*मौनी अमावस्या पर्व पर माघ मेला प्रयागराज में भैया जी का दाल भात परिवार बना जन आस्था का केंद्र*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज- भूखों का पेट भरना किसी पूजा से कम नहीं है। भूखी मानवता की सेवा को समर्पित मां काली शक्ति साधना केंद्र का भैया जी का दाल भात परिवार शिविर माघ मेला प्रयागराज में आम लोगों की सेवा में लगा हुआ है। भैया जी का दाल भात परिवार शिविर विगत 6 वर्षों से तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट पर बंधवा वाले बड़े हनुमान मंदिर के सामने प्रतिदिन शाम 5:00 बजे से जरूरमन्दो में ताजा पौष्टिक व निशुल्क भोजन प्रसाद वितरित करता है।

हर साल की भांति इस वर्ष भी भैया जी का दाल भात परिवार का शिविर काली मार्ग पर पार्टून पुल नंबर 1 से पहले कोतवाली के सामने लगा हुआ है। बता दें कि माघ मेला में लगने वाला यह प्रथम शिविर है जो न सिर्फ माघ मेला में बल्कि लगातार पूरे साल भर जरूरतमंदों में निशुल्क भोजन प्रसाद वितरण करता है।

*माघ मेले में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा,मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी*

प्रयागराज ।प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े समागम माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई है।

महाकुम्भ -2025 के आयोजन के रिहर्सल के रूप में आयोजित किये जा रहे इस माघ मेले को भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कई नए कदम उठाए गए थे जो पूरी तरह सफल रहे हैं।

दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज के संगम तट पर लगे आस्था के सबसे बडे समागम माघ मेले के मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा ।

सुबह से ही संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू हो गया जो पुण्य काल में शाम तक चलता रहा । डीआईजी माघ मेला राजीव रंजन मिश्रा के मुताबिक़ इस स्नान पर्व में दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई है।

प्रशासन ने इसके लिए 786 हेक्टेयर में बसाए गए इस माघ मेला को 6 सेक्टर में बांटते हुए स्नान के लिए 12 स्नान घाट बनाए जिसमे 8 हजार फीट का रनिंग इलाका स्नान के लिए रखा गया था । मेला क्षेत्र में आवागमन के लिए 6 पांटून पुल बनाए गए हैं। संगम से पास ही पार्किंग की व्यवस्था की गई थी जिससे श्रद्धालुओं को अधिक पैदल न चलना पड़े। स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में 21 हजार शौचालय बनाए गए । माघ मेला क्षेत्र में 36 वाटर एटीएम लगाए गए है साथ ही माघ मेला क्षेत्र में 2000 बेड की टेंट सिटी भी श्रद्धालुओ के ठहरने के लिए बनाई गई ।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया। संपूर्ण मेला क्षेत्र में 6000 के आसपास पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं । मेला क्षेत्र में 14 पुलिस स्टेशन और 41 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं । श्रद्धालुओं के आवागमन में कोई परेशानी ना हो इसके लिए रोडवेज की तरफ से 2800 सरकारी रोडवेज बसें भी चलाई गई हैं ।

माघ मेला में हेलीकाप्टर से हुई श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा

माघ मेला क्षेत्र में आज सुबह से ही आस्था, ज्ञान और भक्ति की त्रिवेणी बह रही थी ।

त्रिवेणी की पावन धारा में मुक्ति और पुण्य की कामना से संगम क्षेत्र में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को अभिनन्दन करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से हेलीकाप्टर से कराई गई पुष्प वर्षा ने पूरे माघ मेला क्षेत्र को दिव्य और भव्य आयोजन के चरम पर पहुंचा दिया । त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पावन रेत पर दान-पुण्य और पूजा के लिए लीन श्रद्धालुओं पर पुष्पों की पंखुड़ियों की वर्षा ने पूरे संगम क्षेत्र को अकल्पनीय अनुभूति से सराबोर कर दिया ।

*एसोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन सम्वर्ग में आ रही समस्त समस्याओं का जल्द करे निस्तारण: राजेश तिवारी*

