रघुनाथपुर के दास टोला में बजरंगबली पूजा समिति द्वारा बजरंग बली की मूर्ति की गई स्थापित


सरायकेला :सरायकेला खरसावां जिला में लोगों के बीच धार्मिक आस्था दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. गांव गांव में मंदिर बनाए जा रहे हैं. आराध्य देव की मूर्ति स्थापित की जा रही है और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को रघुनाथपुर के दास टोला में बजरंगबली पूजा समिति द्वारा बजरंग बली की मूर्ति स्थापित किया गया.

 यहां बजरंग बली हनुमान का मंदिर निर्माणाधीन है. नव स्थापित बजरंग बली हनुमान जी की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पुजारी शिबू बनर्जी के द्वारा संपन्न कराया गया. मौके पर पुजारी शिबू बनर्जी ने कहा कि बजरंग बली हनुमान इस संसार के जीवित देवता हैं. इनकी पूजा अर्चना करने प्रभु श्रीराम भी प्रसन्न होते हैं.

निकाली गई भव्य कलश यात्रा

इसके पूर्व महाष्टमी के पावन अवसर पर बजरंगबली पूजा समिति की और से भव्य कलश यात्रा निकाली गई. घाघरा नदी से 201 बालिका व महिलाएं कलश यात्रा में शामिल होकर पवित्र जल माथे पर उठाया. रघुनाथपुर के दास टोला में स्थित नवनिर्मित बजरंग बली मंदिर में कलश स्थापना कर प्राण प्रतिष्ठा किया गया. 

समिति की ओर से मेरी जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर बजरंगबली की पूजा अर्चना की जाएगी. बताया गया कि ग्रामीण और भक्तों के सहयोग से जल्द मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

श्रीराम सनातन समिति चांडिल द्वारा एक प्रेस वार्ता,रामनवमी कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी का दिया जानकारी


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल स्थित होटल राहूल प्लेस में श्रीराम सनातन समिति चांडिल के द्वारा एक प्रेस वार्ता किया गया जिसकी अध्यक्षता श्रीराम सनातन समिति के अध्यक्ष आकाश महतो ने की। 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये आकाश महतो ने बताया कि 17 अप्रेल 2024 रामनवमी के शुभअवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चांडिल में श्रीराम सनातन समिति के द्वारा विशाल शोभायात्रा सह बाइक रैली का आयोजन किया गया है जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। 

इस शोभायात्रा में कोलकाता से आये नाटकीय मंडली के द्वारा आकर्षक झांकी प्रस्तुत की जाएगी। झांकी में राम लक्ष्मण जानकी, शिव पार्वती, हनुमान, राधा कृष्ण, शिव तांडव मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहेगा। 

 ढोल नगाड़ों, रामधुन के साथ पूरे अनुमंडल क्षेत्र से हजारों की तादाद में माताएं-बहनें, युवा साथी रामभक्त इस शोभायात्रा में शामिल होंगे। 

यात्रा चांडिल स्टेशन पुराना पेट्रोलपंप से प्रारंभ होकर चांडिल स्टेशन, लेंगडीह, चांडिल बाजार, बस स्टेंड होते हुये साधु बांध मठिया प्रवेश कर यात्रा समाप्त होगी। 

शोभायात्रा में मुख्य रूप से अंतराष्ट्रीय जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष परम आदरणीय महंत विद्यानंद सरस्वती जी महाराज शामिल होंगे। 

इस शोभायात्रा को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिये श्रीराम सनातन समिति के सेंकड़ों कार्यकर्ता वॉलेंटियर के रूप काम करेंगे। पूरी यात्रा का वीडियोग्राफी ड्रोन केमरा से की जाएगी। 

रामभक्तों की सेवा के लिये जगह जगह पर पानी-शरबत, चना-गुंड, खीर, खिचड़ी का वितरण चांडिलवासियों के द्वारा की जाएगी।

पत्रकार वार्ता में श्रीराम सनातन समिति के महासचिव विमलेश मंडल, प्रवक्ता सूरज मिश्रा, कोषाध्यक्ष सजल कर्मकार, उपाध्यक्ष शेखर गांगुली, पीयूष दत्त, सोबिक हालदार, उदित गुप्ता, मल्लिकार्जुन दुबे समेत समिति के सदस्य मौजूद थे।

मन की शांति मिलती है मां महागौरी की पूजा से




प्रस्तुति:-विजय गोप
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि का आठवां दिन हमारे शरीर का सोम चक्रजागृत करने का दिन है। सोमचक्र  ललाट में स्थित होता है। श्री महागौरी की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही, इनकी भक्ति से हमें मन की शांति भी मिलती है।




*अष्टम महागौरी यानि तुलसी*

नवदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति औषधि के रूप में जानता है क्योंकि इसका औषधि नाम तुलसी है जो प्रत्येक घरो में लगाई जाती है। तुलसी सात प्रकार की होती है- सफेद तुलसी,
काली तुलसी, मरुता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये सभी प्रकार की तुलसी रक्त को साफ करती है एवं हृदय रोग का नाश करती है।
तुलसी सुरसा ग्राम्या सुलभा बहुमंजरी।
अपेतराक्षसी महागौरी शूलघ्नी देवदुन्दुभि: तुलसी कटुका तिक्ता हुध उष्णाहाहपित्तकृत् ।
मरुदनिप्रदो हध तीक्षणाष्ण: पित्तलो लघु:।
इस देवी की आराधना हर सामान्य एवं रोगी व्यक्ति को करना चाहिए।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिता।
चैत्र दुर्गा अष्टमी व्रत आज,इस व्रत से मिलती हैं मां की कृपा,बनी रहती है सुख शांति




दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। मासिक दुर्गा अष्टमी एक मासिक कार्यक्रम है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (8वें दिन) को मनाया जाता है । सभी दुर्गा अष्टमी दिनों में से, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी सबसे लोकप्रिय है और इसे महा अष्टमी या केवल दुर्गाष्टमी कहा जाता है । दुर्गा अष्टमी 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के आखिरी 5 दिनों के दौरान आती है। दुर्गा अष्टमी व्रत की तिथि 16 अप्रैल, मंगलवार अष्टमी तिथि का समय: 15 अप्रैल, दोपहर 12:12 बजे - 16 अप्रैल, दोपहर 1:24 बजे इस दिन देवी दुर्गा के हथियारों की पूजा की जाती है और इस उत्सव को 'अस्त्र पूजा' के रूप में जाना जाता है। हथियारों और मार्शल आर्ट के अन्य रूपों के प्रदर्शन के कारण इस दिन को लोकप्रिय रूप से 'विराष्टमी' भी कहा जाता है। हिंदू भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए सख्त उपवास रखते हैं। भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में दुर्गा अष्टमी व्रत पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में, दुर्गा अष्टमी को 'बथुकम्मा पांडुगा' के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। *दुर्गा अष्टमी व्रत के दौरान अनुष्ठान:* दुर्गा अष्टमी के दिन भक्त देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। वे सुबह जल्दी उठते हैं और देवी को फूल, चंदन और धूप के रूप में कई चीजें चढ़ाते हैं। कुछ स्थानों पर दुर्गा अष्टमी व्रत के दिन कुमारी पूजा भी की जाती है। हिंदू 6-12 वर्ष की आयु की लड़कियों को देवी दुर्गा के कन्या (कुंवारी) रूप के रूप में पूजते हैं। देवी को अर्पित करने के लिए विशेष 'नैवेद्यम' तैयार किया जाता है। उपवास दिन का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। दुर्गा अष्टमी व्रत का पालनकर्ता पूरे दिन खाने या पीने से परहेज करता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान रूप से रखा जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने और देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है। कुछ भक्त केवल दूध पीकर या फल खाकर व्रत रखते हैं। इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन सख्त वर्जित है। दुर्गा अष्टमी व्रत करने वाले को फर्श पर सोना चाहिए और आराम और विलासिता से दूर रहना चाहिए। पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों में जौ के बीज बोने की भी प्रथा है। बीज 3-5 इंच की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद उन्हें देवी को अर्पित किया जाता है और बाद में परिवार के सभी सदस्यों के बीच वितरित किया जाता है। इस दिन भक्त विभिन्न देवी मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है। पूजा के अंत में, भक्त दुर्गा अष्टमी व्रत कथा भी पढ़ते हैं। हिंदू भक्त पूजा अनुष्ठान पूरा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन और संतर्पण या दक्षिणा प्रदान करते हैं। दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करने वाला शाम को शक्ति मंदिरों में जाता है। महाअष्टमी के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व: संस्कृत भाषा में 'दुर्गा' शब्द का अर्थ है 'अपराजेय' और 'अष्टमी' का अर्थ है 'आठवां दिन'। हिंदू किंवदंतियों के अनुसार देवी दुर्गा का उग्र और शक्तिशाली रूप, जिसे 'देवी भद्रकाली' के नाम से जाना जाता है, अवतरित हुई थीं। दुर्गा अष्टमी का दिन 'महिषासुर' नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी पूर्ण समर्पण के साथ दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करता है उसे जीवन में खुशी और सौभाग्य प्राप्त होता है।
सरायकेला : कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को किया जागरूक

 सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरायकेला जिले के विभिन्न इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छवि ड्रामेटिक आर्ट सोसाइटी की ओर से चांडिल के मातकमडीह में, पाथ कम्युनिकेशन की ओर से इचागढ़ प्रखंड के टीकर एवं सोरो में लोक कला मंच खरसावां की ओर से खरसावां प्रखंड के सिमला एवं चिलगु में लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया एवं शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान लोगों से किया गया।

 मौके पर कलाकारों ने बहकावे में तुम कभी आना, सोच समझकर बटन दबाना, छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है,का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। नाटक के माध्यम से उपस्थित आम जन मानस को मतदाता के महत्व के बारे में समझाया और मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर बैनर प्रदर्शित किया गया।

   ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के उद्देश्य से मतदान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।पिछले लोकसभा चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर मतदान प्रतिशत कम रहा है, उनपर विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इस दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम को सुना और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।

सरायकेला : स्वीप" अंतर्गत वोटर अवेयरनेस को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान।


सरायकेला: आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान जिले में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के द्वारा मतदाता जागरूकता कोषांग को विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों आदि का आयोजन कर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

 इसी क्रम में जिला स्वीप कोषांग के अंतर्गत आज JSLPS द्वारा खरसावां प्रखंड के चिलगु, तेलाईडीह कृष्णपुर पंचायत, चांडिल प्रखंड के उरमाल, खूंटी रसूनिया, भादूडीह पंचायत, सरायकेला के कमलपुर पंचायत, कुचाई प्रखंड के छोटा सेगई पंचायत, गम्हरिया प्रखंड के छोटा गम्हरिया पंचायत अंतर्गत जागरूकता रैली शपथ आंगनबड़ी सहिया, सेविका(बीएलओ) के द्वारा आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 हेतु स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मतदाता जागरूकता को लेकर बनाए गए मतदाता जागरूकता को लेकर रंगोली प्रतियोगिता आयोजन व पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में "चुनाव का पर्व देश का गर्व" आई एम रेडी टू वोट थीम के तहत मतदाता जागरूकता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। 

साथ ही उपस्थित सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान करने हेतु  मतदाता शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान आंगनबाड़ी सहिया सेविका ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं को जागरुक करते हुए बिना लोभ लालच या दबाव में आए हुए अपने नजदीकी मतदान केन्द्रो में जाकर अपना बहुमूल्य मतों का उपयोग को लेकर गांव-गांव घूम-घूम कर मतदान करने हेतु अपील की।

सरायकेला : लोकतंत्र के महापर्व में दिव्यांग मतदाताओं की सहभागिता एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के मद्देनजर सरायकेला-खरसावां जिला में मतदाताओं की भागीदारी एवं वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने, सहित नैतिक मतदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। इस क्रम में आज नगर भवन सभागार सरायकेला में दिव्यांग मतदाताओं के लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला,डिस्ट्रिक आइकॉन पीडब्लूडी श्री रघुनंदन महतो एवं अन्य मंचाशीन अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बरतियार, निर्वाची निबंधक प्राधिकारी खरसावां विधानसभा -सह- अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास, निर्वाची निबंधक पदाधिकारी -सह- अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला श्री सुनील कुमार प्रजापति, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने जिले के विभिन्न क्षेत्र से उपस्थित दिव्यांगजनों से निर्वाचन संबंधित जानकारियां साझा की इसके तत्पश्चातय उपायुक्त नें भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्रो पर की जा रही सुविधाएं, दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान के प्रावधान, दिव्यांगजन एवं बुजुर्ग मतदाताओं के मतदान केंद्र तक आवागमन हेतु वाहन की व्यवस्था तथा मतदान केंद्र पर दिव्यांगजनों के लिए आवश्यक सहायक उपकरण आदि की उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर भाग ले साथ हीं अपने आसपास के लोगों को मतधिकार के प्रयोग के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम के दौरान जिला दण्डाधिकारी -सह- उपायुक्त नें हस्ताक्षर अभियान एवं सेल्फी पॉइंट का अनावरण कर जागरूक मतदाता होने की पहचान देते हुए सभी को मतधिकार का प्रयोग करने का अपील किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट आइकॉन पीडब्लूडी श्री रघुनंदन महतो ने समस्त जिलेवासियों तथा सभी दिव्यांगजनो से अपील करते हुए कहां कि हमारे इच्छा शक्ति के आगे दिव्यांगता बाधक नहीं हो सकती, हम सभी मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मताधिकार का प्रयोग करना हमारा नैतिक जिम्मेदारी है। आगामी 13 मई 2024 को सिंहभूम एवं खूंटी लोकसभा संसदीय क्षेत्र तथा 25 मई 2024 को रांची लोकसभा संसदीय क्षेत्र में बढ़चढ़ कर मतधिकार का प्रयोग करें।

लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर उपायुक्त ने की पंजीकृत राजनीतिक दल के सदस्यों के साथ बैठक

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन 2024 की तैयारी की निमित्त आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के अध्यक्षता एवं सभी पंजीकृत राजनीतिक दल के सदस्यों की उपस्थिति में समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में प्रथम रेंडमाइजेशन को लेकर बैठक आहूत किया गया।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने विधानसभावार EVM, VVPAT, BU, CU की उपलब्धता की जानकारी दी। इसके तत्पश्चातय सर्व सहमति से विधानसभावार प्रथम रेंडमाइजेशन संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण किया गया।

बैठक के पश्चात उपायुक्त ने सभी राजनीतिक दल के सदस्यों के उपस्थिति में ईविएम वेयरहाउस का निरीक्षण किया, इस क्रम में स्ट्रांग रूम में रखे गए EVM VVPAT के रख रखाव, भवन परिसर के सुरक्षा व्यवस्था, CCTV कैमरा आदि का जायजा ले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में प्रथम रेंडमाइजेशन से संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण कराने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश।

सरायकेला : गौरडीह गांव में आदिवासी हादी बोंगा सरहुल महोत्सव सह मिलन समारोह 2024 अयोजित।


सरायकेला : नीमडीह प्रखंड अंतर्गत गौरडीह गांव में आदिवासी हादी बोंगा सरहुल महोत्सव सह मिलन समारोह 2024 अयोजित की गई। इस दौरान लाया भोलानाथ सिंह लाया, भूदेव सिंह लाया एवं जवाहर लाल सिंह लाया द्वारा सरहुल थान पर शाल डाली व फूल से प्रकृति देव का पूजा अर्चना किया गया।

