संगठनात्मक मुद्दों को ले भाकपा माले की हुई बैठक


गावां, गिरिडीह

गावां प्रखंड स्थित सेरुआ में सोमवार को भाकपा माले की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्यरुप से पूर्व विधायक राजकुमार यादव उपस्थित थे। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन की मजबूती पर विस्तार से चर्चा की गई। बूथ आधारित कमिटी के निर्माण का निर्देश देते हुए डोर टू डोर भ्रमण पर चर्चा किया गया। राजकुमार यादव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से क्षेत्र का विकास ठहर सा गया है। अपनी कार्यकाल में मैने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये। गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा गया। वहीं पुल पुलियों का भी निर्माण करवाया गया। पिछले पांच वर्ष में क्षेत्र में कोई भी उल्लेखनीय कार्य नही हुआ। क्षेत्र में अपराध का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। संगठन को मजबूत कर के कार्यकर्ता पार्टी के सिद्धांतों को जन जन तक पहुँचाने का कार्य करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन प्रखंड सचिव नागेश्वर यादव ने किया। जबकि मौके पर सितन यादव, सुनील यादव, गुरुसहाय रविदास, बासदेव रविदास समेत कई लोग उपस्थित थे।
बिना बोरिंग के कर दिया गया जलमीनार का निर्माण, 2 महीने से बना है शोभा का वस्तु, बीस सूत्री अध्यक्ष ने किया कार्रवाई का मांग



गिरिडीह

जिले के गावां प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र हरदिया में विगत दो माह पूर्व जन नल योजना के तहत बनाया गया जलमिनार विभागीय और संवेदक के लापरवाही से शोभा का वस्तु बन कर रह गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस जलमिनार का निर्माण बिना बोरिंग किए ही कर दिया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए गावां प्रखंड के बीस सूत्री अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि पिछले दो माह पूर्व क्षेत्र भ्रमण करने वह इस आदिवासी गांव पहुंचे थे। जहां उन्हें कैलु सोरेन के घर के समीप यह जलमिनार नजर आया था। उन्हें उसी वक्त ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि यह जलमिनार बिना बोरिंग किए ही निर्माण करा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने बीस सूत्री की बैठक में यह मामला उठाया, जहां उन्हें पीएचडी विभाग के जेई द्वारा एक सप्ताह में बोरिंग करवा कर जलमिनार ग्रामीणों के लिए चालू करवा देंगे।

साथ ही उन्होंने कहा कि आज जब वे जेई से बात किए तो उन्हें बताया गया कि यह जलमिनार चालू हो गया है। लेकिन जब वे पुनः इसकी हकीकत जानने के लिए हरदिया पहुंचे तो उन्हें स्थिति जस की तस देखने को मिली। उन्होंने कहा कि जब प्रखंड में एक जलमिनार का जांच किया गया तो उन्हे वह जलमिनार भ्रष्टचार में लिप्त देखने को मिला तो पूरे प्रखंड में क्या हाल होगा। उन्होंने विभाग के वरीय पदाधिकारियों से पूरे प्रखंड में जल नल योजना के तहत निर्माण किए गए सभी जलमिनार की जांच करने एवं संवेदक व जेई पर कार्रवाई की मांग किए हैं।

इस संबंध में जब जानकारी लेने के लिए पीएचडी विभाग के जेई जितेंद्र कुशवाहा को फोन किया गया तो उन्होंने कॉल पर बताया कि उन्हें बीस सूत्री अध्यक्ष द्वारा शिकायत मिलने के बाद संबंधित संवेदक को पानी का कनेक्शन कर इसे शुरू करने के लिए कहा जा चुका है। अगर अब तक यह चालू नहीं हुआ है तो वे जल्द ही इसका जांच करेंगे। साथ ही इसे जल्द से जल्द चालू करवाएंगे। वहीं बोरिंग बिना किए जलमिनार का निर्माण किए जाने की बात पूछे जाने पर उन्होने कहा कि जलमीनार का निर्माण दो तरीकों से किया जाना है। इसमें एक तो बोरिंग करवा कर जलमिनार का निर्माण किया जा सकता है तो वहीं आसपास के चापानल से भी इसमें पेयजल की आपूर्ति की जा सकती है। वहीं भुगतान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब तक उनके आने के बाद उक्त संवेदक को निर्माण राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

