निवर्तमान विस अध्यक्ष खिलाफ विधानसभा सचिव को बीजेपी विधायको ने सौंपा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

पटना : बीजेपी ने राजद के निवर्तमान विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंप दिया है। 

नोटिस में भाजपा नेताओं ने वर्तमान स्पीकर में विश्वास की कमी व्यक्त की है। क्योंकि नई सरकार सत्ता में आ गई है। 

प्रस्ताव पर बीजेपी के साथ-साथ JDU के विधायकों ने भी हस्ताक्षर किए है।

विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी के पास रहने की उम्मीद है। स्पीकर पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव और अमरेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी शामिल है।

पटना से मनीष प्रसाद

बिहार के राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव का हुआ एलान, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : अभी-अभी एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव होंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रेस नोट जारी कर दिया गया है।

जारी प्रेस नोट के अनुसार 8 फरवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। नामांकन की अंतिम तारीख 15 फरवरी है। नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी, नाम वापसी का समय 20 फरवरी है। चुनाव 27 फरवरी को होंगे। उसी दिन शाम में 5:00 बजे काउंटिंग होगी। 

बता दें राज्य सभा के कुल 56 सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। जिनमे बिहार से 6 सदस्य शामिल है। जिनमें राजद के मनोज कुमार झा और अहमद अशफाक करीम, जदयू के अनिल प्रसाद हेगड़े और बशिष्ठ नारायण सिंह, भाजपा के सुशील कुमार मोदी और कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं।

सरकार में साथ रहकर जदयू को समाप्त करने में लगी थी राजद, जनमत का सम्मान और बिहार को गुंडाराज से बचाने के लिए आए नीतीश कुमार के साथ : बीजेपी

 

पटना : बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय मे नई सरकार में बीजेपी कोटे से बने दोनो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान दोनो ने जदयू के साथ आने की वजह का खुलकर खुलासा किया। 

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू की ओर से बीते रविवार को हमलोग के पास समर्थन देने को लेकर उनके दूत आए थे। जेडीयू को तोड़ने का काम किया जा रहा था। राजद सरकार में रह कर जदयू समाप्त करने का काम कर रही थी। 2020 के जनमत का सम्मान करते हुए हम लोग फिर से एकसाथ वापस आए है। देश में मोदी जी और बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में विकाश हो रहा है। रोजगार और बिहार को विकसित किया जायेगा

वहीं अपने मुरेठा को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी मेरे लिए दूसरी मां के समान है। मेरे जन्मदिन वाली मां जब बिहार की सत्ता छोड़ कर जा रही थी तब मैने मुरेठा बंधा था। बीजेपी ने उस समय नेता प्रतिपक्ष बनाया था। मेरी दूसरी मां के सम्मान में अयोध्या जा कर सर मुड़वाना पड़े तो मै तैयार हूं। नीतीश कुमार के साथ जाने की बात हुई तो मैंने कहा था कि सभी नेताओ के साथ अयोध्या जा कर सर मुंड़वा कर पगड़ी भगवान के चरणों में रख देंगे।

वहीं उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार को जिस रास्ते पार राजद के लोग ले जा रहे थे उससे बिहार को बचा लिया गया है। बिहार में गुंडाराज स्थापित किया जा रहा था। इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी देने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद।

पटना से मनीष प्रसाद

तेजस्वी यादव के खेल अभी बाकी के बयान पर उप डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने किया पलटवार, कही यह बात

पटना : बिहार मे बीते रविवार को महागठबंधन सरकार का पतन हो गया। नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली।

नीतीश कुमार के एकबार फिर पलटी मारने पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी खेल बाकी है। समय आने पर राजद अपना पत्ता खोलेगा।

इधर तेजस्वी यादव के खेला वाले बयान पर बीजेपी नेता व नई सरकार मे डिप्टी सीएम बने विजय कुमार सिन्हा ने पलटवार किया है।

 

उन्होंने कहा कि तेजस्वी बचपन में नहीं खेल सके। जब खेलने का समय था तो पूरा खेल नहीं पाए। अब राजनीति में कहां से खेल पाएंगे।

वहीं उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव मे एनडीए पूरी तरह से 40 की 40 सीट जीतेंगी।

