Aurangabad

Aug 10 2024, 15:31

क्या है मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन का एजेंडा?

#modi_govt_100_days_action_plan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले सौ दिन खास होते हैं। 2014 के चुनाव जीतकर सत्ता में आई मोदी सरकार ने पहले सौ दिन में ही काला धन को लेकर एसआईटी बनाने जैसे बड़े फैसले लिए। वहीं अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन में सरकार ने तीन तलाक, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बड़े फैसले लिए।पीएम मोदी की अगुवाई में अब तीसरी बार सरकार बनी है। सरकार गठन को दो महीने यानी 60 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। ऐसे में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती सौ दिन के एजेंडे को लेकर चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त के मौके पर सरकार के 100 दिन के एजेंड़ों के तहत कई बड़े ऐलान कर सकते हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के शीर्ष नौकरशाहों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-एक ऐसी प्रभावशाली परियोजनाओं की पहचान करें, जिन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में लागू किया जाएगा। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी सचिवों को भेजे पत्र में यह भी कहा कि मंत्रालयों और विभागों को अपनी नीतियों और योजनाओं को तैयार करने और लागू करने में संपूर्ण सरकार के नजरिये को अपनाना होगा।

पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय, विभाग जरूरी मंजूरी पाने के बाद उनके द्वारा तैयार 100 दिन के एजेंडा में कार्य बिंदुओं को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे। सचिवों से कहा गया है कि प्रत्येक मंत्रालय और विभाग 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान घोषित पंच प्रण के तहत लागू करने के लिए योजनाएं तैयार करेंगे।

इसी साल मार्च में जब लोकसभा चुनावों की तैयारियां चल रही थीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को मंत्रालयों के लिए नई सरकार बनने के बाद पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार करने को कहा था। 21 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई तो उन्होंने सभी कैबिनेट मंत्रियों को यह निर्देश दिया था। 4 जून को चुनावी नतीजे आने के बाद 9 जून को एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनी। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने 100 दिन के एजेंडे पर बैठक की।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार करने के लिए भारत सरकार के सचिवों के समूह बनाए गए थे। अलग—अलग सेक्टर के लिए कुल 10 समूह बनाए गए थे। इन सभी समूहों ने अपने प्रेजेंटेशन कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के सामने दिए थे। 

कुछ प्रमुख लक्ष्यों में नए आपराधिक कानूनों को लागू करना और जम्मू कश्मीर में चुनाव कराना खास हैं। गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। अमित शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार 30 सितंबर की सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करना चाहती है। इसके अलावा ई—कॉमर्स, डाटा प्रोटेक्शन और विदेश व्यापार से संबंधित नीतियों में सुधार करने को भी इस एजेंडे में शामिल किया गया है।इस 100 दिवसीय एजेंडे में एक प्रमुख चर्चा विवादास्पद अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के बारे में हो सकती है, जिसकी गैर-भाजपा एनडीए सहयोगी समीक्षा चाहते हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 3,000 किलोमीटर राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, यह 700 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड कॉरिडोर को भी चालू कर सकता है। कुछ सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार की योजना को भी लागू किया जा सकता है।

Aurangabad

Aug 10 2024, 13:32

यहीं रहेंगे, वापस नहीं जाएंगे..', बांग्लादेश बॉर्डर पर नो मेंस लैंड में फंसे सैकड़ों हिन्दू, BSF ने भारत में घुसने से रोका

 बांग्लादेश में चल रही हिंसा के कारण वहाँ के नागरिक भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ऐसी कई कोशिशों को नाकाम कर दिया। BSF ने बताया कि बांग्लादेश के ठाकुरगाँव जिले के करीब 200 ग्रामीणों ने भारत में घुसने की कोशिश की, जिनमें से ज्यादातर अवामी लीग के सदस्य और हिंदू थे। BSF ने उन्हें रोकने के लिए हवा में गोलियाँ चलाईं।

