ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का है आधार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शोध, अनुसंधान और नवाचार को मिल रहा है प्रोत्साहन राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में निजी भागीदारी को भी कर रही है प्रोत्साहित वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल का 11 वाँ दीक्षांत समारोह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल, औद्योगिक क्रांति की धुरी रहा है, परंतु नॉलेज अर्थात ज्ञान ही 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है।

ऐतिहासिक रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत समृद्ध रही है। इसी का परिणाम रहा कि आक्रांताओं ने हमेशा हमारे ज्ञान के केन्द्रों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट करने की कोशिश की। भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। विज्ञान शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शोध, अनुसंधान और नवाचार को भी देश में बहुत महत्व दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अकादमिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश में आईआईटी, आईआईएम, आईसर, ट्रिपल आईटी, एनआईटी और आईआईएफएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान विद्यमान है। भोपाल में स्थापित हो रहा राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का परिसर राष्ट्रीय महत्व का है। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की भोपाल में उपस्थिति प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

राज्य सरकार उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अपने स्तर पर प्रयास करने के साथ-साथ निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में आरंभ हुए पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस निश्चित ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइसर) भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह विचार व्यक्त किए। युवा शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज हित में करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत के पास टेलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का अनूठा संगम है।

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान जैसे केंद्रों के माध्यम से देश युवा शक्ति को श्रेष्ठतम शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इन संस्थानों से मिलने वाली डिग्री युवाओं की प्रतिभाओं का बड़ा सम्मान है। इससे समाज में उनकी विशेष पहचान स्थापित होती है। युवाओं का यह कर्तव्य है कि प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण का अधिक से अधिक उपयोग देश और समाज के हित में हो।

मध्यप्रदेश ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश के लक्ष्य के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए 6 ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। आईआईटी गांधी नगर के साथ मिलकर विज्ञान के लोकव्यापीकरण के लिए नवीन कार्यक्रम आरंभ किया गया है। आईआईटी इंदौर के माध्यम से उज्जैन में भी सेटेलाइट टाऊन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है और यह विश्वास है कि हम विश्व के विकसित देश के रूप में अपना स्थान स्थापित करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की पहचान : केंद्रीय मंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधियां प्राप्त करने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि भारत में जिज्ञासा, शोध और सीखने की संस्कृति और प्रवृति के परिणाम स्वरूप ही देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी इस प्रतिष्ठित संस्थान में अध्ययनरत हैं।

संस्थान ने विज्ञान शिक्षा में देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विद्यार्थियों के अध्ययन, शोध और अनुसंधान का अधिकतम लाभ देश के लोगों के कल्याण में हो। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी-कंडक्टर और स्पेस सेक्टर को दिया जा रहा है प्रोत्साहन केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने फॉसिल फ्यूल के उपयोग को घटाकर नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और उसके भांडाण के लिए शोध को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान को विभिन्न भागों में बांट कर देखने की बजाए समग्र मानव कल्याण की दृष्टि से देखना आवश्यक है। भारत को-2047 तक विकसित भारत के रूप में स्थापित करने के लिए नवाचार करने होंगे। हमारी सरकार शोध और अनुसंधान के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को अनुमोदन प्रदान किया है और इसके लिए 10 हजार 300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान भी किया गया है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के हब के रूप में भी विकसित किए जाने की योजना है। देश को वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा उद्देश्य है। भारत का सेमी-कंडक्टर मिशन-2021 में आरंभ किया गया था। भारत में इस क्षेत्र में तीन इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोलना बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि नवाचार,शोध और विकास को प्रोत्साहित करने केन्द्र सरकार अपना दायित्व मानती है। छात्रों को किया सम्मानित मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर में शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास किया तथा संस्थान की शैक्षणिक शोभा यात्रा में शामिल हुए। संस्थान का 11वां दीक्षांत समारोह सरस्वती वंदना के साथ आरंभ हुआ।

