बाल-विवाह जैसे सामाजिक बुराई से समाज को मुक्त कराने के लिए चलाया गया जागरूकता अभियान
गया : जिले में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन एवम प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर संस्था द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत परियोजना एक्सेस टू जस्टिस अंतर्गत करीब 1 साल से 5 प्रखंड चंदौती, मानपुर, बेलागंज, बोधगया और खिजरसराय के 29 पंचायत के 150 गांवों में ग्रामीणों को बाल विवाह के विरुद्ध जागरूक किया जा रहा है एवं ग्रामीणों को बाल विवाह ना करने की शपथ दिलाई जा रही है। संबंधित विभाग एवं पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से जागरूकता अभियान संचालित किए गए है एवम होने वाले कई बाल विवाह को रोका भी गया है।
संस्था के कार्यकर्ताओ द्वारा अब उक्त प्रखंडो के ग्राम को पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से बाल-विवाह मुक्त ग्राम घोषित करवाने के कार्य को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को भिन्न जगहों पर हुए कार्यक्रम में चंदौती प्रखंड के रसलपुर पंचायत में मुखिया चन्द्रकला देवी, धनसिर पंचायत में मुखिया गीता देवी, मानपुर प्रखंड के लखनपुर पंचायत में मुखिया पिंकी देवी, खिज़रसराय प्रखंड के कुतलुपुर पंचायत के मुखिया संतोषी देवी, कुरवा पंचायत के मुखिया राजबलम पासवान, चिरैली पंचायत के सरपंच कपिलदेव यादव एवं सिसवर पंचायत के सरपंच महेंद्र पासवान, बेलागंज प्रखंड के बेलागंज पंचायत में मुखिया रंजीत दास द्वारा बाल विवाह मुक्त ग्राम हेतु घोषणा-पत्र जारी कर सभी से बाल विवाह के समूल नाश एवं इसका विरोध करने हेतु बात कही गयी।
इस हेतु हुए समारोह में कार्यकर्ता जितेन्द्र देव गुप्ता, गौतम परमार,अजीत कुमार, प्रीति कुमारी, मोनिका कुमारी, कहकशा अम्बर ,अमित कुमार एवं संतोष कुमार के साथ अन्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर संस्था के जिला समन्वयक देवेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार यह संज्ञेय अपराध है जिसमें 2 वर्ष तक के कठोर कारावास की सजा एवम 1 लाख तक जुर्माना अथवा दोनो का प्रावधान है । उन्होंने कहा कि बाल विवाह ,दहेज़ ,बाल मजदूरी ,भ्रूण हत्या आदि सामाजिक बुराई हैं, जिन्हें दूर किए बिना सशक्त समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है| बाल विवाह मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है क्योकि प्रत्येक बच्चे को पूर्ण और परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने का अधिकार होता है, जो बाल विवाह की वजह से क्षत-विक्षत हो जाता है | कम उम्र में विवाह से संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के मौलिक अधिकार का भी हनन होता है एवं यह लड़के और लड़की को शिक्षा से दूर कर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं एवं गरीबी के दुष्चक्र की ओर ले जाता है | बाल विवाह की वजह से बहुतेरे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं, जिससे उनके सामने अच्छे रोजगार पाने और बड़े होने पर आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की ज्यादा संभावना नहीं बचती है|
गया से मनीष कुमार
Mar 12 2024, 19:00