लखनऊ के बाद दिल्ली की महिलाएं भी इंडिया गठबंधन से मांग रही 1 लाख, आप सांसद राघव चड्ढा की कार को घेरा

#women_demand_money 

चुनावी घोषणाओं की हकीकत से हर कोई वाकिफ है। हर पार्टी चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है। हालांकि, चुनाव जीतने के बाद कितने पूरे होते हैं इस पर हमेशा से बड़ा प्रश्नचिन्ह होता है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का ऐसा ही क वादा उसके गले की फांस बनता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने भी 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे। कांग्रेस के ऐसे ही एक चुनावी स्कीम “खटाकट” के कारण फजीहत हो रही है।

दरअसल, कांग्रेस पार्टी की तरफ से पांच न्याय गारंटी का मेनिफेस्टो जारी किया गया था। जिसमें एक गारंटी महिलाओं को ₹100000 देने की थी। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव के समय महिलाओं के बीच अपने फार्म बांटे भी थे और उनसे वह फार्म भरवाए भी थे पर जब मंगलवार 4 तारीख को नतीजे आ गए उसके बाद आज 5 तारीख को कई महिलाएं कांग्रेस पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय पहुंचकर अपने ₹100000 लेने पहुंच गई। अब देश की राजधानी दिल्ली में भी ऐसे हालात देखे गए।

लखनऊ के बाद अब दिल्ली की महिलाएं भी इंडिया गठबंधन से अपना पैसा मांग रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में संजय सिंह और राघव चड्ढा से महिलाओं ने चुनावी वादे के एक-एक लाख रुपए माँगे। इन महिलाओं का कहना था कि उन्हें जो खटाखट-खटाखट पैसे दिए जाने के वादे किए गए थे, अब वो पैसे कहाँ हैं? 

इससे पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर मुस्लिम महिलाओं की लंबी कतार लग गई थी। ये सभी 1 लाख रुपए की माँग कर रही थीं, साथ ही कह रही थीं कि उन्हें वित्तीय लाभ दिया जाए। मुस्लिम महिलाएँ अपना-अपना पहचान-पत्र समेत अन्य दस्तावेज लेकर कांग्रेस के दफ्तर पहुँची थीं। इन महिलाओं ने अपने हाथों में कांग्रेस का ‘गारंटी कार्ड’ भी थाम रखा था, जिसमें एक लाख रुपए के वेतन के अलावा हर शिक्षित युवा को पक्की नौकरी देने का वादा किया गया है। ‘इस गारंटी कार्ड’ में कर्जमाफी का भी वादा है। मुस्लिम महिलाओं ने इन कार्ड्स को भर भी रखा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की 'खटाखट स्कीम' पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग कितना बड़ा झूठ बोलते रहे हैं। चुनाव के समय इन्होंने देश के सामान्य नागरिकों को गुमराह करने के लिए जो पर्चियां बांटी, दो दिन से मैं देख रहा हूं कि कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं, एक लाख रुपये कहां है, लोग पैसा मांग रहे हैं।

INDIA’s Biggest Electoral Scam”
“ Congress used its cadre and that of its alliance partners to influence voters by promising them ₹8500 per month if they vote for Congress. Poor needy and greedy people bought this lie and voted for Congress

If you eat mango
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Residents of thrissur give grand welcome to their newly elected and 1st BJP MP from Kerala, Shri Suresh Gopi
Residents of thrissur give grand welcome to their newly elected and 1st BJP MP from Kerala, Shri Suresh Gopi

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से पहले किले में तब्दील दिल्ली, इस तरह होगी निगहबानी

#pmswearinginceremonynoflyingzoneindelhifortwo_days 

नरेंद्र मोदी तीसरी बार रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में 7 देशों के प्रमुख नेता शामिल होंगे। पड़ोसी देशों के दो राष्ट्रपति, एक उपराष्ट्रपति और 4 प्रधानमंत्री होंगे शामिल।मोदी सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय राजधानी को किले में तब्दील कर दिया गया है। पूरी दिल्ली को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है, 9 और 10 जून को दिल्ली में धारा-144 लागू रहेगी। राष्ट्रपति भवन के आसपास एनएसजी कमांडो, ड्रोन और स्नाइपर की तैनाती होगी।

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने निषेधाज्ञा आदेश जारी करते हुए बताया कि ऐसी सूचना है कि भारत विरोधी कुछ आपराधिक, असामाजिक तत्व या आतंकवादी आम जनता, गणमान्य व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने के साथ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के पास ड्रोन और लेजर बीम गतिविधियों को रोकने के लिए भी निषेधाज्ञा लागू की गई है। बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस व सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। किसी भी अनधिकृत वाहन को सुरक्षा क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए गहन जांच की जा रही है। 

इन देशों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद

शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, भूटान, नेपाल, मॉरीशस और सेशेल्स के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के सदस्य देशों की गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित किए जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी ‘हाई अलर्ट’ पर रहेगी। समारोह के दिन दिल्ली पुलिस के स्वाट और एनएसजी के कमांडो राष्ट्रपति भवन एवं विभिन्न अहम स्थानों के आसपास तैनात रहेंगे। शपथ ग्रहण के लिए दिल्ली में थ्री टियर सिक्योरिटी (तीन लेयर की) रहेगी।

ऐसे होंगे तीन लेयर सुरक्षा के इंतजाम

-आंतरिक परिधि : राष्ट्रपति भवन और कर्तव्य पथ के आसपास का उच्च सुरक्षा क्षेत्र। शपथ समारोह यहीं होगा।

-बाहरी परिधि : उन होटलों के आसपास सुरक्षा की दूसरी परत, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और गणमान्य व्यक्ति ठहरेंगे। इनमें ताज, मौर्य, लीला और ओबेरॉय होटल शामिल हैं।

-सबसे बाहरी परिधि मध्य दिल्ली के आसपास सुरक्षा की तीसरी परत, जिसमें जमीन से हवा तक निगरानी और व्यापक सुरक्षा कवर शामिल है।

जीत के बाद पहली बार शर्मा जी राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिले। किसने कहा "मैं शेरनी हूं" पूरा वीडियो देखिए
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मेहनत में कोई कमी नहीं होगी', सरकार गठन का न्यौता मिलने के बाद बोले पीएम मोदी

सरकार गठन का न्यौता मिलने के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया।राष्‍ट्रपति से मुलाकात के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दो टर्म में जिस तरह से देश आगे बढ़ा, तीसरे कार्यकाल में उसी गति से देश आगे बढ़ेगा। उन्‍होंने कहा कि पिछले 10 साल में काम करने का जो अनुभव मिला है, उससे नए टर्म में काम करने में परेशानी नहीं होगी।

अगले पांच साल बहुत उपयोगी होंगे-मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि 10 साल के कार्यकाल के दौरान वैश्विक स्तर पर भारत की जो छवि बनी है, इसका अधिकतम लाभ अब शुरू हो रहा है।मुझे पक्का विश्वास है कि अगले पांच साल भारत के लिए बहुत उपयोगी होने वाले हैं। मैं देश की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि पिछले दो कार्यकाल में देश जिस तेजी से आगे बढ़ा है, हर क्षेत्र में बदलाव दिख रहा है और 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है।

मेहनत में कोई कमी नहीं रखेंगे-मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 18वीं लोकसभा बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे यहां व्यक्ति के जीवन में 18वीं के बहुत मायने हैं। ये परिवक्वता की उम्र है। ये 18वीं लोकसभा नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा और कुछ गुजरने वाली ऊर्जा के साथ काम करेगी. मेहनत में कोई कमी नहीं रखेंगे। एनडीए सरकार को तीसरी बार देश के लोगों ने सेवा करने का मौका दिया है। इसके लिए मैं देश के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि पिछले दो टर्म में जिस गति से देश आगे बढ़ा है, समाज के हर क्षेत्र में परिवर्तन साफ-साफ नजर आ रहा है। 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना गर्व का विषय है।

आशाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं करेंगे- PM

पीएम मोदी ने कहा कि सभी साथियों ने राष्ट्रपति जी को इसकी जानकारी दी। राष्ट्रपति जी ने मुझे अभी बुलाया था और मुझे शपथ समारोह और मंत्री परिषद की सूची के लिए सूचित किया है। शपथ के लिए मैंने राष्ट्रपति से कहा कि 9 जून की शाम को सुविधा रहेगी। हम देश वसियों को विश्वास दिलाते हैं कि हम देश की आशाओं को पूरा करने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

संसद भवन परिसर से गांधी, अंबेडकर और शिवाजी महाराज की मूर्तियां हटाई गईं, बदलाव पर मचा बवाल

संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से हटाकर दूसरी जगह स्थापित किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।कांग्रेस ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस फैसले को अनुचित कदम बताया है। संसद भवन परिसर में महापुरुषों की मूर्तियां हटाए जाने को लेकर जो विवाद उठा, उस पर लोकसभा सचिवालय की सफाई आई है। सचिवालय की ओर से कहा गया कि सेंट्रल विस्टा के तहत सौंदर्यीकरण के चलते यह मूर्तियां हटाई गई हैं। काम खत्म होने के बाद उन्हें उचित तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे काम के चलते संसद परिसर में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनकी जगह से हटाया गया है। जिसे लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को सवाल भी उठाया। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए निशाना साधा कि संसद भवन के सामने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्तियों को उनके विशिष्ट स्थानों से हटा दिया गया है। यह बेहद अपमानजनक हरकत है।

इस मामले पर लोकसभा सचिवालय ने प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा सचिवालय ने एक बयान जारी कहा, नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसद परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। संसद परिसर में देश के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं परिसर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित की गई थीं। संसद परिसर में अलग-अलग स्थानों पर स्थित होने के कारण विजिटर को इन प्रतिमाओं का दर्शन करने में दिक्कतें आ रही थी। इस कारण इन सभी प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही एक भव्य प्रेरणा स्थल में सम्मानपूर्वक स्थापित किया जा रहा है।