संस्थान के निदेशक प्रो. गोवर्धन दास ने अतिथियों का स्वागत एवं अभिवादन अंग वस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। संस्थान के निदेशक डॉ. गोवर्धन दास ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक, प्रवीणता पदक और सर्वश्रेष्ठ थीसिस के लिए छात्रों को सम्मानित किया।

भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विद्यार्थी अपनी उपाधियों का उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश विज्ञान, शिक्षा सहित विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है।
दान एवं सेवा से मिलती है आत्मिक अनुभूति - मुख्यमंत्री डॉ. यादव


भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सेवा एवं दान के सुख और आनंद को शब्दों में परिभाषित करना कठिन है।  सेवा एवं दान का आनंद और सुख आत्मिक अनुभूति का विषय है। दान एवं सेवा का सुख और आनंद की अनुभूति हम कर्म करके ही प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज इंदौर के राऊ स्थित डीपीएस स्कूल में जागरण सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित गुरूदेव शिक्षा केन्द्र इंदौर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान है।

ईश्वर की सच्ची पूजा वंचित वर्गों की सेवा एवं उनके कल्याण के कार्य हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को लेकर शिक्षा का प्रसार किया जाना चाहिए। जो संस्थाएं ऐसे कार्यों में लगी हैं उनके कार्य सराहनीय है। उन्हीं में से एक संस्था जागरण सोशल वेलफेयर सोसाइटी भी है। उन्होंने कहा कि इस संस्था द्वारा कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, यह संस्था बधाई की पात्र है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक मधु वर्मा,सुश्री उषा ठाकुर तथा गोलू शुक्ला, अभिषेक मोहन गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों को गणवेश एवं पठन-पाठन सामग्री वितरित की। उन्होंने पौध-रोपण भी किया। कार्यक्रम में प्राचार्य श्रीमती आशा नायर ने स्वागत भाषण दिया। शिक्षा केन्द्र की डीन मेघा मुक्तिबोध ने "एक यात्रा सपने से अपनों तक" के माध्यम से गुरुदेव शिक्षा केन्द्र के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के वायस चेयरमेन हरिमोहन गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि अभावग्रस्त बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुरुदेव शिक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है।
इन्दौर तकनीकी कम्पनियों का तेजी से उभरता पसंदीदा स्थान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 21वीं सदी बौद्धिक युग की अग्रणी सदी है। कॉग्निजेंट कंपनी के आगमन से मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा 18 एवं 19 वीं सदी खाद्य और कपास से आर्थिक विकास से जुडी थी। 20 वीं सदी पेट्रोकेमिकल से आर्थिक विकास का युग रहा। आज चहुँओर बौद्धिकता का बोलबाला है।

दुनिया, भारत के ज्ञान का लोहा मानती है। उन्होंने कहा कि आईटी कम्पनियों को बेहतर वातावरण और सुविधाएं प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार सदैव तत्पर है। ये हमारे लिए बेहद खुशी की बात है कि कॉग्निजेंट ने अपने नए केंद्र के शुभारंभ के लिए इंदौर को चुना है।

यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे जाहिर होता है कि इंदौर अपने बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर और कुशल एवं प्रतिभाशाली लोगों की मौजूदगी की वजह से दुनिया भर की टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए बड़ी तेजी से पसंदीदा स्थान के रूप में उभर रहा है। आईटी सेक्टर में आज इंदौर के साथ ही प्रदेश को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली। लगभग 500 की संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स को यहां रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आईटी कम्पनी कॉग्निजेंट के इन्दौर सेन्टर के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम लगातार नई तकनीकी कंपनियों एवं उद्योगों को स्थापित करने में अपना सहयोग देने, व्यवसायों के लिए नए-नए अवसर पैदा करने के इरादे पर अटल हैं। हम एक ऐसा माहौल बनाना चाहते है जिससे इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी का लगातार विकास हो, जो हमारे राज्य को देश के अगले डिजिटल केंद्र के रूप में आगे बढ़ाते हुए हमारे युवाओं के लिए अवसर पैदा करें। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, गौरव रणदीवे, चिंटू वर्मा, प्रमुख सचिव संजय दुबे, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्यजन, कॉग्निजेंट के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

