकार ने इसको हटा लिया। क्योंकि वंशानुगत पुजारियों का तर्क है कि उनका पद जीवनपर्यंत है, इसमें रिटायरमेंट की कोई बाध्यता नहीं है। लेकिन ये सुविधा गैर वंशानुगत पुजारियों को हासिल नहीं है। इस मामले में कोर्ट में मुकदमा जारी है।

हर पुजारी अपने परिवार या कुछ लोगों को अपने कोटे पर VIP सुविधा से मंदिर में दर्शन के लिए ला सकता है।

वो 4 पुजारी परिवार जो सबसे ताकतवर

जो 4 परिवार तिरुपति मंदिर में वंशानुगत पुजारी हैं, वो पैडिपल्ली, गोल्लापल्ली, पेद्दिन्ति और तिरुपतम्मा परिवारों से आते हैं,  मंदिर के पहले पुजारी गोपीनाथाचार्युलु के वंशज हैं। वह मंदिर के अनुष्ठानों पर एक संहिता वैखानस आगम के विशेषज्ञ थे। वैखानस आगम भगवान विष्णु से जुड़े मंदिरों में पूजा की 2 परंपराओं में एक है।

इस परिवार के लोगों को अर्चक, मीरासी परिवार या वंशानुगत पुजारी के रूप में जाना जाता है. करीब 2,000 वर्षों से ये परिवार तिरुमाला मंदिर और गोविंदराज स्वामी मंदिर से जुड़े हुए हैं ।

इन परिवारों के सदस्यों को पारंपरिक रूप से मंदिर के अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के संरक्षक के रूप में देखा जाता है। वे दैनिक अनुष्ठान (नित्य कैंकर्यम) और विशेष समारोह करते हैं, जो मंदिर की प्रथाओं को नियंत्रित करने वाले आगम शास्त्रों का पालन सुनिश्चित करते हैं ।

*फिलहाल मंदिर का मुख्य पुजारी कौन है*

तिरुपति मंदिर के मुख्य अर्चक यानि मुख्य पुजारी ए वेणुगोपाल दीक्षितुलु हैं, जो गोल्लापल्ली वंशानुगत परिवार से हैं. वह 2018 में मुख्य अर्चक बने. इससे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ. एवी रमन्ना दीक्षातुलु थे, जो गोल्लापल्ली परिवार के थे. मंदिर में अनुष्ठानों के विशेषज्ञ कहे जाते थे. उनके पास माइक्रोबायोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री थी. पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने 1967 में पुजारी का पद संभाला था।

*क्यों ये 4 परिवार तिरुपति से सबसे अमीर परिवारों में गिने जाते हैं*

पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है लेकिन माना जाता है कि उन्हें हमेशा से TTD कुल कमाई में एक हिस्सा मिलता है. केवल यही नहीं इन चारों परिवारों के लोग TTD के भीतर प्रभावशाली पदों पर भी बने हुए हैं। इनकी संपत्ति करोड़ों में मानी जाती है। बहुत ठाट बाट के साथ ये लोग रहते हैं। इनका काफी रसूख और असर भी है. सीधे CM तक उनकी पहुंच होती है. देशभर के असरदार लोगों के अनुष्ठान कराते हैं।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।
आइए जानते हैं कौन से विटामिन्स की कमी आपके चेहरे के लिए हानिकारक
डेस्क :– आपने देखा होगा कि बहुत बार कई लोगों के चेहरे पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं और लाख कोशिशों के बावजूद भी इन्हें साफ कर पाना मुश्किल होता है। बहुत से लोग महंगे-महंगे उत्पादों की मदद लेते हैं लेकिन फिर भी चेहरे से दाग-धब्बे हटने का नाम नहीं लेते हैं। दरअसल इसके पीछे कहीं न कहीं आपके शरीर में मौजूद विटामिन्स की कमी होना है, जिसकी वजह से इन्हें बाहरी तौर पर हटा पाना मुश्किल होता है। ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते हैं लेकिन फिर भी वो बाजार से अलग-अलग उत्पादों का यूज करते हैं, जो उनके चेहरे को और ज्यादा बिगाड़ने का काम करता है। अगर आपके चेहरे पर भी दाग-धब्बे, जो हटने का नाम नहीं ले रहे हैं तो आपके शरीर में इन विटामिन्स की कमी हो सकती है। आइए जानते हैं कौन से विटामिन्स की कमी आपके चेहरे के लिए हानिकारक है।

