ये फूड खाने से मिलेगी फैटी लिवर में राहत


आजकल के भागदौड़ वाले समय खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण फैटी लिवर की समस्या भी बढ़ती जा रही है. ये एक ऐसी स्थिती है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में फैट ज्यादा जमा हो जाती है. 

फैटी लिवर साधारण बीमारी है लेकिन अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो ये गंभीर हो सकती है. बता दें कि रोजाना एक्सरसाइज नहीं करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.

खासतौर पर मानसून के दौरान लिवर से जुड़े जोखिम और भी बढ़ जाते हैं. ऐसे में अपनी डाइट में वही फूड्स शामिल करें जो लिवर की सुरक्षा करें. मानसून के मौसम में फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं.

हरी सब्जियां

हरी सब्जियों में आयरन के साथ-साथ विटामिन की मात्रा भी भरपूर होती है. पालक, केल और मटर जैसी सब्जियों को डाइट में शामिल किया जा सकता है. विटामिन और मिनरल हमारे लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.

ताजे फल

फल हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं. जामुन, संतरे, सेब और अनार जैसे फलों में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है. ये फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके लिवर को हेल्दी रखते हैं.

बेहतरीन मसाला हल्दी

हेल्दी को सबसे बेहतरीन मसाला माना जाता है. इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं. गौर हो कि हल्दी मेंकरक्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकते हैं.

साबुत अनाज

साबुत अनाज भी फैटी लिवर में बेहद फायदेमंद हैं. ब्राउन राइस, चने और दालें जैसी चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. इनमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं. इसके अलावा, ये शरीर में ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करते हैं.

हाइ़ड्रेट रहें

लिवर ठीक ढंग से फंक्शन करे, इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखें. लिवर को दुरुस्त रखने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं. पानी शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने का भी काम करता है.

सेहत के साथ साथ नारियल त्वचा के लिए भी है फायदेमंद,आइए, जानें इसका प्रयोग कर कैसे निखार सकते हैं अपनी त्वचा...?


नारियल का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, क्योंकि इसमें पोषण तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं। सेहत के साथ साथ नारियल त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। आइए, जानें इसका प्रयोग उचित ढंग से करके हम कैसे अपनी त्वचा को निखार और पौष्टिकता प्रदान कर सकते हैं। 

त्वचा के निखार के लिए करें नारियल का प्रयोग

नारियल का तेल माश्चराइजर के रूप में त्वचा पर प्रयोग किया जा सकता है, जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है और त्वचा पोषित भी रहती है। बिना कुछ मिलावट के नारियल तेल (वर्जिन कोकानेट आयल) को त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त माश्चराइजर में कुछ बूंदें नारियल तेल की मिला कर त्वचा पर लगा सकते हैं। इससे त्वचा में चमक बनी रहती है।

नारियल तेल में मौजूद लैटिक एसिड मुंहासों के लिए भी अच्छा होता है।

मेेेकअप रिमूव करने में नारियल तेल का प्रयोग लाभप्रद होता है। थोड़ा-सा नारियल तेल रूई के फाहे पर लगायें या हथेली में नारियल तेल डालें और त्वचा पर मलें। हल्के हाथों से मलने पर मेकअप साफ हो जायेगा और त्वचा कोमल बनी रहेगी।

नारियल तेल त्वचा को मुलायम बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से टोनर का काम भी करता है। नारियल तेल में वसा होने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा।

आहार में नारियल शामिल कर पौष्टिकता बढ़ायें

करी वाली सब्जी में सूखे नारियल का चूरा रिच ग्रेवी तैयार कर सेवन कर सकते हैं।

 चटनी में कच्चा नारियल डाल कर खा सकते हैं। स्वाद भी बढ़ेगा और पौष्टिकता भी मिलेगी।

 नारियल पानी का सेवन कई विटामिन्स व मिनरल्स से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में कई प्रकार की कमी दूर होगी।