कॉग्निजेंट अमेरिका के ईवीपी एवं अध्यक्ष सूर्या गुम्मादी ने कंपनी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर शहर के मध्य में ब्रिलियंट टाइटेनियम में स्थित कंपनी का यह नया सेंटर 46 हजार वर्ग-फीट में फैला हुआ है। सेक्टर में 500 लोगों की बैठने की क्षमता है, यहॉ कामकाज के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया है। इसी वजह से यहाँ 1250 एसोसिएट्स काम कर सकते हैं। इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए इस केंद्र में परस्पर सहयोग के लिए नेक्स्ट-जेनरेशन वर्क स्पेस मौजूद है, साथ ही यहाँ 110 सीटों वाला कैफ़ेटेरिया, वेलनेस के लिए विशेष स्थान तथा गर्भवती महिलाओं के लिए खास सुविधाओं वाली जगह भी उपलब्ध है।

उन्होंने कहा इन्दौर बेहद प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्टता मिसाल कायम करने वाले शैक्षणिक संस्थानों की मौजूदगी के साथ बड़ी तेजी से टेक्नोलॉजी के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा अहमियत देने की कॉग्निजेंट सेंटर की अपनी संस्कृति को इस शहर में लाकर हमें बेहद खुशी हो रही है। इंदौर पूरे भारत में मौजूद हमारे मौजूदा डिलीवरी नेटवर्क से बड़े ही सहज तरीके से जुड़ जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी दुनिया भर में मौजूद अपने ग्राहकों के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस पर विशेष ध्यान देगा। स्थानीय प्रतिभाओं के लिए नए-नए अवसर पैदा करेगा। साथ ही हमारे कार्यालयों को हमारे एसोसिएट्स के निवास स्थान के करीब लाएगा।

कॉग्निजेंट कंपनी अलग-अलग उद्योगों के 30 स्टेकहोल्डर्स को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही

कॉग्निजेंट आधुनिक व्यवसायों के इंजीनियर हैं। अपने ग्राहकों को तेजी से बदलती दुनिया में आगे रहने के लिए टेक्नोलॉजी को आधुनिक बनाने, प्रक्रियाओं को नए सिरे से तैयार करने तथा अनुभवों को और अधिक बेहतर करने में मदद करती हैं। कंपनी दुनिया भर में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ एवं बीमा, संचार मीडिया, लाइफ साइंसेज, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, एनर्जी एवं यूटिलिटी, खुदरा एवं उपभोक्ता वस्तुएँ, तथा ट्रैवल एवं हॉस्पिटैलिटी जैसे अलग-अलग उद्योगों के 30 स्टेकहोल्डर्स को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही है। इस केंद्र में काम करने वाले एसोसिएट्स कई अलग-अलग तरह की एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर काम करने में सक्षम हैं, जिनमें एआई, एमएल, आईओटी, और डिजिटल इंजीनियरिंग शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं।

कॉग्निजेंट में 3 लाख 36 हजार 300 कर्मचारी कार्यरत इसमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा एसोसिएट्स भारत में

दुनिया भर में कॉग्निजेंट के कर्मचारियों की संख्या 3 लाख 36 हजार 300 है, जिनमें से 70 प्रतिशत से ज़्यादा एसोसिएट्स भारत में हैं। कंपनी इंदौर के अलावा बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, मंगलुरु, मुंबई और पुणे में भी मौजूद है। कॉग्निजेंट दुनिया की सबसे बड़ी व्यवसायिक सेवा कंपनी में से एक है, जो अपनी सेवाओं के ज़रिये 20 अलग-अलग तरह के उद्योगों से जुड़े संगठनों को तेजी से बदलती दुनिया में आगे रहने के लिए टेक्नोलॉजी को आधुनिक बनाने, प्रक्रियाओं को नए सिरे से तैयार करने तथा अनुभवों में बदलाव लाने में मदद करती है। कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में स्थित है, जो भारत से लेकर यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और मध्य-पूर्व तक बड़ी तेजी से अपने दायरे का विस्तार कर रही है। कॉग्निजेंट अपने लोगों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने में निवेश करने के संकल्प पर कायम है, जो वर्तमान के साथ भविष्य की नौकरियों के लिए आवश्यक है।
श्री विश्वकर्मा महापंचायत की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक संपन्न, प्रदेशभर के पदाधिकारी रहे मौजूद

