काशी विश्‍वनाथ को भी पीछे छोड़ा! ज्ञानवापी परिसर में व्यास तहखाने का दर्शन करने 2 दिन में पहुंचे ढाई लाख लोग

 स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग भगवान विश्‍वेश्‍वर के मंदिर का अंश माना जाने वाला ज्ञानव्यपी परिसर में व्‍यास तहखाना पत्‍थर के महज आठ पुराने पिलरों पर टिका है। यह 31 फीट लंबा और 18 फीट चौड़ा है। लेकिन इन दिनों इसका आकर्षण करीब पांच लाख स्‍क्‍वॉयर फुट में बने भव्‍य काशी विश्‍वनाथ धाम से कहीं ज्‍यादा दिख रहा है। दो दिनों में ही करीब ढाई लाख लोग तहखाने और उसमें स्‍थापित विग्रहों का झांकी दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। टूरिजम वेलफेयर असोसिएशन के अध्‍यक्ष राहुल मेहता का कहना है कि देशभर में व्‍यास तहखाने को लेकर उत्‍सुकता के चलते आने वाले दिनों में धार्मिक पर्यटन के लिए काशी आने वालों की संख्‍या तेजी से बढ़ना तय है।

जल रही अखंड ज्योति

ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्‍यास तहखाने के आठ पिलर प्राचीन आदि विश्‍वेश्‍वर मंदिर के अहम साक्ष्‍य हैं। यहां की छत काफी जर्जर हो चुकी है। लंबे समय से बंद रहने से यहां नमी अधिक होने के कारण लगातार आठ हैलोजन लाइटें जलाई जा रही है। तहखाने के गेट से मूर्तियों तक लाल रंग का मैट बिछाया गया है। अखंड ज्‍योति जल रही और श्रीराम चरित मानस का पाठ चल रहा है।

मूर्तियों की तस्‍वीरें लगेंगी

व्‍यास तहखाने की पांच मूर्तियां लंबे समय तक मिट्टी व मलबे में दबी थीं, इसलिए उनकी छवि प्रभावित हुई है। तहखाने के प्रवेश द्वार से मूर्तियों के बीच करीब 25 फीट की दूरी है। ऐसे में द्वार से दर्शन करने आने वाले भक्‍तों को मूर्ति की आकृति स्‍पष्‍ट नहीं हो पा रही है। यह फीडबैक मिलने के बाद प्रशासन ने मूर्तियों के ऊपर उनकी तस्‍वीरें लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।

तहखाने में है मूल शिवलिंग का राज

शृंगार गौरी के नियमित पूजन की अनुमति के लिए वाद दाखिल करने वाली राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन का दावा है कि मूल विश्‍वेश्‍वर शिवलिंग का राज व्‍यास तहखाने से ही सामने आएगा। विसेन का कहना है कि सदियों पहले सोमनाथ व्‍यास तहखाने के अंदर काफी नीचे जाते थे और वहां से लौटने में दो-तीन घंटे या इससे ज्‍यादा समय लगा देते थे। दरअसल, वे तहखाने के अंदर से ही भगवान आदि विश्‍वेश्‍वर के मूल विग्रह यानी ज्‍योतिर्लिंग तक पहुंच पूजा करते थे। दावा है कि मूल विग्रह ज्ञानवापी में हुए सर्वे के दौरान वजूखाने वाले कथित शिवलिंग से अलग है।

गाहड़वाल काल के शिलालेख महत्‍वपूर्ण

ज्ञानवापी में ASI सर्वे में मिले गहड़वाल काल के शिलालेख सबसे अहम हैं। शिलालेखों के कार्बन परीक्षण, उकेरे गए शब्‍द और अक्षरों के आधार पर माना गया है कि कई शिलालेखों की छाप गाहड़वाल काल के शिलालेखों से मिलती है। गाहड़वाल राजवंश ने 11वीं से 12वीं सदी के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार में शासन किया था। उनकी राजधानी वाराणसी में थी। सर्वे में मिला सबसे महत्‍वपूर्ण चिह्न 'स्‍वस्तिक' है। एक अन्‍य बड़ा प्रतीक शिव का त्रिशूल है। श्रीराम और शिव लिखी शिला भी मिली है। तीन शिलालेखों पर महा-मुक्ति मंडप का उल्‍लेख शिव के प्रसिद्ध निवास के अस्तित्‍व को स्‍थापित करने में मदद करता है।