सूखे नारियल का पाउडर केक-पाई बनाने में प्रयोग कर उसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।

कच्चा नारियल कद्दूकस कर सलाद पर डाल सकते हैं। स्वीड डिश में भी नारियल मिला कर उसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।

हेल्थ टिप्स:अगर खाना खाने के बाद डाइजेस्ट करने में होती है परेशानी तो अपने डेली रूटीन में करे ये बदलाव।


आज कल बदलती जीवन शैली और व्यस्त जीवन में अनहेल्दी फूड्स के कारण पाचन संबंधी समस्या आम हो गई है। सेहत के बारे में कहा जाता है कि डाइजेशन सही हो तो आधी से ज्यादा बीमारियां दूर रहती हैं. अगर खाना सही से न पचे तो शरीर को जरूरत के मुताबिक पूरे पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे आपका शरीर और रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर हो जाती है।

इम्यूनिटी कमजोर होने पर कई बीमारियां होने की आशंका रहती है. डाइजेशन से जुड़ी प्रॉब्लम अगर लगातार बनी रहें तो अपनी खान-पान और डेली रूटीन में बदलाव करना बेहद जरूरी हो जाता है।

कुछ भी खाते हैं और पचता नहीं है या फिर हर वक्त पेट में मरोड़, कब्ज की समस्या बनी रहती है तो इसके पीछे की वजह आपका कमजोर पाचन तंत्र हो सकता है. अगर आप भी आए दिन पेट से जुड़ी समस्याओं से जूझते हैं तो डेली रुटीन में कुछ छोटे-छोटे बदलाव आपके पाचन को मजबूत बनाने में हेल्पफुल रहेंगे और आप एनर्जेटिक महसूस करेंगे।

सुबह उठकर पानी

अगर डाइजेशन से परेशान हैं तो रोजाना का ये नियम बना लें कि सुबह उठकर एक गिलास गुनगुना पानी पिएं, इससे आपकी बॉडी के टॉक्सिन यानी विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और पाचन में धीरे-धीरे सुधार आने लगता है.

नाश्ता न करें स्किप

ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि काम की जल्दी में वह या तो आधा-अधूरा नाश्ता करते हैं या फिर सिर्फ चाय पीकर घर से निकल जाते हैं, लेकिन आपकी ये आदत पेट में गैस बना सकती है. इसलिए रोजाना अपना ब्रेकफास्ट टाइम से करने की आदत डालें और कोशिश करें कि ब्रेकफास्ट हेल्दी हो, खाली पेट चाय भूलकर भी नहीं पीनी चाहिए.

योग या फिर एक्सरसाइज

खुद को एनर्जी देने और हेल्दी रहने के लिए अपनी सुबह की शुरुआत योगा या फिर एक्सरसाइज, साइकलिंग, वॉक करने से करें. इससे आपका डाइजेशन तो सही रहेगा ही साथ ही आपकी पूरी बॉडी को कई हेल्थ बेनेफिट्स मिलेंगे.

डिनर का बनाएं ये नियम

रात को खाने में कोशिश करें कि हल्की चीजें ही लें ताकि पचाने में आसानी हो. खाने और सोने के बीच तकरीबन दो घंटे का अंतर रखें, इसके साथ ही खाने के बाद कुछ देर टहलने की आदत डालें.

सेहतमंद शरीर के लिए जरूरी है मिनरल्स, विटामिन्स, इसके कमी से होती है समस्याएं,आइए जानते हैं कैसे हम अपने खाद्य पदार्थो से करें इसकी पूर्ति...?

