*खबर का असर* मरीजों का दोहन करने वाले लक्ष्मी अस्पताल का जांच करने पहुंचे तिसरी चिकित्सा प्रभारी एवं थाना प्रभारी

तिसरी, गिरिडीह
तिसरी के छठ तालाब रोड स्थित लक्ष्मी क्लिनिक में मरीजों के दोहन किए जाने के मामले में अब प्रशासन भी गंभीर होता नजर आ रहा है। तिसरी थाना प्रभारी रंजय कुमार एवं चिकित्सा प्रभारी डा देवव्रत कुमार पूरे मामले की जांच के लिए पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा अस्पताल का सारा कागजात का मांग भी किया गया है। वहीं गत दिन प्रसूता महिला से प्रसव के नाम पर 32000 रुपए लिए जाने का कारण भी पूछा है। फिलहाल अस्पताल के संचालक को सारा दस्तावेज दिखाने एवं जवाब देने के लिए एक घंटे का समय दिया गया है। ज्ञात हो कि बुधवार को उक्त अस्पताल में प्रसूता महिला के प्रसव करने को लेकर 32000 रुपए लिए जाने का आरोप लगा था। साथ ही सेवाटांड़ की एएनएम पर उक्त प्रसूता का प्रसव सरकारी अस्पताल में न करवा कर उसे लक्ष्मी अस्पताल में भेजने का भी आरोप लगा था, जिसे हमने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। वहीं प्रसूता के ससुर ने भी लिखित आवेदन दे कर उचित कार्रवाई की मांग किए थे। जिसके बाद तिसरी थाना प्रभारी एवं चिकित्सा प्रभारी ने उक्त अस्पताल पहुंच कर जांच शुरू किए। अब यह देखना यह है कि पूरे मामले में चिकित्सा प्रभारी और थाना प्रभारी अस्पताल संचालक एवं एएनएम के विरुद्ध क्या कार्रवाई करते हैं?
लक्ष्मी अस्पताल के संचालक पर लगा लापरवाही का आरोप, जन्म से पहले ही हो गई शिशु की मौत



तिसरी  गिरिडीह
तिसरी के छठ तालाब रोड स्थित लक्ष्मी अस्पताल का विवादों से पुराना नाता है। इलाज के नाम पर मरीजों का दोहन करने का आरोप पहले भी लग चुके हैं। लेकिन इस बार इलाज के नाम पर दोहन करने के साथ साथ डाक्टर के लापरवाही से प्रसूता को मृत बच्चा होने का एवं पूरे पैसे का भुगतान नहीं करने पर प्रसूता को अस्पताल से नही जाने देने का भी आरोप भी लगा है। इसे लेकर प्रसूता के ससुर ईश्वर कामर ने लिखित आवेदन देकर तिसरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी से न्याय की गुहार लगाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सेवाटांड़ की एएनएम पर भी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं करवा कर डरा धमका का प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भेजने का भी आरोप लगाया है। दिए आवेदन में उन्होंने लिखा है कि बीते दिन 23/9/24 को अपने बहु जीरवा देवी प्रसव कराने सेवाटांड़ उप स्वास्थय केन्द्र गई जहां एएनएम के द्वारा तिसरी स्थित प्राबिट लक्ष्मी हॉस्पिटल ले जाने का सलाह दी तब पश्चात मेने तसल्ली के लिए तिसरी स्वास्थय केन्द्र ले गया फिर पुनः सेवाटांड़ एएनएम द्वारा फोन पर डांट फटकार लगाते हुए लक्ष्मी हॉस्पिटल जानें कि बात कही जिसके बाद मैने तिसरी तालाब के पास लक्ष्मी हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टर द्वारा आप्रेशन करने के नाम पर 32 हजार का मांग किया गया जो मैने 2 किस्तों में 20 हज़ार जमा किया जिसके बाद डॉक्टर द्वारा बिना आप्रेशन किए मुझे मृत बच्चा सौपते हुवे बाकी के 12000 मांग करने लगे पैसा नहीं देने पर डॉक्टर द्वारा छुट्टी नही दिया जा रहा है तो पीड़ित परिवार ने तिसरी चिकत्सा प्रभारी को लिखित आवदेन देकर जांच कर करवाई की मांग की है वही लक्ष्मी हॉस्पिटल संचालक ने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार किया वही इस मामले को लेकर तिसरी चिकित्सा प्रभारी डा. देवव्रत कुमार ने कहा कि आवेदन प्राप्त हुए हैं जॉच कर दोषी पाए जाने पर निश्चित रूप से करवाई की जायेगी
 तिसरी में धड़ल्ले से की जा रही है अवैध महुआ शराब की चुलाई