मौके पर बीस सूत्री सदस्य सोनू कुमार, जेएमएम कार्यकर्ता शिव नारायण राउत समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।
नाली की समस्या को लेकर सड़क जाम कर धरना पर बैठे लोग, 6 घंटे तक आवागमन रहा बाधित


गिरिडीह

जिले के गावां प्रखंड स्थित पिहरा पूर्वी पंचायत के मानपुर चौक पर नाली निर्माण में अनियमियतता व सड़क पर नाली का गंदा पानी बहने के खिलाफ सोमवार को ग्रामीण सड़क जाम कर धरना पर बैठ गए। इस दौरान ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया और सांसद, विधायक एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रातः साढ़े छह बजे युवा समाजसेवी राजमणि पांडेय, पप्पू यादव व मृत्युंजय प्रजापति के नेतृत्व नारेबाजी करते हुए मानपुर चौक पहुंचे व सड़क को अवरुद्ध कर धरना पर बैठ गए। मौके पर काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी।


कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे राजमणि पांडेय और पप्पू यादव ने कहा कि पिहरा के लोग काफी लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा कई बार आवेदन दिए जाने के बाद लगभग एक वर्ष पूर्व 15वें वित्त से सड़क के एक तरफ नाली का निर्माण करवाया गया था। वहीं नाली को कुछ दूर बनवाकर बीच रास्ते में ही अधूरा छोड़ दिया गया। इससे नाली का गंदा पानी मुख्य सड़क पर बहता रहता है। नाली के निर्माण में भी काफी अनियमियतता बरती गई, जिससे नाली जगह-जगह टूट चुका है। इस समय स्थिति यह है कि नाली का गंदा पानी मुख्य सड़क पर बहता रहता है। इससे आवजाही कर रहे लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण और स्कूली बच्चे प्रतिदिन इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं। प्लस उवि, इंडियन बैंक, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, हाट बाजार, पुलिस पिकेट व पंचायत भवन आदि महत्वपूर्ण संस्थान इसी पथ में स्थित है। मामले में कई बार पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया जा चुका है, लेकिन कोई पहल नहीं हो पाया। बाध्य होकर ग्रामीणों को धरना पर बैठना पड़ा है।

बीडीओ, सीओ के आश्वासन पर हटा जाम


सड़क जाम की सूचना बीडीओ महेंद्र रविदास, सीओ अविनाश रंजन, थाना प्रभारी महेश चंद्र आदि धरना स्थल पर पहुंचे व प्रदर्शकारियों से वार्ता की। वे ग्रामीणों के साथ पैदल चलकर सड़क व बनवाए गए नाली का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि नाली निर्माण में अनियमियतता की एक टीम गठन कर जांच कार्रवाई जायेगी। फिलहाल डायवर्सन बनाकर सड़क पर बह रहे पानी को बगल के नाली में शिफ्ट किया जायेगा। पदाधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना और सड़क जाम को समाप्त कर दिया।l
अवैध ढिबरा के विरुद्ध वन विभाग ने की कार्रवाई, ढिबरा लदा ट्रैक्टर किया जब्त


गिरिडीह

गावां वन प्रक्षेत्र के मनसाडीह जंगल से मसनोडीह, डोमचांच के लिए अवैध ढिबरा का परिवहन करते हुए एक ट्रैक्टर को वन विभाग की टीम ने सोमवार की अहले सुबह जब्त किया है। जब्त किए ट्रैक्टर को वन विभाग की टीम अपने साथ गावां वन प्रक्षेत्र कार्यालय परिसर ले आई है।

जानकारी देते हुए वनपाल अमर विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार अहले सुबह गावां वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार को ट्रैक्टर द्वारा ढिबरा के अवैध परिवहन की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद एक छापेमारी दल का गठन किया गया। जब वे सभी उक्त की ओर जाने लगे, तब उन्हें अवैध ढिबरा ले जाते ट्रैक्टर नजर आया। इसके बाद उन्होंने चालक को रुकने का इशारा किया किंतु चालक ट्रैक्टर को भगाते हुए बेंड्रो पहुंचा और ट्रैक्टर छोड़ कर भाग गया।