भोपाल। श्री विश्वकर्मा महापंचायत मध्य प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक राजधानी भोपाल में संपन्न हुई। बैठक का प्रारंभ भगवान विश्वकर्मा के पूजन तथा दीप प्रज्वलन से हुआ।

प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में मध्यप्रदेश के सैकड़ों पदाधिकारीयों ने सम्मिलित होकर अपने विचार रखे। प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में संगठन विस्तार, सामाजिक जनगणना सहित केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने पर चर्चा की गई।

स्वागत भाषण और उद्बोधन के दौरान श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के सदस्य तथा श्री विश्वकर्मा महापंचायत के प्रदेश संगठन महामंत्री परमानंद विश्वकर्मा ने संगठन की आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संगठन का विस्तार तेज़ी से मंडल स्तर तक किया जाएगा, साथ ही उन्होंने सामाजिक युवाओं से संगठन से जुड़कर समाजसेवा करने की अपील की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर विश्वकर्मा ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए संगठन की कार्यप्रणाली से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज के सर्वांगीण विकास में अपनी सहभागिता सभी को सुनिश्चित करनी चाहिए।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग को प्राप्त हो इसके लिए श्री विश्वकर्मा महापंचायत हर स्तर पर प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा भगवान पूजन दिवस 17 सितंबर को शासकीय अवकाश घोषित कराने हेतु सरकार से अपील की जाएगी तथा विश्वकर्मा समाज की कला को प्रदेश स्तर पर मंच देने हेतु शासकीय उपक्रम काष्ठकला एवं लौहकला की व्यवस्था के लिए भी महापंचायत प्रयासरत है। बैठक में श्री विश्वकर्मा महापंचायत के संस्थापक एवं श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम नारायण विश्वकर्मा (कैबिनेट मंत्री दर्जा) प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर विश्वकर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता व श्री विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के सदस्य परमानंद विश्वकर्मा, पथरिया नगर परिषद अध्यक्ष सुंदरलाल विश्वकर्मा, भाजपा नेता मनोज विश्वकर्मा, भाजपा नेता सतीश विश्वकर्मा, पार्षद श्रीमती ममता विश्वकर्मा, पार्षद श्रीमती रीता विश्वकर्मा, भाजपा नेता राधेश्याम विश्वकर्मा, प्रदेश मंत्री आशाराम विश्वकर्मा, प्रदेश मंत्री वीरेंद्र विश्वकर्मा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती कविता मालवीय, प्रदेश संयोजक संतोष विश्वकर्मा, भोपाल जिलाध्यक्ष पवन विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा, डिम्पल विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, मीडिया प्रभारी अरुण विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिये नवाचारों को दें बढ़ावा:शिक्षा मंत्री सिंह गाडरवारा

मध्यप्रदेश।स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नरसिंहपुर जिले के सिविल अस्पताल गाडरवारा में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देना हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर को व्यवस्थित कर उसे सुचारू रूप से बनायें रखने और मरीज़ों के उचित इलाज की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री सिंह आज रोगी कल्याण समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष शिवाकांत मिश्रा एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

बैठक में मंत्री सिंह ने कहा कि गाडरवारा सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिये नवाचारों को बढ़ावा दें। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर क्षमता एवं नियमानुसार स्टाफ रखा जा सकता है। उन्होंने विधायक निधि से ट्यूबवेल के लिए दो लाख रुपये और अस्पताल में विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने, जनरेटर के लिए 13 लाख रुपये देने की स्वीकृति भी प्रदान की। चर्चा के दौरान ओपीडी पर्ची 10 रुपये प्रति व्यक्ति करने पर सहमति हुई। बैठक में यह तय हुआ कि सिविल अस्पताल परिसर की दुकानों का नया अनुबंध कराया जाये।