पटना से मनीष प्रसाद

एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक खत्म, इन चार एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बनने का बाद आज पहली कैबिनेट की बैठक हुई। इस पहली कैबिनेट की बैठक में चार एजेंडों पर मुहर लगी। 

वहीं, कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचकर बात की। सचिवालय में लगे RJD-कांग्रेस के मंत्रियों के नेम प्लेट उखाड़ दी गई है। जेडीयू के पुराने मंत्रियों के नेम प्लेट को ढंक दिया गया है। तेजस्वी के बंगले के बाहर लगी डिप्टी सीएम की नेम प्लेट को भी ढंका गया है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की जो तारीख थी उसे रद्द कर दिया गया है और अब नए सिरे से इसकी तारीख तय की जाएगी।

बैठक के चार एजेंडों में संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। सदन की कार्यवाही बुलाए जाने के लिए सीएम नीतीश को अधिकृत किया गया है। कोई डेट तय नहीं किया गया है। बजट सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाया गया है। 

बैठक खत्म होने के बाद नीतीश सीएम हाउस पहुंच गए हैं। जेडीयू सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा हो सकता है।

बीजेपी कार्यालय पहुंचे किन्नर समाज के लोग, कहा-हमलोगों ने सम्राट चौधरी को दिया था आर्शीवार्द

पटना : बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद आज सुबह किन्नर समाज के लोग बीजेपी ऑफिस के सामने आए हैं। 

इनका कहना है कि हमने सम्राट चौधरी को आशीर्वाद दिया था और अब बीजेपी के सरकार बन गई है। 

हम सभी चाहते हैं कि केंद्र और बिहार दोनों जगह बीजेपी की सरकार है तब हमारी जो मूलभूत सुविधा है उसे बीजेपी सरकार जल्द से जल्द लागू करे।

पटना से मनीष प्रसाद

बार बार पाला बदलने वाले नीतीश 9वीं बार बने सीएम, जानें कब कब मारी पलटी?

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बिहार में पिछले एक दशक की सियासत पर गौर करें तो देखेंगे कि राज्य में हर साल डेढ़ साल में सरकार बदल जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदलता। सत्ता के केन्द्र में नीतीशे कुमार का ही नाम होता हैं। इसकी वजह है कि नीतीश एक दशक से कम वक्त में अबतक पांच बार पाला बदल चुके हैं। रविवार को नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली।अब तक पांच पर गठबंधन बदल चुके नीतीश नौवीं बार सीएम बने हैं।

1985 में पहली बार विधायक बने

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। नीतीश कुमार की राजनीतिक प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उन्हें एनडीए सरकार में रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

यहां से नीतीश का 'पलटी' फार्मूला गूंजा

इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

एक बार फिर एनडीए के साथ

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया। डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

बिग ब्रेकिंग : ईडी दफ्तर पहुंचे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद

पटना : अभी-अभी राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ईडी दफ्तर पहुंच गये है। 

बता दें ईडी ने जॉब फॉर लैंड मामले में लालू प्रसाद को आज पूछताछ के लिए पटना स्थित ईडी कार्यालय पर बुलाया था। लालू प्रसाद इसी मामले को लेकर ईडी कार्यालय पहुंचे है। जहां उनसे पूछताछ होगी।

पटना से मनीष प्रसाद

कल सत्ता से हुए बाहर, आज ईडी ने घेरा, नीतीश के पलटते ही बढ़ी लालू-तेजस्वी की मुश्किलें

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बिहार में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है। नीतीश कुमार पलटी मारते हुए एनडीए खेमे में वापस हो गए हैं। इस बीच लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। लैंड फॉर जॉब्स केस में आज ईडी लालू यादव से पूछताछ कर सकती है। इसके लिए दिल्ली से भी ईडी के अफसर आए हैं। लालू समर्थकों का ईडी ऑफिस और राबड़ी आवास के बाहर जुटना शुरू हो गया है। पटना ईडी ऑफिस में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके पहले ये खबर थी कि अधिकारी राबड़ी आवास जाकर लालू से पूछताछ करेंगे। हालांकि अभी स्थिति साफ नहीं है कि लालू ईडी ऑफिस आएंगे या अफसर राबड़ी आवास जाएंगे।