साथ ही उन्होंने बताया कि अभी शुरुआती जांच के क्रम में ढिबरा किसी मनीष कुमार के होने की जानकारी प्राप्त हुई है। जांच उपरांत ट्रैक्टर मालिक सहित कारोबारियों को चिन्हित करते हुए वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में मुख्य रूप से वन परिसर पदाधिकारी अमर कुमार विश्वकर्मा, पवन चौधरी, वन उप परिसर पदाधिकारी अशोक कुमार, मुकेश दास, सुनील हेम्ब्रम, राजेन्द्र प्रसाद इत्यादि शामिल थे।

विगत हो कि दो दिन पूर्व वन विभाग की टीम ने तिसरी के पंचरुखी में भी ढिबरा का अवैध भंडारण किए दो घरों को चिन्हित किया था। जहां उन्हें किसी शमशुल द्वारा ढिबरा का अवैध भंडारण किए जाने की जानकारी मिली थी।
चारदीवारी टूटा होने के कारण विद्यालय परिसर में पसरा रहता है गंदगी, शिक्षक और बच्चे मिलकर करते हैं साफ


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुखबली में काफी समस्या देखने को मिल रही है। एक और जहां विद्यालय का चारदीवारी पूरा बना नहीं होने के कारण आसपास के घरों के मवेशी विद्यालय के प्रांगण को गंदा कर देते हैं, जिसे बाद में विद्यालय के शिक्षक और छात्र मिलकर साफ करते हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्यान भोजन का अनाज रखने के लिए बर्तन नहीं होने से चूहे द्वारा अनाज के बोरों को कुतर कर उसमें गंदगी फैलाया जाता है।

हालांकि रसोइया बोरे से चावल निकालने के समय इन गंदे चावलों को फेंक देती है। इतना ही नहीं विद्यालय में कुल 120 बच्चों का नामांकन है और उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ दो शिक्षक हैं। और इनमें एक शिक्षक के बीआरसी अथवा अन्य कार्यों में व्यस्त हो जाने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होते रहती है।


इस संबंध में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक मंगलेश कुमार से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में विभाग द्वारा एक भी सफाई कर्मी नहीं दिया गया है और नाही कोई फंड है, जिस कारण अगर विद्यालय के प्रांगण में गंदगी फैलती है तो उन्हें खुद साफ करना पड़ता है। अगर विद्यालय में जनप्रतिनिधि या विभाग के सहयोग से चारदीवारी का निर्माण कर इसमें गेट लगा दिया जाए तो फिर यहां मवेशी गंदगी नहीं फैला पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कम से कम मध्य विद्यालय में एक सफाई कर्मी होना चाहिए।

वहीं जब उनसे जब शिक्षकों के कम होने की बात पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 100 बच्चे उपस्थित हैं लेकिन शिक्षक की कमी के कारण कभी कभार ही उनकी पढ़ाई बाधित होता है। लेकिन अगर विभाग के द्वारा एक और शिक्षक की वहां नियुक्ति हो जायेगी तो यह बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। इसके अलावा मध्यान भोजन लकड़ी पर बनाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि यहां कि रसोइया को गैस चूल्हे में खाना बनाने नहीं आता है, लेकिन उनके प्रयास के बाद रसोइया धीरे धीरे गैस चूल्हे का प्रयोग कर रही है।
सेविका चयन में धांधली का आरोप लगा कर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिया गया आवेदन


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड अंतर्गत ऑगनबाडी केन्द्र लेदा टोला, भोक्ताडीह (कोड सख्या 621) में सेविका के चयन के दौरान धांधली का आरोप लगा कर लेदा गांव निवासी ओमप्रकाश दास ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को एक आवेदन दिया है।

दिए आवेदन में उन्होंने लिखा है कि दिनांक 12.07.2024 को आँगनबाडी सेविका का चयन किया जा रहा था। इस क्रम में सी० डी० पी० ओ० एवं मध्य विद्यालय लेदा के प्रधानाध्यापक के द्वारा अभ्याथियों के प्रमाण पत्र जांच किया जा रहा था जिसमें 1 सुजाता कुमारी पति किशोर दास, 2. मधु कुमारी पत्ति दिनेश दास. 3. रूपा कुमारी पति संतोष दास का ऑगनबाडी सेविका चयन नियमावली 30.09.2022 के आधार पर क्रमशः सुजाता कुमारी को प्राप्त अंक 18 है। वहीं मधु कुमारी का प्राप्त अंक 22 है, तथा रूपा कुमारी के प्राप्त अक 17 है। अंक प्राप्त करने के बावजुद अन्य अभ्यार्थी पारो देवी पति दीपक दास का चयन अंक 18 प्राप्त होने पर ऑगनबाडी सेविका के पद पर चयनित किया गया। जबकि सुजाता कुमारी को प्राप्त अंक 18 एवं मधु कुमारी का प्राप्त अंक 22 होने पर भी चयनित नहीं किया गया।

