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Aug 12 2024, 20:22

वनडे में मौका नहीं मिलने पर संजू सैमसन ने कही ये बात

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें लेकर फैंस अक्सर आवाज उठाते रहते हैं. उन्हें लगातार मौके दिए जाने की मांग होती है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि उन्हें जितने मौके मिलने चाहिए, उतने नहीं मिलते हैं. पिछले कुछ समय में उन्हें लगभग हर सीरीज के लिए चुना गया है. हालांकि, टीम में होने के बावजूद उन्हें मैच खेलने के मौके लगातार नहीं मिले. वनडे फॉर्मेट में उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार है. सैमसन साउथ अफ्रीका खिलाफ खेले आखिरी वनडे में शतक भी जड़ा था. इसके बावजूद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा ने मौका नहीं दिया. अब सैमसन ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने गौतम गंभीर की कोचिंग में खेलने का अनुभव भी शेयर किया.

मौका नहीं मिलने पर क्या बोले सैमसन?

संजू सैमसन हाल ही में केरल क्रिकेट लीग के लॉन्च इवेंट में गए थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे वनडे सीरीज से ड्रॉप किए जाने को लेकर सवाल किया. इस पर सैमसन ने दिल जीतने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि सेलेक्टर्स जब भी उन्हें सेलेक्ट करेंगे वो जाकर खेलेंगे. फिलहाल टीम इंडिया अच्छी खेल रही है उनके लिए वही बड़ी बात है. सैमसन ने आगे कहा कि वो ऐसे इंसान हैं, जो बड़े लक्ष्य के लिए खेलते हैं और हर चीज को पॉजिटिव तरीके से लेने की कोशिश करते हैं. उनके हाथ में जो चीज है, उसमें जान लगाते हैं. मीडिया से बातचीत में उन्होंने गौतम गंभीर की कोचिंग में टी20 सीरीज खेलने का के अनुभव को काफी अच्छा बताया. बता दें गंभीर हमेशा से ही उनका सपोर्ट करते रहे हैं और उन्हें भारत बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज बता चुके हैं.

फैंस का सपोर्ट बैकफायर कर जाता है’

टीम में नहीं चुने जाने पर संजू सैमसन को फैंस का जबरदस्त सपोर्ट मिलता है. उनके फैंस सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाते हैं. संजू सैमसन ने इस पर भी रिएक्ट किया. उन्होंने खुलासा किया कि पिछले 3-4 महीने उनके करियर का सबसे बेहतरीन समय रहा है. आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया और फिर वर्ल्ड कप खेलने का सपना भी पूरा हुआ. वो जिस देश भी खेलने जाते हैं, केरल के फैंस उनके लिए चीयर करते हैं. यहां तक कि टीम इंडिया की ड्रेसिंग रूम में भी ये चर्चा विषय है कि उन्हें हर जगह कैसे इतना सपोर्ट मिलता है. हालांकि, कई बार जब वो जीरो पर आउट होते हैं, तब फैंस का इतना सपोर्ट उनके लिए बैकफायर कर जाता है. उनकी ट्रोलिंग होने लगती है

वनडे में सैमसन का रिकॉर्ड

संजू सैमसन ने वनडे में कुल 16 मुकाबले खेले हैं. इसकी 14 पारियों में उन्होंने 56 की औसत से कुल 510 रन बनाए हैं. इससे 3 अर्धशतक और 1 शतक भी शामिल है. उन्होंने पिछला वनडे साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2023 में खेला था, जिसमें 108 रन बनाए थे.

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Aug 12 2024, 17:28

भारत के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 का काफी रहा यादगार , इस बार कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, जाने

भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं. इस दौरान कई ऐसे मौके आए जब भारत पदक से मामूली अंतर से चूक गया. भारत ने इस ओलंपिक में कई शानदार रिकॉर्ड भी बनाए. पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत द्वारा जीते गए पदक पर एक नजर डालते हैं.

