इन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर हुआ करोड़ों रुपए से ज्यादा खर्च

पेरिस ओलंपिक में भारत का सफर खत्म हो चुका है. 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चले खेलों के इस महाकुंभ में भारत की ओर से 117 एथलीट्स ने 16 खेलों में हिस्सा लिया. इस दौरान कई भारतीय एथलीट्स चौथे नंबर पर रहे और मेडल से चूक गए. इसमें पीवी सिंधू, मीराबाई चानू, निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं. वहीं विनेश फोगाट दूर्भाग्यपूर्ण तरीके से मेडल नहीं जीत सकीं. दूसरी ओर नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, स्वप्निल कुसाले, सरबजोत सिंह, अमन सहरावत और भारतीय हॉकी टीम ने मिलकर 6 मेडल जीते और पेरिस में भारत का परचम लहराया. हालांकि, ये प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, क्योंकि बड़ा दल और कई अनुभवी एथलीट्स होने के कारण भारतीय फैंस को इससे ज्यादा की उम्मीद थी. क्या आपको पता है इन 6 मेडल के लिए कितने खर्च हुए हैं? आइये हम आपको विस्तार से हर खेल और खिलाड़ी की ट्रेनिंग पर हुए खर्च को विस्तार से बताते हैं.

16 खेलों पर 470 करोड़ का खर्च

भारत की ओर से पेरिस ओलंपिक में गए 117 एथलीट्स की ट्रेनिंग पर कुल 470 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. तब जाकर हमारा देश 6 मेडल हासिल कर सका. यानी भारत को एक मेडल के लिए करीब 78.33 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े. अगर हम बात करें अलग खेलों की तो 16 खेलों में सबसे ज्यादा खर्च एथलेटिक्स पर किया गया. एथलेटिक्स के अलग-अलग खेलों के लिए कुल 96.08 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, जिसमें केवल नीरज चोपड़ा सिल्वर जीतने में सफल रहे. इसके बाद सबसे ज्यादा खर्च बैडमिंटन पर किया गया था.

बैडमिंटन में पीवी सिंधु, लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी, चिराग शेट्टी और एचएस प्रणॉय हिस्सा लिया था. इनकी ट्रेनिंग पर कुल 72.03 करोड़ लगाए गए थे. हालांकि, कोई भी मेडल हासिल नहीं कर सका. बॉक्सिंग इस मामले में तीसरे नंबर पर है, जिसमें लवलीना बोरगोहेन और निकहत जरीन समेत 6 बॉक्सर्स ने हिस्सा लिया था. उनकी ट्रेनिंग के लिए 60.93 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. शूटिंग के खेल में 60.42 करोड़ रुपए खर्च हुए. इसमें मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने मिलकर 2 मेडल जीते. हॉकी के लिए 41.3 करोड़ और रेसलिंग की ट्रेनिंग में 37.8 करोड़ की लागत आई. दोनों में एक-एक ब्रॉन्ज हासिल हुआ. आर्चरी में 39.18 करोड़ खर्च हुए.

हिंडनबर्ग के खुलासे पर सेबी चीफ ने दी सफाई, रिसर्च फर्म ने दागे नए सवाल

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए सवाल खड़े किए हैं।हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, 'बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है।अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।

हिंडनबर्ग का पलटवार

हिंडनबर्ग ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।'

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया

दरअसल, चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं। वहीं, निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है। जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

निवेशकों को रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पढ़ने की जरूरी सलाह

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए। दरअसल, हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया ।

इससे पहले 10 अगस्त को अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

पेरिस ओलंपिक में इन 6 भारतीय खिलाड़ियों के हाथ से भी निकल गए मेडल

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल का सफर 6 मेडल के साथ खत्म हो गया है. कुल 117 भारतीय खिलाड़ी इस बार के ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए पेरिस पहुंचे थे. इस बार भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. भारत ने 6 में से 5 ब्रॉन्ज और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं, विनेश फोगाट के मेडल पर फैसला आना अभी बाकी है. महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम इवेंट में हिस्सा लेने वाली विनेश फोगाट को फाइनल से पहले डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था, जिससे हर एक भारतीय का दिल टूट गया. लेकिन पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के अलावा 6 और भारतीय खिलाड़ी मेडल के काफी करीब पहुंचकर चुके गए.

अर्जुन बाबुता

इस बार अर्जुन बाबुता 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में जीत सकते थे. वह बहुत कम अंतर से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे. वो शुरुआती 11 राउंड के बाद दूसरे नंबर पर रहकर सिल्वर की दावेदारी में थे, लेकिन 3 खराब शॉट के चलते उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया.

