अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

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दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत ईडी की गिरफ्तारी मामले में मिली है। केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की 17 मई को सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके साथ ही कहा था कि केजरीवाल जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

महाराष्ट्र एमएलसी चुनावः 11 सीटों पर मैदान में 12 उम्मीदवार, क्या क्रॉस वोटिंग से बिगाड़ेगी गणित?

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महाराष्ट्र में विधान परिषद का आज चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज राज्य में 11 सीटों के लिए विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं। लोकसभा चुनावों में अपनी हालिया सफलता से उत्साहित विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिससे संभावित क्रॉस-वोटिंग और हॉर्सट्रेडिंग की स्थिति बन गई है।

विधान परिषद की 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में है। बीजेपी ने पांच और अजित पवार और शिंदे की अगुवाई वाली एनसीपी और शिवसेना ने दो-दो कैंडिडेट उतारे हैं। जबकि इंडिया गठबंधन के कांग्रेस, उद्धव की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी से एक-एक उम्मीदवार मैदान में है। बीजेपी से पंकजा मुंडे, डॉ.परिणय फुके, अमित बोरखे, योगेश टिलेकर और सदाभाऊ खोत एमएलसी चुनाव में हैं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पूर्व सांसद भावना गवली और कृपाल तुमाने तो अजित पवार की एनसीपी से शिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर प्रत्याशी हैं। वहीं, एमएलसी चुनाव में कांग्रेस से प्रज्ञा सातव, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी से मिलिंद नार्वेकर और शरद पवार की एनसीपी ने जयंत पाटिल को चुनाव लड़ाया है।

कांग्रेस की एक एमएलसी सीट पर जीत तय है, लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए बिना समर्थन जुटाए चुनावी जंग फतह करना आसान नहीं है. उद्धव ठाकरे की पार्टी के 16 विधायक हैं तो शरद पवार के पास 12 विधायक हैं। इस तरह उद्धव को साथ विधायकों का समर्थन चाहिए तो शरद पवार को 11 विधायकों का समर्थन जुटाना होगा।

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं लेकिन मौजूदा समय में 274 विधायक हैं। इस लिहाज से एक एमएलसी सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर कम से कम 23 विधायकों का समर्थन चाहिए। एनडीए के पास बीजेपी 103, एनसीपी 40 और शिवसेना 37 विधायकों के अलावा अन्य छोटे दलों के साथ 203 विधायकों का समर्थन है, लेकिन उसे अपने सभी 9 उम्मीदवारों को जिताने के लिए 207 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस तरह 4 विधायक के अतरिक्त वोटों का समर्थन जुटाना होगा.

वहीं, इंडिया गठबंधन के कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के पास 65 विधायक है, जिनमें अगर सपा और लेफ्ट के विधायकों को भी जोड़ लेते हैं तो 69 विधायक होते हैं। इंडिया गठबंधन को अपने तीनों कैंडिडेट को जिताने का पर्याप्त वोट हो रहा है, लेकिन नवाब मलिक और जिशान सिद्दीकी जैसे विधायक अजीत पवार के साथ खड़े हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन को अपनी तीनों सीटें सेफ करने के लिए अतरिक्त विधायकों को समर्थन की व्यवस्था करनी होगी। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी और बच्चू कडू की पार्टी के विधायकों का रोल अहम हो जाता है।

ऐसे खरीद-फरोख्त से बचने के लिए सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को पिछले तीन दिनों से फाइव स्टार होटलों में ठहरा रखा है और वोटिंग के लिए सीधे विधानसभा पहुंचेंगे।

केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शराब घोटाले मामले में ईडी की गिरफ्तारी को दी है चुनौती

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की 17 मई को सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं था क्योंकि केजरीवाल कई समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस नहीं आए। इसके बाद ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