देश को दहलाने की साजिश का भंडाफोड़, कार से बरामद हुईं भारतीय सेना की 40 नकली लड़ाकू वर्दी, दिल्ली-राजस्थान से निकला लिंक

डेस्क: देश को दहलाने की एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए भारतीय सेना की 40 नकली लड़ाकू वर्दी को बरामद किया गया है और आरोपी को पकड़ लिया गया है। पकड़े गए संदिग्ध की पहचान सुरेश प्रीतमदास खत्री के रूप में हुई है, वह नाशिक का रहने वाला है और उसकी उम्र 49 साल है। मामला महाराष्ट्र के अहमदनगर से सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

भारतीय सेना की नकली लड़ाकू वर्दी बनाकर खुले बाजार में बेचने वाले नासिक के आरोपी को जेल हो गई है। इस ऑपरेशन को भिंगार कैंप पुलिस स्टेशन और साउथ कमांड मिलिट्री इंटेलिजेंस, पुणे ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।

दरअसल अहमदनगर के जामखेड रोड पर तलाशी के दौरान एक व्यक्ति को इनोवा कार के पास खड़ा देखा गया और उसकी गतिविधियां संदिग्ध होने पर टीम ने उसे हिरासत में ले लिया। इस शख्स की पहचान सुरेश प्रीतमदास खत्री के रूप में हुई। उसके पास मौजूद इनोवा कार की तलाशी के दौरान सेना की 40 वर्दी मिलीं। 

इन वर्दी के बारे में पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह सेना के अधिकारियों की नई लड़ाकू वर्दी बेचने के लिए लाया था। जब उससे सैन्य वर्दी बेचने का लाइसेंस मांगा गया तो उसने कहा कि उसके पास कोई लाइसेंस नहीं है और आरोपी के पास से सेना की 40 नकली नई लड़ाकू वर्दी मिलीं। उसके खिलाफ जीआर के अनुसार भिंगार कैंप पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। 

भिंगार कैंप पुलिस स्टेशन द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। जांच से पता चला है कि नए लड़ाकू पैटर्न की वर्दी की अवैध बिक्री का एक बड़ा रैकेट खुले बाजार में चलाया जा रहा है। इसमें नई दिल्ली और राजस्थान के लोगों की संभावित संलिप्तता है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी ने ली पद और गोपनीयता की शपथ

 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को राजभवन देहरादून में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कुमारी ऋतु बाहरी को पद की शपथ दिलायी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत की राष्ट्रपति द्वारा न्यायमूर्ति कुमारी ऋतु बाहरी को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने से संबंधित अधिपत्र पढ़ा।

 

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रथम महिला गुरमीत कौर, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही सहित वरिष्ठ न्यायमूर्तिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस को सता रहा विधायकों के टूटने का डर, टूर पर भेजने का बन रहा प्लान

डेस्क: बिहार की राजनीति और सरकार के लिए 12 फरवरी का दिन बेहद ही खास रहने वाला है। विधानसभा में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार का इस दिन फ्लोर टेस्ट होना है। नीतीश सरकार अगर इस दिन बहुमत साबित करने में नाकाम रहती है तो एक बार फिर से भूचाल आएगा। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार को बहुमत मिल जाएगा। नीतीश सरकार के पास बहुमत से ज्यादा 6 विधायक हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के 'खेला अभी बाकी है' बयान के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं।

कांग्रेस आलाकमान को विधायकों के टूटने की आशंका

वहीं इसी बीच कांग्रेस आलाकमान को अपने विधायकों के टूटने की आशंका है। इसी बाबत शनिवार को दिल्ली में प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की एक बैठक हुई। इस बैठक में 19 विधायकों में से 17 विधायक शामिल हुए। अनुपस्थित दो विधायकों में से एक विधायक के बेटे की तबियत खराब है और एक खुद बीमार बताये जा रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान को आशंका है कि विधायक पार्टी तोड़कर अलग गुट बना सकते हैं इसलिए इन्हें टूर पर भेजने का प्लान बनाया जा रहा है।