साथ ही उन्होंने लिखा है कि सी० डी० पी० ओ० एवं महिला प्रवेक्षिका बाल विकास परियोजना गिरिडीह सदर से पुछने पर उन्होंने बताया कि पारो देवी के पास एम० ए० पास होने का प्रमाण पत्र है अतः उसे 23 अंक देते हुए चयनित किया गया। जबकि समिति के बैठक के समय पारो देवी के पास एम० ए० का प्रमाण पत्र नहीं था और न ही पदाधिकारी द्वारा दिखाया गया। समिति एवं कुछ ग्रामीण द्वारा एम० ए० प्रमाण पत्र देखने के लिए माँगे जाने पर सी० डी० पी० ओ ने बताया कि आप लोग अधिकारी नहीं है। मैं प्रमाण पत्र नहीं दिखा सकती। इस तरह चयन प्रक्रिया मनमानी ढंग से किया और किसी के मेल मिलाप में किया गया। सी० डी० पी० ओ० के इस मनमानी पूर्ण रवैये से हम ग्रामीण अंचभित है। इसलिए वे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग करते हैं।
पिक अप में लोड कर तिसरी से कोडरमा ले जाया जा रहा था ढिबरा, वन विभाग ने किया जब्त


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के गावां और तिसरी में इन दिनों अवैध ढिबरा का कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस और वन विभाग के लगातार कार्रवाई के बावजूद ढिबरा माफिया इसे कोडरमा भेजने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने को मिला जहां तिसरी के पंचरुखी से कोडरमा के मसनोडीह के लिए पिक अप संख्या जेएच12डी 2495 से ले जाया जा रहा था। इसी बीच वन विभाग के कर्मियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर वनपाल अमर विश्वकर्मा के नेतृत्व में वनकर्णियों ने उक्त पिकअप वाहन को पटना डोरंडा मुख्य मार्ग स्थित घांगरीकुरा के समीप जब्त कर लिया। जिसके बाद उक्त वाहन को वे अपने साथ गावां रेंज ऑफिस ले गए।

जानकारों की अगर मानें तो इन दिनों कोडरमा के मसनोडीह निवासी मंटू मेहता, आशीष मेहता सहित अन्य के द्वारा तिसरी के पंचरूखी, असुर हड्डी समेत अन्य इलाकों से ढीबरा का अवैध परिवहन किया जाता है। जबकि तिसरी के समसुल अंसारी, अली हुसैन सहित अन्य दर्जनों लोगों के द्वारा तिसरी में ढीबरा का अवैध भंडारण किया जा रहा है, जिसे बाद में वे कोडरमा भेज देते हैं।

इस संबंध में जानकारी लेने पर वन परिसर पदाधिकारी अमर कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि ग्रामीणों से गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त ढिबरा लदे पिकअप को कोडरमा के मसनोडीह निवासी मंटू मेहता द्वारा पंचरुखि से मसनोडीह ले जाया जा रहा था, जिसके बाद यह करवाई की गई है। वहीं ढिबरा किसका था पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जांच की जा रही है। जांच के पश्चात आरोपित लोगों के विरुद्ध वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

इस कार्रवाई में वन उप परिसर पदाधिकारी अशोक कुमार, दिनेश दास, मुकेश दास, गौतम दास, जिलाजित कुमार, हीरालाल पंडित, सुनील हेम्ब्रम, बमशंकर वर्मा सहित अन्य वनकर्मी शामिल थे।
पत्थर के अवैध उत्खनन को लेकर गावां में दो पक्ष हुए आमने सामने, लिखित आवेदन देकर किया जा रहा है कार्यवाई का मांग