उत्तर बंगाल फ्रंटियर BSF ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि उन्होंने सतर्कता बरतते हुए बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) के साथ समन्वय कर, इन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी भी सीमा उल्लंघन को रोका। हालाँकि, ग्रामीण बांग्लादेश लौटने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि भीड़ अवामी लीग के सदस्यों और हिंदुओं की तलाश कर रही है। भागे हुए लोग नो-मैन्स लैंड में ही फँसे हुए हैं, जहाँ सीमा पर बाड़ नहीं है। BSF ने उन्हें भारत से बाहर रखने के लिए एक मानव अवरोध बनाया।

BSF के DIG (उत्तर बंगाल फ्रंटियर) अमित त्यागी के अनुसार, ग्रामीण अभी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 से 500 मीटर की दूरी पर डटे हुए हैं। करीब 600 बांग्लादेशी नो-मैन्स लैंड में हैं और भारत में प्रवेश की माँग कर रहे हैं। BSF और BGB, दोनों उन्हें वापस लौटने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वे मना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि ठाकुरगाँव जिले के टेम्काभिता गाँव से बांग्लादेशी हिंदू और अन्य लोग नदी पार कर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। गाँव के लोग घर-बार छोड़कर जरूरी सामान के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनजापुर जिले की सीमा पर पहुँचे, जहाँ BSF ने उन्हें रोका हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर कई जगहों पर इसी तरह के दृश्य देखने को मिल रहे हैं। एक अन्य स्थान पर BSF ने छह लोगों को जीरो पॉइंट पर रोका है, जहाँ सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ नहीं है, जिससे यह जगह सीमा पार करने के लिए आकर्षक बन गई है। इसके कारण BSF कर्मियों पर काफी दबाव बढ़ गया है। स्थिति और गंभीर तब हो गई जब मंगलवार, 6 अगस्त 2024 की रात को अवामी लीग के पूर्व सांसद कमरुल अरेफिन, उनकी पत्नी और दो बेटियाँ पेट्रापोल-बेनापोल सीमा क्रॉसिंग पर बिना वैध वीजा के भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने देश में जान का खतरा बताते हुए भारत में प्रवेश की अपील की, लेकिन BSF ने उन्हें रोककर वापस बांग्लादेश भेज दिया, जहाँ BGB ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसी तरह BGB ने दर्शना सीमा चौकी पर अवामी लीग के दो और राजनेताओं को रोक लिया।

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Aug 10 2024, 13:31

वायनाड पहुंचे पीएम मोदी, लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों का किया हवाई सर्वेक्षण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (10 अगस्त) को केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों का दौरा किया। पीएम मोदी सुबह स्पेशल विमान से कन्नूर एयरपोर्ट पहुंचे। कन्नूर से मोदी भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से वायनाड गए। उन्होंने रास्ते में लैंडस्लाइड प्रभावित चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरीमट्टम गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। मोदी ने वो जगह भी देखी, जहां से 30 जुलाई की तबाही शुरू हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा स्थल का दौरा करने से पहले वायनाड में हवाई सर्वेक्षण किया। प्रधानमंत्री के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय पर्यटन तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी मौजूद रहे। 

मोदी का हेलीकॉप्टर वायनाड स्थित कलपेट्टा के एक स्कूल में उतरा, जहां से वे सड़क के रास्ते लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों में गए हैं। मोदी वहां रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेंगे। फिर राहत शिविरों और अस्पतालों में लैंडस्लाइड पीड़ितों और जिंदा बचे लोगों से मुलाकात करेंगे।इसके बाद प्रधानमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जहां उन्हें हादसे और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे जानकारी दी जाएगी।

इससे पहले पीएम मोदी कन्नूर हवाई अड्डे पर उतरे, जहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। बता दें कि केरल सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास और राहत कार्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।

नेता प्रतिपक्ष और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने वायनाड दौरे को लेकर पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है। उन्होंने एक्स पर लिखा- पीएम के वायनाड जाने का फैसला अच्छा है। मुझे भरोसा है कि जब प्रधानमंत्री लैंडस्लाइड से हुई तबाही खुद देखेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे। राहुल संसद में वायनाड हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर चुके हैं।