विश्वनाथ प्रताप

प्रयागराज। बुधवार को एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन जनपद शाखा प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी के आह्वान पर प्रान्तीय अध्यक्ष राजेश पाल एवं प्रान्तीय महामंत्री अरुण शुक्ला एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन उत्तर प्रदेश अधिशासी अभियंता कार्यालय प्रयागराज में पहुँच कर बोरिंग टेक्नीशियन सम्वर्ग में आ रही समस्त समस्याओं को पत्राचार के माध्यम से अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई प्रयागराज के कार्यालय में सूचना दी गई एवं अधिशासी अभियंता के किसी मीटिंग में होने के कारण उनसे फोनिक वार्ता भी हुई।

अधिशासी अभियंता ने बोरिंग टेक्नीशियन सम्वर्ग में आ रही समस्त समस्याओं का निस्तारण जल्द से जल्द करने का आश्वासन दिया।क्षेत्रीय पत्रकारों से वार्ता के क्रम में जिला मंत्री ने बताया कि बोरिंग टेक्नीशियन फील्ड स्तर का कर्मचारी है और उसे अभी साइकिल भत्ता ही देय है।बोरिंग टेक्नीशियन का कार्य फील्ड में ही रूककर कृषकों के बोरिंग कार्य को पूर्ण कराना होता है।

बोरिंग टेक्नीशियन को इस कार्य के लिए 2-3 दिन फील्ड में ही रुकना पड़ता है परन्तु आजकल विकास खण्डों में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है जिस कारण बोरिंग टेक्नीशियन अपने कार्यों का सम्पादन ठीक ढंग से नही कर पा रहा है।वैसे तो विभागीय नियम के अनुसार बोरिंग टेक्नीशियन की उपस्थिति एवं भ्रमण पंजिका विकास खण्ड में कार्यरत विभागीय अवर अभियंता के पास रहती है परन्तु वर्तमान समय में बोरिंग टेक्नीशियन की उपस्थिति खण्ड विकास अधिकारी स्तर पर करायी जा रही है जो सरासर गलत एवं अन्यायपूर्ण पूर्ण है।

जिला मंत्री ने यह भी कहा कि जो कार्य पंचायत विभाग से सम्बंधित होता है उसे भी विकास खण्डों में बोरिंग टेक्नीशियन से कराया जाता है जबकि पंचायत विभाग में सैकड़ों कर्मचारी भरे पड़े है।इनके साथ विभागीय अन्य समस्याओं के निस्तारण हेतु अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई प्रयागराज को प्रान्तीय अध्यक्ष व प्रान्तीय महामंत्री के साथ जिला मंत्री ने पत्राचार किया।

इस अवसर पर भूतपूर्व प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष लाल सिंह,जनपद अध्यक्ष धर्मेन्द्र साहू एवं न्याय तथा गोपनीयता अनुभाग के अश्विन सिंह उपस्थित रहे।

*मृतक भोज का बहिष्कार करें:रामकिशोर पटेल*

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। आज विज्ञान के नए-नए आविष्कार हो रहे हैं एवं बड़े व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं प्रकृति गुण राशियों को खोज कर नई-नई शक्तियां प्राप्त की जा रही हैं। नई दुनिया का निर्माण हो रहा है। ऐसे विवेकशीलता के युग में रूढ़ीवादी मृतक भोज जैसी परम्परा में लोग चिपके रहना बुद्धि हीनता का ही परिचायक है।

निहित स्वार्थी लोगों ने अपने तथा अपने परिवार के प्राण के लिए अनेकों झूठ अपनाकर अनेक मनगढ़ंत व्यवस्थाओं की रचना कर स्वर्ग नर्क और पुनर्जन्म का प्रचार प्रसार शुरू किया।

आप याद करें यदि पुनर्जन्म एव मृत्यु भोज एक सच्चाई है। तो यह सभी धर्म के मानने पर समान रूप से प्रभावित होना चाहिए परंतु केवल हिंदू धर्मावलंबियों पर ही क्यों यदि स्वर्ग नरक पुनर्जन्म की व्यवस्था सही हो तो धर्म के ठेकेदार स्वर्ग अपने लिए आरक्षित कर लेते। तथा यही लोग जब मृत्यु से पहले उठने बैठने बोलने में विनीमिता करते हैं तो फिर स्वर्ग में पहुंचने के बाद वहां भी वह आपसे विषमता ही बरतेंगे।