मनु भाकर

मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता. फिर मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज अपने नाम किया. लेकिन मनु वूमेन्स 25 मीटर पिस्टल इवेंट के शूटऑफ में हारकर बाहर हो गईं. इस तरह मनु अपने तीसरे मेडल से थोड़ा ही चूक गईं और चौथे नंबर पर रहीं.

मीराबाई चानू

वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के साथ भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. 49 किलोग्राम भारवर्ग में उतरीं मीराबाई पेरिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर रहते हुए बाहर हुईं. वह सिर्फ 1 किलो की वजह से ब्रॉन्ज मेडल जीतने में नाकाम रहीं. पिछली बार मीराबाई चानू ने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत

भारत की तीरंदाजी जोड़ी धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत भी मेडल जीतने से सिर्फ 1 कदम दूर रही. मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में अमेरिका की कैसी कॉफहोल्ड और ब्रैडी एलिसन की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 6-2 से हराया, जिसके चलते पेरिस ओलंपिक में इनका अभियान भी चौथे नंबर पर खत्म हुआ.

महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका

स्कीट मिक्स्ड टीम स्पर्धा के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका को भी हार का सामना करना पड़ा. भारतीय जोड़ी को इस मैच में केवल 1 अंक से हार का सामना करना पड़ा था, वरना वह ब्रॉन्ज मेडल जीत सकते थे.

लक्ष्य सेन

बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन भी मेडल से कदम दूर रह गए. लक्ष्य सेन को ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा. लक्ष्य सेन ने हर सेट में बढ़त बनाई थी, लेकिन इसके बाद भी वह हार गए.

सीएम नीतीश कुमार ने पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का लिया जायजा, दिए यह सख्त निर्देश

डेस्क : बीते शनिवार की शाम पटना में हुई चंद घंटो की बारिश में राजधानी पटना के कई इलाके जलमग्न हो गए। पटना के कई रिहाईशो इलाको में जलजमाव से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

इधर बीते रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पहाड़ी स्थित ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया तथा शहर की जलनिकासी की व्यवस्थाओं को देखा। इसके बाद उन्होंने पटना सिटी के वरमुता स्थित अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया और जलनिकासी व्यवस्था की जानकारी ली। 

निरीक्षण के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था रखें कि मानसून के दौरान तेज बारिश की स्थिति में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो। शहर के सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को पूरी तरह से क्रियाशील रखें। जलजमाव की स्थिति में तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करायें, ताकि शहरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

*दूसरे चरण के सिपाही भर्ती परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर गैंग के 5 सदस्य, कई आपत्तिजनक सामान बरामद*

डेस्क : अभी नीट परीक्षा के धांधली का मामला थमा भी नहीं है। इसी बीच बिहार में चल रहे दूसरे चरण के सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। हालांकि यह मामला पेपर लीक से जुड़ा न होकर अभ्यर्थी की जगह दूसरे के परीक्षा देने से जुड़ा है। दूसरे चरण की सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान बीते रविवार को राज्य के अलग-अलग जिलों से पांच सॉल्वर गैंग के सदस्य गिरफ्तार किए गए है। छपरा से सॉल्वर गैंग के तीन और शेखपुरा से दो सदस्य गिरफ्तार किए गए। आरोपितों के पास से ब्ल्यू टूथ, पासबुक, लैपटॉप और अन्य कागजात मिले हैं। वहीं, औरंगाबाद में प्रश्न पत्र लीक करने की साजिश रचने में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में नगर थाना के सब इंस्पेक्टर अनित कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। इस बीच, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने परीक्षा संपन्न होने के बाद विज्ञप्ति जारी कर बताया कि परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप 12 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया। इसमें 4 को गिरफ्तार किया गया और 3 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। उधर, छपरा में सॉल्वर गैंग उदय ओझा गिरोह के तीन सदस्य भगवान बाजार थाना क्षेत्र से धराये। एसपी डॉ कुमार आशीष ने बताया कि गैंग के सरगना कृष्णकांत सिंह और उदय ओझा की गिरफ्तारी को टीम गठित की गई है। वहीं, शेखपुरा के डीएम हाईस्कूल केंद्र से एक परीक्षार्थी को ब्लूटूथ के साथ पकड़ा गया। एसपी बलिराम चौधरी ने बताया कि अमृत और योगेश स्कूल के पास स्थित लालबाग मोहल्ले की पूजा कुमारी के घर में बैठकर ब्लूटूथ से परीक्षार्थी को नकल करा रहे थे।
बिहार में प्रशासनिक फेर-बदल : मयंक वरवड़े बने पटना प्रमंडल के आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा समेत इन दो विभागों का