बता दे कि 30 जुलाई को भूस्खलन के कारण 400 के करीब लोगों की मौत हो गई तथा अनेक लोग लापता हैं। इस दक्षिणी राज्य में यह सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है।9 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद 8 अगस्त को सेना वायनाड से वापस लौट गई है। अभी एनडीआरएफ रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।

Aurangabad

Aug 10 2024, 12:16

अमन सेहरावत ने विनेश फोगाट से ली सबक, 10 घंटे में ही घटा लिया था 4.6 किलो वजन, जानें कैसे किया ये

#aman_sehrawat_lost_4_5_kilo_weight_in_just_10_hours_wins_bronze

भारत के महज 21 साल के पहलवान अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में शुक्रवार रात इतिहास रच दिया। अमन ने 57 किलो कैटेगिरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश को एक और पदक दिलाया। हालांकि, इस मुकाबले से पहले उन्हें रातभर वजन कम करना पड़ा। विनेश फोगाट की तरह अमन का भी वजन बढ़ गया था। बताया जा रहा है कि अमन सेहरावत ने 10 घंटे में 4.5 किलो वजन घटाकर कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल कर ली।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सेमीफाइनल मैच के बाद अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। गुरुवार को सेमीफाइनल में हार के बाद अमन सेहरावत का वजन 61.5 किलोग्राम था। जो पुरुषों के 57 किलोग्राम में स्वीकार्य सीमा से ठीक 4.5 किलोग्राम ज्यादा था। लेकिन अगले 10 घंटों में उन्होंने अपने भारतीय कोचों के साथ अथक परिश्रम करके 4.6 किलोग्राम वजन घटाया। छह सदस्यों वाले कुश्ती दल से जुड़े दो वरिष्ठ भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया के पास अब केवल एक ही ‘मिशन’ था। विनेश फोगट के साथ जो हुआ, उसके बाद वे एक और झटका बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। 

कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले से पहले अमन पूरी रात नहीं सोए और अपने वजन को कम करने में लगे रहे। वजन घटाने के मिशन की शुरुआत डेढ़ घंटे के मैट सेशन से हुई, जिसके दौरान दो वरिष्ठ कोचों ने उन्हें कुश्ती करने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद एक घंटे का हॉट बाथ सेशन हुआ। 12:30 बजे वे जिम गए, जहां अमन ने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई। इससे उनका पसीना बहा और उन्हें वजन कम करने से मदद मिली। फिर उन्हें 30 मिनट का ब्रेक दिया गया, उसके बाद पांच मिनट के सौना बाथ के पांच सेशन हुए।

आखिरी सेशन के अंत तक अमन का वजन अभी भी 900 ग्राम ज्यादा था। फिर उनको मसाज दी गई और फिर कोचों ने छतरसाल के प्रशिक्षु को हल्की जॉगिंग करने को कहा। इसके बाद पांच 15 मिनट के रनिंग सेशन हुए। सुबह 4.30 बजे तक अमन का वजन 56.9 किलोग्राम था। जो तय वजन से 100 ग्राम कम था। इसके बाद कोचों और पहलवान ने राहत की सांस ली।

भारतीय राष्ट्रीय कुश्ती दल के कोच विरेंद्र दहिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। दहिया ने कहा, "मैंने पूरी रात कुश्ती मुकाबलों के वीडियो देखे। हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे। हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं। वजन कम करना हमारे लिए सामान्य बात है, लेकिन पिछले दिन (विनेश के साथ) जो हुआ, उसके कारण तनाव था, बहुत तनाव था। हम एक और पदक हाथ से जाने नहीं दे सकते थे।

इससे पहले भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ओवरवेट होने की वजह से डिस्क्वालिफाई हो गई थीं। विनेश ने 50 किलो वर्ग प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था लेकिन फाइनल से पहले वो तय लिमिट से 100 ग्राम ज्यादा पाई गईं और नतीजा उन्हें अयोग्य करार दिया गया। फिलहाल विनेश का मामला सीएएस में चल रहा है जिसका फैसला जल्द आ सकता है।