तिसरी, गिरिडीहतिसरी के मनसाडीह ओपी क्षेत्र के कुंडी में इन दिनों घरों में धड़ल्ले से अवैध महुआ शराब का चुलाइ किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि यह अवैध चुलाइ मनसाडीह ओपी के लगभग चार किलोमीटर की ही दूरी पर किया जा रहा है, बावजूद इसके पुलिस द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है। बता दें कुंडी तिसरी प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों में से एक है और यहां से बिहार राज्य की सीमा नजदीक है। वहीं कुंडी के चूल्हन राय, कामेश्वर राय, सोभन राय, सुनील साव एवं मित्तन राय के घरों में महुआ का अवैध शराब का निर्माण किया जाता है, जिसे बाद में बिहार सप्लाई किया जाता है। इसके अलावा इन शराब को कुंडी, मनसाडीह, बिरनी, समेत आस पास के कई इलाकों में भी बेचा जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन शराब के निर्माण के दौरान प्रतिबंधित रसायनिक चीजों का भी प्रयोग किया जा रहा है, जिससे यह शराब जहरीली बन रही है और कई लोग इस शराब को पीने के बाद बीमार भी हो रहे हैं।
लोकाय पुलिस और वन विभाग की टीम ने माइका उत्खनन मुहाने का कराया डोजरिंग लोकाय पुलिस और वन विभाग की टीम ने माइका उत्खनन मुहाने का कराया डोजरिंग

तिसरी गिरीडीह
तिसरी: लोकाय नयनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत असुरहड्डी जंगल में शुक्रवार को लोकायनयनपुर थाना प्रभारी अमित कुमार चौधरी और वन विभाग के टीम ने संयुक्त अभियान चला कर, अवैध ढिबरा (माईका) उत्खनन के मुहाने का डोजरिंग कराया लगातार करवाई के बाद भी ढीबरा माफिया नही ले रहा है रूकने का नाम वही बता दें कि तिसरी प्रखंड से अवैध माइका का तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। टीम इलेवन बनाकर न सिर्फ माइका का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है, बल्कि इसमें नाबालिग बच्चों के भविष्य को भी अंधेर में झोंकने में माइका माफिया बाज नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं माइका माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए नयी-नयी तरकीब अपना रहे हैं। और इन माफियाओं की यह तरकीबें कामयाब भी हो रही है क्योंकि वर्तमान समय में अधिकांश पुलिस पदाधिकारियों का तबादला हो चुका है और लगभग थानों में नए पुलिस अधिकारी आए हैं और इन पुलिस पदाधिकारियों को माइका माफियाओं के तौर तरीके की जानकारी भी नहीं है। जिससे बड़े आसानी से ट्रैक्टर से लेकर बड़े ट्रकों द्वारा माइका कोडरमा जिले के डोमचांच भेजा जा रहा है। उन्हें पता है कि खनन विभाग घोड़े बेच कर सोया है और उनके द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की जाएगी। इस कारण वे बेलगाम होकर धड़ल्ले से माइका का अवैध कारोबार कर रहे हैं। नाबालिग बच्चों का हो रहा है भविष्य बरबाद बता दें माइका के अवैध व्यापार से न सिर्फ प्रतिदिन सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का चुना लग रहा है, बल्कि जान खतरे में डालकर अवैध खनन करने के दौरान कई लोगों एवं नाबालिग बच्चों की जान भी गई है इसके बाद भी माफिया लगातार अवैध खनन कर माइका खपा रहे हैं। वहीं प्रखंड के सैंकड़ों से अधिक नाबालिग बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़कर अपना भविष्य माइका चुनने और बेचने में बरबाद कर रहे हैं। माइका तस्करों ने किया टीम इलेवन का गठन सूत्रों के अनुसार पहले इस गोरख धंधा में दो दर्जन से अधिक लोग शामिल थे। सभी लोग अलग-अलग धंधा कर रहे थे। आगे बढ़ने के चक्कर में धंधेबाज एक-दूसरे की शिकायत स्थानीय प्रशासन से करते थे। इसके कारण कई माइका लदे ट्रक, ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को प्रशासन जब्त कर चुका है। इससे माफियाओं को भी हानि होती थी। अब बड़े माइका तस्करों ने टीम इलेवन का गठन किया है। टीम ने दो ट्रक की खरीदारी की है। सभी मिलकर तस्करी करते हैं। इसके लिए एक वाहन रात भर रेकी करती है। वाहन के निर्देश के अनुसार ट्रक चलती हैं और उन्हें डोमचांच तक स्काउट करते हुए पहुंचा दिया जाता है। प्रशासन को चकमा देने के लिए माफिया अगल-अलग रास्ता चुनते हैं। इसके अलावा पांच-छह बाइक सवार सभी अलग अलग बाइक में भी बैठकर रेकी करते हैं। क्या कहते हैं रेंजर रेंजर अनिल कुमार ने कहा माइका माफिया के विरुद्ध लगातार करवाई किया गया है लेकिन तिसरी के माइका माफियाओं का मनोबल बढ़ा है. इसके बाद भी वन विभाग ऐसे लोगों को चिह्नित कर रही है. इसमें शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. अवैध धंधा करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा नहीं जायेगा. चिह्नित लोगों पर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जायेगा.
तिसरी के प्राइवेट क्लिनिक में इलाज के नाम पर किया जा रहा है मरीजों का दोहन