दानदाताओं का सहयोग आवश्यक

स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि मरीज़ों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा देने के लिए समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा। मंत्री सिंह ने कहा कि उनके द्वारा अस्पताल को प्रतिवर्ष एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जायेगी। बैठक में अस्पताल में बने प्रायवेट एसी वार्ड कक्ष का चार्ज 800 रुपये और एसी रहित कक्ष का चार्ज 400 रुपये करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सिविल अस्पताल के आसपास अतिक्रमण हटाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। उन्होंने कहा कि अस्पताल का व्यवस्थित मुख्य द्वार बनाया जाये। उन्होंने अस्पताल उन्नयन के लिए प्रोपोजल तैयार करने और ऑक्सीजन प्लांट के लायसेंस की कार्यवाही में गति लाने को कहा।

सिविल अस्पताल में पौधरोपण

मंत्री सिंह ने बैठक के पूर्व सिविल अस्पताल गाडरवारा परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया। उन्होंने गाडरवारा शहर में पौधरोपण अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।
मध्यप्रदेश को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के हों प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज के दौर में चिकित्सा क्षेत्र का अत्यंत महत्व है। इसलिये चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर से बेहतर उपचार की व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने का कार्य चिकित्सक ही करते हैं, यह बड़ा पुण्य का कार्य है।

मध्यप्रदेश को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, एम्स भोपाल में तीन दिवसीय 20वां अखिल भारतीय अकादमिक आपताकलीन चिकित्सा सम्मेलन दीक्षान्त एवं पुरस्कार समारोह का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अध्यक्ष एम्स डॉ. सुनील मलिक, अन्य पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे। एम्स के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों ने स्मारिका एवं स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी इमरजेंसी दस्तावेज का विमोचन किया। इसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के प्रतिभागी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। भारत में कोरोना का नि:शुल्क टीका लगाकर एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में विचारों के मंथन से इमरजेंसी मेडिसिन की दिशा में बेहतर कार्य होगा।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन एम्स, भोपाल में हो रहा है। एम्स से मेरी विशेष स्मृतियॉ जुड़ी हुई है। एम्स को स्थापित करने में बाबूजी स्व. बाबूलाल गौर का विजन महत्वपूर्ण रहा है। एम्स भोपाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बन गया है। इस सम्मेलन से नवीनतम ज्ञान और कौशल विकास का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश स्वस्थ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास से प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।

अमेरिका से आए डॉ. सागर सी. गलवनकर ने कहा कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। जीवन की रक्षा एक आपातकालीन चिकित्सक ही कर सकता है। डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान का फेस इमरजेंसी मेडिसिन होता है। देश, समाज और मानवता के लिए अच्छे चिकित्सक तैयार करना वर्तमान की आवश्यकता है।
हर बहन तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गरीब से गरीब बहन के घर तक नारी सशक्तिकरण के माध्यम से शासन की सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाना राज्य शासन की भावना भी है और प्रतिबद्धता भी। भारतीय संस्कृति में बहनों को यश देने वाली माना गया है, वे परिवारों में सम्माननीय हैं।

माता-पिता के समान प्रेम और स्नेह के साथ संस्कारों को बनाए रखते हुए परिवार के दायित्व निर्वहन की क्षमता भी उनमें है। मंत्रि-परिषद ने बहनों के सम्मान और स्नेह के प्रतीक, रक्षाबंधन पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया है। संपूर्ण प्रदेश में 25 हजार स्थान पर 10 अगस्त को कार्यक्रम होंगे और सिंगल क्लिक से लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपए तथा रक्षाबंधन के शगुन 250 रूपए अलग से जारी किए जाएंगे।

