अरशद नदीम के पाकिस्तान पहुंचने से पहले ही उन पर अजीबोगरीब इनामों की बौछार,जाने

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अरशद नदीम इस वक्त पाकिस्तान के हीरो बन चुके हैं. पिछले कुछ दिनों में उनकी फैन फॉलोइंग में भारी उछाल देखने को मिला है. पाकिस्तान को ओलंपिक में मेडल जीते हुए 32 साल हो गए थे. वहीं गोल्ड मेडल को 40 साल बीत चुके थे. इस सूखे को अब अरशद नदीम ने खत्म किया है. जिसके बाद अरशद नदीम पर लगातार इनामों की बारिश जारी है. उनके लिए कई लोग प्राइज मनी का ऐलान कर चुके हैं. लेकिन इस सब के बीच उन्हें कुछ अजीबोगरीब इनाम भी मिल रहे हैं.

भैंस के बाद गिफ्ट में मिली ये सस्ती कार

अरशद नदीम को ससुराल वालों की तरफ से गोल्ड मेडल जीतकर लाने की खुशी में भैंस भेंट की गई है. अरशद नदीम के ससुर का कहना है कि उनके गांव में भैंस उपहार में देना बहुत मूल्यवान और सम्मानजनक माना जाता है. वहीं, अब पाकिस्तानी-अमेरिकी बिजनेसमैन अली शेखानी ने अरशद को ऑल्टो कार देने का ऐलान किया है. बता दें, ऑल्टो कार पाकिस्तान की सबसे सस्ती कारों में से एक हैं. उनकी इस ऐलान के बाद फैंस उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं. ऑल्टो कार का साइज छोटा होता है, ऐसे में फैंस का मानना है कि अरशद नदीम इस कार में फिट नहीं हो पाएंगे.

पाकिस्तानी-अमेरिकी बिजनेसमैन अली शेखानी को भारत में भी ट्रोल किया जा रहा है. एक भारतीय फैन ने अली शेखानी का मजाक उड़ाते हुए लिखा कि हमारे यहां लोग ओल्टो कार को कैब में भी बुक नहीं करते हैं. वहीं, एक फैन ने लिखा, इससे अच्छा तो महिंद्रा स्कॉर्पियो दे दो.

अभी तक मिल चुकी है करोड़ों रुपए की प्राइज मनी

नदीम के लिए अभी तक 150 मिलियन पाकिस्तानी रुपए से ज्यादा की प्राइज मनी का ऐलान हो चुका है, जो भारतीय रुपए में 4.5 करोड़ है. पाकिस्तान के पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने कुल प्राइज मनी में से 100 मिलियन पाकिस्तानी रुपए का इनाम घोषित किया है. इसके अलावा, पंजाब के गवर्नर सरदार सलीम हैदर खान ने नदीम के लिए 2 मिलियन पाकिस्तानी रुपए का ऐलान किया है. सिंध के सीएम ने भी नदीम के लिए 50 मिलियन पाकिस्तानी रुपए देने की बात कही है. नदीम को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा भी उन्हें बहुत कुछ मिलने वाला है.

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ग्राहम थोर्प की मौत के बाद, उनकी पत्नी ने किया बड़ा खुलासा

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज और सरे के दिग्गज क्रिकेटर ग्राहम थोर्प का 5 अगस्त को निधन हो गया था. ग्राहम थोर्प मौत से 4 दिन पहले 1 अगस्त को ही 55 साल के हुए थे. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. लेकिन मौत के 7 दिन बाद उनकी पत्नी ने बड़ा खुलासा किया है. थोर्प की पत्नी ने खुलासा करते हुए बताया कि थोर्प ने खुद ही अपनी जान ले ली थी. थोर्प ने मई 2022 में भी आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

मौत के 7 दिन बाद पत्नी ने खोला राज

ग्राहम थोर्प की पत्नी अमांडा ने खुलासा करते हुए बताया कि वह पिछले कुछ सालों से डिप्रेशन और चिंता से पीड़ित थे. हाल के दिनों में वह बहुत बीमार थे और उन्हें सचमुच लगता था कि उनके बिना हम बेहतर रहेंगे और हम इस बात से बहुत दुखी हैं कि उन्होंने ऐसा किया और आत्महत्या कर ली. हमने एक परिवार के रूप में उनका समर्थन किया और उन्होंने कई-कई उपचारों की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से कोई भी वास्तव में काम नहीं कर रहा था.