दुनिया भर के लोग अपने विश्वास और धर्म के सिद्धांतों के अनुसार मृतकों की अंतिम कृपा करते हैं पर सब लोग अपनी समर्थ और परिस्थिति का ध्यान रखते हैं ऐसे अवसर पर वह मृतक भोज जैसे कोई कार्यक्रम नहीं करने शायद उन्हें आश्चर्य ही होता होगा कि भारत में किसी जाति वाले अपने घर में किसी के मर जाने पर हर्षोत्सव मानते हैं और परिचितों को मिठाई व पकवान खिलाते हैं यूरोप और अमेरिका के व्यक्ति मरणोपरांत अपनी स्मृति के लिए लाखों करोड़ों का दान कर जाते हैं ।जिससे लाखों लोगों का कल्याण होता है उनमें कोई भी अपने मरने के बाद लाखों रुपए लगाकर ₹2सौ ,चार सौ व्यक्तियों को खिलाने की बात नहीं सोचता।

मृतक भोज का परंपरा ना तो मनुष्य की बुद्धिमत्ता का परिचायक है और ना ही किसी प्रकार का लाभ पहुंचती है इस समस्या पर सामाजिक हित की दृष्टि से गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए तो अधिक सही तरीका जान पड़ता है। कि लोग ऐसे अवसर पर सहानभूति प्रकट करते हुए मृतक परिवार जनों को धैर्य बढ़ाएं और उनकी सहायता करने को तत्पर हो।

अब समय आ गया है कि हमअपने धन को बिना सोचे समझे व्यर्थ के दिखावे मूर्खता पूर्वक रिवाजों मे खर्च करने के बजाय ऐसे तरीके से खर्च करें जैसे देश और समाज का अधिक से अधिक हित हो और अभावग्रस्त लोगों को अपनी स्थिति सुधारने में सहायता प्राप्त हो सके। जब हमारे परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो हम हजार से लेकर 1500 व्यक्तियों को पकवान खिलाते हैं भोज के अतिरिक्त 15 पुजारी या ब्राह्मण को कई हजारों की सामग्री दान में दे देते हैं। जो कि अधिकांश उसके काम भी नहीं आती और आधे पौने दाम में बेचकर गुलछरे उड़ाते हैं।

कुछ लोग अधिक बुद्धिमानी का परिचय देते हुए इस और इस प्रकार की रकम को किसी मंदिर के रूप में परिवर्तित कर देते हैं और उनके नाम कोई अस्थाई संपत्ति कर देते हैं जिससे नियमित आमदनी होती रहे पर धन भी मंदिरों की पूजा भोग उत्सव नाच ,गाना आदि में खर्च किया जाता है इससे किसी व्यक्ति व समाज का उपहार नहीं होता बल्कि कुछ लोगों का जीवन निकम्मा हो जाता है।

पाखंडियों ने हमारी बुद्धि विवेक पर अज्ञानता और अंधविश्वास का चश्मा लगा दिया है जिसके कारण हम सच्चाई को समझने में असमर्थ हैं और अपने इस सांसारिक जीवन को दुखी बनाकर मृत व्यक्ति के पुनर्जन्म पर उसकी सुख समृद्धि की कामना कर उसके मृत्यु भोज पर अपनी संपूर्ण संचित राशि व उधार लेकर वा बैक से लोन ले करके अपना तथा अपने परिजनों का जीवन नारकीय बना देते हैं।

जबकि मृतक के जीवन काल में उसकी बीमारी अवस्था में उसके उधर एवं सुविधा का ध्यान नहीं करते वर्णन उसका तिरस्कार ही करते हैं कभी-कभी तो उसे अच्छा पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध नहीं करते और मरने के बाद उसे स्वादिष्ट भोजन करने हेतु मृतक भोज आयोजित करते हैं इस प्रकार अपने को तथा अपने परिजनों को आर्थिक रूप से विपन कर अशिक्षा कठिनाइयों को अपने परिवार के लिए आमंत्रित करते हैं जो एक बार पुनः मृत्यु भोज की ओर अग्रसर करती है।

