नशे के ओवर डोज से किशोर की चली गई जान, परिजन लगा रहे है हत्या का आरोप

नालंदा : जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के विधापुरी मोहल्ले में ड्रग्स के ओवर डोज़ से किशोर की मौत हो गई। 

 युवक का शव बाइक व मोबाइल उसके पुराने खंडहरनुमा मकान से दो दिन बाद मिला है । वहीं परिजनों का आरोप है कि युवक की हत्या उसके दोस्तों ने की है । 

 मृतक अरुण विश्वकर्मा के 16 वर्षीय पुत्र दिलखुश कुमार है । सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेज दी है।  

परिजनों ने बताया कि वह कभी कभी नशा कर लिया करता था।मंगलवार को भी नशा करने पर पिता ने पिटाई की थी। इसी गुस्से में आकर वह बाइक लेकर घर से चला गया। काफी देर बाद जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की । 

आज गुरुवार को बदबू आने पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना परिवार वालों को दिया। जिसके बाद परिवार में चीख पुकार मच गई। 

हिलसा थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि दो दिनों से गायब किशोर का शव एक खंडहरनुमा मकान से मिला है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। 

परिवार वाले बता रहे हैं कि युवक नशे का आदी था, जिसके लिए पिता ने डांट फटकार लगाया तो युवक गुस्से में घर से निकल गया था।

नालंदा से राज

नालंदा में बड़ा हादसा : अलग अलग इलाके में डूबने से 2 बच्ची समेत 4 की मौत

नालंदा : जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां अलग-अलग स्थानों में डूबने से 2 बच्ची समेत 4 लोगों की मौत हो गई। घटना तेलमर, मानपुर और रहुई थाना इलाके में घटी है । संबंधित थाना पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों के हवाले कर दिया है । 

तेलमर थाना इलाके के मोहन खंधा के नोनाय नदी में रविवार को शौच के दौरान दो बच्ची डूब गई । दोनों शव को गांव के गोताखोर की मदद से सोमवार की सुबह नदी से निकाला गया । मृतकों में चंदन पासवान की 10 वर्षीया पुत्री करिश्मा कुमारी और सोनी लाल पासवान की 6 वर्षीया पुत्री ब्यूटी कुमारी है। 

इसी तरह मानपुर थाना इलाके के अलौदिया गांव में रविवार को रक्षाबंधन का खरीदारी करने बाजार जा रहे एक अधेड़ की मौत गोइठवा नदी में डूबने से हो गई । मृतक स्वर्गीय नरेश राम का 46 वर्षीय पुत्र प्रसिद्ध पासवान है । सोमवार की सुबह शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया। 

जबकि रहुई थाना क्षेत्र के वारंदी गांव में डूबने से गुड्डू यादव के 8 वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार की मौत हो गई।

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नालंदा सदर अस्पताल के गार्ड की गुंडागर्दी, बच्चे के शव को गोद में लिए परिजनों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

नालंदा : जिले के बिहारशरीफ सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब ड्यूटी में तैनात गार्ड ने बच्चे के शव को गोद में लिए परिजनों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगे। परिजनों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने कर्मियों और डॉक्टर पर लापरवाही के कारण बच्चे की मौत का आरोप लगा कलेजा पीटने लगे। जिसके बाद अस्पताल के गार्ड ने बच्चे बूढ़े और महिलाओं पर भी लाठी बरसाने में जरा भी संकोच नहीं किया। मारपीट में दिलखुश कुमार के आंख में गंभीर चोट लगी। 

मिली जानकारी के अनुसार रहुई के बरादी बरांदी गांव के अहरा खंधा में गुड्डू यादव का 8 वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार डूब गया था। परिजनों ने तुंरत उसे पानी से निकाल कर आनन फानन में इलाज के लिए रहुई अस्पताल ले गए। जहां बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया।  

बच्चों के पिता गुड्डू यादव का आरोप है कि सदर अस्पताल लाने पर ड्यूटी पर तैनात कर्मी इधर-उधर टहलाने लगे। करीब आधे घंटे बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने नब्ज टटोलने के बाद मृत घोषित कर दिया। मौत की जानकारी मिलने के बाद परिजन लापरवाही का आरोप लगाकर चीख पुकार कर रहे थे इसी दौरान गार्ड ने पीटना शुरू कर दिया। घटना की जानकारी पर जानू ने परिवार के सदस्यों को दिया मौके पर पहुंचे परिवार के सदस्यों ने मारपीट के दौरान जख्मी बच्चों को इलाज के लिए ले गए। 