शरीर को सेहतमंद रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट जरूरी है। लेकिन आज इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे पास इतना समय नहीं होता है कि हम हेल्दी रखने वाली खाद्य पदार्थ को अपने डिश में शामिल नही कर पाते हैं । 

 एक स्वस्थ शरीर के लिए प्रोटीन, आयरन, आयोडीन, विटामिन ए, विटामिन C, विटामिन डी, विटामिन B12, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

 इसके लिए हमे यह जानना जरूरी है कि ऐसी कौन सी चीजों खाएं जो हमें ये सभी पोषक तत्व मिल जाये।

विटामिन्स और मिनरल की कमी से क्या होती है दिक्कतें

कहा जाता है कि यह शरीर पांच तत्वों से बना है।यही तत्व शरीर के सभी तत्वो को पूरा करती है।अगर हमारे शरीर मे जरूरी मिनरल्स की कमी हो जाये तो कई तरह के बीमारियों से हम परेशान होते हैं ।

 अगर आयरन की कमी हो तो थकान, एकाग्रता में कमी और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयरन की कमी का सर्वोत्तम उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। 

इसी तरह विटामिन डी की कमी से आपकी हड्डियों और मांसपेशियों में समस्या पैदा करती है। 

कैल्शियम की कमी से झुनझुनी (अक्सर होंठों, जीभ, उंगलियों और पैरों में), मांसपेशियों में दर्द, गले की मांसपेशियों में ऐंठन (जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ़ होती है), मांसपेशियों में अकड़न और ऐंठन (टिटेनी), सीज़र्स और असामान्य हृदय की धड़कन। होती है। इस तरह अन्य मिनरल और विटामिन्स के कमी से कई समस्याएं होती है।हमे इस दूर करने के लिए अपने खाद्य पदार्थों में खास चीजो को शामिल करना चाहिये

किन विटामिन्स मिनरल्स की पूर्ति किस खाद्य पदार्थों से होगी आइए जानते हैं

यहां हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स बताते हैं जिन्हें आप डाइट में शामिल कर सकते हैं। जिससे हमे शरीर में आवश्यक विटामिन्स एवं मिनरल की पूर्ति हो सकती है। 

इन चीजों को खाने से शरीर रहेगा हेल्दी और बीमारियां रहेगी दूर-

1:- मिनरल

मिनरल्स एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है. मिनरल्स में कैल्शियम, मैगनीशियम, आयरन, जिंक, पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस मौजूद होते हैं. इसकी कमी को दूर करने के लिए आप दूध, दही, लहसुन, मशरूम, अंडा, मूंगफली का सेवन कर सकते हैं. इससे इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है. 

 इस तरह से करें अजमोद का सेवन, मिनटों में कंट्रोल होगा हाई ब्लड प्रेशर

2. प्रोटीन-

प्रोटीन को शरीर के लिए कितना जरूरी माना जाता है ये तो हम सभी जानते हैं. प्रोटीन मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. बीन्स, सोया, मांस, मछली, नट्स, अंडा और कुछ अनाज को डाइट में शामिल कर प्रोटीन की कमी को दूर कर सकते हैं. 

3. विटामिन-

विटामिन कई प्रकार के होते हैं और हर विटामिन शरीर के लिए जरूरी है. शरीर को सेहतमंद रखने के लिए आप संतरा, दही, मछली, सेब, दूध आदि चीजों का सेवन कर विटामिन की पूर्ति कर सकते हैं. 

4. फोलिक एसिड-

फोलिक एसिड महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी माना जाता है. ब्रोकली, कीवी, स्ट्रॉबेरी और ग्रेपफ्रूट में फोलिक एसिड के गुण पाए जाते हैं. इनका रेगुलर सेवन कर फोलिक एसिड की कमी को दूर कर सकते हैं.

हम जिहाद की राह पर सिर्फ बर्बाद हुए हैं।
हम जिहाद की राह पर सिर्फ बर्बाद हुए हैं। हमने जिहाद के लिए इंसानियत को मारा है। अब हम भूखे मर रहे, जो भी जिहाद करेगा सब ऐसे ही तड़पेगा यही सच है। हम भूख से परेशान हैं और अल्लाह हमें दो वक्त की रोटी भी नहीं दे रहा। हमने तो अल्लाह के लिए ही जिहाद किया था। : फलीस्तीनी मुसलमान