हम निवेदन करते हैं कि आप अपनी सामर्थ और स्थिति के अनुसार मृत व्यक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा अवश्य प्रकट करें । और पुरानी परंपरा को त्याग कर उचित समय पर शोक सभा करें और हित संबंधी के बीच मृत व्यक्ति की क्रिया कलापों पर परिचर्चा हो सेवा सहायता जीवित को चाहिए मृतक का नहीं लिए जीवित का तिरस्कार और मृतक भोज उत्तसव बंद कर समाज में एक नई जागरूकता का परिचय दें ।

*प्रयागराज पहुंचे शारदा पीठाधीश्र्वर*

प्रयागराज । मुंबई से प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचने पर पूज्यपाद द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज का सैकड़ों भक्तों के द्वारा भव्य स्वागत हुआ उसके बाद शहर में हाईकोर्ट के पास वकीलों के द्वारा स्वागत हुआ ।बालसन पर भाजपा नेता रईस शुक्ला के द्वारा स्वागत हुआ और भी शहर में कई जगह स्वागत हुआ ।

उसके बाद पूज्य महाराज श्री त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 3 शंकराचार्य शिविरर में गौ संसद में भाग लेने पहुंचे ।इसके पश्चात श्री मनकामेश्वर मंदिर आगमन हुआ जहां पर पूज्य महाराज श्री का भक्तो द्वारा पादुका पूजन किया और महाराज जी ने सब को दर्शन दिया रात्रि विश्राम महाराज जी का श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर में होगा सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक पूज्य महाराज श्री का दर्शन होगा शाम को महाराज श्री का श्री शंकराचार्य शिविर त्रिवेणी मार्ग में भी दर्शन लाभ ले सकते हैं।

*देवराहा बाबा शिविर पहुंचे संत, अखण्ड ज्योति को किया प्रणाम*

प्रयागराज। श्री देवराहा बाबा मंच का शिविर माघ मेला के संगम लोवर मार्ग पर लगा हुआ है। शिविर में खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री (महामंत्री) संतोष दास सतुआ बाबा जी महाराज, स्वामी राजकुमार दास अधिकारी जी महाराज, श्री सरयू आरती अध्यक्ष स्वामी शशिकांत दास जी महाराज , महामंडलेश्वर स्वामी हिटलर बाबा जी महाराज , स्वामी मनीष दास जी महाराज पत्थर मंदिर श्री आयोध्या , स्वामी गोपालदास जी महाराज श्रीधाम द्वारिका सहित अन्य संत।

श्री देवरहा बाबा मंच अखंड ज्योति के शिविर में पहुंचे और सभी संतों ने स्मृति शेष देवराहा बाबा और अखण्ड ज्योति का दर्शन, पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया। आश्रम के व्यवस्थापक स्वामी रामदास महाराज ने सभी संतों का सम्मान कर शिविर में चल रहे विशाल अन्नक्षेत्र और 12 फरवरी को होने वाले श्रीरामार्चा पूजन, विशाल भण्डारे के बारे में भी जानकारी दी।

*लोकनृत्य व गायन के समागम में श्रद्धालुओं ने लगाया गोता*

प्रयागराज। संगम तट पर भक्ति के साथ लोककला की बयार बह रही है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के माघ मेला स्थित सांस्कृतिक केंद्र शिविर में एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत चलो मन गंगा यमुना तीर के मंच पर मंगलवार को विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विभिन्न रूपों को लोकगीत व लोकनृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर दर्शकों से खूब प्रशंसा बटोरी। कार्यक्रम के दूसरे दिन कलाकारों ने अनेक शानदार प्रस्तुतियां दी।

कार्यक्रम की शुरूआत प्रयागराज के भोला सिंह व दुखीराम यादव के बिरहा गायन से होती है। ‘गंगा के निर्मल पानी नहाई चले तीनों भवानी’, ‘अबला बनी बेचारी माटी होइग मंगल -जंगल मे शेबरी रोवत चल पणी’ व ‘झुकावे प्रयागराज के माथ अति संन्यासी लहरी’ की प्रस्तुति देकर पूरे पंडाल को भक्तिमय कर दिया। ‘हम गरीबन के तुहि सहारा गंगा माई’,’अब हमरी ओरहिहा निहारा गंगा माई तथा ले ले आइहा बालम बज़रिया से चुनरिया’ जैसे लोकगीत को प्रतिमा मिश्रा ने स्वरलहरी बहाकर खूब तालियां बटोरी। इसके बाद भोजपुरी गायिका कुसुम पाण्डेय ने ‘कब घरे ईब हो सांवरिया, रही रही धड़के छतिया मोरी और छोटी से बड़ी हम हाईवे , ‘अखियां भीजे तो भीजे हो की सुरीली प्रस्तुति दी तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा।