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के गावां प्रखंड में फिलहाल पत्थर के कारोबार को लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। गावां के जमडार पंचायत में संचालित पत्थर खदान मेसर्स कात्यायनी पर अवैध खनन कराने का आरोप लगाते हुए जहां तराई-भगतगढ़वा निवासी सचिन यादव और मनोज यादव ने माइनिंग विभाग सहित गिरिडीह डीसी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। तो वहीं अब भाकपा माले नेता सकलदेव यादव द्वारा तराई-भतगढ़वा के मनोज यादव और सचिन यादव पर वर्षों से वन भूमि पर सफेद क्वार्टज पत्थर का कई छोटे-बड़े अवैध खदान चलाने का आरोप लगाया जा रहा है।

पिछले पांच वर्षों से अवैध ढंग से कई खदानों का किया जा रहा है संचालन

सकलदेव यादव का कहना है कि मनोज यादव और सचिन यादव के द्वारा तराई भतगढ़वा के जंगल में पिछले पांच वर्षों से अवैध ढंग से कई खदानों का संचालन किया जा रहा है। इससे बड़े पैमाने पर जंगल नष्ट हो रहे हैं। मनोज और सचिन के इस अवैध कारोबार में भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, जिसके बलबूते ये लोग फॉरेस्ट विभाग से सांठगांठ कर बेधड़क वन भूमि पर जंगलों को उजाड़ कर क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं। विभाग सब कुछ जानकर भी आंखें बंद किए हुए है। उनका यह भी कहना है कि मनोज यादव और सचिन यादव द्वारा सफेद क्वार्टज पत्थर के अवैध कारोबार से ध्यान भटकाने के लिए माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव के संरक्षण में अमझर में संचालित मेसर्स कात्यायनी पत्थर खदान में अवैध खनन का आरोप लगाया जा रहा है, जो सरासर बेबुनियाद है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मेसर्स कात्यायनी को पत्थर खदान का खनन पट्टा, पॉल्यूशन, डीजीएमएस आदि सभी लाइसेंस निर्गत है।

मामले को लेकर लगाया जा रहा आरोप-प्रत्यारोप

मामले को लेकर तराई-भतगढ़वा के मनोज यादव ने कहा कि मेरे द्वारा पूर्व विधायक राजकुमार यादव और मेसर्स कात्यायनी द्वारा कराए जा रहे अवैध खनन की शिकायत माईनिंग विभाग और गिरिडीह डीसी से की गई है। इसी कारण बौखलाहट में पूर्व विधायक के इशारे पर माले के छुटभैया नेता मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने और झूठे मुकदमे में फंसाने के उद्देश्य से मुझपर वन भूमि पर सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खदान चलाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो बिल्कुल बेबुनियाद है। विभाग इसकी निष्पक्ष जांच कराए और वन भूमि पर अवैध खदान चलानेवालों को चिन्हित कर कार्रवाई करे। इधर सचिन यादव ने कहा कि यह सही बात है कि तराई-भतगढ़वा के जंगल में अवैध खनन हो रहा है, लेकिन यह भी सच है कि यह अवैध खनन पूर्व विधायक राजकुमार यादव के संरक्षण में उनका ही भतीजा सुजीत यादव द्वारा कराया जा रहा है। अगर विभाग निष्पक्ष जांच करे तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

अवैध खनन से कई हेक्टेयर जंगल हो रहे नष्ट

हालांकि पत्थर खनन के कारोबार में आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक सच्चाई यह भी है कि गावां के वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इन दिनों सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। तराई, भतगढ़वा, चरकी आदि के जंगलों में दर्जनों छोटे-बड़े अवैध खदानों में प्रतिदिन सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें झहुआंतरी, दुलरिया पहाड़ी, समचिहरिया पहाड़ और खरूआ नाला में संचालित अवैध खदानें प्रमुख हैं। इन अवैध खदानों के कारण गावां में बड़े पैमाने पर जंगलों को नुकसान हो रहा है। सिर्फ तराई-भगतढ़वा के जंगल में सफेद क्वार्टज पत्थर के अवैध खनन के कारण एक सौ एकड़ से अधिक जंगल नष्ट हो चुके हैं। वहीं कई पहाड़ों का अस्तित्व मिटने के कगार पर है।
खेलने की उम्र में सर पर ढिबरा लेकर बेच रहे हैं नाबालिग बच्चे, प्रशासन से लेकर सामाजिक संस्थानों को मुंह चिढ़ा रही है ये तस्वीरें