हंगामा की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष कुणाल कुमार अस्पताल पहुंचकर गार्ड पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद उग्र परिजन शांत हुए। उन्होंने बताया कि सब का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है।

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।

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कमरे में महिला और 2 बच्चों की लाश मिलने इलाके में मची सनसनी, मायके वालों ने पति पर लगाया हत्या का आरोप

नालंदा : हिलसा थाना क्षेत्र के भटबीघा गांव में कमरे में महिला और दो बच्चों की लाश मिलने से इलाके सनसनी मच गई । महिला ने बच्चों के साथ आत्महत्या की है या फिर उसकी हत्या हुई है। पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गई है। 

मृतिका जितेंद्र यादव की 35 वर्षीय पत्नी सरिता कुमारी ,12 वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार और 10 वर्षीय पुत्री प्रिया कुमारी है ।

मायके वालों का आरोप है कि पति हमेशा मारपीट करता था उसने ही बच्चों और महिला की हत्या के बाद गांव छोड़ कर फरार हो गया है । 

वही ग्रामीणों में चर्चा है कि पति-पत्नी में अक्सर विवाद हुआ करता था । पत्नी सुबह में रक्षाबंधन में मायके जाने की जिद कर रही थी । इसी को लेकर वाद विवाद के बाद पति खेत चला गया।इसके बाद महिला ने अपने दोनों बच्चों को फांसी लगाने के बाद खुद भी फांसी लगा ली। जिससे तीनों को ही मौत हो गई । पड़ोसी किसी काम से जब घर में गई तो महिला को फंदे से लटका देखा इसके बाद ग्रामीणों ने इसके जानकारी पुलिस को दी ।

हिलसा डीएसपी सुमित कुमार ने परिवारिक विवाद में घटना को अंजाम दिया गया हैं। बच्चों के गले में निशान है इससे पता चलता है गला।दबाया गया है । जबकि महिला फंदे से लटकी हुई थी। घटनास्थल पर एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम और एफएसएल जांच के बाद कारणों का स्पष्ट पता चल सकेगा।

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बिहारशरीफ में इस भोजन केंद्र में मात्र 20 रुपए में शाकाहारी तो 40 में मिल रहा मांसाहारी भोजन

बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में अमृत विचार फाउंडेशन द्वारा अमृत विचार भोजन केंद्र की शुरुआत की गई। यहां बीस रुपए में शाकाहारी भोजन में चावल, दाल, रोटी - सब्जी तो 40 रुपए में मांसाहारी भोजन मिलेगा । 

भोजन केंद्र का उद्घाटन बिजली विभाग के एसडीओ संजय कुमार द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संस्था का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है इससे गरीब और मजदूरी करने वाले लोगों को पेट भर भोजन मिल सकेगा । 

मौके पर संस्था की सचिव प्रेमा सिन्हा ने बताया कि सुबह साढ़े 9 बजे से शाम के 9 बजे तक यह केंद्र खुला रहेगा । जहां लोग बैठकर स्वच्छ भोजन कर सकेंगे। केंद्र प्रभारी मोहम्मद आलम ने बताया कि जल्द ही रोटी वैन की भी शुरुआत की जायेगी। मौके पर अविनाश कुमार शंभू, गायत्री सिंह, दिनेश कुमार, शंभू कुमार, विविध भारती, विवेक कुमार व अन्य मौजूदथे ।

बिहारशरीफ में डॉक्टरों ने क्लीनिक बंद रख निकाला विरोध मार्च, दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोलकाता में चिकित्सक के साथ हुई बर्बरता के विरोध में 24 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। इसी कड़ी में बिहार शरीफ के चिकित्सकों ने अपने-अपने क्लीनिक को बंद रखकर विरोध मार्च निकालकर डीएम को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा । 

विरोध मार्च में शामिल चिकित्सकों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने, चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम बनाने, और देश भर के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सभी निवासियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।

चिकित्सकों ने बताया कि जिस तरह से महिला डॉक्टर के साथ बर्बरता पूर्वक घृणित कार्य किए गए हैं । उसे सारा समाज कलंकित है