लोकसभा सचिवालय ने आगे कहा कि इस प्रेरणा स्थल को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि संसद परिसर में आने वाले विजिटर इन महान नेताओं की मूर्तियों को आसानी से देख सकते हैं और उनके जीवन और दर्शन से प्रेरणा ले सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना पाकिस्तान, उठाया कश्मीर का मुद्दा*
#pakistan_becomes_temporary_member_of_unsc_for_two_years पाकिस्तान गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया। वह दो साल तक सुरक्षा परिषद का सदस्य बना रहेगा। पाकिस्तान के अलावा 4 और देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के चुन लिया गया है।पाकिस्तान के साथ डेनमार्क, ग्रीस, पनामा और सोमालिया को भी सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया है। नए सदस्य देशों का ऐलान संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने किया। नए सदस्य देश जापान, इक्वाडोर, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विटजरलैंड की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। पाकिस्तान 1 जनवरी, 2025 को जापान की जगह लेगा, जो वर्तमान में एशियाई सीट पर काबिज है, और अपना आठवां दो वर्षीय कार्यकाल शुरू करेगा। 15 सदस्यीय परिषद के सदस्य के रूप में पाकिस्तान की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के बारे में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि देश का चुनाव "संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की क्षमता में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। पाकिस्तान को अस्थायी सदस्यता मिलने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कहना है, हमारा देश दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक है। हम देशों के बीच शांति, स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। सुरक्षा परिषद का सदस्य चुने जाते ही पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाया, जिसमें दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना, फिलिस्तीन और कश्मीर के लोगों के लिए आत्मनिर्णय के सिद्धांत को कायम रखना, अफगानिस्तान में सामान्यीकरण को बढ़ावा देना, अफ्रीका में सुरक्षा चुनौतियों के लिए न्यायसंगत समाधान को बढ़ावा देना, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे महत्वपूर्ण इकाई सुरक्षा परिषद का गठन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान साल 1945 में किया गया था। मूल रूप से इसके 11 सदस्य थे, जिनकी संख्या साल 1965 में बढ़ाकर 15 कर दी गई, जिससे दुनिया भर में क्षेत्रीय स्थिरता बनी रह सके. इसके पांच स्थायी सदस्य ब्रिटेन, अमेरिकी, फ्रांस, रूस और चीन हैं। इनके पास वीटो का अधिकार होता है यानी किसी मुद्दे पर अगर सभी सदस्य देश सहमत भी हो जाते हैं पर स्थायी सदस्यों में से कोई एक देश सहमत नहीं होता तो वह वीटो कर देता है और वह मुद्दा या प्रस्ताव खारिज हो जाता है। स्थायी सदस्यों के अलावा 10 अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं, जिनका कार्यकाल दो साल के लिए होता है।
क्या महाराष्ट्र में अब अजित पवार के साथ होगा खेला? शरद पवार की पार्टी का दावा एनसीपी के कई एमएलए संपर्क में

#rohit_pawar_claim_ajit_ncp_mla_want_to_return_back_in_sharad_pawar_party

एनसीपी प्रमुख अजित पवार अपने नव निर्वाच‍ित सांसद के साथ एनडीए संसदीय दल की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली में मौजूद हैं। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता रोहित पवार ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि अजित पवार गुट के 18 से 19 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। अजित महाराष्‍ट्र में भाजपा और शिवसेना शि‍ंदे गुट की एनडीए सरकार का हिस्‍सा हैं। वे राज्‍य के डिप्‍टी सीएम हैं। 

शरद पवार के पोते रोहित ने कहा, 'अजित पवार गुट के करीब 18 से 19 विधायक पवार साहब (शरद पवार) और हमारे वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। करीब 12 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। हमारा वरिष्ठ नेतृत्व तय करेगा कि कितने विधायकों को पार्टी में वापस लिया जाना चाहिए।

रोहित पवार ने कहा कि कई लोग आने को तैयार हैं, लेकिन प्राथमिकता वफादारों को दी जाएगी।महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव नतीजों पर एनसीपी-एससीपी नेता रोहित पवार ने कहा क‍ि बीजेपी ने हमारी पार्टी तोड़ी, परिवार तोड़ा। जनता ने अब उन्हें जवाब दे दिया है।

बता दें कि अजित पवार ने पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अलग हो गए थे और महाराष्ट्र की बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। जिसके बाद अजित पवार को महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर एनसीपी के ज्‍यादातर विधायक अपने साथ लेकर पार्टी पर दावा कर दिया और कोर्ट में केस जीत लिया। इसके बाद अजित पवार के नेतृत्‍व वाली पार्टी को चुनाव चिह्न मिला और मुख्‍य एनसीपी हो गई। वहीं, शरद पवार की पार्टी को एनसीपी (शरद पवार) नाम मिला और चुनाव चिह्न बदल गया।