हम जिहाद की राह पर सिर्फ बर्बाद हुए हैं। हमने जिहाद के लिए इंसानियत को मारा है। अब हम भूखे मर रहे, जो भी जिहाद करेगा सब ऐसे ही तड़पेगा यही सच है। हम भूख से परेशान हैं और अल्लाह हमें दो वक्त की रोटी

हेल्थ टिप्स:अगर शरीर में जमी फैट को कम करना है तो रोज सुबह पीजिए जीरे का पानी,जानते है कैसे करे उपयोग


आजकल लोग बढ़ते मोटापे के कारण बहुत परेशान इस व्यस्तता वाले समय में खुद के लिए समय निकालना संभव नही हो पाता ऐसे में घर में रखे सामान का उपयोग कर वजन कम कर सकते है। किचन में मौजूद मसाले सिर्फ स्वाद के लिए नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं. इन्हीं मसालों में से एक है जीरा! इसका उपयोग दालों और सब्जियों में स्वाद बढ़ाने और स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। 

जीरा न सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसमें मौजूद पोषक तत्व मोटापा कम करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में बहुत कारगर होते हैं आइए आपको बताते हैं कि सुबह खाली पेट जीरे का पानी पीने से आपको क्या फायदे होंगे.

वजन कम करने की चाह रखने वाले लोगों के लिए जीरे का पानी बहुत फायदेमंद है. जीरे में केवल 7 कैलोरी पाई जाती है, इसलिए यह आपके वजन घटाने के लिए फायदेमंद है. जीरा न केवल तेजी से वजन घटाने में मदद करता है बल्कि रक्त में मौजूद हानिकारक लिपिड के स्तर को भी कम करता है.

पाचन में सुधार: 

जीरा आपके पाचन को बेहतर बनाने में बहुत प्रभावी है. जीरे में थाइमोल और आवश्यक तेल होते हैं जो लार ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं (मुंह को साफ रखने के साथ-साथ चबाने, निगलने और पाचन प्रक्रिया में मदद करते हैं), जिससे पाचन आसान हो जाता है. इसलिए, विशेषज्ञ भी कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों को पाचन में सुधार के लिए सुबह खाली पेट जीरा पानी पीने की सलाह देते हैं.

इम्यूनिटी बूस्ट करे :

कमजोर इम्यूनिटी के कारण लोग संक्रामक रोगों की चपेट में आ जाते हैं. ऐसे में आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए जीरे के पानी का सेवन कर सकते हैं. साथ ही यह कई तरह की मौसमी बीमारियों के प्रकोप से भी बचाता है.

कोलेस्ट्रॉल कम करता है: 

कई अध्ययनों के अनुसार, जीरा खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. ऐसे में जो लोग अपने दिल की सेहत बरकरार रखना चाहते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या से बचना चाहते हैं उन्हें इसका इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए.

कैसे इस्तेमाल करें?

सुबह 1 चम्मच जीरा गर्म पानी में उबालकर पीने से आपका वजन तेजी से कम होगा, जो लोग वजन कम करने की सोच रहे हैं उन्हें जीरे का पानी जरूर पीना चाहिए. हालांकि, ध्यान रखें कि सिर्फ जीरा पानी पीने से आप अपना वजन कम नहीं कर सकते. इसके अलावा आपको नियमित व्यायाम और बेहतर आहार भी लेना होगा।

*वंशलोचन एक दिव्य पौधा है जो अपने औषधीय गुण के कारण कई बीमारियों के इलाज़ में होता है सहायक, जानिए उसके गुण और लाभ...?*