नीरज चोपड़ा (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल

अमन सहरावत (कुश्ती) - ब्रॉन्ज मेडल

भारतीय पुरुष हॉकी टीम - ब्रॉन्ज मेडल

स्वप्निल कुसाले (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

मनु भाकर-सरबजोत सिंह (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

मनु भाकर (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल

पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक निम्नलिखित रिकॉर्ड दर्ज किए हैं

21 साल और 24 दिन की उम्र में, अमन सहरावत ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के सबसे कम उम्र के पदक विजेता बने.

नीरज चोपड़ा स्वतंत्र भारत के पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट बने जिन्होंने ओलंपिक में दो पदक जीते.

1972 के म्यूनिख के बाद पहली बार, भारत ने पुरुष हॉकी में लगातार दो ओलंपिक पदक जीते.

लक्ष्य सेन ओलंपिक खेलों में सिंगल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी थे.

भारत ने 52 वर्षों में पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुष हॉकी में ऑस्ट्रेलिया को हराया.

धीरज बोम्मडेवरा और अंकिता भकत मिक्स्ड टीम तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहे, यह तीरंदाजी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

पेरिस 2024 में शूटिंग में तीन पदक जीतने के बाद, भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के संस्करण में किसी एक खेल में सर्वाधिक मेडल जीते.

मणिका बत्रा ओलंपिक में सिंगल्स इवेंट में प्री-क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं.

मनु भाकर स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं जिन्होंने ओलंपिक के एक संस्करण में दो पदक जीते.

उल्लेखनीय रूप से, मनु भाकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनीं.

मनु भाकर-सरबजोत सिंह ने ओलंपिक में भारत का पहला शूटिंग टीम पदक जीता.

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Aug 12 2024, 12:36

विराट कोहली ने पंजाब के लोगों को देंगे ये खास तोहफा,जाने

श्रीलंका दौरे के बाद टीम इंडिया क्रिकेट से लंबे ब्रेक पर है. अब अगली सीरीज उसे 19 सितंबर से खेलनी है. ऐसे में विराट कोहली ने इस खाली वक्त का इस्तेमाल पंजाब को लोगों को खास तोहफा देने के लिए किया है. उन्होंने अपने रेस्टोरेंट बिजनेस का विस्तार करते हुए अपने पांव मोहाली में भी फैला दिए हैं. विराट के इस कदम के बाद कई लोगों के लिए नौकरियों के नए अवसर खुल गए हैं. विराट ने One8 Commune के अपने नए आउटलेट की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है.

विराट ने रेस्तरां का नया आउटलेट मोहाली में खोला

विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर मोहाली में खुले One8 Commune के नए आउटलेट का वीडियो पोस्ट किया है, जिसका कैप्शन है- मोहाली कोहलिंग. साथ ही उन्होंने पंजाब के लोगों से पूछा है कि क्या वो इसके लिए तैयार हैं.

विराट कोहली ने रेस्तरां का 10वां आउटलेट खोला

विराट कोहली के One8 Commune का ये 10वां आउटलेट है. इससे पहले गुड़गांव, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में भी विराट कोहली के One8 Commune के आउटलेट हैं. यानी, भारत के लगभग हर बड़े शहर में उन्होंने अपने पांव फैलाए हैं. विराट अपने बड़े भाई विकास कोहली के साथ मिलकर रेस्तरां का ये बिजनेस चलाते हैं.

मोहाली के लिए दिल में खास जगह- विराट

अपने नए-नए टेस्ट के लिए जाना जाने वाला वन 8 रेस्तरां मोहाली में लोगों के लिए खोल दिया गया है. विराट कोहली ने इस खास मौके पर कहा कि मोहाली का उनके दिल में खास स्थान है. उन्होंने कहा कि उनके लिए one8 Commune केवल खाने-पीने की जगह नहीं बल्कि एक ऐसी जगह से है, जहां लोग अपनी दिल की बात शेयर कर सकें. नए दोस्त बना सकें. और, जहां पंजाब की कॉम्यूनिटी के बारे में जानने को ज्यादा से ज्यादा मिल सके.