 मुख्य अतिथि नीमडीह मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष वरूण कुमार सिंह ने प्रकृति प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं, जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए। 

इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए। इस अवसर पर रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार। बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है। कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है। ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है। 

आयोजक मंडली के सदस्य मदन सिंह सरदार ने कहा कि प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना शृंगार करती है,ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी, शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है, बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं।

 इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है, इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है। खासकर जनजातीय समाज के युवक- युवतियो ने बढ-चढ़कर भाग लेकर अपनी आपसी एकता और अंखडता प्रकृति-प्रेम को प्रदर्शित किया इस सांस्कृतिक समारोह मे लोगो ने कार्यक्रम के माध्यम से एक दुसरे के साथ गहरा आपसी भाईचारा घनिष्ठता प्रेम- सौहार्द और अखंडता को पोत्साहन किया साथ ही इस समाजिक सामूहिक रुप से बाहा पूजा कर प्रकृति उपासना की जिसे प्रकृति के महत्व को समझाया गया। 

इस समारोह में प्रकृति की रक्षा करने के संकल्प को भी मजबूत किया गया, जिससे आदिवासी समाज अपने जीवन का आधार मानते है साथ मे सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया। प्राकृतिक संसाधनो के प्रति जागरूकता और संवेदनशील ता को बढ़ावा दिया, जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, इस दौरान आदिवासी कला और सांस्कृतिक देखने को मिला।

 सभी लोग पारंपरिक परिधान से सजे- संवरे थे, इस बीच पारंपरिक नृत्य और संगीत से जाहेरस्थान मे ढोल, मांदल आदि की थाप से गूंजता रहा और सामूहिक नृत्य हुआ। आंनद लिए सभी लोगो ने एक स्वर मे कहा प्रकृति की रक्षा को अंग्रिम पंक्ति मे खड़ा है आदिवासी समाज। इस अवसर पर अतिथि के रूप में नीमडीह मुखिया संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, अदारडीह के मुखिया सुभाष सिंह, गौरडीह के पूर्व मुखिया सुनील सिंह, समाजसेवी जयराम सिंह सरदार, समाजसेवी नयन सिंह भुमिज, उदय कृष्ण सिंह आदि उपस्थित थे। आयोजक मंडली मदन सिंह सरदार, अजब सिंह सरदार, बहादुर सिंह सरदार, चित्तरंजन सिंह सरदार, लक्ष्मण सिंह सरदार, अंबुज सिंह सरदार, टुटुल सिंह सरदार, दशरथ सिंह सरदार, अश्विनी सिंह सरदार, फुलचांद सिंह सरदार, परमानंद सिंह सरदार, सत्यनारायण सिंह सरदार, मोतिलाल सिंह सरदार, बासुदेव सिंह सरदार, कृष्णा सिंह सरदार आदि ने महोत्सव को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

सरायकेला : मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार चंपई सोरेन पहुंचे राजनगर, बूथ कमिटी बैठक में हुए शामिल।


सरायकेला : झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने विधानसभा सरायकेला के राजनगर मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार पहुंचे ,जहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राजनगर प्रखंड अंतर्गत झामुमो कार्यकर्ताओं के बूथ कमेटी बैठक में हिस्सा लिया। तथा सरायकेला जिला अंतर्गत राजनगर प्रखंड के सभी बूथ कमेटी के बैठक आयोजित की गई है, बूथ स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन झामुमो कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स दिए गए हैं, इन्होंने कहा कि झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है। जानकारी हो कि राजनगर प्रखंड क्षेत्र में कल 145 बूथ तथा 254 गांव है। वही मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 साल के बाद सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी दिया गया है। 

वही मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आगामी 21 अप्रैल को रांची में हो रहे सम्मेलन को लेकर प्रत्येक बूथ से 50 से 100 लोगों को रांची पहुंचना है और कार्यक्रम में भाग लेना है।