राज्य सरकार द्वारा कोई योजना बंद नहीं की जाएगी, अपितु संकल्प पत्र में जो कहा गया है वे सभी योजनाएं व कार्यक्रम लागू होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास में रानी दुर्गावती महिला सरपंच सम्मेलन और रक्षाबंधन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

महिला सरपंचों ने मंगल गीतों के साथ पुष्प-वर्षा कर किया मुख्यमंत्री का स्वागत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम का कन्या-पूजन और दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उनके कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर महिला सरपंचों ने मंगल गीतों के साथ पुष्प-वर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहनों के जीवन को आसान और खुशहाल बनाने के लिए कई योजनाएं व कार्यक्रम लागू किए हैं।

इसी क्रम में घर-घर रसोई गैस की सुविधा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। राज्य सरकार ने लाड़ली बहनों और जिनके पास उज्ज्वला कनेक्शन हैं उन्हें 450 रुपए में गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागपंचमी की शुभकामनाएं देते हुए बहनों से सावन माह धूमधाम से मनाने का आहवान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव को महिला सरपंचों ने बांधी राखी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई बहनों ने 40 फीट लंबी राखी भेंट की। बहनों ने मुख्यमंत्री भैया डॉ. यादव को पृथक से भी राखियां बांधी, जिस पर मुख्यमंत्री ने बहनों को शगुन स्वरूप भेंट भी प्रदान की।

रानी दुर्गावती के शौर्य और पराक्रम को समर्पित है महिला सरपंचों का सम्मेलन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में त्यौहारों का विशेष महत्व है, जो लंबी गुलामी के परिणामस्वरूप प्रभावित हुआ। अपनी धरोहर, संस्कृति और सम्मान के लिए रानी दुर्गावती ने जिस शौर्य और पराक्रम से संघर्ष किया, वह सदैव स्मरणीय रहेगा। रानी दुर्गावती की जयंती का वर्तमान में 500वां वर्ष चल रहा है। महिला सशक्तिकरण की प्रतीक महिला सरपंचों का सम्मेलन रानी दुर्गावती की स्मृति में ही आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी भी आने वाली है। इस पर्व पर पंचायतों में बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं और जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाए।

राष्ट्रीय पर्व के समान हो "हर घर तिरंगा अभियान" का आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से "हर घर तिरंगा अभियान" आरंभ हो रहा है। सभी सरपंच सुनिश्चित करें कि उनकी पंचायतों में सभी घरों पर तिरंगा लहराया जाए। देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों के योगदान के लिये यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी के समान ही हर घर तिरंगा अभियान का आयोजन गरिमामय तरीके से किया जाए।

व्यर्थ के खर्चों को कम कर परिवार के संसाधनों को बच्चों की पढ़ाई में लगाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर सभी बहनें परिवारों में व्यर्थ के खर्चों को कम करने का संकल्प लें। तेरहवीं और मृत्य भोज इत्यादि पर अनावश्यक व्यय से बचा जाए, विवाह भी सादगीपूर्ण तरीके से किए जाएं। इन गतिविधियों में कर्ज लेकर या अचल सम्पत्ति बेचकर भी पैसा लगाया जाता है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की गतिविधियों को हतोत्साहित कर तथा सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में परिवार के युवाओं का विवाह कर जमा पूंजी बचाई जा सकती है। परिवार के संसाधनों का उपयोग बच्चों की पढ़ाई-लिखाई तथा परिवार की बेहतरी के लिए किया जाए।

प्रदेश की 50 प्रतिशत से अधिक पंचायतों में महिला सरपंच : मंत्री पटेल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि प्रदेश में 23 हजार 11 पंचायतें हैं और महिला सरपंचों की संख्या 12 हजार 920 है, जो 50% से अधिक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा अपने निवास पर बहनों को आमंत्रित कर रक्षाबंधन पर्व मनाने की पहल करना उनकी संवेदनशीलता और बहनों के प्रति सम्मान व स्नेह का प्रतीक है। यह समारोह सांस्कृतिक संस्कारों के अटूट बंधन को और मजबूत करेगा। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय, जिला पंचायत अध्यक्ष भोपाल रामकुंवर गुर्जर एवं विधायक रामेश्वर शर्मा भी उपस्थित थे।

