हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने पूरा किया पांच वर्ष का कार्यकाल
दुर्ग-   हेमंचद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने 12 सितंबर को अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिया. इस अवसर पर उन्होंने कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जताई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा को अपने कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक करार दिया. 

डॉ. अरुणा पल्टा ने अपने पांच साल के कार्यकाल को लेकर कहा कि इस अवधि में मैंने हेमंचद यादव विश्वविद्यालय को यूजीसी, राज्य शासन, राजभवन के नियमों का पूर्णतः पालन करते हुए एक नई पहचान दिलाने का प्रयास किया. इस दौरान राजभवन, छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के साथ छात्र संगठनों का सहयोग मिला.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा 158 महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने भी विश्वविद्यालय को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाये रखने में हर संभव योगदान दिया. यही नहीं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् एवं विद्या परिषद् के सदस्यों का अभूतपूर्व सहयोग मिला है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा हेमंचद यादव विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है. तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया, लेकिन आशा है कि आने वाले एक-दो महीने में विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा.

अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए डॉ. पल्टा ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय को सदैव ’’छात्र केन्द्रित’’ बनाये रखने का प्रयास किया. विद्यार्थियों का हित उनकी प्रथम प्राथमिकता रहीं. विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर की पांच संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है. कोरोना काल में भी विश्वविद्यालय में अनेक ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स तथा आमंत्रित व्याख्यान आयोजित कर छात्रों की पढ़ाई को सर्वोपरि रखा. विगत दो वर्षों से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय तथा जोनल युवा उत्सव में प्रथम, द्वितीय पुरस्कार हासिल किये. एनएसएस, एनसीसी तथा खेलकूद में इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दक्षता सिद्ध की है.

डॉ. पल्टा ने बताया कि उनके कार्यकाल में कोरोना समयावधि के पश्चात् लगातार दो दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किये गये. इनमें कुल 80 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा सैंकड़ों विद्यार्थियों को प्रावीण्य सूची में सर्वोच्च स्थान करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. डॉ. पल्टा ने बताया कि वर्तमान में लगभग दो लाख नियमित और प्राइवेट छात्र संख्या वाले इस विश्वविद्यालय में 19 विषयों में 1164 शोधार्थी पीएचडी के लिए पंजीकृत हैं. इस विश्वविद्यालय में 158 महाविद्यालय सात जिलों में स्थित है.

उन्होंने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के बीच सौहाद्रपूर्ण संबंध स्थापित रखने का हर संभव प्रयास किया. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जारी होने वाले अकादमिक कैलेण्डर का पूर्ण रूप से पालन करते हुए समय पर परीक्षाओं का आयोजन एवं परीक्षा परिणामों की घोषणा ने इस विश्वविद्यालय को अगल पहचान दिलाई है. छात्र-छात्राओं से जुडे़ विभिन्न कार्य जैसे डिग्री, माईग्रेशन, पात्रता प्रमाणपत्र, प्रवेश एवं परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जैसे सभी चीजों को दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन किया गया. विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की समस्याओं के निराकरण हेतु छात्र सुविधा काउंटर भी स्थापित किया गया है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में सांप्रदायिक सौहाद्र बनाये रखना उनकी पहली प्राथमिकता थी. इस हेतु उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वधर्म त्योहार मनाने, जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरुआत की. विश्वविद्यालय में कार्यरत् महिलाओं को भी अनेक अवसर पर पुरस्कार एवं उपहार प्रदान कर उनका आत्मविष्वास बढ़ाने का प्रयास उन्होंने किया. अपने पांच वर्षों के कार्यकाल से पूर्ण रूप से संतुष्ट डॉ. अरूणा पल्टा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय और उन्नति करे, यही उनकी कामना है.