प्रकृति ने कई ऐसे अनमोल पेड़ पौधे दिए हैं जिनके दिव्य गुणों के कारण ये हमारे जीवन के लिए बहुत फायदे मंद है.ऐसे पेड़ पौधों में बंश लोचन है जिसका कई औषधीय गुण है. ये बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए फायदेमंद है. वंशलोचन जिसे तबाशीर भी कहा जाता है इसके क्या औषधीय लाभ है और इसका प्रयोग का तरीका क्या है इसको जानने के लिए पढ़िए पुरे इस आलेख को. वंशलोचन बांस के पेड़ की एक किस्म से बनता है। दरअसल, ये बांस का एक तना होता है जो कुछ पत्तियों के साथ बाहर से सख्त और अंदर से नरम होता है। वंशलोचन या ताबाशीर दिखने में एक सफेद पदार्थ की तरह दिखता है, जो मुख्य रूप से सिलिका और पानी से बना होता है. जिसमें चूने और पोटाश के निशान होते हैं, बांस की कुछ प्रजातियों से निकलते हैं। वंशलोचन का कोई स्वाद नहीं होता है। लेकिन ये जीभ पर लगाते ही पानी सोख लेता है। यह गंधहीन होता है और इसकी शेल्फ लाइफ एक वर्ष से अधिक होती है। वंशलोचन की खास बात ये है कि ये औषधीय गुणों से भरपूर है और बड़े से लेकर बच्चों तक सबके लिए फायदेमंद है। वंशलोचन के विभिन्न फायदे और उपयोग को लेकर डॉ. संजय शास्त्री जो आयुर्वेदिक चिकित्सक और लखनऊ आयुर्वेदा क्लीनिक में कार्यरत हैं। कहना है कि - यह प्रकृति द्वारा एक अनमोल पौधा है जो कई गुणों से संपन्न है. *वंशलोचन के औषधीय गुण* वंशलोचन में खास बात यह है कि इसमें सिलिकॉन डाइऑक्साइड है, जो हड्डियों, जोड़ों, टेंडन और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता। वंशलोचन के सेवन से शरीर के ऊतकों का पूरी तरह से विकास होता है। आयुर्वेद के अनुसार, ये इम्यूनो-मॉड्यूलेटर की तरह काम करता है जो कि इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें कुछ खास मेडिसनल गुण होते हैं, जैसे कि कैल्शियम आयरन से भरपूर -एंटी इंफ्लेमेटरी -इम्यूनिटी बूस्टर -एंटासिड -गठिया रोधी -एंटी बैक्टीरियल -एंटी-गाउट *वंशलोचन के क्या हैं फायदे-* *1.ये हड्डियों को मजबूत बनाता है* वंशलोचन में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसे अगर आप प्रेग्नेंसी के समय खाएं तो, आपके बच्चे की हड्डियों का विकास होता है। बड़े बच्चों को खिलाएं तो उनकी हड्डियां मजबूत होती है और बढ़ती उम्र में खाएं तो, ये हड्डियों का मजबूत बनाता है और जोड़ों के दर्द, गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे समस्याओं से बचाता है। ऐसे में आप वंशलोचन को दूध में मिला कर पी सकते हैं। *2. वंशलोचन में पित्त को शांत करने का गुण है* वंशलोचन ठंडी तासीर वाला होता है इसलिए जिन लोगों को हाथ पैर में जलन और हाथ से पसीने निकले की परेशानी होती है उनके लिए भी वंशलोचन का सेवन फायदेमंद है।ये पित्त को शांत करता है और शरीर के बाकी दोष जैसे कि वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके लिए आपको वंशलोचन के पानी का नियमित रूप से सेवन करना होगा। *3.वंशलोचन पेट में सूजन को कम करने में सहायक होता है* पेट में सूजन के कई कारण हो सकते हैं।जैसे कि पेप्टिक अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग आदि। इन सब में पेट का का कुछ भाग प्रभावित होने लगता है और पेट में सूजन आ जाती है। ऐसे में मुलेठी के साथ वंशलोचन का सेवन करने से लाभ होता है. *4.