तिसरी, गिरिडीह
तिसरी प्रखंड के भंडारी मार्ग स्थित छठ तालाब के समीप संचालित लक्ष्मी अस्पताल नामक निजी क्लीनिक के संचालक पर मरीजों द्वारा इलाज के नाम पर दोहन करने का आरोप लग रहा है। वहीं निजी क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी कई सवाल उठ रहे है। मिली जानकारी के अनुसार उक्त निजी क्लीनिक में कान के दर्द का इलाज कराने आई गरीब दलित महिला से जबरन इलाज के नाम पर खून जांच कर 1700 सौ रुपया का आर्थिक दोहन कर लिया गया है। इसी तरह से एक बच्चे को मामूली रूप से बुखार रहने पर नाना प्रकार की बीमारी बताकर 16 हजार रुपया ले लिया गया। जी हां यह मामला 12 सितंबर यानी गुरुवार का है। बता दें कि तिसरी प्रखंड के रानाडीह गांव की मालो देवी के कान में मामूली रूप से दर्द था। जिसका इलाज कराने वह किसी के कहने पर लक्ष्मी अस्पताल नामक क्लीनिक आई। जहां पर कान दर्द के इलाज के नाम पर उक्त महिला का खून जांच किया गया और खून जांच के एवज में उससे एक हजार सात सौ रुपया दोहन कर लिया गया और उस महिला को ना तो कोई दवा व सूई दिया गया और ना ही जांच रिपोर्ट ही दिया गया। इसी तरह का एक मामला और प्रकाश में आया है। तिसरी के भुराय गांव के विरेंद्र कुमार के 11 वर्षीय पुत्र को बुखार लगा था। विरेंद्र की पत्नी शांति देवी अपने बच्चे का इलाज कराने तिसरी के लक्ष्मी अस्पताल लाई थी। जहां पर उनके बच्चे को तीन दिनों के लिए भर्ती कर लिया गया और उससे दवा, सुई एवं बेड चार्ज के नाम पर 16 हजार रुपया ले लिया गया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त अस्पताल में मामूली से लेकर गंभीर बीमारियों का भी इलाज किया जा रहा है। साथ ही गर्भपात भी कराया जाता है। इतना ही नहीं अगर अस्पताल में अगर किसी बीमारी का इलाज नहीं हो पाता है तो अस्पताल के कर्मी उक्त मरीज को दूसरे क्लिनिक में रेफर करते हैं, जहां उनका कमीशन भी बंधा होता है। वहीं अगर बात करें क्लिनिक की रजिस्ट्रेशन की तो संचालक का कहना है कि क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन किया गया है। किंतु उक्त क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन है तो किन शर्तों के साथ रजिस्ट्रेशन है और गंभीर बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर फर्जी और नौसीखिए है या ट्रेंड और डिग्री धारक यह जांच का विषय है।
जंगल भूमि का अतिक्रमण कर मकान निर्माण