दिल्ली में हैं कई विधायक 

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के विधायकों की तरह बिहार के भी कांग्रेस विधायकों को किसी कांग्रेस शासित राज्य में भेजा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के र एमएलसी भी दिल्ली में जमे हुए हैं। इस समय ज्यादातर विधायक दिल्ली स्थित बिहार निवास में ठहरे हुए हैं। वहीं राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी दिल्ली आये हुए हैं। दोनों नेता पार्टी आलाकमान के नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अमेरिका और ब्रिटेन ने सहयोगी देशों के साथ यमन के हूती-नियंत्रित इलाकों पर किया बड़ा हमला, 36 ठिकानें तबाह

डेस्क: अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने शनिवार को यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इस दौरान यमन में हूतियों के करीब 36 ठिकानें तबाह कर दिए गए। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यह जानकारी दी। ऑस्टिन ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि ये हमले करने में अमेरिका और ब्रिटेन को ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड से भी सहयोग मिला। ऑस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों के खिलाफ फिर से हमले किए।

यह सामूहिक कार्रवाई हूती विद्रोहियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि अगर वे अंतरराष्ट्रीय नौवहन और जहाजों पर अपने अवैध हमलों को नहीं रोकेंगे तो उन्हें आगे भी इसी प्रकार परिणाम भुगतने होंगे। हम दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक में जीवन और जहाजों के मुक्त नौवहन की रक्षा करने में नहीं हिचकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य लाल सागर से वैध तरीके से गुजरने वाले अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर अस्थिर करने के मकसद से किए जा रहे अकारण हमलों को अंजाम देने की ईरान समर्थित हूती मिलिशिया (असैनिक लड़ाकों) की क्षमताओं को रोकना तथा कम करना है।

वाणिज्यिक जहाजों पर हमले का दिया जवाब

ऑस्टिन ने कहा कि गठबंधन सेना ने हूतियों के हथियारों के जखीरे के केंद्र, मिसाइल प्रणालियों, वायु रक्षा प्रणालियों और रडार से जुड़े 13 स्थानों को निशाना बनाया। अमेरिका, ब्रिटेन और उसके अन्य गठबंधन सहयोगियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के समर्थन से अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में 13 स्थानों पर 36 हूती ठिकानों के खिलाफ आवश्यक हमले किए। 

उन्होंने कहा कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक नौवहन के साथ-साथ लाल सागर को पार करने वाले नौसैनिक जहाजों के खिलाफ हूतियों के निरंतर हमलों के जवाब में किए गए। बयान में कहा गया है, ‘‘आज के हमले में विशेष रूप से हूतियों के हथियार भंडार केंद्रों, मिसाइल प्रणालियों और लॉन्चर, वायु रक्षा प्रणालियों और रडार से जुड़े स्थानों को निशाना बनाया गया।’’ वाणिज्यिक जहाजों और नौसैनिक जहाजों पर पिछले साल नवंबर के मध्य से हूतियों के 30 से अधिक हमले एक अंतरराष्ट्रीय चुनौती बन गए हैं।

बर्फबारी की आगोश में श्रीनगर, चारों तरफ बिछी बर्फ की चादर, जनजीवन अस्त व्यस्त


डेस्क: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में बर्फबारी से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। श्रीनगर में बर्फबारी से चारों तरफ बर्फ की मोटी परत जमा हो गई है। यहां बर्फबारी से तीन इंच मोटी परत बिछ गई है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के कारण करीब 3 फीट मोटी बर्फ की परतें जमा हो गई हैं। बर्फबारी की वजह से कई इलाकों से संपर्क टूट गया है। खासकर तंगधार पर साधना टॉप नियंत्रण रेखा, अमरनाथ गुफा, गुलमर्ग पहलगाम और सोनमर्ग जैसे इलाकों में दो फीट के आस-पास बर्फ जमा है। 