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी देने वाले घोटाला मामले में ये पूछताछ की कार्रवाई करेगी। पूछताछ की प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले शनिवार 27 जनवरी की देर शाम तक जांच एजेंसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में तैयारी की जा रही थी। इस केस के तफ्तीशकर्ताओं के द्वारा सवालों की फेहरिस्त तैयार की गई है। सवालों की फेहरिस्त के साथ ही अगर एक अन्य महत्वपूर्ण बात करें तो इस मामले में एक चार्जशीट भी दायर हो चुका है और दायर चार्जशीट पर दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 जनवरी को संज्ञान ले लिया गया है। हालांकि इस मामले में 9 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। 9 फरवरी को उन तमाम आरोपियों को कोर्ट में पेश होना है जिनके खिलाफ जांच एजेंसी ईडी के द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी।

बता दें कि रविवार को जब बिहार में सियासी उठापटक तेज था तभी दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू परिवार के कुछ सदस्यों को समन जारी कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी यादव और बेटी हेमा यादव के अलावा कुछ दूसरे लोगों को भी समन जारी किया है। समन में कहा गया है कि वे कोर्ट के सामन अगले महीने की 9 तारीख को मौजूद रहें।

यूपीए की पहली सरकार में हुआ था घोटाला

गौरतलब है कि यह घोटाला तक का है जब लालू प्रसाद यूपीए की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। इस दौरान ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल करते हुए लालू यादव की पत्‍नी राबड़ी देवी, उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के अन्य लोगों को नामजद किया था।

नीतीश कुमार के पाला बदलकर एनडीए के साथ जाने पर बोलें पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, 2024 में खत्म हो जायेगा जदयू

डेस्क : बीता रविवार बिहार के लिए बड़ा दिन रहा। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच महागठबंधन की सरकार का पतन हुआ और एकबार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में एनडीए की सरकार भी बन गई। नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 9 वीं बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया।

इधर नीतीश कुमार के एकबार फिर पाला बदलने पर राजद नेता व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हम अभी पूरे पत्ते नहीं खोलेंगे। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाएंगे। 

तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड 2024 में खत्म हो जाएगा। जनता हमारा साथ देगी। भाजपा को मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अलग नहीं हुए, वो यहां से गए हैं। जो गठबंधन बनाया है उसकी हत्या नहीं कर सकते। अब हम जनता के बीच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नौकरी, रोजगार, आर्थिक न्याय, बेहतर चिकित्सा व शिक्षा रहा है। बिहार का विकास हो, ज्यादा से ज्यादा निवेशक यहां आएं ये लक्ष्य लेकर चले। उन्होंने भाजपा से अपनी तुलना करते हुए कहा कि आप भाजपा के 17 साल और 17 महीने का हमारा काम देखिए। हमने ऐतिहासिक काम करके दिखाया है। बिहार में जाति आधारित गणना हुई, आरक्षण बढ़ाया गया, शिक्षा विभाग ने दो लाख से ज्यादा नियुक्ति पत्र बांटा, साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राजकीय दर्जा दिलाया गया, उनका मानदेय दोगुना किया गया, आईटी नीति, पर्यटन व खेल नीति लाने काम किया। इतना काम किसी सरकार ने अबतक नहीं किया था। 

वहीं तेजस्वी ने सवाल किया कि क्रेडिट लेने की बात कही जा रही है तो इसका मतलब यही है कि वे भाजपा को चेता रहे हैं, भाजपा सरकार में आयी है, काम करेगी तो क्रेडिट नहीं लेगी क्या? पीड़ा हो रही है तो हम जिम्मेवार नहीं हैं। जनता ने बड़ी पार्टी बनायी थी। हमने ईमानदारी से काम किया। पिछले दो कैबिनेट की बैठक से पब्लिक हेल्थ कैडर की फाइल रोककर रखी गई है। 

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्पूरी जी के सिद्धांतों की बात करते हैं। आरक्षण बढ़ाये जाने पर कर्पूरी जी की सरकार जनसंघ व भाजपा ने ही गिरायी थी और आज वे उन्हीं के साथ जाकर बैठ गए हैं।