साय सरकार का बड़ा तोहफा : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्रोफेसरों की वेतन में बढ़ोतरी, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में राज्य के प्रत्येक वर्ग के लिए खुशियों का पिटारा शामिल है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के कार्य को लेकर लगातार प्रतिबद्ध हैं. इसी को लेकर मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य जायसवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय के अंतर्गत सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट और प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि का आदेश जारी किया गया है. यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा.

छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख और सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है.

जारी आदेश के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 95 हजार रुपये कर दिया गया है.

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी और गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है. इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले और वेतन वृद्धि का ये आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है.

देखिये जारी आदेश-

डीएड अभ्यर्थियों ने DPI कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने किया आग्रह

रायपुर- छत्तीसगढ़ के डीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। आज बड़ी संख्या में डीएड अभ्यर्थी DPI कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज किए जाने की आदेश कॉपी सौंपकर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों से तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की, ताकि न्यायपालिका के आदेशों का सम्मान हो सके।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया था और हाईकोर्ट के 2 अप्रैल 2023 के फैसले को सही ठहराया था। बावजूद इसके, शिक्षा विभाग ने अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। अभ्यर्थी इस देरी से बेहद आहत हैं और अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की तैयारी में हैं। अभ्यर्थियों ने शिक्षा सचिव, संचालक और सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। उनका कहना है कि यदि प्रक्रिया जल्द नहीं शुरू की गई, तो कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज कर वे उग्र आंदोलन करेंगे।

नगरीय निकाय चुनावों को प्रभावित कर सकता है आंदोलन

डीएड अभ्यर्थियों ने सरकार को सख्त चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो वे न केवल कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज करेंगे, बल्कि चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन भी करेंगे। अभ्यर्थियों ने यह भी संकेत दिया कि उनका आंदोलन आगामी नगरीय निकाय चुनावों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने सरकार को आगाह किया है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाएंगे।

पत्नी के गर्भवती होने पर ट्रांसफर पर लगाई रोक, जानें हाईकोर्ट ने किस मामले में सुनाया अहम फैसला

बिलासपुर-      धमतरी जिले के उमरगांव निवासी पुलिस कांस्टेबल नवदीप ठाकुर के ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने उनकी पत्नी की गर्भावस्था को ध्यान में रखते हुए रोक लगा दी है। आईजी रायपुर द्वारा जारी आदेश के तहत नवदीप ठाकुर का ट्रांसफर धमतरी से महासमुंद किया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

याचिका में बताया गया कि उनकी पत्नी डिगेश्वरी ध्रुव 6 माह की गर्भवती हैं और प्रसव की संभावित तिथि तीन महीने बाद है। परिवार में गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए कोई अन्य सदस्य नहीं है, और ट्रांसफर की स्थिति में वह उनकी देखभाल नहीं कर पाएंगे। कोर्ट ने इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी।

आयुक्त महादेव कांवरे की बड़ी कार्रवाई: नशे के अवैध कारोबार में लिप्त दो आरोपियों को 3 माह की जेल

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नशीली दवाओं और गांजे के अवैध व्यापार से जुड़े दो महत्वपूर्ण मामलों में आयुक्त महादेव कांवरे (IAS) ने एक निर्णायक और प्रभावशाली कार्रवाई की है। उन्होंने अवैध व्यापार में लिप्त दो आरोपियों को अलग-अलग प्रकरण में तीन-तीन महीने की सजा सुनाई है, जो नशे के खिलाफ प्रशासन की कड़ी मुहिम का स्पष्ट संकेत है।

आधिकारिक आदेश के अनुसार, अनावेदक एजाज खान पिता अहमद खान, निवासी भवानी नगर सिमगा, और ज्वाला चतुर्वेदी पिता इंद्रमन चतुर्वेदी, निवासी भैंसापसरा, बलौदाबाजार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा द्वारा इश्तगाशा पेश किया गया था। अवैध रूप से स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों का व्यापार करने की पुष्टि हुई थी। मामले की विस्तृत जांच पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया गया कि इन दोनों आरोपियों की संलिप्तता में कोई संदेह नहीं है।