ग्राहम थोर्प का कैसा रहा था करियर?

ग्राहम थोर्प इंग्लैंड के लिए अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 1993 में की थी. इस दौरान उन्होंने इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट खेले थे जिसमें उन्होंने 6744 रन बनाए. टेस्ट में उन्होंने 16 शतक और 39 अर्धशतक ठोके. इसके अलावा थोर्प ने इंग्लैंड के लिए 82 वनडे मैचों में 21 अर्धशतक के दम पर 2380 रन बनाए. थोर्प इंग्लिश काउंटी टीम के दिग्गज थे. उन्होंने 341 फर्स्ट क्लास मैचों में 49 शतकों की मदद से 21937 रन बनाए थे. साथ ही लिस्ट ए में उन्होंने 10871 रन बनाए जिसमें उनके बल्ले से 9 शतक निकले. थोर्प ने अपने प्रोफेशनल करियर में कुल 58 शतक जड़े थे.

बतौर कोच भी किया काम

ग्राहम थोर्प ने साल 2005 में अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने शुरुआत में न्यू साउथ वेल्स और इंग्लैंड लायंस की टीमों के साथ बतौर कोच काम किया. इसके बाद 2013 की शुरुआत में थोर्प इंग्लैंड की वनडे, टी20 टीम के बैटिंग कोच बने थे. इसके बाद 2020 में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान वो टीम के अंतरिम कोच बने थे. 2022 में उन्हें अफगानिस्तान का हेड कोच बनाया गया, लेकिन तभी वह एक गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए थे.

विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं,सबसे बड़ा फैसला आज

भारत की दिग्गज रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में दमदार प्रदर्शन का इनाम मिलेगा या नहीं, आज इसका फैसला हो जाएगा. जिस हक के लिए विनेश पिछले 6 दिनों से लड़ रही हैं, वो हक उन्हें मिलेगा या नहीं, इसके फैसले का दिन भी अब आ ही गया है. पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में तय वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाए जाने पर विनेश फोगाट को उनके फाइनल वाले दिन पूरे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था और साथ ही मेडल की रेस से भी बाहर कर दिया गया था. इसके खिलाफ विनेश ने खेल पंचाट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी. इस पर सुनवाई भी हुई और अब कई बार फैसला टलने के बाद मंगलवार 13 अगस्त को कोर्ट अंतिम निर्णय सुनाएगा.

विनेश को 7 अगस्त को हुए फाइनल वाली सुबह डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था, जिसके बाद उसी दिन शाम को उन्होंने CAS में अपील की थी. इसके बाद से ही विनेश समेत पूरा देश इस फैसले का इंतजार कर रहा है लेकिन हिंदी फिल्म ‘दामिनी’ में वकील सनी देओल की तरह विनेश को भी पिछले कुछ दिनों से सिर्फ ‘तारीख पर तारीख’ ही मिली है. जहां पहले इस पर फैसला ओलंपिक खत्म होने तक आना था, वहीं अब ये फैसला गेम्स के खत्म होने के 2 दिन बाद आएगा और वो दिन है 13 अगस्त.