मुंह में होने वाले छालों को दूर करने में सहायक होता है वंशलोचन* पेट कि समस्याओं या अन्य इम्यून सिस्टम कि गड़बड़ी कि वजह से जिन लोगों को मुंह में छाले की समस्या हर कुछ दिनों पर हो जाती है उन्हें वंशलोचन को शहद में मिला कर इसका सेवन करना चाहिए. दरअसल, मुंह के छाले पेट की गर्मी बढ़ जाने के कारण होने लगते हैं. साथ ही जिन लोगों का पित्त ज्यादा होता है उनमें भी ये परेशानी ज्यादा होती है. तो, वंशलोचन पेट की गर्मी को शांत करता है और शहद का एंटीबैक्टीरियल गुण माउथ इंफेक्शन को कम करता है औरमुंह के छालों को ठीक करने में मदद करता है. *5.शरीर को डिटॉक्स करने में वंशलोचन होता है सहायक* शरीर में कई कारणों से कई ऐसे विशाक्त पदार्थों का सृजन होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. वंशलोचन शरीर को ऐसे पदार्थों से डिटॉक्स करता है और शरीर के सभी अंगों के काम काज करने के लिए बेहतर बनाने में मदद करता है। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और आंतों की सफाई में मददगार होता है। इसके अलावा वंशलोचन मेटाबोलिज्म को तेज करने में भी मददगार है जो कि खाने-पीने के फंक्शन को सही करने में मदद करता है। *6-बालों के विकास के में भी है वंशलोचनल है सहायक* वंशलोचन बालों के विकास में भी सहायक होता है और बालों को मजबूत करता है। यह प्रभाव इसमें प्राकृतिक सिलिका सामग्री के कारण होता है। इसमें मौजूद सिलिका बालों को पतला होने और बालों को झड़ने से रोकता है। इसका रेगुलर सेवन करने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बालों की जड़ें मजबूत रहती हैं और बाल तेजी से बढ़ते हैं। *7-एसिडिटी की समस्या को दूर करता है* लोगों के आज खान-पान में गड़बड़ी को लेकर एसिडिटी कि समस्या आम होती है वंशलोचन एसिड से छुटकारा में आपकी काफी मदद कर सकता है। सुबह खाली पेट वंशलोचन का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत होती है उन लोगो के लिए भी वंशलोचन बहुत फायदेमंद है। *8.बच्चों में मिट्टी खाने की आदत को दूर करता है* अक्सरहाँ कुछ बच्चों को मिट्टी खाने की आदत होती है और आसानी से जाती नहीं। ऐसे में इस आदत को दूर करने में वंशलोचन आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में वंशलोचन को पीस लें और शहद में मिला कर इसकी गोलियां बना कर बच्चों को दें। इससे बच्चों मेंकैल्शियम की कमीदूर हो जाएगी और मिट्टी खाने की उनकी आदत ही चले जाएगी। *9.महिलाओं के लिए फायदेमंद है वंशलोचन* महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। ये पीरियड्स के क्रैंप्स को कम करने में मदद करता है और शरीर में खून की कमी भी नहीं होने देता। साथ ही जिन महिलाओं में आयरन की कमी होती है उनके लिए भी वंशलोचन बहुत फायदेमंद है। ये उन्हें एनीमिया के लक्षण को कम करने में मदद करता है। *10-चेहरे की रंगत निखारता है वंशलोचन* चेहरे की रंगत निखारता है और आपको गोरा होने में मदद करता है। दरअसल, ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में जो महिलाएं वंशलोचन लेती हैं उनके बच्चे गोरे होते हैं। इसके अलावा वंशलोचन खून साफ करने में मदद करता है, जिससेकील-मुंहासे से छुटकारा मिलता है और रंगत भी साफ होती है। नोट :- वंशलोचन लेने से पहले आप अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर बात करें। जैसे कि शिशु को आप उनके शरीर के वजन के अनुसार 10 मिलीग्राम दे सकते हैं। बच्चे 125 से 500 मिलीग्राम तो, वयस्कों को 250 से 500 मिलीग्राम और गर्भावस्था में 125 से 250 मिलीग्राम दिन में दो बार दे सकते हैं। पर अगर आप कोई रेगुलर दवा ले रहे हैं तो, अपने डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें।