एसडीएम के जारी निलंबन आदेश में कारण दर्शाते हुए बताया गया है कि सोशल मीडिया के जरिए सुबह सूचना देकर कहा गया था की आज हल्का में एसडीएम का दौरा है अतः पटवारी उपस्थित रहे। एसडीएम हल्का पहुंचे तो पटवारी नदारद मिला। मोबाइल से बार-बार संपर्क करने के बावजूद पटवारी ने कॉल नहीं उठाया। इस पर एसडीएम ने पटवारी का पक्ष सुने बैगर ही व्हाट्सऐप के जरिए शोकाज नोटिस थमा दिया।
इसमें कहा गया कि तुरंत इसका जवाब दें। कुछ देर बाद मौके पर पटवारी पहुंचा, उसने वॉट्सऐप में आए नोटिस का जवाब बनाया। एसडीएम तुलसीदास मरकाम के समक्ष पहुंचा तो एक हाथ में पटवारी का पक्ष लेकर दूसरे हाथ से निलंबन का आदेश थमा दिया। कार्रवाई से आहत पटवारी ने कहा कि एक मेरा जवाब सुन लेते पर ऐसा नहीं हुआ।
निलंबन के कारण में यह भी बताया गया है कि लाटापारा हल्का में नामांतरण बंटवारा प्रकरण अत्यधिक संख्या में लंबित है। पटवारी की लगातार अनुपस्थिति की शिकायत भी ग्रामीणों से मिल रही है। इस कृत्य के लिए पूर्व में भी नोटिस देने का जिक्र किया गया है।
मोबाइल रिपेयर करवा रहा था पटवारी
निलंबित पटवारी नटेश्वर नायडू के पास लाटापारा के अलावा मूंगझर, गोहेकेला और घोघर पंचायत के कुल 7 गांव का जिम्मा था। जब उन्हें सूचना वॉट्सप पर मिली तब उनका मोबाइल खराब हो चुका था। सुबह से वह मोबाइल रिपेयर में लगा था। जब कॉल आया तो पता भी नहीं चल पाया। मोबाइल बनते ही लाटापारा हल्का पहुंचा हालांकि तब तक एसडीएम वहां से दूसरे स्थान के लिए निकल गए थे।
पटवारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ
देववभोग तहसील में 27 हल्का है और 12 पटवारी पदस्थ हैं। उनके पास दो या दो से अधिक हल्का की जिम्मेदारी है। नायडू के निलंबन के बाद अब ओर अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा। अक्टूबर माह में दो और पटवारी प्रमोशन होकर जा रहे है। ऐसे में केवल 9 पटवारी 27 हल्के का जिम्मा संभालेंगे।
Sep 14 2024, 21:01