जांच के दौरान, आयुक्त महादेव कांवरे ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे अवैध गतिविधियों से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके आदेश में यह भी उल्लेखित है कि अनावेदक अवैध रूप से नशीली कैप्सूल तस्करी करने के आदी हैं, जिससे उनके समाज में रहने से संभावित विपरीत प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।

आयुक्त कांवरे ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर गहन विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि अनावेदक एजाज खान और ज्वाला चतुर्वेदी के विरुद्ध स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 10 के तहत तीन माह के लिए जिला जेल बलौदाबाजार निरुद्ध किया जाए।

आयुक्त महादेव कांवरे की यह कड़ी कार्रवाई न केवल नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ प्रशासन की दृढ़ता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ सरकार नशे के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को गंभीरता से लागू कर रही है। इस कार्रवाई के माध्यम से आयुक्त ने यह संदेश दिया है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कृतसंकल्पित हैं और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

छत्तीसगढ़ : डीजे लगाने वाली गाड़ियों का परमिट होगा निरस्त, राज्य सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
रायपुर-     छत्तीसगढ़ में डीजे को लेकर SC के निर्देश पर राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. अब डीजे लगाने वाली गाड़ियों का परमिट निरस्त किया जाएगा. नई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने सभी कलेक्टर औ एसपी को निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि डीजे और ध्वनि प्रदूषण को लेकर उच्च न्यायालय ने 2017 में सख्त आदेश देते हुए गाइडलाइन जारी की थी, मगर उसका कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था. जनहित याचिका के जरिए इस मामले की कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है और कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ चल रही सुस्त कार्रवाई पर नाराजगी जताई थी. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है.

नई गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी वाहन अगर डीजे लगाए हुए दोबारा पकड़ा गया तो उसका परमिट रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी. इसी तरह डीजे संचालकों पर भी नियम का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्यवाही की जाएगी.

जानिए नई गाइडलाइन –

संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों में बाढ़ विपदा की आशंका को देखते हुए ओडिसा के मुख्यमंत्री से की चर्चा

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विगत कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से हीराकुंड बांध के डुबान क्षेत्रों के अंतर्गत रायगढ़ के गांवों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर त्वरित गति से पहल करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से गत रात्रि चर्चा कर हीराकुंड बांध से पानी छोड़ने का अनुरोध किया जिससे बाढ़ की संभावित आपदा से बचाव हो सके।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर ओडिसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोनों प्रदेशों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल हीराकुंड बांध से आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का आदेश दिया जिससे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में होने वाली जन-धन की संभावित हानि से ग्रामवासियों का बचाव हो सके। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की इस संवेदनशील पहल के लिए उन्हें हृदय से आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रतिवर्ष भारी बारिश की वजह से हीराकुड बांध के डुबान क्षेत्र में आने के कारण छत्तीसगढ़ के लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांवों को बाढ़ की विपदा झेलनी पड़ती थी। इस वर्ष छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनो राज्यों में जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाली जनहितैषी सरकारों के रहने से पहली बार दोनो राज्यों के मध्य अपूर्व सामंजस्य के साथ त्वरित निर्णय लेकर लोकहित में कार्य किए जा रहे हैं। दोनो राज्यों की सरकारों के मध्य ऐसा सामंजस्य पहली बार देखा जा रहा है जिसका यह सुपरिणाम है की अब दोनो राज्यों में प्रत्येक वर्ष भीषण रूप से बाढ़ग्रस्त रहने वाले क्षेत्र वर्तमान में बाढ़ की विपदा से ग्रस्त नही है।

कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा व सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया 10 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण

रायपुर-     राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को बलौदाबाजार जिला मुख्यालय स्थित नगर भवन में आयोजित भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने 10 करोड़ 34 हजार रूपये लागत के विकास कार्यों क़ा भूमिपूजन व लोकार्पण किया। इसमें नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार में 7 करोड़ 3 लाख 98 हजार रुपये के विभिन्न निर्माण कार्यों क़ा भूमिपूजन एवं 2 करोड़ 96 लाख 36 हजार रुपये के निर्माण कार्यों क़ा लोकार्पण शामिल है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं को पंजीयन प्रमाण पत्र एवं प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के तहत 50 हजार रुपये क़ा चेक वितरित किया गया। सांसद श्री अग्रवाल ने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल क़ी मांग पर लगभग एक करोड़ 26 लाख रूपये के विभिन्न निर्माण कार्याे क़ी स्वीकृति प्रदान की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि नगरपालिका को सुंदर, स्वच्छ बनाने में हम सबकी भागीदारी होनी चाहिए। आपसी भाई-चारा के साथ खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी। निर्माण सम्बन्धी विकास कायों के साथ ही सांस्कृतिक विकास पर भी ध्यान देना होगा।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि शहरों में निर्माण कार्य लगातार बढ़ रहे है। निर्माण के साथ उसका संरक्षण करना भी नागरिकों क़ा कर्तव्य है। नगर क़ी पहचान केवल अच्छी सड़कें, बिजली, पानी की सतत् आपूर्ति ही नहीं बल्कि वहां के नागरिकों के प्रतिभा एवं गुणों से भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर को सुन्दर बनाने में नागरिकों को जिम्मेदारी लेनी होगी। कार्यक्रम को पूर्व विधायक भाटापारा शिवरतन शर्मा एवं नगर पालिका अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल ने भी सम्बोधित किया।

विकास कार्याे का हुआ भूमिपूजन व लोकार्पण

अधोसंरचना मद अंतर्गत विभिन्न सी.सी. रोड एवं आर.सी.सी. नाली निर्माण कार्य लागत राशि 5 करोड़, वार्ड क्रमांक 18 एवं 19 में गार्डन चौक से मणिकंचन केंद्र होते हुए रिस्दा रोड तक सीसी रोड निर्माण लागत राशि 98.34 लाख, 15वें वित्त आयोग मद अंतर्गत विभिन्न सी.सी. रोड एवं नाली निर्माण कार्य लागत राशि 45.90 लाख रुपये, षष्ठी देवी मंदिर के पास सौंदर्यीकरण कार्य 35 लाख रूपये, अधोसंरचना मद अंतर्गत वार्ड क्र.-2 तहसील ऑफिस के सामने सौंदर्यीकरण कार्य 24.74 लाख रूपये क़ा भूमिपूजन तथा वार्ड क्र.-10 मण्डी कॉम्प्लेक्स के पास बाह्य विकास कार्य 79.26 लाख रूपये, हाट बाजार निर्माण कार्य 45 लाख रुपए, नगर भवन जीणोद्धार कार्य 92.10 लाख रुपए, राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत पौनी-पसारी निर्माण कार्य 60 लाख रुपए एवं अम्बेडकर चौक के पास सौंदर्यीकरण कार्य हेतु 20 लाख रूपये के कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।

इन कार्याें की मिली स्वीकृति

स्ट्रीट लाईट के लिए 50 लाख रुपये, आर.सी.सी. रोड निर्माण के लिए 66 लाख रूपये एवं सामुदायिक भवन निर्माण हेतु 10 लाख रुपये शामिल हैं।

इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव डॉ.सनम जांगड़े, पूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल, कलेक्टर दीपक सोनी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, जिला पंचायत सदस्य अदिति बघमार सहित जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

वन्य तस्कर और माफिया बख्शे नहीं जाएंगे: वन मंत्री केदार कश्यप

रायपुर-    वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि राज्य में वन्य तस्करी, लकड़ी की अवैध कटाई और परिवहन में संलिप्त माफियाओं को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। इन पर शिकंजा कसा जा रहा है। वनों की अवैध कटाई और लकड़ी के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों के विरूद्ध संघन कार्रवाई का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि इसको प्रोत्साहित और संरक्षण देने वाले लोगों की भी पहचान कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। पर्यावरण को बेहतर रखने के लिए वनों का बचाव जरूरी है।