3 घंटे की सुनवाई, 4 दिन बाद फैसला

इस मामले में शुक्रवार 9 अगस्त को ओलंपिक गेम्स के लिए पेरिस में ही बनी CAS एड-हॉक डिवीजन में सुनवाई हुई थी. करीब 3 घंटे की इस सुनवाई में विनेश के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था. इस दौरान भारतीय ओलंपिक संघ भी एक पार्टी के रूप में शामिल था और उसने भी अपना पक्ष रखा था. वहीं इंटरनेशल ओलंपिक कमेटी और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के वकीलों ने भी दलीलें दी थीं. ये सुनवाई CAS की आर्बिट्रेटर डॉक्टर एनाबेल बैनेट के सामने हुई थी. पहले माना जा रहा था कि इस पर फैसला 10 अगस्त को आएगा लेकिन उस दिन CAS ने फैसले को टालते हुए दोनों पक्षों से कुछ दस्तावेजों की मांग की थी और फैसले के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की थी.

आज यानी 13 अगस्त को ये फैसला भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे तक या उससे पहले ही आ जाएगा. विनेश ने इस मामले में सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है. विनेश की ये मांग इस आधार पर है कि उन्होंने एक दिन पहले सेमीफाइनल समेत अपने तीनों मुकाबले 50 किलोग्राम के तय वजन सीमा के अंदर रहकर खेले थे और तीनों में निष्पक्ष जीत के साथ फाइनल में जगह बनाई थी. वो फाइनल वाले दिन ही वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाई गईं थी और इसलिए उन्हें सिर्फ फाइनल से ही डिस्क्वालिफाई किया जाना चाहिए, न कि पूरे इवेंट से. ऐसे में उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए. अब विनेश की ये मांग पूरी होती है या नहीं, आज इसका फैसला भी हो जाएगा.

वनडे में मौका नहीं मिलने पर संजू सैमसन ने कही ये बात

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें लेकर फैंस अक्सर आवाज उठाते रहते हैं. उन्हें लगातार मौके दिए जाने की मांग होती है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि उन्हें जितने मौके मिलने चाहिए, उतने नहीं मिलते हैं. पिछले कुछ समय में उन्हें लगभग हर सीरीज के लिए चुना गया है. हालांकि, टीम में होने के बावजूद उन्हें मैच खेलने के मौके लगातार नहीं मिले. वनडे फॉर्मेट में उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार है. सैमसन साउथ अफ्रीका खिलाफ खेले आखिरी वनडे में शतक भी जड़ा था. इसके बावजूद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा ने मौका नहीं दिया. अब सैमसन ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने गौतम गंभीर की कोचिंग में खेलने का अनुभव भी शेयर किया.

मौका नहीं मिलने पर क्या बोले सैमसन?

संजू सैमसन हाल ही में केरल क्रिकेट लीग के लॉन्च इवेंट में गए थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे वनडे सीरीज से ड्रॉप किए जाने को लेकर सवाल किया. इस पर सैमसन ने दिल जीतने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि सेलेक्टर्स जब भी उन्हें सेलेक्ट करेंगे वो जाकर खेलेंगे. फिलहाल टीम इंडिया अच्छी खेल रही है उनके लिए वही बड़ी बात है. सैमसन ने आगे कहा कि वो ऐसे इंसान हैं, जो बड़े लक्ष्य के लिए खेलते हैं और हर चीज को पॉजिटिव तरीके से लेने की कोशिश करते हैं. उनके हाथ में जो चीज है, उसमें जान लगाते हैं. मीडिया से बातचीत में उन्होंने गौतम गंभीर की कोचिंग में टी20 सीरीज खेलने का के अनुभव को काफी अच्छा बताया. बता दें गंभीर हमेशा से ही उनका सपोर्ट करते रहे हैं और उन्हें भारत बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज बता चुके हैं.