नालंदा - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का किया निरीक्षण, 29 अगस्त को होगा उद्घाटन

आज राजगीर खेल अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम (राजगीर खेल परिसर) का निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया।

 इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर परिसर में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश भवन निर्माण विभाग एवं खेल विभाग के पदाधिकारियों को दिया गया। 

यह प्रोजेक्ट 750 करोड़ की लागत से बन रहा है जिसमे 23 से ज़्यादा खेल विधाओं के लिए उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं का निर्माण किया जा रहा है। जल्द ही एथलेटिक्स, फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, स्विमिंग पूल, टेबल टेनिस आदि सुविधाएं को उपयोग हेतु खेल विभाग को सौंप दिया जाएगा।

29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर इसका उद्घाटन किया जाएगा इसी को लेकर आज मुख्यमंत्री राजगीर पहुंचे थे।

नालंदा - राजगीर घूमने आए पर्यटक को गोलियों से छलनी कर हत्या , मौके से 5 खोखा बरामद

 अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर घूमने आए पर्यटक को बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी।

 मृतक आरा जिला के भोजपुर थाना क्षेत्र के धरहरा गांव निवासी भरत सोनार के पुत्र मंजीत कुमार है । 

युवक अपने दोस्तों के साथ राजीव घूमने आया था । इसी दौरान बदमाशों ने घात लगाकर उसकी हत्या कर दी ।

 स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक अपने दोस्त के साथ घूम कर पहाड़ के नीचे उतर रहा था। उसी समय स्कॉर्पियो पर सवार बदमाशों ने वनगंगा के समीप वन देवी मंदिर के पास उस पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी। जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया । गोलीबारी की सूचना मिलते ही राजगीर थानाध्यक्ष दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर जख्मी युवक को इलाज के लिए राजगीर अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया । 

थाना प्रभारी रमन कुमार ने बताया कि युवक के दोस्तों और परिवार वालों से घटना की जानकारी ली जा रही है । हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है । शव का पोस्टमार्टम करने के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया गया है । मामले की छानबीन की जा रही है युवक के परिजनों को घटना की जानकारी दी गई है परिजन आने के बाद ही हत्या के कारणों का स्पष्ट पता चल सकेगा। दोस्तों से पूछताछ की जा रही है ।

पीएम मोदी ने लाल किले से छेड़ा नया राग, सेक्यूलर सिविल कोड का किया जिक्र, कांग्रेस बोली-अंबेडकर का अपमान

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आजादी की 78वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी पर अपनी सरकार का रुख भी साफ कर दिया। हालांकि पीएम मोदी ने यूसीसी की जगह जिस नाम का इस्तेमाल किया है, वो विवाद बढ़ाने वाला है। जिसकी शुरूआत हो भी गई है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से यह कह कर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का घोर अपमान किया है।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।' उन्होंने आरोप लगाया कि यह कहना हमारे पास अब तक 'सांप्रदायिक नागरिक संहिता' है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है, जो हिंदू पर्सनल लॉ में सुधारों के सबसे बड़े समर्थक थे। ये सुधार 1950 के दशक के मध्य तक वास्तविकता बन गए। इन सुधारों का आरएसएस और जनसंघ ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने 21वें विधि आयोग द्वारा 31 अगस्त, 2018 को पारिवारिक कानून के सुधार पर दिए गए परामर्श पत्र के कथन का उल्लेख किया।

देश को कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत-पीएम मोदी

इससे पहले पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा कि आज देश को कम्युनल नहीं, बल्कि एक सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। जिस सिविल कोड का हम पालन कर रहे हैं, वह कम्युनल सिविल कोड है। समय की यह मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। इसके बाद ही हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कई बार चर्चा की है। कई बार आदेश भी दिए हैं। मोदी ने यह भी कहा कि संविधान निर्माताओं का सपना पूरा करना हमारा दायित्व है। धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाले कानून आधुनिक समाज स्थापित नहीं कर सकते। इसलिए इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है।

इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ऐसे सिविल कोड से जब हम संविधान के 75 वर्षा मना रहे हैं अब संविधान की भावना जो कहती है हमें करने के लिए, देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें कहती है करने के लिए और तब संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं चाहता हूं की इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए और उन कानूनों को, जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांट दे, समाज में ऊंच-नीच का कारण बन जाए, ऐसे कानून का समाज में कोई स्थान नहीं है और इसलिए मैं तो कहूंगा और समाज की मांग है कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड होना चाहिए। हमने कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर के जो भेदभाव हो रहे हैं, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।

