परिवर्तन यात्रा के माध्यम पार्टी में नई जान फूंकने की तैयारी, कल होगी शंख नदी तट पर बैठक!
प्रमोद दास.

गुमला।भाजपा की परिवर्तन यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर गुमला भाजपा महिला मोर्चा की बैठक आहूत की गई। जिसकी अध्यक्षता मोर्चा की जिलाध्यक्ष गौरी किंडो ने की। यह बैठक बिरसा मुंडा पार्क के आनंदमई भवन में आयोजित की गई थी। हालाकि बैठक में पार्टी के उतने पदाधिकारी मौजुद नहीं थे। लेकिन आगमी परिवर्तन यात्रा के मद्देनजर आयोजित इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ इसी तरह की तैयारियों को मद्देनजर 24 सितंबर को भी एक बैठक जिले के मंझाटोली में आहूत की गई है। इस बैठक में पार्टी के सभी जिला पदाधिकारियों सहित पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश के पदाधिकारी कार्यसमिति सदस्य और मंडल के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है। चूंकि यह बैठक इस कार्यक्रम की तैयारी को लेकर अंतिम बैठक है ऐसे में इस बैठक का महत्व काफी बढ़ गया है। परिवर्तन यात्रा को लेकर पार्टी पहले से तैयारियों में जुटी है। ताकि इस यात्रा के माध्यम पार्टी में नई जान फूंका जा सके। वैसे भी लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी फूंक फूंक कर कदम रखना चाहती है और सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास के साथ सबका विश्वास की तर्ज पर काम करना चाहती है। बहरहाल अब देखना है कि पार्टी का यह प्रयास कितना रंग लाता है!
हाथियों के आतंक से ग्रामीण में दहशत, मुआवजा बांटकर पल्ला झाड़ रहा विभाग!
गुमला के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है। हाथियों का झुंड पिछले कई दिनों से जिले के अलग अलग इलाकों में विचरण कर घरों को तोड़ रहा है और फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन वन विभाग इसके बचाव के लिए उचित पहल नहीं कर मुआवजा बांटने में दिलचस्पी दिखा रहा है। जिसके चलते इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है और ग्रामीण दहशत के साए में हैं। ऐसा नहीं है कि जंगली हाथियों के द्वारा नुकसान की यह पहली घटना है। हाथी हर साल यहां आते हैं और बड़ी संख्या में घरों और फसलों को नुकसान के साथ लोगों की जान भी ले लेते हैं। पिछले साल जंगली हाथियों ने जिले के चैनपुर, भरनो, बिशुनपुर घाघरा आदि इलाकों में कई लोगों की जान ली थी। एक बार फिर हाथियों का झुंड यहां पहुंचा है। आपको बताते चलें कि हर साल हाथी बरसात के अंतिम माह में धान की फसल के दौरान हाथी आते हैं। हाथियों के आने से ग्रामीण इलाकों में लोगों को घरों में रात गुजरना मुश्किल हो जाता है। लोग दहशत के साए में मशाल जलाकर रात बिताते हैं। बताया जाता है कि हाथियों से बचाव के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च करती है लेकिन इसका जनहित में सदुपयोग नहीं होने से इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है!
सड़क नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीण करेंगे वोट बहिष्कार
गुमला:- झारखंड में मतदाता जागरूकता अभियान की शुरुआत के साथ ही वोट बहिष्कार की गूंज भी सुनाई देने लगी है। ग्रामीणों ने जन जागरुकता अभियान के माध्यम आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं करने और नेताओं को गांव में घुसने नहीं देने का फरमान जारी किया है। मालूम हो कि देश आज अपनी आजादी का जश्न मना रहा है। वहीं दूसरी ओर आम ग्रामीण जनता एक अदद सड़क के संघर्ष कर रही है। ऐसे में अब ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है और ग्रामीण विरोध पर उतर आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव नजदीक है ऐसे में अगर उनके गांवों की सड़क नहीं बनती है तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे। जाहिर है और हो भी क्यों ना सड़क जैसी जरूरी चीजें नहीं होने से रायडीह पंचायत के ऊपर खटंगा गांव के करीब 70 परिवार सड़क के लिए तरस रहे हैं। उनकी इस समस्या का समाधान करने में मदद के लिए अब मजदूर संघ ने अपना हाथ आगे बढाया है और जन जागरुकता अभियान के माध्यम अपनी मांग तेज कर दी है। ग्रामीणों ने धमकी दी है कि अगर उनकी इस मांग पर विचार नहीं किया जाता है तो वे किसी भी नेता को गांव में घुसने तक नहीं देंगे। ऐसे में नेताजी इस बार आपको जनता माफ करने वाली नहीं है!
सड़क नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीण करेंगे वोट बहिष्कार
गुमला :- झारखंड में मतदाता जागरूकता अभियान की शुरुआत के साथ ही वोट बहिष्कार की गूंज भी सुनाई देने लगी है। ग्रामीणों ने जन जागरुकता अभियान के माध्यम आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं करने और नेताओं को गांव में घुसने नहीं देने का फरमान जारी किया है। मालूम हो कि देश आज अपनी आजादी का जश्न मना रहा है। वहीं दूसरी ओर आम ग्रामीण जनता एक अदद सड़क के संघर्ष कर रही है। ऐसे में अब ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है और ग्रामीण विरोध पर उतर आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव नजदीक है ऐसे में अगर उनके गांवों की सड़क नहीं बनती है तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे। जाहिर है और हो भी क्यों ना सड़क जैसी जरूरी चीजें नहीं होने से रायडीह पंचायत के ऊपर खटंगा गांव के करीब 70 परिवार सड़क के लिए तरस रहे हैं। उनकी इस समस्या का समाधान करने में मदद के लिए अब मजदूर संघ ने अपना हाथ आगे बढाया है और जन जागरुकता अभियान के माध्यम अपनी मांग तेज कर दी है। ग्रामीणों ने धमकी दी है कि अगर उनकी इस मांग पर विचार नहीं किया जाता है तो वे किसी भी नेता को गांव में घुसने तक नहीं देंगे। ऐसे में नेताजी इस बार आपको जनता माफ करने वाली नहीं है!

रिपोर्ट:-प्रमोद कुमार, गुमला