फैंस का सपोर्ट बैकफायर कर जाता है’

टीम में नहीं चुने जाने पर संजू सैमसन को फैंस का जबरदस्त सपोर्ट मिलता है. उनके फैंस सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाते हैं. संजू सैमसन ने इस पर भी रिएक्ट किया. उन्होंने खुलासा किया कि पिछले 3-4 महीने उनके करियर का सबसे बेहतरीन समय रहा है. आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया और फिर वर्ल्ड कप खेलने का सपना भी पूरा हुआ. वो जिस देश भी खेलने जाते हैं, केरल के फैंस उनके लिए चीयर करते हैं. यहां तक कि टीम इंडिया की ड्रेसिंग रूम में भी ये चर्चा विषय है कि उन्हें हर जगह कैसे इतना सपोर्ट मिलता है. हालांकि, कई बार जब वो जीरो पर आउट होते हैं, तब फैंस का इतना सपोर्ट उनके लिए बैकफायर कर जाता है. उनकी ट्रोलिंग होने लगती है

वनडे में सैमसन का रिकॉर्ड

संजू सैमसन ने वनडे में कुल 16 मुकाबले खेले हैं. इसकी 14 पारियों में उन्होंने 56 की औसत से कुल 510 रन बनाए हैं. इससे 3 अर्धशतक और 1 शतक भी शामिल है. उन्होंने पिछला वनडे साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2023 में खेला था, जिसमें 108 रन बनाए थे.

भारत के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 का काफी रहा यादगार , इस बार कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, जाने

भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं. इस दौरान कई ऐसे मौके आए जब भारत पदक से मामूली अंतर से चूक गया. भारत ने इस ओलंपिक में कई शानदार रिकॉर्ड भी बनाए. पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत द्वारा जीते गए पदक पर एक नजर डालते हैं.

नीरज चोपड़ा (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल

अमन सहरावत (कुश्ती) - ब्रॉन्ज मेडल

भारतीय पुरुष हॉकी टीम - ब्रॉन्ज मेडल

स्वप्निल कुसाले (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

मनु भाकर-सरबजोत सिंह (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

मनु भाकर (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक निम्नलिखित रिकॉर्ड दर्ज किए हैं

21 साल और 24 दिन की उम्र में, अमन सहरावत ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के सबसे कम उम्र के पदक विजेता बने.

नीरज चोपड़ा स्वतंत्र भारत के पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट बने जिन्होंने ओलंपिक में दो पदक जीते.

1972 के म्यूनिख के बाद पहली बार, भारत ने पुरुष हॉकी में लगातार दो ओलंपिक पदक जीते.

लक्ष्य सेन ओलंपिक खेलों में सिंगल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी थे.

भारत ने 52 वर्षों में पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुष हॉकी में ऑस्ट्रेलिया को हराया.

धीरज बोम्मडेवरा और अंकिता भकत मिक्स्ड टीम तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहे, यह तीरंदाजी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

पेरिस 2024 में शूटिंग में तीन पदक जीतने के बाद, भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के संस्करण में किसी एक खेल में सर्वाधिक मेडल जीते.

मणिका बत्रा ओलंपिक में सिंगल्स इवेंट में प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं.

मनु भाकर स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं जिन्होंने ओलंपिक के एक संस्करण में दो पदक जीते.

उल्लेखनीय रूप से, मनु भाकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनीं.

मनु भाकर-सरबजोत सिंह ने ओलंपिक में भारत का पहला शूटिंग टीम पदक जीता.

विराट कोहली ने पंजाब के लोगों को देंगे ये खास तोहफा,जाने

श्रीलंका दौरे के बाद टीम इंडिया क्रिकेट से लंबे ब्रेक पर है. अब अगली सीरीज उसे 19 सितंबर से खेलनी है. ऐसे में विराट कोहली ने इस खाली वक्त का इस्तेमाल पंजाब को लोगों को खास तोहफा देने के लिए किया है. उन्होंने अपने रेस्टोरेंट बिजनेस का विस्तार करते हुए अपने पांव मोहाली में भी फैला दिए हैं. विराट के इस कदम के बाद कई लोगों के लिए नौकरियों के नए अवसर खुल गए हैं. विराट ने One8 Commune के अपने नए आउटलेट की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है.