नया रेस्तरां मतलब मोहाली में नौकरी का अवसर

मोहाली में विराट का नया रेस्तरां खुलने के बाद जाहिर है लोगों के लिए वक्त बिताने का एक स्पॉट तो मिलेगा ही साथ ही कई लोगों को इसके जरिए नौकरी भी मिल सकेगी. यानी, विराट अपने इस रेस्तरां बिजनेस को शहर-शहर बढ़ाकर रोजगार के अवसर भी फैला रहे हैं.

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Aug 12 2024, 11:05

इन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर हुआ करोड़ों रुपए से ज्यादा खर्च

पेरिस ओलंपिक में भारत का सफर खत्म हो चुका है. 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चले खेलों के इस महाकुंभ में भारत की ओर से 117 एथलीट्स ने 16 खेलों में हिस्सा लिया. इस दौरान कई भारतीय एथलीट्स चौथे नंबर पर रहे और मेडल से चूक गए. इसमें पीवी सिंधू, मीराबाई चानू, निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं. वहीं विनेश फोगाट दूर्भाग्यपूर्ण तरीके से मेडल नहीं जीत सकीं. दूसरी ओर नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, स्वप्निल कुसाले, सरबजोत सिंह, अमन सहरावत और भारतीय हॉकी टीम ने मिलकर 6 मेडल जीते और पेरिस में भारत का परचम लहराया. हालांकि, ये प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, क्योंकि बड़ा दल और कई अनुभवी एथलीट्स होने के कारण भारतीय फैंस को इससे ज्यादा की उम्मीद थी. क्या आपको पता है इन 6 मेडल के लिए कितने खर्च हुए हैं? आइये हम आपको विस्तार से हर खेल और खिलाड़ी की ट्रेनिंग पर हुए खर्च को विस्तार से बताते हैं.

16 खेलों पर 470 करोड़ का खर्च

भारत की ओर से पेरिस ओलंपिक में गए 117 एथलीट्स की ट्रेनिंग पर कुल 470 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. तब जाकर हमारा देश 6 मेडल हासिल कर सका. यानी भारत को एक मेडल के लिए करीब 78.33 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े. अगर हम बात करें अलग खेलों की तो 16 खेलों में सबसे ज्यादा खर्च एथलेटिक्स पर किया गया. एथलेटिक्स के अलग-अलग खेलों के लिए कुल 96.08 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, जिसमें केवल नीरज चोपड़ा सिल्वर जीतने में सफल रहे. इसके बाद सबसे ज्यादा खर्च बैडमिंटन पर किया गया था.

बैडमिंटन में पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी और एचएस प्रणॉय हिस्सा लिया था. इनकी ट्रेनिंग पर कुल 72.03 करोड़ लगाए गए थे. हालांकि, कोई भी मेडल हासिल नहीं कर सका. बॉक्सिंग इस मामले में तीसरे नंबर पर है, जिसमें लवलीना बोरगोहेन और निकहत जरीन समेत 6 बॉक्सर्स ने हिस्सा लिया था. उनकी ट्रेनिंग के लिए 60.93 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. शूटिंग के खेल में 60.42 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसमें मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने मिलकर 2 मेडल जीते. हॉकी के लिए 41.3 करोड़ और रेसलिंग की ट्रेनिंग में 37.8 करोड़ की लागत आई. दोनों में एक-एक ब्रॉन्ज हासिल हुआ. आर्चरी में 39.18 करोड़ खर्च हुए.

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Aug 12 2024, 10:07

पेरिस ओलंपिक में इन 6 भारतीय खिलाड़ियों के हाथ से भी निकल गए मेडल

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल का सफर 6 मेडल के साथ खत्म हो गया है. कुल 117 भारतीय खिलाड़ी इस बार के ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंचे थे. इस बार भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. भारत ने 6 में से 5 ब्रॉन्ज और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं, विनेश फोगाट के मेडल पर फैसला आना अभी बाकी है. महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम इवेंट में हिस्सा लेने वाली विनेश फोगाट को फाइनल से पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था, जिससे हर एक भारतीय का दिल टूट गया. लेकिन पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के अलावा 6 और भारतीय खिलाड़ी मेडल के काफी करीब पहुंचकर चुके गए.