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी एवं गावां प्रखंड में दस वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक उम्र के बच्चे अगर अपने सर पर ढीबरा की टोकरी ले जाते हुए कहीं नजर आ जाएं, तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी। क्योंकि कल के देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों को चंद रुपए कमाने के लिए अपने बचपन से सौदा करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इन प्रखंडों में कई सामाजिक संस्थाएं कार्यरत है, लेकिन जैसे उनके आंखों पर भी कोई काली पट्टी बंधी नजर आ रही है। और अगर बात करें प्रशासन या अधिकारियों की तो साहब उन्हे इन मासूमों की जिंदगी से क्या लेना देना। अपने दफ्तर और रोजमर्रा के कार्यों में वे इतने व्यस्त हैं कि उन्हें इन बच्चों के भविष्य की ओर कोई ध्यान भी नहीं है। विद्यालयों में पढ़ाई छोड़ ढिबरा चुनते हैं मासूम बच्चे बता दें इन दिनों तिसरी और गावां के सुदूरवर्ती इलाकों में आदिवासी नाबालिक बच्चे अब शिक्षा और खेल से दूर होते जा रहे है। कई सरकारी विद्यालयों में जहां 150 और 200 बच्चों का नामांकन है, वहां अब मात्र गिने चुने बच्चे ही पढ़ने आते हैं। अगर इन बच्चों को कहीं खोजना है तो आप आसपास के क्षेत्र के किसी ईट भट्ठे और छोटे बड़े ढीबरा खदानों के आसपास उन्हे खोज सकते हैं, जहां वे आसानी से ढीबरा चुनते या काम करते नजर आ जायेंगे।
प्रखंड में संचालित है कई सामाजिक संस्थानें, फिर भी बच्चे को नहीं मिल रहा उनका अधिकार बताते चलें कि क्षेत्र में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, सवेरा फाउंडेशन, जागो फाउंडेशन, चाइल्ड लाइन समेत कई सरकारी और गैरसरकारी सामाजिक संस्थाएं सक्रिय है, जो दिखाती तो है कि उनके रहते क्षेत्र में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है। लेकिन इन तस्वीरों को देख कर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सभी सामाजिक संस्थानों का दावा शतप्रतिशत सही नहीं है। वन विभाग और पुलिस करती है क्षेत्र में ढिबरा बंद करने का दावा, सच्चाई कुछ और अगर हम बात करें क्षेत्र में ढिबरा व्यवसाई की तो यहां की ना सिर्फ पुलिस बल्कि वन विभाग के कर्मी भी अपने और से दावा करते है कि उनके क्षेत्र में ढिबरा का अवैध व्यवसाई नहीं चल रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा की गई कार्यवाई उनके ही दावों को खोखली साबित कर देती है। हालांकि यह कहना गलत होगा कि यहां कि पुलिस और वन विभाग की टीम इस मामले में एक्टिव नहीं है। क्योंकि वजह कुछ भी हो उनके द्वारा कई बार ढिबरा लदे वाहनों को जब्त भी किया गया है। हालांकि ये अलग बात है कि यहां के ढिबरा व्यवसाई इन दोनों को अंगूठा दिखाने में कभी बाज नहीं आते हैं।
ऐसे होती है ढिबरा की अवैध खरीद बिक्री प्राप्त जानकारी के अनुसार तिसरी एवं गावां के पंचरुकी, मनसाडीह, कोदईबांक, सिरसिया, खटपोंक, करणपुरा, भुराई, हरलाघाटी, चरकी, धरवे नवाडीह सहित कई इलाकों में नाबालिग बच्चे, महिला व पुरुष द्वारा ढीबरा का अवैध खनन किया जाता है। जिसके बाद ढिबरा व्यवसाई इन लोगों के घर ढीबरा खरीदने आते हैं। यहां से ढिबरा लेने के बाद वे सभी ट्रैक्टर या बाइक के माध्यम से इसे कई जगह बनाए गए डंपिंग स्थान में डंप करते हैं। जहां से ट्रक और पिकअप के माध्यम से इन्हे अलग अलग रास्तों से रात के अंधेरे में गिरिडीह व कोडरमा भेजा जाता है। सरकार से लगातार होती रही है ढिबरा को वैध करने की मां बता दें तिसरी और गावां के लोगों का जीवन ढिबरा पर आश्रित है। यहां के ग्रामीणों से लेकर कई राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा कई बार ढीबरा को वैध करने को लेकर आवाज भी उठाया गया है। बीच में हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा इसके लिए नियम बना कर खरीदारी भी शुरू की गई थी। पर यह सिर्फ खोखली हो साबित हुई। अगर सरकार इस पर ध्यान दे और कड़े नियम लाकर इसे वैध करे तो इससे ना सिर्फ नाबालिक बच्चों की जिंदगी बचेगी बल्कि यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
ग्रामीणों की सहयोग से तिसरी पुलिस ने शराब लदा होंडा सिटी कार किया जब्त, ड्राइवर हुआ फरार


