Jun 10 2024, 19:32
मोदी मंत्रिमंडल में क्षत्रियों का नजर अंदाज भारी पड़ सकता है: महेंद्र कुमार सिंह
जहानाबाद: मोदी मंत्रिमंडल में बिहार से जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की गई. इसमें 2 अति पिछड़ा समाज से, 2 दलित, 2 भूमिहार, एक ब्राह्मण और एक यादव को मंत्री बनाया गया है। यानी सामाजिक समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की गई. लेकिन, इसी बीच बिहार की कुछ मुखर जाति जिनका चुनाव पर विशेष प्रभाव रहता है अब उनकी नाराजगी की खबर भी आने लगी है।
खासकर कर एनडीए के कोर वोटर रहे राजपूत और वैश्य समाज से एक भी मंत्री का न बनाना आने वाला विधानसभा के चुनाव में प्रभाव डाल सकता है। राजनीतिक गलियारे में सबसे अधिक नाराजगी राजपूत समाज की ओर से देखने को मिल रही है। बिहार में यादव के बाद सबसे अधिक 6 सांसद राजपूत समाज से ही जीतकर आए है लेकिन मंत्रिमंडल में एक भी राजपूत मंत्री को नहीं बनाया गया है। राजपूत जाति की नारजगी का बड़ा असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ने की बात कही जा रही है।
इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राजपूत समाज के वरिष्ठ नेता एवं वीर कुंवर सिंह विकास मंच के संस्थापक सह अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महासचिव महेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि केंद्र को अपनी गलती सुधार करते हुए शीघ्र ही बिहार से राजपूत समाज से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना चहिए। नही तो आने वाले विधान सभा चुनाव में एनडीए को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ज्ञात होना चाहिए की केंद्र के सरकार गठन में बिहार हमेशा अग्रणी रहा है एनडीए गठबंधन से जीतने वाले तीस सांसद के जीत में राजपूत समाज का अहम योगदान रहा है। सिर्फ कराकाट में राजपूतों की नाराजगी पूरे बिहार के समीकरण को बदल कर रख दिया। इससे सीख लेकर सुधार करने की जरूरत है नजरअंदाज करने की नहीं।
नाराजगी व्यक्त करने वालों में वीर कुंवर सिंह विकास मंच के संस्थापक सदस्य अभिमन्यु कुमार सिंह, गिरीश कुमार सिंह,उपेंद्र कुमार सिंह, रणधीर कुमार सिंह उर्फ भूनु,सोनू कुमार, संजीव कुमार सिंह, दीपू सिंह, सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया।
जहानाबद से बरूण कुमार
Jun 12 2024, 11:01