डेस्क : बीते रविवार को बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेर-बदल किया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त को बदल दिया गया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि का स्थानांतरण करते हुए इनकी जगह मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े को पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वहीं प्रदेश के दो आईएएस को क्रमश: ऊर्जा तथा उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। जबकि दो का स्थानांतरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक वहीं गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम अगले आदेश तक गया प्रमंडलीय आयुक्त और गया स्थित बिपार्ड के अपर महानिदेशक के दैनिक कार्यों के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पॉवर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी को उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उन्हें आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार-आइडा के प्रबंध निदेशक और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि को स्थानांतरित करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव के पद पर तैनात किया गया है। साथ ही उन्हें भवन निर्माण विभाग के सचिव और बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
पटना मे दो पक्षो के बीच हुई गोलबारी,गोली लगने से एक बच्चा घायल

पटना : राजधानी पटना से इस इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां दो पक्षो में विवाद के बाद हुई गोलिवारी में एक डेढ़ साल के बच्चे को गोली लग गई है। जिसे घायल अवस्था में इलाज़ के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मामला दिदारगंज थाना क्षेत्र के महमदपुर की है। 

बताया जा रहा है किसी बात को दो पक्षों मे ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई है। जिसके बाद डेढ़ साल बच्चे दक्ष राज के हाथ मे गोली लग गयी। 

मामले में घायल दक्ष के दादा सतेंद्र सिंह ने बताया कि पोता दक्ष को महमदपुर शिव मंदिर के पास एक दुकान से कुछ सामान दिलाने गया था। तभी गांव में ही दो पक्ष किसी बात को लेकर विवाद कर रहे थे। उसी विवाद में एक पक्ष ने ताबड़तोड़ गोलाबारी करनी शुरू कर दी। जिसके बाद एक गोली पोते के हाथ मे लग गयी। 

जिसे घायल अवस्था में इलाज़ के लिए निजी नर्सिंग होंम में भर्ती कराया है। जहां उसका इलाज़ किया जा रहा है।

फिलहाल बच्चा खतरे से बाहर बताया जा रहा है।फिलहाल घटना की सूचना जब पुलिस को मिली वो घटनास्थल के लिए रवाना हो चूंकी है औऱ मामले की तफ्तीश में लग गयी है।

घायल बच्चे के दादा ने बताया कि करीब 5 से 6 राउंड गोली चलाई गई है।

फैंस को कब देखने को मिलेगी अगली सीरीज, जानें किस टीम से होगी टीम इंडिया की टक्कर

टीम इंडिया ने हाल ही में श्रीलंका का दौरा किया था, यहां भारतीय टीम ने तीन टी20 और इतने ही वनडे मैच खेले थे. टी20 सीरीज तो टीम इंडिया जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन वनडे सीरीज में उसे 0-2 से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब फैंस के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारतीय क्रिकेट टीम अपनी अगली सीरीज किससे और कब खेलेगी. इस खबर में हम आपको भारतीय टीम के आगे के शेड्यूल के बारे में ही बताएंगे. टीम भले ही अभी ब्रेक पर है, लेकिन इसके बाद का शेड्यूल काफी बिजी रहने वाला है.

टीम इंडिया की अगली सीरीज कब?

श्रीलंका दौरा समाप्त होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों का 43 दिनों का लंबा ब्रेक मिला है. अब भारतीय खिलाड़ी 19 सितंबर से एक्शन में नजर आएंगे. टीम इंडिया की अगली सीरीज बांग्लादेश के खिलाफ होगी, जो टेस्ट सीरीज होगी और भारत में ही खेली जानी है. दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. इसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच 3 टी20 मैच भी होंगे. टेस्ट सीरीज 19 सितंबर से 1 अक्टूबर और वनडे सीरीज 6 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच खेली जाएगी.

IND vs BAN सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- चेन्नई (19 से 23 सितंबर)

दूसरा टेस्ट- कानपुर (27 सितंबर से 1 अक्टूबर)

पहला टी20- धर्मशाला (6 अक्टूबर)

दूसरा टी20- दिल्ली (9 अक्टूबर)

तीसरा टी20- हैदराबाद (12 अक्टूबर)

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज

बांग्लादेश के बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा करेगी. इस दौरान दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी. न्यूजीलैंड के भारत दौरे का आगाज 16 अक्टूबर से होगा और आखिरी टेस्ट मैच 1 नवंबर से शुरू होगा.