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी थाना की पुलिस ने शुक्रवार की देर रात ग्रामीणों के सहयोग से अवैध अंग्रेजी शराब लदी होंडा सिटी कार संख्या बीआर 03क्यू 0045 को जब्त की है। इस दौरान तेज रफ्तार कार ने न सिर्फ दो बाइक को टक्कर मार कर उसे छतिग्रस्त कर दिया, बल्कि इसके साथ ही दो लोगों को मामूली चोटें भी आई। वहीं चालक जंगल में बच कर फरार होने में कामयाब हो गया। वहीं इन सब से गुस्साए ग्रामीणों में कार में जम कर तोड़ फोड़ किया है।

कार से बिहार ले जाया जा रहा था अवैध अंग्रेजी शराब

मिली जानकारी के अनुसार तिसरी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध विदेशी शराब लदी एक कार बिहार की ओर जा रही है। इसी सूचना के आधार पर तिसरी और लोकाई थाना प्रभारी ने उक्त वाहन का खोजबीन शुरू कर दिया। कुछ समय के बाद लोकाइ में वाहन चेकिंग देखते हुए यह कार वापस तिसरी की ओर आने लगी। इसी क्रम में उसने तिसरी थाना प्रभारी को भी चकमा दिया और चालक तेज रफ्तार में कार को लेकर भंडारी के रास्ते फरार हो गया।

तेज रफ्तार कार ने दो बाइक को किया क्षतिग्रस्त

तिसरी थाना प्रभारी को कार के भंडारी रास्ते में सूचना मिलते ही उनके द्वारा कई ग्रामीणों के साथ संपर्क किया गया, जिसके बाद अलग अलग ग्राम के ग्रामीणों द्वारा गाड़ी को रोकने का भरसक प्रयास किया गया। किंतु उक्त शराब लदा वाहन इतनी तेज रफ्तार में था कि उस रोकने के क्रम में करीब दो लोगों को मामूली चोट भी आया, जबकि दो मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए चालक वहां से फरार हो गया।


जेसीबी लगा कर ग्रामीणों ने रोका कार

बता दें कि अंत में जाकर किशुटांड सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने घांगरीकुरा से कुछ दूर पूर्व जेसीबी लगा कर सड़क जाम कर दिया। इसी बीच चालक उक्त वाहन को छोड़कर घने जंगल के बीच फरार हो गया। जिसके बाद रास्ते में रफ ड्राइविंग और लोगों के वाहनों में टक्कर मारने से नाराज ग्रामीणों ने पूरी गाड़ी को छतिग्रस्त कर दिया।

ग्रामीणों के गाड़ी पकड़ने के बाद पहुंची पुलिस

बताते चलें कि गाड़ी के रुक जाने के करीब 10 मिनट बाद तिसरी थाना प्रभारी भी वहां पहुंचे और उन्होंने गाड़ी समेत उसमे रखे अवैध अंग्रेजी शराब की पेटियों को जब्त किया। इसके साथ ही मिस्त्री की मदद से गाड़ी का लोक तोड़कर उसे अपने साथ लाने लाने की प्रयास में जुट गए।

जांच के पश्चात होगी कार्रवाई : थाना प्रभारी

मौके पर उपस्थित थाना प्रभारी संजय नायक ने बताया कि चालक और गाड़ी मालिक के बारे में पता लगाया जा रहा है। जांच के उपरांत आगे की कानूनी करवाई की जाएगी।