अर्जुन बाबुता

इस बार अर्जुन बाबुता 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में जीत सकते थे. वह बहुत कम अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे. वो शुरुआती 11 राउंड के बाद दूसरे नंबर पर रहकर सिल्वर की दावेदारी में थे, लेकिन 3 खराब शॉट के चलते उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया.

मनु भाकर

मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता. फिर मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज अपने नाम किया. लेकिन मनु वूमेन्स 25 मीटर पिस्टल इवेंट के शूटऑफ में हारकर बाहर हो गईं. इस तरह मनु अपने तीसरे मेडल से थोड़ा ही चूक गईं और चौथे नंबर पर रहीं.

मीराबाई चानू

वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के साथ भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. 49 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं मीराबाई पेरिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर रहते हुए बाहर हुईं. वह सिर्फ 1 किलो की वजह से ब्रॉन्ज मेडल जीतने में नाकाम रहीं. पिछली बार मीराबाई चानू ने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत

भारत की तीरंदाजी जोड़ी धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत भी मेडल जीतने से सिर्फ 1 कदम दूर रही. मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमेरिका की कैसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 6-2 से हराया, जिसके चलते पेरिस ओलंपिक में इनका अभियान भी चौथे नंबर पर खत्म हुआ.

महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका

स्कीट मिक्स्ड टीम स्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका को भी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय जोड़ी को इस मैच में केवल 1 अंक से हार का सामना करना पड़ा था, वरना वह ब्रॉन्ज मेडल जीत सकते थे.

लक्ष्य सेन

बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन भी मेडल से कदम दूर रह गए. लक्ष्य सेन को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा. लक्ष्य सेन ने हर सेट में बढ़त बनाई थी, लेकिन इसके बाद भी वह हार गए.

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Aug 11 2024, 19:14

1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज सहित कुल 6 पदकों के साथ पेरिस ओलंपिक 2024 का सफर भारत का हुआ समाप्त

भारत का पेरिस ओलंपिक में अभियान 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज सहित कुल 6 पदकों के साथ समाप्त हो गया. लेकिन दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा काफी दूर रह गया. भारत टोक्यो ओलंपिक के पिछले 7 पदकों के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया. इन खेलों में भारत की पदक उम्मीदों पर महिला पहलवान विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन अधिक होने का मामला काफी भारी पड़ा. हालांकि विनेश की संयुक्त रजत मिलने के अपील पर फैसला होना अभी बाकी है. विनेश के मामले पर चर्चा अभी काफी दिनों तक चलेगी. पेरिस ओलंपिक शुरू होने से पहले इस बात को बड़े जोर-शोर से दावा किया जा रहा था कि भारत इस बार ओलंपिक में दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा जरूर पार करेगा. लेकिन अंत में जाते-जारी स्थिति 6 पदक की रह गयी जिसमें कोई स्वर्ण पदक शामिल नहीं था. स्वर्ण की सबसे बड़ी उम्मीद भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा रजत पर ठिठक कर रह गए. भारत के हिस्से 5 कांस्य पदक आये जिसमें 2 तो निशानेबाज मनु भाकर ने ही दिलाये.

भारत पदक तालिका में 6 पदकों के साथ 71वें स्थान पर रहा जो कहीं से भी यह उम्मीद नहीं जगाता है कि भारत भविष्य में खेल महाशक्ति बनेगा. पेरिस खेलों में 16 खेलों में कुल 117 भारतीय एथलीटों ने भाग लिया: तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, रोइंग, नौकायन, शूटिंग, तैराकी, कुश्ती, टेबल टेनिस और टेनिस. भारत ने पेरिस ओलंपिक में 6 पदक जीते, 1 रजत और 5 कांस्य. हालाँकि ऐतिहासिक प्रदर्शन की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन देश 2021 में पुनर्निर्धारित टोक्यो ओलंपिक में अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ को पार करने से थोड़ा पीछे रह गया, जब उन्होंने 7 पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य) हासिल किए और 48वें स्थान पर रहा था.