IND vs NZ सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- बेंगलुरु (16 से 20 अक्टूबर)

दूसरा टेस्ट- पुणे (24 से 28 अक्टूबर)

तीसरा टेस्ट- मुंबई (1 से 5 नवंबर)

साउथ अफ्रीका दौरे पर टी20 सीरीज

इन दो टीमों की मेजबानी करने के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका जाएगी. इस दौरे पर उसे 4 टी20 मैच खेलने हैं. यह सीरीज 8 नवंबर से शुरू होगी और आखिरी मैच 15 नवंबर को खेला जाएगा.

IND vs SA सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- डरबन (8 नवंबर)

दूसरा टी20- गकबेर्हा (10 नवंबर)

तीसरा टी20- सेंचुरियन (13 नवंबर)

चौथा टी20- जोहानसबर्ग (15 नवंबर)

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सभी की नजर

टीम इंडिया साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी. दोनों टीमों के बीच बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज खेली जाएगी, जिसमें डे नाउट टेस्ट के साथ कुल 5 टेस्ट मैच होंगे. इस सीरीज की शुरुआत 22 नवंबर से होगी जो अगले साल की शुरुआत तक खेली जाएगी.

IND vs AUS सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- पर्थ (22 नवंबर से 26 नवंबर)

दूसरा टेस्ट- एडिलेड (6 दिसंबर से 10 दिसंबर)

तीसरे टेस्ट- ब्रिसबेन (14 दिसंबर से 18 दिसंबर)

चौथा टेस्ट- मेलबर्न (26 दिसंबर से 30 दिसंबर)

पांचवा टेस्ट- सिडनी (3 जनवरी से 7 जनवरी)

इंग्लैंड सीरीज से नए साल की शुरुआत

भारतीय टीम अगले साल अपनी पहली सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर पर खेलेगी. दोनों टीमों के बीच 5 टी20 और तीन मैच की वनडे सीरीज होगी. इस सीरीज के बाद भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हिस्सा लेगा है.

IND vs ENG सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- चेन्नई (22 जनवरी)

दूसरा टी20- कोलकाता (25 जनवरी)

तीसरा टी20- राजकोट (28 जनवरी)

चौथा टी20- पुणे (31 जनवरी)

पांचवा टी20- मुंबई (2 फरवरी)

पहला वनडे- नागपुर (6 फरवरी)

दूसरा वनडे- कटक (9 फरवरी)

तीसरा वनडे- अहमदाबाद (12 फरवरी)

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने लोकसभा में गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया था. इस बिल के पेश होते ही एक बार फिर से वक्फ बोर्ड को चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष इस संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बता रहा है और लगातार इसका विरोध कर रहा है. इस बिल को अब संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है

इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए थे. 

उद्धव ठाकरे पर बोला हमला 

असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया, 'शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे की पार्टी के जितने भी सांसद थे, वो सदन से भाग गए. जब बिल पर स्पीकर ने बोलने के लिए कहा तो उद्धव ठाकरे की पार्टी के कोई सांसद वहां नहीं बैठे थे, सब कैंटिन में बैठकर चना-चाट खा रहे थे. उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं. अब वे महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें करेंगे. उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए, लेकिन जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए. अब महाराष्ट्र के मुसलमानों को अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानना पड़ेगा.

यह बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है'

इसे पहले इस बिल पर सवाल उठाते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'केंद्र सरकार लगातार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सवाल उठा रही है. इसकी तुलना छोटे-छोटे खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्थाओं से हो रही है. भारत एक बहुत बड़ा देश है और गल्फ देशों से इसकी तुलना करना गलत है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के नियमों का उल्लंघन करता है. ये बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है.'

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, फिर से टल गया फैसला,अब 13 अगस्त को सुनवाई

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर फैसला एक बार फिर टल गया है. CAS अब इस मामले पर फैसला 13 अगस्त को सुनाएगी. विनेश फोगाट ने खुद को डिस्क्वालिफाई करने के बाद आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है कि जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, अब 13 अगस्त को शाम 6 बजे तक इस मामले पर फैसला आ सकता है.

क्या था मामला?

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

डिस्क्वालिफिकेशन के बाद लिया संन्यास

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात की, जो पेरिस में ही मौजूद हैं. पीएम ने उनसे मामले की पूरी जानकारी मांगी और हर संभव मदद करने को कहा.