*1-विटामिन्स सी की कमी*
विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, जो कि इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ-साथ हमारे चेहरे की खूबसूरती को निखारने में मदद करता है। हालांकि जब शरीर में विटामिन सी की कमी हो जाती है तो चेहरे की नमी गायब हो जाती है, जिसकी वजह से चेहरा डिहाइड्रेट हो जाता है और इस विटामिन की कमी से आपके चेहरे पर पिंपल्स और दूसरी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इसलिए आप ऐसे फलों व सब्जियों का सेवन करें, जो जिनमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा हो।

*2-विटामिन ई की कमी*
विटामिन ई की कमी से चेहरे का निखार गायब हो जाता है और त्वचा भी बेजान दिखाई देने लगती है। विटामिन ई एक ऐसा विटामिन है, जो चेहरे को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ चेहरे के ग्लो को बनाए रखने में मदद करता है। आप इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए विटामिन ई फूड्स के अलावा दूसरे कैप्सूल भी ट्राई कर सकते हैं।

*3-विटामिन बी-6 की कमी*
विटामिन बी एक प्रकार का समूह है, जिसमें ढेर सारे विटामिन्स होते हैं जैसे विटामिन बी1, बी2 बी6, बी12 और दूसरे विटामिन्स। लेकिन जब शरीर में विटामिन बी 6 की कमी हो जाती है तो चेहरे पर छोटे-छोटे सफेद निशान होने लगते हैं। अगर आप इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए ऐसे फूड्स का सेवन कर सकते हैं, जो कि विटामिन बी6 की कमी को दूर कर सके।

*4-विटामिन बी12 की कमी*
विटामिन बी12 भी बी विटामिन समूह का एक जरूरी हिस्सा है, जो शरीर में कई जरूरी काम को अंजाम देता है। शरीर में विटामिन बी12 की कमी से चेहरे पर झांइयां आनी शुरू हो जाती है। शरीर में विटामिन बी 12 की कमी होने से भी चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों पर सफेद दाग आ सकते हैं। इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए आपको दूध और दूध से बनी चीज, मछली, शेलफिश, मांस, अंडा खाना चाहिए।

*5-कैल्शियम की कमी* कैल्शियम एक मिनरल है, जिसकी कमी न सिर्फ आपके चेहरे पर बल्कि आपके नाखून पर दिखाई देने लगती है। कैल्शियम की कमी न सिर्फ चेहरे पर बल्कि आपको अंदर से भी परेशान करती है, जिसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है। इसलिए कैल्शियम की कमी न होने दें और ऐसे फूड्स का सेवन करें, जो इस मिनरल की आपूर्ति करे।

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आइए जानते हैं सुबह खाली पेट कौन से पत्ते चबाने चाहिए और उनके फायदे क्या है
डेस्क:– प्रकृति ने हमें तमाम ऐसे पेड़-पौधों का उपहार दिया है जो किसी औषधि से कम नहीं है। पेड़ पौधों की पत्तियां, बीज, छाल और यहां तक कि जड़ें भी बहुत उपयोगी हैं। खासकर, अगर पत्तियों की बात करें तो प्रकृति में तमाम ऐसे पेड़ पौधे हैं, जिनकी पत्तियों में बीमारियों को ठीक करने की क्षमता है। आज हम आपको पांच ऐसे पेड़ पौधों की पत्तियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें खाली पेट चबाने मात्र से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं, और कई गंभीर बीमारियां ऐसी हैं जो इन पत्तियों के डर से आपको छू तक नहीं पाती हैं। आइए जानते हैं सुबह खाली पेट कौन से पत्ते चबाने चाहिए और उनके फायदे क्या है। 

*तुलसी की पत्तियां खाली पेट चबाने के फायदे* सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां चबाने से आपको कई रोगों में आराम मिलता है। तुलसी की पत्तियां चबाने से पेट में ऐंठन, एसिडिटी, सर्दी, जुकाम और आंतों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। क्योंकि तुलसी की पत्तियों में एंटीवायरल गुण होते हैं जो सीजनल बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं। तुलसी की पत्तियां फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं, किडनी रोग और तमाम तरह की बीमारियों में कारगर है।

*करी पत्ता खाली पेट चबाने के फायदे* करी पत्ता आमतौर पर दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी उपयोगिता लोगों तक पहुंच रही हैं अब हर कोई खाने में करी पत्ते का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन एक खासियत और यह है कि करी पत्ता डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होता है। यह इंसुलिन के उत्पादन में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। करी पत्ते प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में भी मदद करते हैं। यह कब्ज और डायरिया को भी ठीक करता है।