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Aug 10 2024, 11:56

IPL में फिर से वापसी करेंगे रिकी पोंटिंग, कर दिया बड़ा ऐलान

हाल ही में रिकी पोंटिंग का दिल्ली कैपिटल्स के साथ उनका करार खत्म हुआ है. कोच के तौर पर पोंटिंग दिल्ली कैपिटल्स को आईपीएल का खिताब दिलाने में असमर्थ रहे जिसका उन्हें मलाल है. अब एक बार फिर पोंटिंग ने आईपीएल में कोचिंग करने को लेकर अपनी राय दी है. पोंटिंग ने माना है कि वह फिर से आईपीएल में कोच की भूमिका निभा सकते हैं. आईसीसी रिव्यू के साथ बात करते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने अपनी राय दी है. 

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आईपीएल में कोच के तौर पर वापसी को लेकर कहा, "मैं आईपीएल में फिर से किसी फ्रेंचाइजी के लिए कोंचिंग करना पसंद करूंगा. मैंने हर साल बहुत अच्छा समय बिताया है, चाहे वह खिलाड़ी के तौर पर शुरुआती दिनों में हो या मुंबई में मुख्य कोच के तौर पर बिताए गए कुछ साल. मैंने दिल्ली में सात सीज़न खेले, जो दुर्भाग्य से उस तरह से काम नहीं आया जैसा मैं चाहता था और निश्चित रूप से जिस तरह से फ्रेंचाइजी चाहती थी. मुझे लगता है कि मेरा वहां जाना टीम के लिए कुछ हासिल करने की कोशिश थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

पोंटिंग को उम्मीद है कि दिल्ली अपने अगले कोच का चयन करते समय एक अलग दृष्टिकोण अपनाएगी, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने दिल्ली की कोचिंग छोड़ने के पीछे अपने कारण भी बताए. पोंटिंग ने कहा, " फ़्रेंचाइज़ी संभवतः इस पद के लिए किसी लोकल दिग्गज को नियुक्त करेगी. दिल्ली की फ्रेंचाइजी किसी ऐसे कोच की तलाश में हैं जो उन्हें ऑफ़-सीज़न के दौरान थोड़ा और समय और दे सके, मैं बस इतना नहीं कर सकता था कि मेरे पास इसके अलावा दूसरी अन्य चीज़ें हैं."

रिकी पोंटिंग को लगता है कि दिल्ली की टीम भारतीय कोच को अपने साथ अब जोड़ना चाह रही है. पोंटिंग ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "लेकिन मैं अपने समय के लिए वास्तव में आभारी हूं जो मैंने वहां बिताया, कुछ महान लोगों से मिला, कुछ महान लोगों के साथ काम किया और जाहिर तौर पर सालों से कुछ महान खिलाड़ियों के साथ भी काम भी किया. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि अगले कुछ महीनों में मेरे लिए कुछ अवसर आ सकते हैं और मैं अगले सीजन में फिर से आईपीएल में कोचिंग करना पसंद करूंगा. हो सकता है कि मैं फिर से आईपीएल से जुड़ जाउं."

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Aug 10 2024, 11:20

मनीष सिसोदिया राजघाट निकलने से पहले लिया बजरंगबली का आशीर्वाद


दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शुक्रवार को 17 महीने बाद आखिरकार जेल से बाहर आ गए. उनके जेल से बाहर निकलने की खबर ने आम आदमी पार्टी कामें एक बार फिर से नया जोश भर दिया है. जेल से बाहर आते ही सिसोदिया सबसे पहले केजरीवाल के घर पहुंचे और उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मुलाकात की. सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. इससे पहले उन्होंने बजरंगबली का आशीर्वाद लिया. 

राजघाट के लिए निकले मनीष सिसोदिया.

मनीष सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. राजघाट में वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर उनको पुष्प अर्पित करेंगे. इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रह सकते हैं.

केजरीवाल को भी मिलेगा बजरंगबली का आशीर्वाद'

मंदिर में पूजा करने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा, "भगवान बजरंग बली ने मुझे आशीर्वाद दिया है. अरविंद केजरीवाल पर भी बजरंग बली का विशेष आशीर्वाद है. आप देखिए कि उनको भी बजरंगबली का इसी तरह आशीर्वाद मिलेगा."

Aurangabad

Aug 10 2024, 11:02

सरकारी अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान चढ़ाई एक्सपायर सलाइन

सरकारी सिस्टम की ऐसी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है. तेलंगाना के निजामाबाद जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान एक्सपायर सलाइन की बोतल दी गई.

निजामाबाद के कदेम मंडल के लिंगपुर गांव के निवासी अजरुद्दीन को बीमारी के कारण खानापुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कथित तौर पर उन्हें एक्सपायरी सलाइन की बोतल दी गई थी. मरीज के परिजनों ने जांच की मांग की है. परिजनों ने अस्पताल प्रशानश के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है और जिम्मेदारों पर कर्रवाई की मांग की है.

जब उसके भाई ने एक्सपायर्ड सलाइन को देखा, तो उसने तुरंत डॉक्टरों को सूचित किया. तब तक सलाइन खत्म चुकी बोतल को बदल दिया.

एक्सपायरी दवा के नुकसान

एक्सपायरी दवा से एलर्जी, शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है. एक्सपायरी डेट का मतलब ये होता है कि कई भी दवा किस तारीख तक पूरी तरह से असरदार और सुरक्षित है. साथ ही एक्सपायरी डेट ते बाद कंपनी दवा के सुरक्षा की गारंटी नहीं लेती है.

Aurangabad

Aug 10 2024, 10:50

क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

#govtisavoidingthesuggestionofsubclassificationsc_st

अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

Aurangabad

Aug 10 2024, 10:12

जिस महिला पर लगा था पुरुष होने का आरोप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास

पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खेलीफ ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.उन्होंने महिला बॉक्सिंग की वेल्टरवेट कैटगरी के फाइनल मुकाबले में चीन की बॉक्सर और 2023 की वर्ल्ड चैंपियन यांग लियू को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हरा दिया. इमान खेलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली अल्जीरिया की पहली महिला बॉक्सर हैं. उनके अलावा केवल होसीन सोलटानी ने पुरुष कैटेगरी में अल्जीरिया के लिए गोल्ड मेडल जीता है. ये अल्जीरिया के ओलंपिक इतिहास का 7वां गोल्ड मेडल है.प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इटली की बॉक्सर एंजेला कारिनी को हराने के बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. उनका जमकर विरोध हुआ था. यहां तक की उन्हें डिस्क्वालिफाई करने की मांग होने लगी थी.

मुश्किल था पेरिस ओलंपिक का सफर

इमान खेलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. उनके लिए गोल्ड मेडल जीतना इतना आसान नहीं था. पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें पुरुष बताकर जमकर ट्रोल किया गया. उनका खूब विरोध हुआ, यहां तक उन्हें डिस्क्वालिफाई करके बाहर निकाले जाने की भी मांग हुई. इन सभी चीजों को सहते हुए खेलीफ अपने मुकाबलों पर ध्यान देती रहीं. हालांकि, फाइनल में उन्हें खूब समर्थन मिलते देखा गया. बाउट के दौरान कई फैंस उनके नाम के नारे लगाकर चीयर कर रहे थे.

खेलीफ ने जीत के बाद हवा में पंच मारा और अल्जीरिया के झंडे के साथ विक्ट्री लैप लगाते हुए सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा. इस दौरान वो काफी इमोशनल दिखीं. खेलीफ ने कहा कि ओलंपिक चैंपियन बनना उनका 8 सालों कासपना था, जो पूरा हो चुका है. इतना ही नहीं अपने ऊपर हुए हमलों और नफरतों को लेकर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें लेकर हुए विरोध ने इस जीत को स्पेशल बना दिया है. खेलीफ ने भविष्य में इस तरह के हमले नहीं होने की उम्मीद जताई.

कबाड़ बेचकर बनीं बॉक्सर

इमान खेलीफ के लिए बॉक्सिंग का सफर संघर्षों से भरा रहा है. खेलीफ का जन्म 1999 में अल्जीरिया के तियरेत में हुआ. 25 साल की बॉक्सर को शुरुआती दौर में फुटबॉल खेलने का शौक था, लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बनाने का फैसला किया. खेलीफ ने जब बॉक्सिंग की शुरुआत की थी, तब ट्रेनिंग के लिए उन्हें बस के जरिए दूसरे गांव में जाना पड़ता था. उस वक्त खेलीफ बहुत गरीब थीं और बस से यात्रा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो कबाड़ बेचकर अपने लिए पैसे का इंतजाम करती थीं. इतना ही नहीं उनके पिता को लड़कियों का बॉक्सिंग करना बिल्कुल पसंद नहीं था. फिर भी खेलीफ ने हार नहीं मानी और सारी परेशानियों के बीच अपने खेल को जारी रखा.

2023 से चल रहा पुरुष होने का विवाद

इमान खेलीफ ने 19 साल की उम्र में 2018 AIBA महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में डेब्यू किया था. 2019 के वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वो पहले राउंड में हारकर बाहर हो गईं. वहीं 2020 के टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद साल 2023 में खेलीफ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचीं. हालांकि, गोल्ड मेडल मैच से पहले इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया. IBA ने डिसक्वालिफाई करने के पीछे खेलीफ के शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में टेस्टोसटेरोन होने का हवाला दिया था.

बाद में IBA के अध्यक्ष ने यह भी खुलासा किया था कि DNA टेस्ट के दौरान खेलीफ के शरीर में X,Y क्रोमोजोम्स पाए गए थे, जो पुरुषों में होते हैं. हालांकि, एसोसिएशन का टेस्ट भी विवादों में आ गया था. वहीं खेलीफ ने IBA के फैसले को एक बड़ी साजिश भी बताया था. पेरिस ओलंपिक में इटली के खिलाफ क्वार्टर फाइनल हुए मुकाबले के बाद वो एक बार फिर विवादों में आ गईं. इस मुकाबले में उनकी विरोधी एंजेला कारिनी ने 46 सेकेंड के बाद ही खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया था. इसके बाद खेलीफ पर पुरुष होने के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद खेलीफ को पूरी दुनिया से नफरतों का सामना करना पड़ा. फिर भी वो हार नहीं मानी और चैंपियन बनने का सपना देखती रहीं और अब उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया है.

Aurangabad

Aug 09 2024, 20:32

रफीगंज पुलिस ने नीमा चतुर्भुज के समीप से भारी मात्रा में देशी महुआ शराब के साथ एक हीरो बाइक किया जब्त, तस्कर फरार
रफीगंज औरंगाबाद: रफीगंज पुलिस ने गुरुवार की संध्या भारी मात्रा में देसी महुआ शराब को बरामद करते हुए एक हीरो बाइक को नीमा चतुर्भुज गांव के समीप से जप्त किया है। वही शराब धंधेबाज भागने में सफल हो गया। जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एक शराब तस्कर भारी मात्रा में शराब को लेकर कासमा की ओर से रफीगंज की ओर आ रहा है। पुलिस ने एस आई विनोद कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर नीमा चतुर्भुज गांव के समीप वाहन चेकिंग अभियान चलाए जाने लगा। कुछ देर बाद एक काला रंग के हीरो बाइक पर एक व्यक्ति आ रहा था जो पुलिस को देखकर बाइक मोड कर भागने लगा। पुलिस बल द्वारा पीछा किया गया तो वह बाइक छोड़कर गांव के खेत होते हुए झाड़ी की ओर भाग गया। पुलिस ने विधिवत तलाशी ली तो बाइक पर पांच-पांच लीटर के 10 पॉलिथीन में कुल 50 लीटर देसी महुआ शराब बरामद करते हुए बाइक को जप्त कर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुट गई।एसडीपीओ सदर2 अमित कुमार ने बताया गुप्ता सूचना के आधार पर कार्रवाई की गयी है।जिसमें शराब एवं बाइक पकड़ा गया है। सवार फरार होने में सफल हो गया।प्राथमिकी दर्ज कर फ्लावर आरोपी को पकड़ने के लिए छापामारी अभियान चलाया जा रहा है।