संगीता आहूजा एवं साथी कलाकारों ने ‘फुलवरिया में मिले सियाराम, ‘गंगा तोरी चमके लहरिया व ‘ राम राम रटबै में हम सागरी उमरिया कबहू तो आइहै राम हमरी डगरिया’ गीतों पर राम विवाह पर आधारित मनमोहक अवधी लोकनृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही पायी। राजस्थान से पधारे सुरम नाथ और साथी कलाकारों ने घूमर व भवई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। असम का बिहू लोकनृत्य श्रद्धालुओं को खूब रास आया। संदीप यादव एवं दल ने हरियाणा का फाग नृत्य की प्रस्तुति दी। साथी कलाकरों में तबले पर अविनाश, पैड पर वीरेंद्र, हारमोनियम पर संजीव पांडेय ने साथ दिया।

*प्रयागराज मोर्चे पर फेल है एनडीए सरकार :अभिषेक यादव*

प्रयागराज। समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक यादव ने आज बालसन पार्क में आयोजित पीडिए जनपंचायत में केंद्र एवं प्रदेश की एनडीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की एनडीए सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। आरोप लगाया कि लम्बे चौड़े वादे और दावे कर सत्ता में आई एनडीए ने बेरोजगारी, किसानों की दोगुनी आय, महिलाओ की सुरक्षा, आम आदमी के ख़राब होते आर्थिक हालात पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उल्टे भाजपा नेता तानाशाही कर लोकतान्त्रिक व्यवस्था को तहस नहस करने पर उतारू हैं।

चंडीगढ़ केमेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी भाजपा नेताओं के लिए शर्म से डूब मरने की बात है लेकिन अफ़सोस की बात है कि अभी तक कोई सरकारी बयान नहीं आया।चुनाव आयोग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटना लोकतान्त्रिक प्रणाली में सभी जिम्मेदार तंन्त्रों को सवाल के घेरे में खड़ा करती है जो देशवासियों के लिए खतरनाक भविष्य का संकेत देती है।

लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ निर्भय सिंह पटेल ने पीडीए की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि एनडीए को पीडीए ही सत्ता से बाहर करेगा।उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा घोषित बजट में पुरानी पेंशन की कोई चर्चा नहीं की गई है।जनपंचायत में केंद्रीय विश्व विद्यालय में छात्रों के साथ विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा की की गई उत्पीड़न की निंदा की गई तथा कहा गया कि यदि छात्र अभिषेक गुप्ता का उत्पीड़न करने वाले शिक्षक डॉ राकेश सिंह, डॉ अतुल नारायण एवं डॉ मृत्युंजय, डॉ विवेक द्वीवेदी चौकी इंचार्ज विनय सिंह सहित दोषियों। पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा, सपा छात्रों के समर्थन में खड़ी है।बजट को लुभावना और आम आदमी की मूलभूत जरूरतों पर कभी नहीं खरा उतरने वाला बताया गया।

जनपंचायत में प्रमुख रूप से राघवेंद्र सिंह यादव संतलाल वर्मा, अखिलेश गुप्ता गुड्डू,दान बहादुर मधुर, इंजी. अभिषेक यादव, आशीष पाल, जय सिंह यादव, बंटी सिंह, दिनेश यादव, अरुण यादव एडवोकेट, दिनेश यादव, युवराज सिंह पटेल, आर. डी.विश्वकर्मा,रोहित यादव, आसुतोष गुड्डू, संदीप चौधरी आदि मौजूद रहे

*संविधान महोत्सव में संविधान के बारे मे विशेष प्रकाश डाला गया*

कोराव प्रयागराज। कोरांव नगर पंचायत के लेडियारी तिराहे के पास दिन रविवार को संविधान महोत्सव का आयोजन किया गया और संविधान विचारधारा से जुड़े हुए लोग भारी संख्या मे एकत्रित हुए विचारधारा के तथ्यों के आधार पर संविधान पर प्रकाश डाला गया भीमराव अंबेडकर एवं अन्य महापुरुषों के तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।