महिला सरपंचों ने किए अपने अनुभव साझा

कार्यक्रम में उज्जैन की ग्राम पंचायत चिंतामण जवासिया की सरपंच कुमारी लक्षिका डागर, सतना की कमला देवी चौधरी, बैतूल की पुष्पलता झरवडे और सीधी की प्रियंका पनिका ने उनकी पंचायतों में जारी ग्रामीण विकास और जनकल्याण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन संबंधी अनुभव साझा किए। उल्लेखनीय है कि कुमारी लक्षिका डागर प्रदेश की सबसे कम आयु की सरपंच हैं और उन्होंने अपनी पंचायत में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य किया है। कमला देवी चौधरी ने स्व-सहायता समूह, पुष्प लता झरवड़े ने डिजिटल लेन-देन और यौन शोषण के प्रति जागरूकता तथा प्रियंका पनिका ने वृद्धावस्था पेंशन व छात्रवृत्ति वितरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए नवाचारों की जानकारी दी।

सावन पर केन्द्रित रहा सरंपच बहनों का कार्यक्रम

श्रावण के महीने में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सरपंच बहनों का सम्मेलन पूरी तरह से सावन पर केन्द्रित रहा। सावन के महीने में लगने वाले झूले बहनों के लिये विशेष रूप से लगाए गये थे। बहनों के लिये मेंहंदी लगाने की विशेष व्यवस्था की गई थी। परंपरा के साथ आधुनिकता का समावेश करते हुए आयोजन स्थल पर सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया था। बहनों को समर्पित सम्मेलन महिला उद्यमियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों का खासतौर से प्रदर्शन एवं विक्रय के लिये स्टॉल भी सजायें गये थे। सावन के मधुर गीतों के बीच सम्पूर्ण कार्यक्रम शासकीय न होकर सांस्कृतिक और पारिवारिक बन गया।
हर विभाग में तलाशी जायें स्किल डेवलपमेंट की संभावनाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क भोपाल के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने समय-सीमा में कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट का दायरा बहुत विस्तृत है। हर कॉलेज में स्किल डेवलपमेंट के कोर्स संचालित किये जाने चाहिए। रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को जोड़ा जाये।

विद्वानों का मार्गदर्शन लेकर स्किल डेवलपमेंट के कार्य किये जायें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की समीक्षा कर विभागीय निर्देश दे रहे थे। बैठक में कौशल विकास एवं रोजगार विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कम जमीन से ज्यादा उपज प्राप्त करने का कार्य भी स्किल डेवलपमेंट ही है। आमदनी बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट जरूरी है। हर विभाग में स्किल डेवलपमेंट का प्लान बने। अपने-अपने क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जायें। पशुधन से दूध-उत्पादन, नस्ल सुधार, दूध से बने उत्पादों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हों। प्रदेश में कुल 956 आईटीआई संचालित हैं। हर विकासखण्ड में आईटीआई संचालित होना चाहिए। कोई भी विकासखण्ड बगैर आईटीआई के न रहे। आईटीआई के विद्यार्थियों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार और प्लेसमेंट हो। हॉर्टीकल्चर से बड़े पैमाने पर रोजगार मिल रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में जिस तरह के औद्योगिक क्षेत्र हैं, उसके अनुरूप विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाये। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहनों को टेक्सटाइल उद्योग से जोड़ने के लिए आवश्यक प्रबंध करने को कहा। उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा विभाग में विभिन्न भाषाओं का ज्ञान दिया जाये। स्किल डेवलपमेंट के प्रमोशन कार्यक्रम हों। टूरिज्म में रोजगार बढ़ाने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में कृषि एवं उद्यानिकी के विषय प्रारंभ किये जायें। स्किल डेवलपमेंट में जुगाड़ कार्यक्रम शुरू करें। यह कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्लोबल स्किल पार्क की कल्पना को साकार करने के लिए समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समीक्षा बैठक में निर्देशित किया कि निजी क्षेत्र और समाज को जोड़कर रोजगार के अवसर बढ़ाये जायें। नए पाठ्यक्रमों में स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी जाये। वन विभाग में जीवों की प्रजातियों के संरक्षण की ट्रेनिंग दी जाये। किंग कोबरा की प्रजाति को संरक्षित करने का कार्य करें। स्नेक रेस्क्यू के लिए प्रशिक्षण भी दें। स्किल डेवलपमेंट बोर्ड को रोजगार दिलाने की ट्रेनिंग दी जाएं। बोर्ड की नियमित बैठक आयोजित कराई जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में विभिन्न प्रकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार संबंधी जानकारी की बुकलेट्स का विमोचन भी किया।
सकरन में लोगों के घरों में घुसा बरसात का पानी