तिसरी/गिरिडीह
तिसरी प्रखंड अंतर्गत घूटिया बिट कार्यालय के अंतर्गत कारी पहरी गांव में जंगल भूमि पर वनविभाग के कर्मी और अधिकारी की हड़ताल का फायदा उठाकर कुछ दिनों से स्थानीय डूल्लू नामक व्यक्ति द्वारा पक्का मकान ईट छड़ से दिन के उजाले में धडल्ले से बनाया जा रहा है। वनभूमि का बड़ा भू भाग अतिक्रमण किया जा रहा है।।बता दे करिहरी पुल के समीप सड़क किनारे स्थित वनभुमि पर पक्का आवास निर्माण की जा रही है। जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी को दिया गया।वही मकान बना रहे ने व्यक्ति ने कहा मेरा घर नही है किया करें । सड़क किनारे रहने के लिए जंगल में बना रहे है। रेंजर अनिल कुमार ने कहा गुप्त सूचना के अनुसार वहां के कुछ लोगो का कहना है उक्त जमीन में कार्य हो रहा फॉरेस्ट के अंदर है या बाहर है। तत्काल वहां के वनरक्षी को आदेश दे दिया हूं उक्त जमीन में कार्य हो रहे तुरंत जांच कर कानून कार्यवाही किया जाए।
झारखंड बिहार के सीमा पर सड़क दुर्घटना में बाइक चालक की हुई मौत, एक घायल


तिसरी, गिरिडीह झारखंड बिहार के सीमा के थानसिंहडीह ओपी अंतर्गत स्थित टी मोड़ के समीप मुख्य सड़क किनारे झाड़ी में बाइक चालक मनोज भुला का शव मिला है। पुलिस ने शव को गिरिडीह पोस्ट मार्टम हेतु भेज दिया है। वही साथ में एक व्यक्ति पोखन भुला बुरी तरह जख्मी हालत में इलाज हेतु तिसरी पीएचसी भेजा गया है। बताया जाता है की मृतक मनोज भुला बिहार से घर गांवा थाना क्षेत्र के गहरी सांख जाने के दौरान बाइक से अनियंत्रित होकर टी मोड़ के पास झाड़ी में जा घुसा, जिससे बाइक सहित चालक मनोज भुला और साथी पोखन भुला वही गिर गया। दोनो दोस्त एक ही गांव के है। बताते चलें कि आस पास के चरवाहे ने जब दोनों को झाड़ियों में गिरा देखा तो उन्होंने इसकी सूचना लोकाय थाना ओर थानसिंहडीह ओपी प्रभारी को दिया। सूचना के बाद पुलिस ने घटना स्थल से मनोज भुला के शव को और उसके घायल साथी को उठाकर ले गए। लोकाय प्रभारी अमित कुमार ने कहा शव को पोस्ट मार्टम हेतु गिरिडीह भेजा गया है। वहीं घायल का इलाज तिसरी अस्पताल में कराया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
तिसरी के लोकाई नयनपुर थाना की पुलिस ने अवैध शराब लड़ा टेंपो किया जब्त

तिसरी,

गिरिडीह तिसरी के लोकाईनयनपुर थाना की पुलिस ने थाना के समक्ष जांच के दौरान अवैध शराब से लदी एक टेंपू वाहन जब्त किया है। इसके साथ ही पुलिस ने उक्त वाहन के चालक को अपने हिरासत में भी लिया है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह लगभग सात बजे तिसरी के लोकाई थाना की पुलिस ने तिसरी से बिहार अंग्रेजी विदेशी शराब की कई पेटी टेंपू वाहन सांख्य बीआर 01 पीक्यू 1057 में लाद कर ले जाते हुए जब्त किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त वाहन के जब्ती के बाद किसी मंडल नामक बिचौलिए के द्वारा मामले को मैनेज करवाने का प्रयास भी किया गया, किंतु थाना प्रभारी इसके लिए तैयार न होते हुए अग्रिम कार्यवाई किए। वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उक्त शराब पलमरुआ के किसी साव जी का है। बता दें इस संबंध में जब थाना प्रभारी अमित कुमार चौधरी से जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया कि थाना के समक्ष जांच के दौरान वाहन पकड़ा गया है। वहीं उनसे वाहन के ड्राइवर या अन्य जानकारी पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उत्पाद विभाग गिरिडीह को दी गई है, आप वहीं से जानकारी ले सकते हैं।
ससुराल आए युवक का पेड़ से झूलता मिला शव