विराट ने रेस्तरां का नया आउटलेट मोहाली में खोला

विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर मोहाली में खुले One8 Commune के नए आउटलेट का वीडियो पोस्ट किया है, जिसका कैप्शन है- मोहाली कोहलिंग. साथ ही उन्होंने पंजाब के लोगों से पूछा है कि क्या वो इसके लिए तैयार हैं.

विराट कोहली ने रेस्तरां का 10वां आउटलेट खोला

विराट कोहली के One8 Commune का ये 10वां आउटलेट है. इससे पहले गुड़गांव, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में भी विराट कोहली के One8 Commune के आउटलेट हैं. यानी, भारत के लगभग हर बड़े शहर में उन्होंने अपने पांव फैलाए हैं. विराट अपने बड़े भाई विकास कोहली के साथ मिलकर रेस्तरां का ये बिजनेस चलाते हैं.

मोहाली के लिए दिल में खास जगह- विराट

अपने नए-नए टेस्ट के लिए जाना जाने वाला वन 8 रेस्तरां मोहाली में लोगों के लिए खोल दिया गया है. विराट कोहली ने इस खास मौके पर कहा कि मोहाली का उनके दिल में खास स्थान है. उन्होंने कहा कि उनके लिए one8 Commune केवल खाने-पीने की जगह नहीं बल्कि एक ऐसी जगह से है, जहां लोग अपनी दिल की बात शेयर कर सकें. नए दोस्त बना सकें. और, जहां पंजाब की कॉम्यूनिटी के बारे में जानने को ज्यादा से ज्यादा मिल सके.

नया रेस्तरां मतलब मोहाली में नौकरी का अवसर

मोहाली में विराट का नया रेस्तरां खुलने के बाद जाहिर है लोगों के लिए वक्त बिताने का एक स्पॉट तो मिलेगा ही साथ ही कई लोगों को इसके जरिए नौकरी भी मिल सकेगी. यानी, विराट अपने इस रेस्तरां बिजनेस को शहर-शहर बढ़ाकर रोजगार के अवसर भी फैला रहे हैं.

इन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर हुआ करोड़ों रुपए से ज्यादा खर्च

पेरिस ओलंपिक में भारत का सफर खत्म हो चुका है. 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चले खेलों के इस महाकुंभ में भारत की ओर से 117 एथलीट्स ने 16 खेलों में हिस्सा लिया. इस दौरान कई भारतीय एथलीट्स चौथे नंबर पर रहे और मेडल से चूक गए. इसमें पीवी सिंधू, मीराबाई चानू, निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं. वहीं विनेश फोगाट दूर्भाग्यपूर्ण तरीके से मेडल नहीं जीत सकीं. दूसरी ओर नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, स्वप्निल कुसाले, सरबजोत सिंह, अमन सहरावत और भारतीय हॉकी टीम ने मिलकर 6 मेडल जीते और पेरिस में भारत का परचम लहराया. हालांकि, ये प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, क्योंकि बड़ा दल और कई अनुभवी एथलीट्स होने के कारण भारतीय फैंस को इससे ज्यादा की उम्मीद थी. क्या आपको पता है इन 6 मेडल के लिए कितने खर्च हुए हैं? आइये हम आपको विस्तार से हर खेल और खिलाड़ी की ट्रेनिंग पर हुए खर्च को विस्तार से बताते हैं.

16 खेलों पर 470 करोड़ का खर्च

भारत की ओर से पेरिस ओलंपिक में गए 117 एथलीट्स की ट्रेनिंग पर कुल 470 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. तब जाकर हमारा देश 6 मेडल हासिल कर सका. यानी भारत को एक मेडल के लिए करीब 78.33 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े. अगर हम बात करें अलग खेलों की तो 16 खेलों में सबसे ज्यादा खर्च एथलेटिक्स पर किया गया. एथलेटिक्स के अलग-अलग खेलों के लिए कुल 96.08 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, जिसमें केवल नीरज चोपड़ा सिल्वर जीतने में सफल रहे. इसके बाद सबसे ज्यादा खर्च बैडमिंटन पर किया गया था.