भारत का पेरिस ओलंपिक अभियान कुश्ती क्वार्टर फाइनल में रीतिका हुडा के हारने के साथ ही समाप्त हो गया और गोल्फर अदिति अशोक और दीक्षा डागर पदक की दौड़ से बाहर हो गईं.

दोहरी पदक संख्या की उम्मीदों के टूटने के बीच कुछ खिलाडियों के प्रदर्शन हालांकि ऐसे रहे जिन्हें लम्बे समय तक याद रखा जाएगा. एथलेटिक्स ने 29 सदस्यीय मजबूत टीम के साथ भारत का नेतृत्व किया, जबकि देश ने शूटिंग स्पर्धाओं में 21 निशानेबाजों की अपनी सबसे बड़ी टुकड़ी को भी मैदान में उतारा. पदकों की खोज से परे, भारतीय एथलीटों ने 6 स्पर्धाओं में चौथे स्थान पर रहने के बाद पदकों से चूकने के साथ-साथ खेलों में नए रिकॉर्ड स्थापित किये.

मनु भाकर का डबल

पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. इसके अलावा, वह स्वतंत्रता के बाद खेलों के एक ही संस्करण में कई पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं.

पेरिस 1900 में पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक के साथ नॉर्मन प्रिचर्ड भारत के लिए एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले पहले एथलीट थे.

मनु महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में पहुंच गईं और एथेंस 2004 के बाद शूटिंग में ओलंपिक फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं. अगले दिन, उन्होंने इसमें कांस्य पदक जीता और ओलंपिक शूटिंग पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया.

बाद में मनु, सरबजोत सिंह के साथ मिलकर शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय शूटिंग जोड़ी बनीं. कुल मिलाकर, यह निशानेबाजी में भारत का छठा ओलंपिक पदक था.

भारत ने ओलंपिक में किसी एक खेल में सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका हासिल की-

जब स्वप्निल कुसाले ने 1 अगस्त को पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता, तो उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए तीसरा शूटिंग पदक हासिल किया, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी. इसने न केवल ओलंपिक में किसी एक खेल में भारत के लिए अब तक की सर्वश्रेष्ठ पदक तालिका का नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में देश को अपना पहला ओलंपिक शूटिंग पदक भी दिलाया.

इससे पहले, भारत ने कभी भी किसी भी ओलंपिक खेलों में एक ही खेल में दो से अधिक पदक नहीं जीते थे, पिछला सर्वश्रेष्ठ लंदन 2012 ओलंपिक में दो शूटिंग पदक थे - विनय कुमार (रजत, 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल) और गगन नारंग ( कांस्य, पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा). टोक्यो खेलों में रवि दहिया (57 किग्रा) और बजरंग पुनिया (65 किग्रा) ने पुरुष कुश्ती में दो पदक जीते.

एथलेटिक्स में एकमात्र नीरज चोपड़ा

शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने पेरिस 2024 में 89.45 मीटर के प्रयास के साथ अपने करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने उन्हें स्वर्ण पदक की होड़ में हरा दिया, जिन्होंने 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड हासिल किया.

हालाँकि यह स्वर्ण नहीं था, ओलंपिक रजत पदक जीतना 26 वर्षीय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, क्योंकि यह ग्रीष्मकालीन खेलों में एथलेटिक्स में भारत का केवल दूसरा पदक था - दोनों नीरज ने हासिल किए.

इस प्रक्रिया में, वह अपने टोक्यो 2020 स्वर्ण पदक में रजत जोड़ने के बाद भारत के तीसरे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता बन गए. सुशील कुमार, पीवी सिंधु अन्य दो बार के एथलीट हैं जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते.