मंदिर जाने वाले रास्ते पर फिसलन

श्रीनगर में बर्फबारी के कारण अभी तक तीन ईंच मोटी परत जमा है, जिसकी वजह से हवाई और जमीनी यातायात पर असर पड़ रहा है। श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर जाने वाले रास्ते पर भी फिसलन बढ़ गई है। मंदिर जाने लोगों को खासा एहतियात बरतने को कहा गया है। प्रशासन ने सड़कों पर बर्फ हटाने का काम तेजी से जारी रखा है। ऐसा ही कुछ हाल डल झील का भी है। वहीं, डल झील बर्फबारी की आगोश में सिमट चुका है। 

घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह

डल झील में बर्फबारी के कारण शिकारे बर्फ की मोटी परत से ढक गए हैं। दुकानों, मकानों और हाउस बोट पर बर्फ की कालीन बिछ गई हैं। बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन ने बर्फीले तूफान का अलर्ट भी जारी किया है। पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को बर्फबारी के चलते अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। साथ ही सभी जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे तक पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में इसी तरह से बर्फबारी जारी रहने की आशंका है, जिससे फिलहाल लोगों को राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

ट्रक और टैक्सी ड्राइवर्स के लिए हाइवेज पर रेस्ट रूम बनाएगी मोदी सरकार, मिलेंगी कई अहम सुविधाएं

ट्रक और टैक्सी चालकों के लिए, केंद्र सरकार सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 'नई सुविधाओं के साथ आधुनिक इमारतें' विकसित करेगी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की। पीएम मोदी ने दिल्ली में भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2024 में कहा कि, “लाखों ट्रक और टैक्सी चालक हमारी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। अक्सर, वे कई घंटों तक काम करते हैं... उनके पास आराम करने का समय नहीं होता है, और इसलिए, सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।'

उन्होंने कहा कि सरकार इन मुद्दों के प्रति 'पूरी तरह से सचेत' है। इसलिए, मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि लंबी यात्रा के दौरान ड्राइवरों को उचित आराम मिले, हम एक पहल लेकर आ रहे हैं। इसके तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर भोजन, पानी, वॉशरूम, पार्किंग, टॉयलेट आदि सुविधाओं वाली आधुनिक इमारतें बनाई जाएंगी। प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि योजना के पहले चरण में, देश के विभिन्न हिस्सों में 1000 ऐसी इमारतें बनाई जाएंगी।

इसके अलावा मीडिल क्लास को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में बड़ी तादाद में नियो मिडिल क्लास बना है, जिसकी अपनी उम्मीदें एवं अपनी आकांक्षाएँ हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में मिडिल क्लास का दायरा भी तेज रफ़्तार से बढ़ रहा है। इसके साथ ही मिडिल क्लास की आमदनी भी बढ़ रही है। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने बीते 10 सालों में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकला है।

ISI के लिए जासूसी कर रहा सतेंद्र मेरठ से गिरफ्तार, रूस के भारतीय दूतावास में करता है काम

डेस्क: यूपी ATS ने एक शख्स को मेरठ से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि सतेंद्र सिवाल नाम का शख्स पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहा था। सत्येंद्र रूस में भारतीय दूतावास में काम कर रहा है। एटीएस ने अपनी विज्ञप्ति में बताया कि संदिग्ध सतेंद्र सिवाल साल 2021 से रूस के भारतीय दूतावास (IBSA) के पद पर कार्यरत है। इस शख्स के पास से एटीएस ने 2 मोबाइल फोन, 1 आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान पत्र और 600 रुपये नकद बरामद किए हैं।  

छद्म नाम के व्यक्तियों को भेजता था खुफिया जानकारी

उत्तर प्रदेश एटीएस ने अपनी एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि एटीएस को विभिन्न गोपनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI के हैंडलरों द्वारा कुछ छद्म नाम के व्यक्तियों से विदेश मंत्रालय भारत सरकार के कर्माचारियों को बहला फुसलाकर और धन का लालच देकर भारतीय सेना से संबंधित भारत की सामरिक व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण, गोपनीय सूचनां प्राप्त की जा रही हैं, जिससे भारत की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न होने की संभावना है। 

सूचना पर कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस ने सिवाल से पूछताछ की तो शुरू में उसने असंतोषजनक जवाब दिए। हालांकि, बाद में उसने जासूसी करने की बात कबूल कर ली और उसे मेरठ में गिरफ्तार कर लिया गया।