वनमंत्री श्री कश्यप कल राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम साइंस कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय वन शहीद दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर देश में वन और वन्य जीव की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि वन माफिया एवं वन्य तस्करी में संलिप्त लोगों को माफ नहीं किया जाएगा। वन की अवैध कटाई को रोकने के लिए बाह्य शक्ति से ज्यादा आंतरिक शक्तियों से लड़ने की आवश्यकता है। ऐसी शक्तियों को हमें रोकना होगा। उन्होंने कहा कि आज इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं। देश में वन एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’’ की सराहना की और इसके लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।

वनमंत्री श्री कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन एवं पर्यावरण के संरक्षण तथा हरियाली को और अधिक बढ़ाने के लिए पूरे जोर-शोर से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत पौधों का रोपण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में इस अभियान ने राज्य में जनआंदोलन का रूप ले लिया है। शहर से लेकर गांव तक जहां-जहां भी सरकारी जमीन उपलब्ध है, वहां वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण एवं उसके संरक्षण का काम पूरी गंभीरता से किया जा रहा है। लोग बढ़-चढ़कर इस अभियान में न सिर्फ हिस्सा ले रहे हैं अपनी मां, पूर्वजों एवं देवी-देवताओं के नाम पर भी पेड़ लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में वन विभाग लगातार इस दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। इस अभियान के तहत अब तक लगभग 7 करोड़ वृक्षों का रोपण किया गया है। महतारी वंदन योजना से लाभान्वित 70 लाख माताओं-बहनों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है।

वनमंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पौराणिक काल से भी हमारे वनों का ऐतिहासिक महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि वनवासी नेताओं ने आजादी के पहले से वनांचल में वनों को बचाने के लिए आंदोलन किया था। उन्होंने कहा कि शहीद वीर गुण्डाधुर ने अंग्रेजों से कहा था कि यदि एक पेड़ काटोगे, तो हम एक सर काटेंगे का नारा दिया था, जिसका वनांचल के वनवासियों ने समर्थन किया। हमारी सरकार वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उसे सुदृढ़ करने के लिए वनरक्षक सहित अन्य पदों की भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है। वनवासी जंगल को अपना घर समझते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। कोई बाहरी व्यक्ति या तस्कर अवैध कटाई के लिए उन्हें प्रेरित करता है तो ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। कार्यक्रम में वनमंत्री श्री कश्यप ने राष्ट्रीय वन कर्मचारी महासंघ द्वारा प्रस्तावित मांग को पूरा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि स्वीकृत पदों का सेटअप का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया है।

कार्यक्रम को विधायक पुरन्दर मिश्रा और प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय वन अधिकारी महासंघ की स्मारिका का विमोचन किया गया। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष सतीष मिश्रा, महासचिव कमल यादव, कोषाध्यक्ष जगबन्धु पात्रा सहित 17 विभिन्न प्रदेश के अखिल भारतीय वन अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।

यहां यह उल्लेखनीय है कि कल सुबह राजीव स्मृति वन (ऊर्जा पार्क) में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन शहीदों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में वन शहीद स्मारक का अनावरण किया और वन शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर अखिल भारतीय वन अधिकारी-कर्मचारी महासंघ ने वनमंत्री केदार कश्यप को प्रतीक चिन्ह और शॉल भेंटकर सम्मानित किया।

लक्ष्य निर्धारित कर निरंतर अभ्यास से ही सफलता की राह प्रशस्त होती है : वित्त मंत्री ओपी चौधरी

