सिसवा,खजुरी माइनर में नहीं पहुंचा सरयू नहर का पानी ,धान की नर्सरी के लिए पानी के इंतजार में किसान
खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र के सिसवां, खजुरी और ऐनवा माइनर में सरयू नहर का पानी नहीं पहुंचा, स्थानीय किसान अपने खेतों में धान की नर्सरी के लिए पानी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जून माह का पहला सप्ताह बीत गया है लेकिन माइनर में पानी अब तक नहीं आया। धान की नर्सरी कैसे डाली जाए।
पानी सरयु नहर बांसगांव राजवाहा प्रथम खंड में बने कुलावे से लगभग एक मीटर नीचे है।
बीते दिनों विभाग द्वारा बनवाए गए कुलावे की स्थिति ऐसी है कि नहर में पानी बढ़ा तो पुलिया के नीचे पानी रोकने के लिए बनाए गए ठोकर की तरह कुलावा भी पानी में बह जाएगा। वहीं सिसवा चौराहे के समीप स्थित बीते नवंबर-दिसंबर माह में कुआनो एवं सरयु नहर के मिलान के लिये बनी पुलिया में भी दरार आ गई है। बताया गया कि विभागीय अधिकारियों ने कर्मचारीयों की कमी को छिपाने के लिये बोरियों में मिट्टी और बालू भरकर दरार के सामने रखवा दिया है। जिससे कि कोई इस कमी को न जान सके।
किसानों ने बताया कि खजूरी ऐनवां और सिसवा माइनर सफाई तथा देखभाल अधिकारियों के द्वारा अच्छी तरह से की जाती है। लेकिन कभी भी खेती के समय पर पानी नहीं आता है। चाहे वो खरीफ की फसल की बुवाई का समय हो या फिर रबी की। इस समय धान की नर्सरी के लिए किसानों को पानी की बेहद जरूरत है लेकिन अब तक नहर में पानी नहीं आया। बताया गया कि बीते नवंबर माह में जब पानी की जरूरत हुई तब अधिकारी सरयू नहर की खुदाई कराने लगे। ऐसी ही स्थिति आज भी है, बीते दिसंबर माह में पानी आया था उसके बाद आज तक नहर में पानी नहीं आया है। अधिकारियों को तब से अब तक नहर की मरम्मत कराने का समय नहीं मिला। वहीं मई महीने के दूसरे और तीसरे सप्ताह से ही नहर की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया जो कि अभी तक चल रहा है।
भाजपा किसान मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष जेपी त्रिपाठी और भाजपा नेता मृत्युंजय दूबे, कंस चौहान, दीप नारायण दूबे, विद्यासागर दूबे, दिलीप सिंह, रंजीत यादव, बाबूराम, हरिश्चंद्र, जवाहर दूबे, अनिल कुमार दूबे, हरिशंकर यादव समेत दर्जनों किसानों ने नहर में पानी छोड़ने और भ्रष्टाचार में संलिप्त सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी एवं अधिकारी हमेशा कोई न कोई बहाना बनाकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। इससे हर वर्ष फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंच रहा है। फसल की सिंचाई की व्यवस्था प्रभावित होने से क्षेत्र के किसानों की कड़ी मेहनत के बाद भी फसल की लागत नहीं निकल पाती है।
Jun 09 2024, 16:39