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Aug 11 2024, 17:08

पेरिस ओलंपिक-2024 का आज अंतिम दिन,जानें कब शुरू होगा समापन समारोह

पेरिस ओलंपिक-2024 का आज अंतिम दिन है। आज रात पेरिस ओलंपिक का समापन हो जाएगा। भारत ने इस ओलंपिक में कुल 6 पदक जीते हैं। इसमें 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। ये मेडल भारतीय हॉकी टीम, मनु भाकर, सरबजोत सिंह, स्वाप्निल कुसाले, नीरज चोपड़ा और अमन सहरावत ने जीते हैं। इस बीच आइए हम आपको बताते हैं कि पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आप कब, कैसे और कहां देख सकते हैं। साथ ही समापन समारोह में भारत की ओर से कौन ध्वजवाहक होगा, इसकी भी जानकारी आपको देते हैं।

कब शुरू होगा समापन समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आज रात 12:30 (भारतीय समयानुसार) शुरू होगा। इस समारोह का भारत में लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। भारतीय फैंस इस समारोह को स्पोर्ट्स-18 चैनल पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा में देख सकेंगे।

कब शुरू होगा समापन समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह आज रात 12:30 (भारतीय समयानुसार) शुरू होगा। इस समारोह का भारत में लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। भारतीय फैंस इस समारोह को स्पोर्ट्स-18 चैनल पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा में देख सकेंगे।

मोबाइल पर यहां देख सकेंगे समारोह 

पेरिस ओलंपिक-2024 का समापन समारोह भारत में मोबाइल पर भी देखा जा सकेगा। रात 12:30 बजे से इस समारोह का लाइव टेलीकास्ट जिया सिनेमा ऐप पर किया जाएगा। खेल प्रशंसक इस समारोह को इस मोबाइल ऐप पर फ्री में देख सकेंगे।

ये करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व 

पेरिस ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में भारत की ओर से महिला वर्ग का प्रतिनिधित्व मनु भाकर और पुरुष वर्ग का प्रतिनिधित्व पीआर श्रीजेश करेंगे। मनु भाकर ने इस ओलंपिक में शूटिंग की स्पर्धा में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। जबकि, भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने दमदार प्रदर्शन से टीम को ब्रॉन्ज मेडल जिताया है। पेरिस ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में ये दोनों एथलीट भारत के ध्वजवाहक होंगे।

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Aug 11 2024, 14:28

फैंस को कब देखने को मिलेगी अगली सीरीज, जानें किस टीम से होगी टीम इंडिया की टक्कर

टीम इंडिया ने हाल ही में श्रीलंका का दौरा किया था, यहां भारतीय टीम ने तीन टी20 और इतने ही वनडे मैच खेले थे. टी20 सीरीज तो टीम इंडिया जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन वनडे सीरीज में उसे 0-2 से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब फैंस के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारतीय क्रिकेट टीम अपनी अगली सीरीज किससे और कब खेलेगी. इस खबर में हम आपको भारतीय टीम के आगे के शेड्यूल के बारे में ही बताएंगे. टीम भले ही अभी ब्रेक पर है, लेकिन इसके बाद का शेड्यूल काफी बिजी रहने वाला है.

टीम इंडिया की अगली सीरीज कब?

श्रीलंका दौरा समाप्त होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों का 43 दिनों का लंबा ब्रेक मिला है. अब भारतीय खिलाड़ी 19 सितंबर से एक्शन में नजर आएंगे. टीम इंडिया की अगली सीरीज बांग्लादेश के खिलाफ होगी, जो टेस्ट सीरीज होगी और भारत में ही खेली जानी है. दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. इसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच 3 टी20 मैच भी होंगे. टेस्ट सीरीज 19 सितंबर से 1 अक्टूबर और वनडे सीरीज 6 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच खेली जाएगी.

IND vs BAN सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- चेन्नई (19 से 23 सितंबर)

दूसरा टेस्ट- कानपुर (27 सितंबर से 1 अक्टूबर)

पहला टी20- धर्मशाला (6 अक्टूबर)

दूसरा टी20- दिल्ली (9 अक्टूबर)

तीसरा टी20- हैदराबाद (12 अक्टूबर)

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज

बांग्लादेश के बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा करेगी. इस दौरान दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी. न्यूजीलैंड के भारत दौरे का आगाज 16 अक्टूबर से होगा और आखिरी टेस्ट मैच 1 नवंबर से शुरू होगा.