बैडमिंटन में पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी और एचएस प्रणॉय हिस्सा लिया था. इनकी ट्रेनिंग पर कुल 72.03 करोड़ लगाए गए थे. हालांकि, कोई भी मेडल हासिल नहीं कर सका. बॉक्सिंग इस मामले में तीसरे नंबर पर है, जिसमें लवलीना बोरगोहेन और निकहत जरीन समेत 6 बॉक्सर्स ने हिस्सा लिया था. उनकी ट्रेनिंग के लिए 60.93 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. शूटिंग के खेल में 60.42 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसमें मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने मिलकर 2 मेडल जीते. हॉकी के लिए 41.3 करोड़ और रेसलिंग की ट्रेनिंग में 37.8 करोड़ की लागत आई. दोनों में एक-एक ब्रॉन्ज हासिल हुआ. आर्चरी में 39.18 करोड़ खर्च हुए.

पेरिस ओलंपिक में इन 6 भारतीय खिलाड़ियों के हाथ से भी निकल गए मेडल

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल का सफर 6 मेडल के साथ खत्म हो गया है. कुल 117 भारतीय खिलाड़ी इस बार के ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंचे थे. इस बार भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. भारत ने 6 में से 5 ब्रॉन्ज और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं, विनेश फोगाट के मेडल पर फैसला आना अभी बाकी है. महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम इवेंट में हिस्सा लेने वाली विनेश फोगाट को फाइनल से पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था, जिससे हर एक भारतीय का दिल टूट गया. लेकिन पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के अलावा 6 और भारतीय खिलाड़ी मेडल के काफी करीब पहुंचकर चुके गए.

अर्जुन बाबुता

इस बार अर्जुन बाबुता 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में जीत सकते थे. वह बहुत कम अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे. वो शुरुआती 11 राउंड के बाद दूसरे नंबर पर रहकर सिल्वर की दावेदारी में थे, लेकिन 3 खराब शॉट के चलते उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया.

मनु भाकर

मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता. फिर मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज अपने नाम किया. लेकिन मनु वूमेन्स 25 मीटर पिस्टल इवेंट के शूटऑफ में हारकर बाहर हो गईं. इस तरह मनु अपने तीसरे मेडल से थोड़ा ही चूक गईं और चौथे नंबर पर रहीं.

मीराबाई चानू

वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के साथ भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. 49 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं मीराबाई पेरिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर रहते हुए बाहर हुईं. वह सिर्फ 1 किलो की वजह से ब्रॉन्ज मेडल जीतने में नाकाम रहीं. पिछली बार मीराबाई चानू ने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत

भारत की तीरंदाजी जोड़ी धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत भी मेडल जीतने से सिर्फ 1 कदम दूर रही. मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमेरिका की कैसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 6-2 से हराया, जिसके चलते पेरिस ओलंपिक में इनका अभियान भी चौथे नंबर पर खत्म हुआ.

महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका

स्कीट मिक्स्ड टीम स्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका को भी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय जोड़ी को इस मैच में केवल 1 अंक से हार का सामना करना पड़ा था, वरना वह ब्रॉन्ज मेडल जीत सकते थे.

लक्ष्य सेन

बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन भी मेडल से कदम दूर रह गए. लक्ष्य सेन को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा. लक्ष्य सेन ने हर सेट में बढ़त बनाई थी, लेकिन इसके बाद भी वह हार गए.