रायपुर-    जो व्यक्ति जीवन में जितने कठिन परिस्थितियों से गुजरता है और संघर्ष करता है, वह उतना ही ऊंची सफलता प्राप्त करता है। उक्त बातें आज वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने जीवन के अनुभव को साझा करते हुए जूट मिल हायर सेकेंडरी स्कूल के सभा कक्ष में छात्रों को कैरियर मार्गदर्शन प्रदान किया।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी आज स्थानीय जूट मिल हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को कैरियर मार्गदर्शन के संबंध में टिप्स दिये। उन्होंने अपने जीवन काल के दौरान शासकीय शाला से प्रारम्भ कर आईएएस बनने का सफर और संघर्ष कर सफलता पाने का अनुभव सुनाते हुए बच्चों को जीवन में हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहने और निरंतर प्रयास करने का सुझाव दिया। इस दौरान श्री चौधरी ने रायगढ़ जिले में वृहद नालंदा लाइब्रेरी की स्थापना, नवीन प्रयास विद्यालय खोलने के निर्णय और छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रयास विद्यार्थीश् कोचिंग कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए।

कार्यक्रम में वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ जिले के अंतर्गत वृहद नालंदा लाइब्रेरी की स्थापना, नवीन प्रयास विद्यालय खोलने के निर्णय और अन्य प्रयासों की चर्चा की। श्री चौधरी ने कक्षा आठवीं में पढऩे वाले सभी बच्चों के प्रयास विद्यालय में चयन हेतु कोचिंग कक्षा देने के लिए सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिये। इसके साथ ही वित्त मंत्री श्री चौधरी ने विद्यार्थियों के लिये दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे आईआईटी, नीट, क्लेट की तैयारी करने के लिए छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाएं संचालन करने निर्देश दिये।

कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री श्री चौधरी ने विराट कोहली के उदाहरण से बच्चों को लक्ष्य पर अडिग रहने और अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिये निरतंर प्रयास जारी रखने की बात कही। उन्होंने जिले के सभी स्कूलों में कैरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम करने और विद्यार्थियों के लिए कैरियर मार्गदर्शिका पुस्तिका प्रदान करने का आश्वासन दिया ताकि बच्चों को सही कैरियर के चुनाव कर सके। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने युवाओं के कैरियर मार्गदर्शन के लिये सुपर थर्टी के संचालक आनंद कुमार और मनोज कुमार जो बारहवीं फैल के ओरिजनल हीरो जो कि एक आईपीएस अधिकारी हैं को भी मार्गदर्शन देने के लिए रायगढ़ आमंत्रित करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर उन्होंने आज सभी बच्चों को करियर मार्गदर्शिका पुस्तक का वितरण किए।

बच्चों के सवालों का वित्त मंत्री ने दिया जवाब

कार्यक्रम के दौरान शाला में अध्ययन करने वाले कुमारी याना महिलाने 12 वी जीवविज्ञान और कुमारी यशोदा यादव कक्षा 11 वी कॉमर्स ने कैरियर निर्माण के दौरान आने वाले परेशानियों और उनसे निपटने का सवाल किया तो वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बेहतर तरीके से समझा कर उन्हें संतुष्ट किया। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बच्चों से भी सवाल किया उन्होंने आईआईएम के फूल फॉर्म पूछने पर कक्षा 11 वी के मोहम्मद अबू राशिद के द्वारा सही जवाब देने पर उसे 1000 रूपये देकर सम्मानित किया और सभी बच्चों को अपने कक्षा के विषयवस्तु के साथ समसामयिक घटनाओं का भी निरंतर अध्ययन करने की सलाह दिया।

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, जिला शिक्षा अधिकारी डॉक्टर के.व्ही राव, जिला मिशन समन्वयक नरेंद्र कुमार चौधरी, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष विजय सिंह, एपीसी भुवनेश्वर पटेल, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारिका प्रसाद पटेल के साथ संस्था के प्राचार्य संतोष चंद्रा के साथ समस्त स्टाफ उपस्थित थे।