नेपाल विरोधी ताकतों का विरोध होने पर भी नेपाल हिन्दू राष्ट्र की ओर बढ रहा है - शंकर खराल

रांची डेस्क

 नेपाल में हिन्दू धर्म पहले से कहीं अधिक बढ गया है। सभी हिन्दू उस दल का समर्थन कर रहे हैं, जो हिन्दुत्व के लिए काम करता है । आज नेपाल में हिन्दू समाज बहुसंख्यक है, परंतु चीन, यूरोपीय संघ आदि विदेशी शक्तियों से आर्थिक सहायता मिलने के कारण उनके विचारों के अनुसार कार्य हो रहे हैं । 

साथ ही भारत के कुछ कट्टरपंथी वामपंथी कुछ विश्वविद्यालयों से हिन्दू विरोधी विचारधारा के कार्यकर्ता नेपाल जाकर हिन्दू विरोधी और नक्सली काम कर रहे हैं । तब भी नेपाल हिन्दू राष्ट्र की ओर तेजी से आगे बढ रहा है, ऐसा नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर खराल नेकहा। वे गोवा स्थित विद्याधिराज सभागृह में आयोजित हिन्दूसंगठन’ पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

    

    

वैश्विक स्तर पर हिन्दुओं का संगठन सनातन धर्म के कारण ही संभव है !

    इस समय अमेरिका में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंस के डॉ. नीलेश ओक ने कहा कि हिन्दू धर्म के विज्ञान को अंधविश्वास के रूप में, साथ ही राम-कृष्ण अवतारों को कल्पना के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है । वस्तुतः इनका काल आज के आधुनिक विज्ञान, खगोल विज्ञान के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है। इसलिए सभी को सनातन धर्म की शिक्षा अपने घर से ही शुरू करनी चाहिए, खासकर बच्चों से ।

     

इस अवसर पर बाली, इंडोनेशिया से आए आचार्य डॉ. धर्मयश ने कहा कि हमारी अगली पीढी ही हमारा भविष्य है । हमें उन्हें भगवद गीता, रामायण और वैदिक परंपरा सिखाकर प्राचीन संस्कृति सिखानी चाहिए। तभी हम अपना बेहतर भविष्य देख सकते हैं ।

 

 इस समय 'यूथ फॉर पनुन कश्मीर’ के अध्यक्ष विट्ठल चौधरी ने कहा कि आज भी कश्मीर में हिंदुओं को निशाना बनाकर मारा जा रहा है। कश्मीर के बाद अब आतंकी हमलों का रुख जम्मू की ओर हो गया है । कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास 'पनून कश्मीर' के निर्माण से ही संभव है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, इस सरकार को स्वीकार करते हुए कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास पर कार्रवाई करनी चाहिए।

  

     इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि भारत छोडकर गए लोग भारत लौट रहे हैं। वे न केवल भारतीय योग, अध्यात्म, आयुर्वेद, बल्कि समृद्ध एवं परिपूर्ण सनातन भारतीय ज्ञान के कारण भी सनातन धर्म की ओर आकर्षित होते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज,पक्ष -विपक्ष के ओर से प्रत्याशी मैदान में, चुनाव से तय होगा अध्यक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुलडोजर लेकर संसद चलाना चाहते हैं - वृंदा करात

रांची : 18वीं लोकसभा के स्पीकर पद के चुनाव के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अब कल संसद में नए स्पीकर को लेकर चुनाव होना है। बता दें कि 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज दूसरा दिन भी लोकसभा में शपथ ग्रहण कार्यक्रम जारी रहा। 

वहीं लोकसभा स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। NDA प्रत्याशी ओम बिरला के खिलाफ INDIA ब्लॉक ने भी अपना उम्मीदवार के. सुरेश को उतार दिया है। स्पीकर पद के लिए 26 जून को सुबह 11 बजे वोटिंग होगी।

इसी मुद्दे को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने मंगलवार को रांची में बड़ा बयान दिया। लोकसभा के विशेष सत्र के बीच उन्होंने कहा कि संसद में नरेंद्र मोदी सरकार का बुलडोजर नहीं चलने दिया जाएगा। वृंदा करात ने कहा कि संसद की परंपरा के मुताबिक, कौन स्पीकर बनेगा और कौन डिप्टी स्पीकर, इस पर पहले बातचीत होनी चाहिए। 

वैसे तो सरकार यह तय कर ले की स्पीकर सत्ता पक्ष का बनेगा, लेकिन, डिप्टी स्पीकर के पद पर विपक्ष का ही नेता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की जनता ने इन्हें सबक दिया, लेकिन उससे उन्होंने कोई सीख नहीं ली।आज भी वह बुलडोजर लेकर पार्लियामेंट चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिमंत बिश्व सरमा कहते हैं कि यहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वर्तमान सरकार के पहले झारखंड में जो सरकारें थीं, बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया। केंद्र सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।

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