1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज सहित कुल 6 पदकों के साथ पेरिस ओलंपिक 2024 का सफर भारत का हुआ समाप्त

भारत का पेरिस ओलंपिक में अभियान 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज सहित कुल 6 पदकों के साथ समाप्त हो गया. लेकिन दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा काफी दूर रह गया. भारत टोक्यो ओलंपिक के पिछले 7 पदकों के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया. इन खेलों में भारत की पदक उम्मीदों पर महिला पहलवान विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन अधिक होने का मामला काफी भारी पड़ा. हालांकि विनेश की संयुक्त रजत मिलने के अपील पर फैसला होना अभी बाकी है. विनेश के मामले पर चर्चा अभी काफी दिनों तक चलेगी. पेरिस ओलंपिक शुरू होने से पहले इस बात को बड़े जोर-शोर से दावा किया जा रहा था कि भारत इस बार ओलंपिक में दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा जरूर पार करेगा. लेकिन अंत में जाते-जारी स्थिति 6 पदक की रह गयी जिसमें कोई स्वर्ण पदक शामिल नहीं था. स्वर्ण की सबसे बड़ी उम्मीद भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा रजत पर ठिठक कर रह गए. भारत के हिस्से 5 कांस्य पदक आये जिसमें 2 तो निशानेबाज मनु भाकर ने ही दिलाये.

भारत पदक तालिका में 6 पदकों के साथ 71वें स्थान पर रहा जो कहीं से भी यह उम्मीद नहीं जगाता है कि भारत भविष्य में खेल महाशक्ति बनेगा. पेरिस खेलों में 16 खेलों में कुल 117 भारतीय एथलीटों ने भाग लिया: तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, रोइंग, नौकायन, शूटिंग, तैराकी, कुश्ती, टेबल टेनिस और टेनिस. भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 पदक जीते, 1 रजत और 5 कांस्य. हालाँकि ऐतिहासिक प्रदर्शन की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन देश 2021 में पुनर्निर्धारित टोक्यो ओलंपिक में अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ को पार करने से थोड़ा पीछे रह गया, जब उन्होंने 7 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य) हासिल किए और 48वें स्थान पर रहा था.

भारत का पेरिस ओलंपिक अभियान कुश्ती क्वार्टर फाइनल में रीतिका हुडा के हारने के साथ ही समाप्त हो गया और गोल्फर अदिति अशोक और दीक्षा डागर पदक की दौड़ से बाहर हो गईं.

दोहरी पदक संख्या की उम्मीदों के टूटने के बीच कुछ खिलाडियों के प्रदर्शन हालांकि ऐसे रहे जिन्हें लम्बे समय तक याद रखा जाएगा. एथलेटिक्स ने 29 सदस्यीय मजबूत टीम के साथ भारत का नेतृत्व किया, जबकि देश ने शूटिंग स्पर्धाओं में 21 निशानेबाजों की अपनी सबसे बड़ी टुकड़ी को भी मैदान में उतारा. पदकों की खोज से परे, भारतीय एथलीटों ने 6 स्पर्धाओं में चौथे स्थान पर रहने के बाद पदकों से चूकने के साथ-साथ खेलों में नए रिकॉर्ड स्थापित किये.

मनु भाकर का डबल

पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. इसके अलावा, वह स्वतंत्रता के बाद खेलों के एक ही संस्करण में कई पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं.

पेरिस 1900 में पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक के साथ नॉर्मन प्रिचर्ड भारत के लिए एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले पहले एथलीट थे.

मनु महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में पहुंच गईं और एथेंस 2004 के बाद शूटिंग में ओलंपिक फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं. अगले दिन, उन्होंने इसमें कांस्य पदक जीता और ओलंपिक शूटिंग पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया.

बाद में मनु, सरबजोत सिंह के साथ मिलकर शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय शूटिंग जोड़ी बनीं. कुल मिलाकर, यह निशानेबाजी में भारत का छठा ओलंपिक पदक था.

भारत ने ओलंपिक में किसी एक खेल में सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका हासिल की-

जब स्वप्निल कुसाले ने 1 अगस्त को पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता, तो उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए तीसरा शूटिंग पदक हासिल किया, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी. इसने न केवल ओलंपिक में किसी एक खेल में भारत के लिए अब तक की सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका का नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में देश को अपना पहला ओलंपिक शूटिंग पदक भी दिलाया.

इससे पहले, भारत ने कभी भी किसी भी ओलंपिक खेलों में एक ही खेल में दो से अधिक पदक नहीं जीते थे, पिछला सर्वश्रेष्ठ लंदन 2012 ओलंपिक में दो शूटिंग पदक थे - विनय कुमार (रजत, 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल) और गगन नारंग ( कांस्य, पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा). टोक्यो खेलों में रवि दहिया (57 किग्रा) और बजरंग पुनिया (65 किग्रा) ने पुरुष कुश्ती में दो पदक जीते.

एथलेटिक्स में एकमात्र नीरज चोपड़ा

शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस 2024 में 89.45 मीटर के प्रयास के साथ अपने करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने उन्हें स्वर्ण पदक की होड़ में हरा दिया, जिन्होंने 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड हासिल किया.

हालाँकि यह स्वर्ण नहीं था, ओलंपिक रजत पदक जीतना 26 वर्षीय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, क्योंकि यह ग्रीष्मकालीन खेलों में एथलेटिक्स में भारत का केवल दूसरा पदक था - दोनों नीरज ने हासिल किए.

इस प्रक्रिया में, वह अपने टोक्यो 2020 स्वर्ण पदक में रजत जोड़ने के बाद भारत के तीसरे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता बन गए. सुशील कुमार, पीवी सिंधु अन्य दो बार के एथलीट हैं जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते.

पेरिस ओलंपिक-2024 का आज अंतिम दिन,जानें कब शुरू होगा समापन समारोह

पेरिस ओलंपिक-2024 का आज अंतिम दिन है। आज रात पेरिस ओलंपिक का समापन हो जाएगा। भारत ने इस ओलंपिक में कुल 6 पदक जीते हैं। इसमें 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। ये मेडल भारतीय हॉकी टीम, मनु भाकर, सरबजोत सिंह, स्वाप्निल कुसाले, नीरज चोपड़ा और अमन सहरावत ने जीते हैं। इस बीच आइए हम आपको बताते हैं कि पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आप कब, कैसे और कहां देख सकते हैं। साथ ही समापन समारोह में भारत की ओर से कौन ध्वजवाहक होगा, इसकी भी जानकारी आपको देते हैं।

कब शुरू होगा समापन समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आज रात 12:30 (भारतीय समयानुसार) शुरू होगा। इस समारोह का भारत में लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। भारतीय फैंस इस समारोह को स्पोर्ट्स-18 चैनल पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा में देख सकेंगे।

कब शुरू होगा समापन समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आज रात 12:30 (भारतीय समयानुसार) शुरू होगा। इस समारोह का भारत में लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। भारतीय फैंस इस समारोह को स्पोर्ट्स-18 चैनल पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा में देख सकेंगे।

मोबाइल पर यहां देख सकेंगे समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह भारत में मोबाइल पर भी देखा जा सकेगा। रात 12:30 बजे से इस समारोह का लाइव टेलीकास्ट जिया सिनेमा ऐप पर किया जाएगा। खेल प्रशंसक इस समारोह को इस मोबाइल ऐप पर फ्री में देख सकेंगे।

ये करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व 

पेरिस ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में भारत की ओर से महिला वर्ग का प्रतिनिधित्व मनु भाकर और पुरुष वर्ग का प्रतिनिधित्व पीआर श्रीजेश करेंगे। मनु भाकर ने इस ओलंपिक में शूटिंग की स्पर्धा में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। जबकि, भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने दमदार प्रदर्शन से टीम को ब्रॉन्ज मेडल जिताया है। पेरिस ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में ये दोनों एथलीट भारत के ध्वजवाहक होंगे।