IND vs NZ सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- बेंगलुरु (16 से 20 अक्टूबर)

दूसरा टेस्ट- पुणे (24 से 28 अक्टूबर)

तीसरा टेस्ट- मुंबई (1 से 5 नवंबर)

साउथ अफ्रीका दौरे पर टी20 सीरीज

इन दो टीमों की मेजबानी करने के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका जाएगी. इस दौरे पर उसे 4 टी20 मैच खेलने हैं. यह सीरीज 8 नवंबर से शुरू होगी और आखिरी मैच 15 नवंबर को खेला जाएगा.

IND vs SA सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- डरबन (8 नवंबर)

दूसरा टी20- गकबेर्हा (10 नवंबर)

तीसरा टी20- सेंचुरियन (13 नवंबर)

चौथा टी20- जोहानसबर्ग (15 नवंबर)

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सभी की नजर

टीम इंडिया साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी. दोनों टीमों के बीच बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज खेली जाएगी, जिसमें डे नाउट टेस्ट के साथ कुल 5 टेस्ट मैच होंगे. इस सीरीज की शुरुआत 22 नवंबर से होगी जो अगले साल की शुरुआत तक खेली जाएगी.

IND vs AUS सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- पर्थ (22 नवंबर से 26 नवंबर)

दूसरा टेस्ट- एडिलेड (6 दिसंबर से 10 दिसंबर)

तीसरे टेस्ट- ब्रिसबेन (14 दिसंबर से 18 दिसंबर)

चौथा टेस्ट- मेलबर्न (26 दिसंबर से 30 दिसंबर)

पांचवा टेस्ट- सिडनी (3 जनवरी से 7 जनवरी)

इंग्लैंड सीरीज से नए साल की शुरुआत

भारतीय टीम अगले साल अपनी पहली सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर पर खेलेगी. दोनों टीमों के बीच 5 टी20 और तीन मैच की वनडे सीरीज होगी. इस सीरीज के बाद भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हिस्सा लेगा है.

IND vs ENG सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- चेन्नई (22 जनवरी)

दूसरा टी20- कोलकाता (25 जनवरी)

तीसरा टी20- राजकोट (28 जनवरी)

चौथा टी20- पुणे (31 जनवरी)

पांचवा टी20- मुंबई (2 फरवरी)

पहला वनडे- नागपुर (6 फरवरी)

दूसरा वनडे- कटक (9 फरवरी)

तीसरा वनडे- अहमदाबाद (12 फरवरी)

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Aug 11 2024, 11:15

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, फिर से टल गया फैसला,अब 13 अगस्त को होगी सुनवाई

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर फैसला एक बार फिर टल गया है. CAS अब इस मामले पर फैसला 13 अगस्त को सुनाएगी. विनेश फोगाट ने खुद को डिस्क्वालिफाई करने के बाद आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है कि जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, अब 13 अगस्त को शाम 6 बजे तक इस मामले पर फैसला आ सकता है.

क्या था मामला?

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

डिस्क्वालिफिकेशन के बाद लिया संन्यास

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात की, जो पेरिस में ही मौजूद हैं. पीएम ने उनसे मामले की पूरी जानकारी मांगी और हर संभव मदद करने को कहा.

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Aug 11 2024, 09:43

ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने के बाद भी खुश नहीं अरशद नदीम!

अरशद नदीम ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. नीरज ने बुडापेस्ट में 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल था. हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे. तभी अरशद नदीम से उनके ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा. कहीं ना कहीं अरशद नदीम को इससे ज्यादा बेहतर थ्रो की उम्मीद थी.

जैवलिन थ्रो में होगी क्रिकेट जैसी टक्कर?

दूसरी और नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है. हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं. पाकिस्तान में भी यही हो रहा है. जब हम पिछले साल एशियाई खेलों में गए, अरशद घुटने की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके.अरशद का मेडल और ज्यादा बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है.

वहीं, यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जाएगी तो इस पर नीरज ने कहा, ‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी कॉम्पिटिशन हों. हमारे पास दो बड़ी कॉम्पिटिशन हैं. चार साल में ओलंपिक और दो साल में वर्ल्ड चैंपियनशिप. अगर ज्यादा कॉम्पिटिशन होते तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य कॉम्पिटिशन को देखते हैं.