विराट संत सम्मेलन व रासलीला में वृंदावन धाम से आए कलाकारों ने शिव विवाह व शिव तांडव की सुंदर लीलाओं का मंचन किया
कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। क्षेत्र के ग्राम धौरहरा में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ, विराट संत सम्मेलन व रासलीला में वृंदावन धाम से आए कलाकारों ने शिव विवाह व शिव तांडव की सुंदर लीलाओं का मंचन किया। कलाकारों ने भगवान के विभिन्न स्वरूपों की भव्य झांकियों का सजीव प्रदर्शन किया, भगवान के स्वरूपों का दर्शन कर उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
यज्ञाचार्य राधा मोहन अवस्थी ने श्रीमद् भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, इस कलिकाल में जो ब्रह्म सुख की अनुभूति करा दे वह श्रीमद् भागवत कथा है, कथा व्यास ने कहा कि कथा श्रवण मात्र करने से ही जीव के जन्म जन्मांतर के पाप एक पल में नष्ट हो जाते हैं, अगर जीव भक्ति भाव से सत्संग व कथा का श्रवण करें तो भक्ति के साथ-साथ उसे ज्ञान और वैराग्य दोनों की प्राप्ति हो जाती है। कथा व्यास ने कहा कि इस कलयुग में तो केवल श्री राम नाम संकीर्तन ही भवसागर को पार करने का एकमात्र आधार है उन्होंने कहा कि कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा, अर्थात केवल भगवान नाम का सुमिरन से ही जीव इस संसार रूपी सरोवर से पार हो जाता है।
इस मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। कथा व्यास पंडित अखिलेश महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा करते हुए, सती अनसूया की कथा का उपस्थित श्रद्धालुओं को रसपान कराया। इस अवसर पर वैदिक आचार्य, शिवराम मिश्रा,सुरनायक बाजपेई, पंडित संदीप पाण्डेय, पंडित श्याम शुक्ला, चंद्रशेखर दीक्षित, मुख्य यजमान सूर्यप्रसाद , आशाराम, उमेश कुमार, शैलेंद्र, अंकित दीक्षित सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे ।
Jun 13 2024, 14:15