इस बीच तीन दिन पहले ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की, जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल को केस का मुख्य आरोपी बताया गया है। ईडी ने चार्जशीट में कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कई दावे किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि केजरीवाल इस केस के किंगपिन हैं और साजिशकर्ता हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि गोवा इलेक्शन में रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हुआ। इसकी केजरीवाल को जानकारी थी और वो इसमें शामिल थे। चार्जशीट में केजरीवाल और आरोपी विनोद चौहान के बीच हुई व्हाट्सएप चैट की डिटेल भी दी गई है। चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम (अपराध से अर्जित आय) का भी जिक्र किया है।

ईडी ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि सीएम ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।

केंद्रीय सशस्त्र बलों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण, फिजिकल टेस्ट में छूट, केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा

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अग्निवीरों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces) में अग्निवीरों की भर्ती के लिए बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कांस्टेबलों के 10% पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। इसके साथ ही अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट दी जाएगी। जिसके तहत सीआईएसएफ और बीएसएफ में 10 फीसदी सीटें उनके लिए आरक्षित रहेंगी। सीआईएसएफ और बीएसएफ के प्रमुखों ने गुरुवार को इसका एलान किया।

सीआईएसएफ डीजी नीना सिंह ने कहा है कि पूर्व अग्निवीरों को आयु सीमा में भी छूट मिलेगी। यह व्यवस्था एक ओर सीआईएसएफ के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सीआईएसएफ को प्रशिक्षित, सक्षम और योग्य मैनपावर मिलेगा। इससे फोर्स में डिसिप्लिन होगा। उसी तरह इससे पूर्व अग्रिवीरों को सीआईएसएफ में सेवा देने का मौका मिलेगा।

इसको लेकर बीएसएफ डीजी का भी बयान आया है। बीएसएफ डीजी नितिन अग्रवाल ने कहा है कि हम सैनिक तैयार कर रहे हैं। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। इसका लाभ सभी बलों को मिलेगा। अग्निवीरों को भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

बता दें कि अग्निवीर योजना शुरुआत से ही विवादों में रही है। हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में इस विषय को उठाया था और कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर यह योजना खत्म कर दी जाएगी। अग्निवीर योजना का विपक्ष शुरुआत से ही विरोध करता रहा है और इसमें लगातार कई खामियां निकाली गई हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि काफी सोच-समझकर और विचार विमर्श के बाद यह योजना लाई गई और यह सेना के हित में है।आपको बता दें कि हाल ही में अग्निपथ और अग्निवीर योजना को लेकर देश की संसद में काफी हंगामा मचा था। इसके ठीक बाद रक्षा मंत्रालय ने ये बड़े फैसले लिए हैं।

रूस-चीन के रिश्ते से क्यों उड़ी नाटो की नींद?

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उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश इस वक्त अमेरिका के वाशिंगटन में हैं। नाटो की 75वीं सालगिरह पर इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है। समिट में नाटो के सदस्य देशों ने रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों पर गहरी चिंता जाहिर की है। रूस और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों को देख नाटो की नींद उड़ गई है।नाटो नेताओं ने बुधवार (10 जुलाई) को चीन को यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में "निर्णायक समर्थक" करार दिया और उस पर मॉस्को के हमले में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया। 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन में अपने शिखर सम्मेलन से साझा किए गए एक घोषणापत्र में, नाटो नेताओं ने रूस के साथ चीन के गहरे होते संबंधों पर "गहरी चिंता" व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन रक्षा औद्योगिक आधार के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के माध्यम से यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का निर्णायक समर्थक बन गया है।"

नाटो ने अपने वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की महत्वाकांक्षाएं और आक्रामक नीतियां लगातार हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती दे रही हैं। रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने और नया आकार देने के दोनों देशों के प्रयास गंभीर चिंता का विषय हैं।

नाटो डिक्लेरेशन में ये कहा गया है कि चीन, रूस और कई दूसरे गुटों की ओर से हम हाइब्रिड, साइबर, स्पेस अन्य खतरों का सामना कर रहे हैं। रूस चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया के साथ मिलके एक नए ग्रुप खड़ा करने के कोशिश कर रहा है। ये तीनों देश ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस की आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक मदद की है। जिसने नाटो देशों की चिंता को बढ़ा दिया है।

समिट में चीन से रूस के युद्ध प्रयासों के लिए सभी सामग्री और राजनीतिक समर्थन बंद करने का आह्वान किया गया, जिसमें "हथियार घटकों, उपकरण और कच्चे माल जैसे दोहरे उपयोग वाली सामग्रियों का हस्तांतरण शामिल है जो रूस के रक्षा क्षेत्र के लिए इनपुट के रूप में काम करते हैं।

नाटो ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि रूस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है। इसमें कहा गया है, “आतंकवाद, अपने सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समृद्धि के लिए सबसे प्रत्यक्ष खतरा है। हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं, वे वैश्विक और परस्पर जुड़े हुए हैं।” इसलिए सतर्कता के साथ नाटो ने बीजिंग समेत अन्य के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा तंत्र को मजबूत करने, रूस से लड़ाई में यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन बढ़ाने और नाटो के सदस्य देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।

महाराष्ट्र में फिर से ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ शुरू, एमएलसी चुनाव से पहले होटल में ले जाए जा रहे विधायक

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महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए होने वाले चुनाव से पहले सियासी हलचल बढ़ गई है।एक बार फिर यहां होटल पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है।महाराष्ट्र में 12 जुलाई यानी शुक्रवार को विधान परिषद का चुनाव है। 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त वोट नहीं है। इसीलिए क्रॉस वोटिंग का खतरा एमएलसी चुनाव में बना है। ऐसे में सभी दल अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने में जुट गए हैं।

सूबे की सभी सियासी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट करने और विधान परिषद चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ से बचने की जद्दोजहद में लगी हुई हैं। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सभी 16 विधायकों को मुंबई के आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल होटल में शिफ्ट किया है तो डिप्टी सीएम अजीत पवार ने अपने एनसीपी विधायकों के साथ सिद्धि विनायक मंदिर जाकर माथा टेका और फिर उन्हें एक रिसॉर्ट में ठहरा रखा है। भाजपा ने अपने और अपने समर्थक विधायकों को दक्षिण मुंबई के कफ परेड स्थित होटल ताज प्रेसीडेंट में बुला लिया है। 

अभी तक कांग्रेस ने अपने विधायकों को किसी होटल में नहीं बुलाया है। राकांपा (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। वह कहीं नहीं जाने वाले हैं।

इस बार के विधान परिषद चुनाव में सदन में 11 सदस्यों का चुनाव होना है, लेकिन प्रत्याशी 12 हैं। शिवसेना (शिंदे), भाजपा और राकांपा (अजीत) के विधायकों की कुल संख्या 197 है। इन तीनों दलों के गठबंधन ने मिलकर नौ उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें भाजपा के पांच, शिवसेना (शिंदे) के दो और राकांपा (अजीत) के भी दो उम्मीदवार हैं। यानी एनडीए के 9 और इंडिया गठबंधन से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों के आधार पर विधान परिषद की 11 में से 9 सीटों पर एनडीए को जीत मिल सकती है जबकि इंडिया गठबंधन को महज दो सीटें ही मिलती दिख रही हैं। एक एमएलसी सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर 23 विधायकों के वोटों के समर्थन की जरूरत हैं। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की आशंकाओं के बीच सभी दलों ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है, क्योंकि लोकसभा चुनावों के बाद से माहौल बदला है और शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी के कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग होती है तो इंडिया गठबंधन तीन सीटें अपने नाम कर सकती है। इसके चलते ही उद्धव ठाकरे से लेकर अजीत पवार तक अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने में जुटें हैं ताकि क्रॉस वोटिंग से बचाया जा सके।

*पाकिस्तान में सऊदी एयरलाइंस के प्लेन में लगी आग, 276 यात्री थे सवार

#saudi_airlines_plane_catches_fire_at_peshawar_airport

सऊदी अरब के एक यात्री विमान में पाकिस्तान के पेशावर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त आग लग गई। ये फ्लाइट सऊदी की राजधानी रियाद से पेशावर आई थी। फ्लाइट में करीब 300 लोग सवाल थे, सभी को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। 

पाकिस्तान के पेशावर हवाईअड्डे पर उतरते समय सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट SV792 में आग लग गई। लैंडिंग गियर में दिक्कत की वजह से टायर में आग लग गई। आग लगने के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके अलावा सभी चालक दल और यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट में सभी 276 यात्री और 21 चालक दल के सदस्य मौजूद थे।

पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) के प्रवक्ता सैफुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब फ्लाइट लैंड हो रही थी तो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने विमान के बाईं ओर के लैंडिंग गियर से धुआं और चिंगारी निकलते देखी। इस पर तुरंत ही पायलटों को सतर्क करते हुए एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू सर्विस को भी अलर्ट किया गया।

नौ महीने बाद बर्फीली पहाड़ियों से मिला जवान का शव, लद्दाख के माउंट कुन पर्वतारोहण अभियान का थे हिस्‍सा

प्रथम गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन के हवलदार ठाकुर बहादुर आले का पार्थिव शरीर नौ महीने बाद मिला है। भारतीय सेना के कोई साथी पीछे न छूटे के सिद्धांत और सेना की बेहतरीन परंपराओं के अनुसार नौ महीने की साहसिक खोज व बचाव अभियान के बाद एचएडब्ल्यूएस गुलमर्ग की टीमों ने हवलदार आले का पार्थिव शरीर माउंट कुन की बर्फीली पहाड़ियों से खोज निकाला है।

हवलदार ठाकुर बहादुर आले पिछले साल आठ अक्टूबर को लद्दाख के माउंट कुन के लिए एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान चार सदस्यीय रूट ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे। इस दौरान वह हिमस्खलन की चपेट में आ गए। कई दिनों तक लगातार खोज अभियान चलाया गया, लेकिन बदलते मौसम और लगातार हिमस्खलन के कारण उनके पार्थिव शरीर को बरामद नहीं किया जा सका था।

सैनिकों के पार्थिव शरीर को बर्फीली पहाड़ियों से किया बरामद

आखिरकार सेना के खोजी दल ने सात जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर आले और अन्य सैनिकों के पार्थिव शरीर को बर्फीली पहाड़ियों से बरामद कर लिया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को देहरादून स्थित उनकी यूनिट में लाया गया। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने हवलदार आले को अंतिम सलामी दी।

बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। हवलदार ठाकुर बहादुर आले एक बेहतरीन पर्वतारोही थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई स्कीइंग और स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने दो स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और दो कांस्य पदक जीते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, नौ वर्षीय बेटी, सात वर्षीय बेटा और बुजुर्ग माता-पिता हैं।

अब भारत में बनेगा दुनिया का सबसे घातक Su-30 फाइटर जेट, मोदी-पुतिन की मीटिंग में फाइनल हुई डील !

 मॉस्को में एक बैठक के दौरान, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत में संयुक्त रूप से Su-30 लड़ाकू विमानों के निर्माण की संभावना पर चर्चा की। इन विमानों का उत्पादन महाराष्ट्र के नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में किया जाएगा और इन्हें वैश्विक स्तर पर वितरित किया जाएगा। इससे पहले, इस कारखाने में मिग-21 लड़ाकू विमानों का उत्पादन किया जाता था।

मध्य पूर्व, अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में वायु सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सुखोई Su-30 लड़ाकू विमान को दुनिया के सबसे शक्तिशाली बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। यह हवा से जमीन और हवा से हवा दोनों तरह के मिशनों को अंजाम दे सकता है, जो अलग-अलग गति से जटिल हवाई युद्धाभ्यास करते हुए दुश्मनों को उलझाने में सक्षम है। एक 30 मिमी ग्रियाज़ेव-शिपुनोव ऑटोकैनन, जो प्रति मिनट 150 राउंड फायर करता है, जो इसे दुश्मन के विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के खिलाफ प्रभावी बनाता है। हथियार ले जाने के लिए 12 हार्डपॉइंट, जिसमें चार प्रकार के रॉकेट, चार प्रकार की मिसाइलें और दस प्रकार के बम या इनका संयोजन रखा जा सकता है। कई रैक के साथ, यह 14 हथियार रख सकता है, जो कुल 8130 किलोग्राम वजन का भार सहन कर सकता है। ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ संगतता, संभावित रूप से भारतीय मिसाइलों के लिए बाजार को बढ़ावा दे सकती है। 

Su-30 अपनी अनुकूलन क्षमता में अद्वितीय है, जिससे विभिन्न देश अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और भौगोलिक स्थितियों के अनुसार इसे अनुकूलित कर सकते हैं। भारत में, Su-30MKI वैरिएंट का निर्माण HAL द्वारा 1997 में रूस से प्राप्त लाइसेंस के तहत किया जाता है। "MKI" का अर्थ है "आधुनिक वाणिज्यिक भारतीय", जो भारतीय आवश्यकताओं के लिए जेट के अनुकूलन को दर्शाता है। इसकी अधिकतम रफ़्तार 2120 किमी/घंटा है। यह सहयोग भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है और भारत में निर्मित मिसाइलों और विमानों के लिए बाजार का विस्तार कर सकता है।

क्वांटम फिजिक्स के नोबेल विजेता ने पीएम मोदी की जमकर की तारीफ, बोले- दुनिया के हर नेता को ऐसा ही होना चाहिए

#pm_modi_meets_nobel_laureate_anton_zeilinger

रूस के दो दिन के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऑस्ट्रिया पहुंचे थे। ऑस्ट्रिया के अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी आज अलग- अलग कार्यक्रम में शिरकत की और लोगों से मुलाकात की। इस क्रम में उन्होंने ऑस्ट्रियाई भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता एंटोन जिलिंगर से मुलाकात की। इस मुलाकत के बाद एंटोन ने कहा, “मैंने अनुभव किया कि पीएम मोदी बहुत आध्यात्मिक व्यक्ति हैं और मुझे लगता है कि यह वह विशेषता है जो आज दुनिया के कई नेताओं में होनी चाहिए।”

पीएम मोदी से मिलने के बाद भौतिक विज्ञानी एंटोन जिलिंगर ने कहा हमने क्वांटम सूचना और क्वांटम प्रौद्योगिकियों की संभावनाओं और आध्यात्मिकता के बारे में भी चर्चा की। मशहूर भौत‍िक व‍िज्ञानी एंटोन जिलिंगर ने कहा, यह एक बहुत ही सुखद चर्चा थी। पीएम मोदी के साथ कई मुद्दों पर बात हुई। हमने क्वांटम इंफार्मेशन, क्‍वांटम टेक्‍नोलॉजी और आध्यात्मिकता के बारे में भी बात की। मुद्दा यह है कि आप प्रतिभाशाली युवाओं को क‍ितनी ताकत देते हैं। उनमें कुछ कर गुजरने की इच्‍छाशक्‍त‍ि है, लेकिन आध्‍यात्‍मि‍क और तकनीक अतीत हैं। इनका समन्‍यवय युवाओं को बहुत कुछ दे सकता है। मुझे लगता है क‍ि ये भारत में संभव है।

इस मुलाकात की भी एक तस्वीर पीएम मोदी ने एक्स पर शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा कि ये मुलाकात बेहतरीन रही. आगे उन्होंने लिखा कि ज्ञान और सीखने के प्रति एंटोन का जुनून स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था।

इससे पहले पीएम मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात के मौके पर पीएम मोदी ने भारत-ऑस्ट्रिया संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि चांसलर नेहमर और मैंने दुनिया में चल रहे सभी विवादों पर विस्तार से चर्चा की है, चाहे वह यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति हो। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। हम दोनों देश आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।