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) सकरन में घरों में घुसा बरसात का पानी जलभराव से अधिकतर रास्ते हुए बंद |

रविवार की दोपहर हुयी भीषण बारिश में बरसात का पानी सद्दा,श्रीधर,रगुनाथ,रामचन्द्र,मनोज, रस्तोगी,ढोंढे,विनय मिश्र,आदि समेत दो दर्जन से ऊपर लोगों के घरों में घुस गया है ।

जिसके चलते लोग अपने घरों से निकल कर ऊंचे स्थानो पर शरण ले रहे है पानी भर जाने के कारण लोगों के घरों में खाना बनाने तक की जगह नही बची है लोग ऊंचे स्थानों पर किसी तरह से खाना बना रहे है ।

गांव में जल निकासी की ब्यवस्था न होने के कारण बरसात का पानी रास्तों पर व  लोगों के घरों में भर रहा है ग्रामीण नेवल किशोर,विनय कुमार,बिशम्भर दयाल आदि ने जल निकाली की ब्यवस्था किए जाने की मांग की है।
लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के हिंदी विभाग में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का हुआ पाठ

गोण्डा ।  गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के अवसर पर आज लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के हिंदी विभाग में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। यह प्रार्थना बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की बहुविध प्रताड़ना से रक्षार्थ की गई।हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि बांग्लादेश में मारे गए हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की आत्मा की शांति और संघर्षरत व्यक्तियों के साहस-संबल की संप्राप्ति के लिए प्रभु श्रीराम और  श्री हनुमान जी से प्रार्थना की गई।
  
प्रो. मिश्र ने बिना किसी उत्सवधर्मिता के इस अनौपचारिक अभियान के अंतर्गत देशवासियों से अपेक्षा की है कि वे बांग्लादेश की स्थिति और अपने पड़ोसी देशों की स्थिति पर गंभीरता से विचार करें और हिंदुओं तथा अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध अपनी आवाज को अवश्य मुखर करें। उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि आपको आत्मशक्ति का जागरण और बल तथा पौरुष को जगाना ही होगा।
उन्होंने बताया कि इस प्रार्थना एवं पाठ का उद्देश्य भारत देश के जन-जन की आत्मा को झंकृत करने के उद्देश्य से किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में आतताइयों के मंसूबों को ध्वस्त करने में यथासंभव कारगर कदम उठाए।  उन्होंने उम्मीद जताई कि निरपराध तथा निर्दोष जन की आत्मा की तेजस्विता प्रकट होगी और उनके इस दारुण संघर्ष को सफल करने में दिव्य शक्तियाँ सहायक होंगी। प्रतिगामी ताकतें पराभूत होंगी। मंगलमूर्ति अवश्य मंगल करेंगे।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार, भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र सिंह, हिंदी विभाग के प्रो. जय शंकर तिवारी, डॉ. पुष्यमित्र मिश्र, रसायन विज्ञान विभाग, डॉ. रवि प्रकाश ओझा, दीप्ति गुप्ता, पुष्कर बाबू सम्मिलित हुए। डॉ. मुक्ता टंडन, हिंदी विभाग ने इस अवसर पर भजन प्रस्तुत की।