लखनऊ लोकसभा सीटः 1991 से ही लगातार बीजेपी का है कब्जे, क्या इस बार भी जलवा रहेगा बरकरार?
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गोमती नदी के किनारे बसा नगर
नवाबों के शहर के नाम से मशहूर
1991 से इस सीट पर बीजेपी का है कब्जा
वाजपेयी इस सीट से आठ बार लड़ चुके हैं चुनाव
लगातार पांच बार इस सीट से रहे सांसद
क्या इस बार भी जलवा रहेगा बरकरार
या बहेगी बदलाव की बयार
उत्तर प्रदेश, देश का एक ऐसा राज्य जो राजनीति की दृष्टि से सबसे अहम माना जाता है।राजनीति में कहावत है कि दिल्ली का रास्ता उत्त्तर प्रदेश से होकर जाता है। ऐसे में गोमती नदी के किनारे पर बसे लखनऊ लोकसबा सीट पर भी सबकी नजर है। लखनऊ संसदीय क्षेत्र यूपी की हॉट सीट में शुमार हैं। लोकसभा चुनाव में राजधानी में कांग्रेस और भाजपा का वर्चस्व रहा है। इस वर्चस्व के बावजूद लखनऊ की संसदीय सीट पर वर्ष 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत का डंका बजा। उस समय आनंद नारायण मुल्ला ने कांग्रेस के वीआर मोहन को आसानी से मात दी थी।
कांग्रेस का गढ़, बीजेपी के सबसे मजबूत किले में तब्दील हो गया
1991 से पहले तक लखनऊ की सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 1951 से 1989 तक कांग्रेस ने अलग-अलग चुनावों में इस सीट पर अपना परचम लहराया।1951 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय लक्ष्मी पंडित ने जीत दर्ज की थी। 1951 से 1971 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा। 1977 में भारतीय लोकदल से हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत दर्ज की। इसके बाद लगातार दो बार फिर कांग्रेस ने इस सीट को कब्जाया।1989 में ये सीट जनता दल की झोली में गई। लेकिन पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरने के बाद लखनऊ का संसदीय क्षेत्र बीजेपी के सबसे मजबूत किले के रूप में तब्दील हो गया। 1991 से 2009 तक इस सीट पर पूर्व पीएम और बीजेपी के संस्थापक सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी सांसद रहे। इसके बाद 2009 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी की चिट्ठी के सहारे बीजेपी नेता लालजी टंडन इस सीट पर सांसद बने।
वाजपेयी लगातार तीन बार हारे
लखनऊ लोकसभा सीट 1991 से ही लगातार बीजेपी के कब्जे में है। पहले इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव लड़ते थे। इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपाई आठ बार चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार उन्होंने 1955 में उपचुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे। फिर वह 1957 और 1962 में दूसरे स्थान पर रहे। इन 3 हार के बाद, उन्होंने 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लगातार पांच बार सीट जीती। 2009 में इस सीट पर लालजी टंडन ने लोकसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद से 2014 और 2019 में राजनाथ सिंह ने इस सीट पर बीजेपी का कब्जा बनाए रखा। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यहां से वर्तमान में सांसद हैं।
2014 और 2019 में रिकार्ड मतों से जीते राजनाथ सिंह
लखनऊ सीट से सांसद राजनाथ सिंह इस सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।बीजेपी सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी पूनम सिन्हा को 3 लाख 47 हजार 302 वोटों से शिकस्त दी थी। उन्होंने इस जीत के साथ ही 2014 में बनाए अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 72 हजार 749 वोटों से हराया था। लखनऊ लोकसभा सीट पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भी इतने ज्यादा वोटों से जीत हासिल नहीं हो सकी थी।
जानिए कब कौन जीता
1951- विजय लक्ष्मी पंडित- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957- पुलिन बिहारी बनर्जी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962- बीके धवन- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967- आनंद नारायण मुल्ला- निर्दलीय
1971- शीला कौल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977- हेमवती नंदन बहुगुणा- भारतीय लोकदल
1980- शीला कौल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984- शीला कौल- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989- मांधाता सिंह- जनता दल
1991- अटल बिहारी वाजपेयी- भाजपा
1996- अटल बिहारी वाजपेयी- भाजपा
1998- अटल बिहारी वाजपेयी- भाजपा
1999- अटल बिहारी वाजपेयी- भाजपा
2004- अटल बिहारी वाजपेयी- भाजपा
2009- लालजी टंडन- भाजपा
2014- राजनाथ सिंह- भाजपा
2019- राजनाथ सिंह- भाजपा
Apr 15 2024, 19:08