जिला प्रशासन से 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन की अनुमति
रायकेला - सहारा गार्डन सिटी आदित्यपुर दुर्गा पूजा समिति के मुख्य संरक्षक एवं लाइसेंसी शशांक गांगुली ने प्रशासन से अपील की है कि माता रानी के विसर्जन की तिथि 13 अक्टूबर को तय की जाय. श्री गांगुली ने कहा सहारा गार्डन सिटी, आदित्यपुर में हिंदी और बंगला पंचांग के आधार पर नवरात्रि और विजया दशमी की पूजा की जाती है. दिनांक 12 अक्टूबर को सुबह से नवमी की पूजा होगी उसके बाद हवन कन्या पूजन, फिर दशमी की पूजा, सिंदूर खेला करते करते काफी लेट हो जायेगा. इसलिए माता रानी का विसर्जन 13 अक्टूबर को तय किया जाय. अपराह्न 2.41 के बाद एकादशी समाप्त हो जायेगा और लोग शाम होने तक विसर्जन भी कर देंगे. चूंकि सहारा गार्डन सिटी आदित्यपुर का विसर्जन जुलूस सहारा के अंदर ही होता है बाहर नहीं इसलिए विधि व्यवस्था बिगड़ने की भी कोई बात भी नहीं होगी।
वर्षों से एक ही थाने में जमे ड्राइवर, कहीं अपराधियों के संरक्षक तो नही
सरायकेला। जिला के विभिन्न थानों में वर्षों से एक ही थाने में जमे,प्राइवेट से लेकर सरकारी ड्राइवर कहीं अपराधियों के संरक्षक तो नहीं, यह सवाल लोगों की बार-बार दिलों दिमाग में अब घर करने लगी है। लाख जिला कप्तान, थानेदार के चाहने के बावजूद भी अपराध रुक नहीं रहे हैं, और अवैध करोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना में भी सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि यहां 12 वर्षों से लोग जमे हुए हैं। राज्य की गिरती विधि व्यवस्था को लेकर राज्य स्तरीय चल रहे अधिकारियों की मंथन में विधि व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए यह बातें प्राप्त जानकारी के अनुसार खुलकर सामने आई है कि कई सालों से एक ही थाने में जमे एवं इर्द-गिर्द ही घूम रहे थाने में प्राइवेट से लेकर सरकारी ड्राइवर, का तबादले किया जाना आवश्यक है। लेकिन ड्राइवर अपने पहुंच पैरवी एवं वर्षों से जमे होने का लाभ उठाते हुए पुन: अपना स्थानांतरण रुकवाने में कामयाब हो जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारियों का यह मानना है कि अपराधियों पर अंकुश लगाने की बनाई योजनाएं इन लोगों के साथ अपराधियों से सांठ गांठ , अधिक दिन रहने के कारण,हो जाने के कारण करवाई करने की योजनाएं लीक हो जाया करती है।जिसके कारण समय पर समुचित कार्रवाई नहीं हो पाती है। जिस कारण अपराध दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे मे एक ही जगहों पर जमे लोगों का स्थानांतरण आवश्यक है। राज्य मे जहां अपराध सर चढ़कर बोल रहा है और मामले का उद्भेदन सवालों के घेरे में बना बना रहता है। गुत्थी सुलझाने में पुलिस कर्मियों की पसीने छूटे रहते हैं और उद्भेदन के कितने दूर कितने पास हैं ,यह सवाल मुंह बाए खड़ी रहती है । वही एक वरीय पदाधिकारी द्वारा वर्षों से एक ही थाने में जमे एवं इर्द-गिर्द ही घूम रहे थाने में प्राइवेट से लेकर सरकारी ड्राइवर के स्थानांतरण की बातें होनी चाहिए ,कही जा रही है । पैसे पैरवी के बल पर कुछ किलोमीटर की दूरी में ही एक थाना से दूसरे थाना में स्थानांतरण कराकर इर्द-गिर्द घूम रहे। जिले के कप्तान , को इन पर नजर रखते हुए स्थानांतरण करनी चाहिए। देखना अब यह है कि वर्षो से एक ही थाने में जमे ड्राइवर की स्थानांतरण होती है, या ड्राइवर अपने पहुंच पैरवी के बल पर यूं ही जमे रहेंगे।
परिमल का सुरों की श्रद्धाँजली कार्यक्रम 28 को
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