*अजवाइन की पत्तियां खाली पेट चबाने के फायदे* जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अजवाइन पेट की हर समस्या का रामबाण उपचार है। अगर आप सुबह ताजी अजवाइन की पत्तियां चबाते हैं तो इसके और भी ज्यादा फायदे आप पा सकते हैं। अजवाइन की पत्तियां खाली पेट चबाने से पेट की गैस, एसिडिटी और मरोड़ से राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण आपको इंफेक्शन से बचाते हैं। यह दर्द को दूर करने में भी बहुत कारगर है।

*नीम की पत्तियां खाली पेट चबाने के फायदे* नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जो पेट के कीड़ों को मारने से लेकर त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं। सुबह सुबह खाली पेट नीम की पत्तियां चबाने से आपका ब्लड प्यूरीफाई होता है। आपकी त्वचा अंदर से स्वस्थ होती है। और पेट संबंधी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यह मसूड़ों और दांतों से जुड़ी समस्याओं का भी उपचार करती हैं। साथ ही साथ या लीवर के लिए भी फायदेमंद है।

*पुदीने की पत्तियां खाली पेट चबाने के फायदे* पुदीने की पत्तियां लोग स्वाद बढ़ाने के लिए अलग-अलग व्यंजनों में शामिल करते हैं। लेकिन इसके औषधीय उपयोग बहुत ज्यादा है। पुदीना पेट की समस्याओं में बहुत कारगर है। यह एसिडिटी, कब्ज, गैस और भूख की कमी को दूर करती है। गर्मी के मौसम में पुदीने की पत्तियां चबाने से आप पेट संबंधी समस्याओं से दूर रहते हैं। आपका मूड फ्रेश रहता है, और सर्दी जुकाम में भी फायदेमंद है।
11 इंच के डिस्प्ले और 8300mAh बैटरी के साथ आया नया Honor Pad X8a टैबलेट
डेस्क:– भारतीय मार्केट में स्मार्टफोन्स के साथ ही दमदार टैबलेट की भी काफी डिमांड रहती है। इसी कड़ी में हॉनर (Honor) ने बाजार में अपना एक नया टैबलेट लॉन्च कर दिया है। दरअसल, हॉनर पैड एक्स8ए को कंपनी ने लॉन्च किया है। इस पैड में कंपनी ने 4GB रैम के साथ ही 8300mAh की दमदार बैटरी प्रदान कराई है जो टैबलेट को लंबे समय तक चार्ज रखने में सक्षम है। वहीं इसमें 11 इंच का विशाल डिस्प्ले दिया गया है जो यूजर्स के बेहतरीन एक्सपीरिएंस प्रदान करेगा।

अब इस टैबलेट के स्पेक्स के बारे में बताएं तो HONOR Pad X8a में 11 इंच का FHD TFT एलसीडी डिस्‍प्‍ले उपलब्ध कराया गया है। ये डिस्प्ले 90 हर्त्‍ज तक रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करता है। साथ ही इसमें 400 निट्स का पीक ब्राइटनेस सपोर्ट भी मिलता है। कंपनी के अनुसार, डिस्‍प्‍ले को लो ब्‍लू लाइट सर्टिफिकेशन मिला है। इसका मतलब है कि टैबलेट का डिस्प्ले आंखों को कम नुकसान पहुंचाएगा।

इसके साथ ही डिवाइस को क्‍वालकॉम स्‍नैपड्रैनग 680 प्रोसेसर के साथ उतारा गया है। वहीं ग्राफिक्स के लिए इसमें एड्रिनो 610 जीपीयू दिया गया है। ये डिवाइस 4GB रैम के साथ आता है और इसमें 4GB तक वर्चुअल एक्‍सटेंड रैम भी दिया गया है। डिवाइस की स्टोरेज 128GB की है. वहीं इसमें एसडी कार्ड का स्लॉट दिया गया है जिसकी मदद से डिवाइस की स्टोरेज को 1 टीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

HONOR Pad X8a लेटेस्‍ट एंड्रॉयड 14 ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करता है। डिवाइस में 5MP का प्राइमरी कैमरा दिया हुआ है। वहीं वीडियो कॉल के लिए इसमें 5MP का फ्रंट कैमरा प्रदान कराया है। पावर के लिए इसमें 8300mAh की तगड़ी बैटरी दी गई है। इसे यूएसबी टाइप-सी पोर्ट की मदद से फुल चार्ज किया जा सकता है. इस टैबलेट का वजन 495 ग्राम है।


Honor Pad X8a की कीमत कंपनी ने 12,999 रुपये रखी है। वहीं इसे कंपनी ने स्‍पेस ग्रे कलर में लॉन्च किया है। इस डिवाइस को ई-कॉमर्स साइट अमेजन (Amazon) से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा इस डिवाइस को खरीदने पर कंपनी Honor Flip कवर फ्री में दे रही है।