क्या है यूसीसी ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता, जिसे प्रधानमंत्री ने सेक्युलर सिविल कोड के नाम से संबोधित किया, इसका सीधा सा मतलब है देश में रहने वाले हर धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग के लिए हर मुद्दे पर एक समान नियम-कानून। एक ऐसा कानून जो पूरे देश के लिए एक समान हो। इसमें सभी धर्म वालों के लिए विरासत, शादी, तलाक और गोद लेने के नियम एक ही होंगे। भारत के संविधान में भी देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की बात कही गई है। इसका अनुच्छेद-44 नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है और इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में दिए गए धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के सिद्धांत का पालन करना है। अनुच्छेद-44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाना सरकार का दायित्व है।

पहले भी एक परिवार में एक नियम की कर चुके हैं पैरवी

ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने समान नागरिक संहिता को देश की जरूरत बताया है। पिछले साल मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने कहा था, परिवार के एक सदस्य के लिए एक नियम हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा नियम हो तो क्या वो घर चल पाएगा? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?'

यूसीसी बीजेपी सरकार का टॉप एजेंडा

बता दें कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा मोदी सरकार के टॉप एजेंडे में रहा है। बीजेपी के तीन बड़े वादों- अयोध्या में राम मंदिर बनाना, कश्मीर से 370 हटाना के साथ- साथ समान नागरिक संहिता भी शामिल रहा है. राम मंदिर और 370 का वादा पूरा हो चुका है। अब बारी समान नागरिक संहिता या कहें तो सेक्यूलर सिविल कोड लागू करने की बारी है।

बिना कारण ही हिंदुओं को झेलनी पड़ रही गर्मी', बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बोले मोहन भागवत

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आज स्वतंत्रता दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर तिरंगा फहराया। मोहन भागवत ने ध्वजारोहण के बाद संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। आरएसएस प्रमुख ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदूओं को अकारण ही उस हिंसा की गर्मी झेलनी पड़ रही है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के हेडक्‍वार्टर पर झंडा फहराते हुए कहा, 'हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं। देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बातें जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता पाई वो पीढ़ी तो चली गई लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। उन्‍होंने कहा, आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा।

संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ऐसा है कि वह खुद की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता इसका तो दायित्व है ही, हर देश का होता है लेकिन भारतवर्ष की परंपरा रही है कि भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है और इसलिए पिछले सालों में हमने देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, कुछ नहीं किया। जब-जब जो संकट में था, उसकी मदद की, वह हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है इसको देखा नहीं, जो संकट में है उसकी मदद करना ये हमारा देश है, ऐसा हमको चलना है।

भागवत ने परोक्ष रूप से बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि कि दुनिया भर के दुखी-पीड़ितों के लिए हम करते हैं, हमारी सरकार भी करती है, तो ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे और अन्य देशों को ठीक होना है, उनको हमारी मदद की जरूरत हो और उन देशों में जो अस्थिरता की अराजकता की गर्मी झेलने वाले जो लोग हैं। उनको कोई कष्ट न हो, उन पर कोई अत्याचार न हो, एक देश के नाते हमारे सिर पर है कुछ मामले तो सरकार को अपने स्तर पर ही करने पड़ते हैं। परंतु यह सब करके भी उनको शक्ति तब मिलती है जब समाज इस प्रकार की मनोवृत्ति लेकर, सजगता लेकर देश के लिए सबकुछ अर्पण करने के लिए जीता है।

भागवत ने कहा, यह सुनिश्चित करना हमारे देश की जिम्मेदारी है कि अस्थिरता और अराजकता की मार झेल रहे लोगों को किसी परेशानी, अन्याय और अत्याचार का सामना न करना पड़े. कुछ मामलों में सरकार को अपने स्तर पर भी देखना पड़ता है, लेकिन उसे ताकत तभी मिलती है जब समाज अपना कर्तव्य निभाता है और देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पीएम मोदी ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से कई हिंदू मंदिरों, हिंदू समुदाय के लोगों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की खबरें हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर शेख हसीना नीत सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद देश में अव्यवस्था का माहौल हो गया। हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं।