50 साल बाद चांद पर फिर पहुंचा अमेरिका, पहला प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट लैंड कराकर रचा इतिहास
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अमेरिका एक बार फिर चांद पर पहुंच गया है। लगभग 50 साल बाद एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर उतरा है। हालांकि, इस बार चांद की धरती पर उतरना अमेरिका के लिए बेहद खास है। दरअसल, पहली बार एक निजी अमेरिकी कंपनी ने चांद की सतह पर अपना मून लैंडर उतारकर इतिहास रच दिया है। 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में बना कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है। इंटूइटिव मशीन्स नाम की ह्यूस्टन की ये कंपनी पहली निजी कंपनी बन गई है जिसने सफलतापूर्वक चांद पर अपना लैंडर उतारा है। इसी के साथ अमेरिका साउथ पोल पर लैंड करने वाला भारत के बाद दूसरा देश बन गया है। भारत 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बना था।
चांद पर उतरने वाले इस अंतरिक्ष यान का नाम ओडीसियस या ऑडी है। यह छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है जो भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा। चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था।
नासा के सहयोग से इसे एक प्राइवेट कंपनी ने बनाया है। इंटुएटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा, 'मुझे पता है कि यह एक मुश्किल था, लेकिन हम सतह पर हैं। हम ट्रांसमिट कर रहे हैं। चांद पर आपका स्वागत है।' नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए बधाई दी। उन्होंने इसे एक बड़ी जीत कहा है। उन्होंने कहा कि हमने चंद्रमा पा लिया। उन्होंने कहा, चांद पर अमेरिका की वापसी हो गई है। आज मानव इतिहास में पहली बार एक कमर्शियल कंपनी, एक अमेरिकी कंपनी ने चांद तक का सफर पूरा किया है। आज का दिन ये दिखाता है कि नासा की कमर्शियल पार्टनरशिप कितनी दमदार और महत्वाकांक्षी है।
लैंडिंग से ठीक पहले कंट्रोलर्स के सामने एक बड़ी मुसीबत आ गई जिससे इस मिशन के नाकाम होने का ख़तरा मंडराने लगा। चांद की सतह से ओडेसियस की दूरी और उसकी गति का आकलन करने वाले जो लेज़र यान में लगे थे, वो सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे। इससे मिशन की सफलता को लेकर संशय बढ़ने लगा। लेकिन अच्छी बात ये रही कि यान में नासा के भेजे कुछ एक्सपेरिमेन्टल लेज़र भी थे और वैज्ञानिकों ने इसका लाभ उठाते हुए इन्हें नेविगेशन सिस्टम के साथ जोड़ दिया। 23 बजकर 23 मिनट (जीएमटी) पर ओडेसियस ने चांद की सतह को छुआ।
ओडेसियस को बीते सप्ताह फ्लोरिडा के केप केनावेराल लॉन्च स्टेशन से छोड़ा गया था। ये यान तीन लाख 84 हज़ार किलोमीटर (238, 855 मील) की दूरी तय कर चांद तक पहुंचा है।ओडेसियस की लैंडिंग वैसे तो 14 फरवरी को होनी थी, लेकिन तकनीकी वजहों से इसे टालना पड़ा था।
Feb 23 2024, 14:47