कार्यक्रम कीअध्यक्षता रामचन्द कुशवाहा के द्वारा किया गया व,राम प्रवेश कुशवाहा ने भी संबोधन किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर एस पटेल ने कहा अपने संबोधन में कि केंद्र दिल्ली सरकार पालयामेंट में उसको भेजा जाए जो संविधान के हित का बात करें हर घर में संविधान की पुस्तक होनी चाहिए सबको पढ़ना चाहिए पढ़ने से संविधान के बारे में जानकारी मिलती है।

विशिष्ट अतिथि राजबली जैसल पूर्व विधायक संबोधन में कहां की दुनिया का सबसे विस्तृत एवं लिखित संविधान भारत का संविधान हैं भारत का संविधान सम्मान सामानत का हक अधिकार देने का काम करता है मुख्य वक्ता सुमन कोल ने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का ग्रंथ है।

मुख्य वक्तागण जय नारायण, जंगी लाल गुप्ता, सोमदत्त सिंह सुकृति अस्पताल के संस्थापक डॉ आर के कुशवाहा भी रहे मौजूद पटेल,सनाउल्लाह खान, रामदेव निडर, ललन सिंह पटेल , रूपा आदिवासी, पवन, पूर्व प्रधान राकेश पटेल,सोनकर,आयोजन कर्ता रविंद्र जैसल प्रधान,पवन सिघाल संविधान महोत्सव में कई लोगों को सम्मानित किया गया ।

अंबेडकर तस्वीर एवं साल देकर एवं संगीत के माध्यम से संविधान पर फोकस डालने वाले ओमप्रकाश दीवाना संविधान महोत्सव के कार्यकर्ता महताब खान, शहादत अली, राजेश्वरी जैसल ,राजू गौतम, सुनील जैसल, पवन जैसल, देवी चरण कुशवाहा ,डॉ जंग बहादुर ,अच्छेलाल ,मोनू, सुनील लहरी,त्रिलोकी नाथ, सच्चे लाल, आदि संविधान विचारधारा के लोग मौजूद रहे।

*अज्ञात वाहन से कुचल कर रेल कर्मी की मौत ,घर में मचा कोहराम*

बछरावां।लखनऊ -प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंडस्ट्रियल एरिया के सामने बगाही मोड पर सोमवार की सुबह 10 बजे के करीब अज्ञात वाहन से कुचलकर रेल कर्मी की मौत हो गई। घटना के बाद चालक वाहन सहित मौके से फरार हो गया।इस हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया। घटनास्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।

क्षेत्र के पहुरावां गांव का रहने वाला संगम लाल 35 वर्ष पुत्र स्वर्गीय सत्रोहन सोमवार की सुबह 10 बजे के करीब चारबाग लखनऊ रेलवे के लोको वर्कशॉप ऑफिस में ड्यूटी के लिए मोटरसाइकिल से जा रहा था ।वह जैसे ही इंडस्ट्रियल एरिया बगाही मोड़ के पास रोड के कट पर पहुंचा इसी दौरान किसी अज्ञात वाहन ने उसे रौंद दिया ।

इस हादसे में संगम लाल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। संगम लाल की मौत की खबर सुनते ही पहुरावां गांव के सैकड़ो लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। संगम की मौत से उसके घर में कोहराम मच गया । इस बारे में थानाध्यक्ष बृजेश शर्मा ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

चालक तथा वाहन की तलाश की जा रही है ।तहरीर मिलने पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

इंसेट

बछरावां

संगम लाल की मौत से परिवार पर टूटा गमों का पहाड़ मृतक के दो पुत्र रौनक और अहम तथा तीन बेटियां छाया, रिया , जानसी पत्नी सीमा तथा मां सुंदारा का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक संगम लाल के पिता भी रेलवे में नौकरी करते थे और कुछ वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो गई थी उनकी जगह पर उसे नौकरी मिली थी जिससे परिवार का खर्च चलता था।

संगम लाल की मौत से जहां एक ओर बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया और पत्नी के मांग का सिंदूर उजड़ गया वहीं एक मां से उसका बेटा हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो गया। संगम लाल की मौत से परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है।