तिसरी, गिरिडीह तिसरी प्रखंड के लोकाय थाना दानों खूंटा गांव के ऊपर बांध नाला के पास महुआ पेड़ में साड़ी के फंदे में झूलता हुआ एक युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान जमामो गांव के केला तुरी के 25 वर्षीय दामाद सुरेश तुरी के रूप में हुई है। लोकाय पुलिस को सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अमित कुमार चौधरी, मो अकील अहमद पुलिस बल के साथ घटना स्थल पहुंचे और स्थानीय लोगो की मदद से शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताया जाता है की पेड़ की डाली से मृतक सुरेश की शव झूलता हुआ चरवाहा ने देखा था। हो हल्ला करने पर आस पास के लोग मौके पर जुट और मृतक की पहचान की। मृतक सुरेश तुरी जमुआ के बालगो गांव का रहने वाला था। दो दिन पहले ससुराल पत्नी रीता से मिलने आया था। मृतक के ससुर ने बताया की तीन माह पहले वैशाख महीने में बेटी की शादी सुरेश से किए थे। वहीं मृतक की पत्नी रीता ने बताया की पति सुरेश बैंगलोर में मजदूरी करता था, कुछ दिन पहले लौट कर आया था। दो दिन से यही थी। रविवार की सुबह घूमने की बात कहकर घर से निकला था। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है
सरकार के गलत नीतियों के विरोध में वनरक्षियों का अनिश्चितकालिन हड़ताल जारी
गिरिडीह
झारखंड सरकार की गलत नीतियों से नाराज राज्य के सभी जिले के वनरक्षियों द्वारा विगत 16 अगस्त से अनिश्चितकालिन हड़ताल शुरवार को भी जारी रहा। गिरिडीह जिले के वनरक्षी कार्य बहिष्कार करते हुए वन प्रमंडल कार्यालय में धरना पर बैठे हुए है। धरना का नेतृत्व कर रहे संघ के जिलाध्यक्ष संदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि वनरक्षी अपने नियुक्ति के समय लागू पदोन्नति संबंधी सेवा शर्त को पुनः लागू करने की मांग कर रहे है, झारखंड के वनरक्षी अल्प वेतन-भत्ते और बिना किसी विशेष सुविधा के जंगलों की सुरक्षा एवं विकास तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं वन्य प्राणियों से लोगों की सुरक्षा सहित वनों का विकास एवं संवर्धन के लिए सुदूरवर्ती दुर्गम स्थानों पर दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। कहा कि विगत 7 अगस्त को झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में अहितकारी संशोधन कर झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली 2024 बनाकर वनपाल के शत प्रतिशत प्रोन्नति के पद में कटौती करते हुए 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। जो वनरक्षियों के हित में नही है। कहा कि विगत 6 वर्षों से प्रभारी वनपाल के रूप में बिना किसी आर्थिक लाभ का कार्य रहे है, उनके लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराने के बजाय सरकार ने वनरक्षियों के प्रोन्नति के अवसर को छिनने का कार्य किया है। जिसे किसी भी हालत में बर्दास्त नही किया जायेगा। जिलामंत्री संजय कुमार महतो ने बताया कि संघ द्वारा मुख्यमंत्री को कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन हम पर्यावरण के रक्षक वनरक्षक का उन्होंने कोई सुध नहीं लिया। संघ के संरक्षक विष्णु किस्कू ने बताया कि धरना प्रदर्शन के दौरान झारखंड के जंगलों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा अधर में है, वन अपराधियों के द्वारा जंगल लुटे जा रहे है। जंगल की जमीन का अतिक्रमण हो रहा है। दिन प्रतिदिन वन संपदा की क्षति हो रही है लेकिन वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है।