जब ताज महल में उर्स की अनुमति नहीं, तो आयोजन कैसे ? कोर्ट पहुंची हिन्दू महासभा, रोक लगाने की मांग

ताज महल में मुगल बादशाह शाहजहां के 369वें 'उर्स' के आयोजन से तीन दिन पहले एक हिंदू संगठन ने आगरा सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर उर्स के आयोजन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता अखिल भारत हिंदू महासभा ने भी ताज महल के अंदर 'उर्स' के लिए मुफ्त प्रवेश को चुनौती दी है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 4 मार्च तय की है। हिंदू संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने कहा कि उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें यह जानना चाहा था कि क्या 'उर्स' के आयोजन के लिए मुगल, या ब्रिटिश सरकार, या भारतीय सरकार द्वारा कोई अनुमति दी गई थी। 

जिस पर ASI ने जवाब दिया कि 'उर्स' आयोजन समिति को ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए, अखिल भारत हिंदू महासभा ने इस प्रथा को समाप्त करने के लिए अदालत का रुख किया है। तीन दिवसीय 'उर्स' कार्यक्रम इस साल 6 फरवरी से 8 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। यह अवधि शाहजहाँ की मृत्यु की याद में मनाई जाती है, माना जाता है कि शाहजहां ने ही 1653 में यमुना नदी के तट पर ताज महल बनवाया था, हालाँकि इस पर विवाद होता रहता है। इस कार्यक्रम को 'चादर पोश', 'चंदन', 'गुसुल' और 'कुल' सहित अन्य अनुष्ठानों द्वारा चिह्नित किया जाता है। 'उर्स' के अंतिम दिन 1,880 मीटर या उससे अधिक की 'चादर' चढ़ाई जाती है।

हिंदू महासभा की संभागीय अध्यक्ष मीना दिवाकर और जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा का कहना है कि जब ASI स्मारकों के अंदर कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं हो सकता है, तो 'उर्स' का आयोजन अवैध है। सौरभा शर्मा ने आगे कहा कि हिंदू महासभा काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि के आदेश की तर्ज पर ताज महल परिसर के सर्वेक्षण के लिए याचिका दायर करने का इरादा रखती है। इस बीच, 'उर्स' आयोजन समिति के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम जैदी ने दावा किया है कि ASI इस आयोजन के लिए वार्षिक अनुमति जारी करता है और इस साल भी अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले, 'उर्स' की व्यवस्था पर चर्चा के लिए एएसआई कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई थी।

सैयद इब्राहिम जैदी ने कहा कि मुगल बादशाह शाहजहां का 'उर्स' सदियों से ताज महल में होता रहा है और यह दावा कि इसके लिए कोई अनुमति नहीं थी, पूरी तरह से 'फर्जी' है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार और उसके बाद भारत सरकार ने हमेशा 'उर्स' के लिए अनुमति दी है। अन्य खबरों में, खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष हाजी ताहिर उद्दीन ताहिर ने कहा कि कमेटी शाहजहां की कब्र पर 1,507 मीटर लंबी 'चादर' चढ़ाएगी। 'उर्स' के तीन दिनों के दौरान ताज महल में प्रवेश निःशुल्क होगा, और कार्यक्रम जल्द ही एएसआई द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।

13 या 14... कब है बसंत पंचमी? जानिए शुभ मुहूर्त और सनातन धर्म में इसका महत्व


सनातन धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है। इसे बसंत पंचमी के साथ श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है यह त्योहार प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन बच्चों का उपनयन संस्कार होता था। इसके साथ ही इस दिन गुरुकुलों में शिक्षा देने का आरम्भ भी किया जाता था। इस वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। 

बसंत पंचमी 2024 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से आरम्भ हो रही है, जो 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 08 मिनट पर खत्म हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचम पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को प्रातः 7 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त 5 घंटे 34 मिनट तक है। 

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन सभी स्कूल-कॉलेज में मां सरस्वती की आराधना की जाती है। इस दिन मां सरस्वती को पीली मिठाई का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान एवं बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।