बिहार में सियासी हलचल के बीच तेजस्वी ने नीतीश को दी चुनौती, बोले-'आसानी से नहीं होने देंगे तख्तापलट'

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर से एनडीए के पाले में जाने की सुगबुगाहट जारी है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।दिल्ली से लेकर पटना तक की राजनीति जोरों पर हैं।इस बीच तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे दी है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए तख्तापलट इस बार आसान नहीं होने वाला है।

नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के बीच शुक्रवार को दिन भर तेजस्वी ने अपने कोर कमेटी के सदस्यों से इस पर चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने अपने सदस्यों के बीच कहा कि इतनी आसानी से दोबारा नहीं ताजपोशी नहीं होने देंगे। वहीं, आरजेडी के मुखिया लालू यादव ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। अगर नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ते हैं तब वह अपने पत्ते खोलेंगे। आज आरजेडी विधायक दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है।

बिहार में राजनीतिक उथल पुथल के बीच राजद खेमा पूरे तौर पर सक्रिय हो चुका है और सूत्रों से बताया जा रहा है कि गठबंधन टूटने की सूरत में राजद की ओर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज दिन में एक बजे सरकार बनाने का दावा किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राजद, कांग्रेस, वाम दल के 114 विधायकों के साथ जीतन राम मांझी के चार विधायकों को भी अपने पाले में करने कवायद की जा रही है।

बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है। दूसरी ओर एआईएमआईएम के एक और एक निर्दलीय विधायक के दम पर बहुमत के आंकड़े 122 से दो सीटें कम, यानी 120 सीटों पर राजद पहुंच जाएगा। वहीं, जदयू के भी कुछ विधायकों के टूटने का दावा राजद की ओर से किया जा रहा है।

राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में नहीं पहुंचे तेजस्वी यादव, नीतीश के बगल की खाली कुर्सी कह गई सियासी कहानी

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बिहार में भारी ठंड पड़ रही है, लेकिन सियासी गलियारे का पारा चढ़ा हुआ। अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साए की तरह नजर आने वाले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दूरियां बढ़ा ली है। दरअसल, आज गणतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर आए, लकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे।नीतीश कुमार के बगल रखी उनकी कुर्सी खाली नजर आई।

शुक्रवार दोपहर को गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार राज्यपाल की तरफ से राजभवन में हाई-टी पार्टी आयोजित की गई थी। गणतंत्र दिवस समारोह के बाद हर साल राज्यपाल द्वारा भोज का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी सियासी दल के प्रमुख नेताओं को राज्यपाल टी पार्टी पर आमंत्रित करते हैं। राजभवन की ओर से टी पार्टी पर सभी दलों को आमंत्रण दिया गया था। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और जदयू की ओर से मंत्री अशोक चौधरी शामिल हुए। वहीं राजद सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव राजभवन की ओर आ रहे थे। उनके गार्ड भी तैयार हो गए थे लेकिन अचानक उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आलोक मेहता राजभवन पहुंचे।

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राजभवन से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव राज भवन क्यों नहीं आए तो मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नहीं आए हैं उनसे ही पूछिए। गठबंधन में सब ठीक है? इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब नहीं दिया। मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठ गए और राज भवन से मुख्यमंत्री आवास की ओर चले गए। 

राजभवन में हाई-टी पार्टी से पहले शुक्रवार सुबह गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी पटना में आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में दूरियां दिखाई दीं। दरअसल, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कुर्सी लगाई गई थी, लेकिन तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बगल लगी कुर्सी पर न बैठकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बगल खाली कुर्सी पर बैठ गए।

बता दें कि जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मूताबिक मुख्यमंत्री नीतीश 28 जनवरी को अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कल यानी गुरुवार को बिहार बीजेपी नेताओं और अमित शाह के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है। वहीं, फिर से सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बनाने की बात कही जा रही है। जैसा दावा किया जा रहा है अगर वैसा होता है तो जदयू प्रमुख नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

मुश्किलों में शोएब मलिक, मैच फिक्सिंग के आरोप में टीम से निकाले गए, कॉन्ट्रैक्ट रद्द

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पाकिस्तान के महान खिलाड़ियों में शामिल शोएब मलिक लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पहले सानिया मिर्जा से अलगाव और पाकिस्तानी एक्ट्रेस सना जावेद से शादी के बाद खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। अब बांग्लादेश प्रीमियर लीग में कुछ ऐसा हो गया है, जिससे शोएब का पूरा क्रिकेट करियर ही तबाह कर सकता है।दरअसल, शोएब मलिक पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीपीएल में उनकी टीम ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलिक टूर्नामेंट बीच में छोड़कर दुबई लौट गए हैं। इस दौरान उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शोएब मलिक बांग्लादेश प्रीमियर लीग में फॉर्च्यून बारिशल टीम के लिए खेल रहे थे लेकिन एक मुकाबले में मलिक ने एक ही ओवर में 3 नोबॉल डालकर सबको हैरान कर दिया था। मलिक ने बीपीएल के एक मैच के दौरान एक ही ओवर में 3 नोबॉल डाल दी थी, जिसका वीडियो काफी वायरल हो गया था और इसके बाद से ही फिक्सिंग के आरोप लगने लगे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश प्रीमियर लीग की टीम फॉर्च्यून बारिशल ने मैच फिक्सिंग के आरोप में शोएब मलिक को टीम से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीम से निकाले जाने के कारण ही मलिक अचानक ही टूर्नामेंट को बीच में छोड़कर ही दुबई लौट गए।

फॉर्च्यून बरिशाल के लिए खेलते हुए मलिक ने खुलना टाइगर्स के खिलाफ मैच के दौरान एक ओवर में तीन नो बॉल फेंकी। मलिक ने मैच में सिर्फ एक ओवर फेंका और 18 रन दिए। उन्हें दो चौके और एक छक्का लगाया गया। मलिक ने मैच का चौथा ओवर फेंका और उनके कप्तान तमीम इकबाल ने उन्हें फिर से आक्रमण पर नहीं लाया। यही वजह रही कि फॉर्च्यून बरिशाल खुलना टाइगर्स से 8 विकेट से मैच हार गई। 

मलिक ने एक ही ओवर मे तीन नो बॉल डाली थी. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसकी लगातार चर्चा की जा रही थी। एक स्पिनर किसी ओवर में तीन नो बॉल डाले यह अजीब बात ही है। इसी वजह से मलिक की फिक्सिंग को लेकर जांच की मांग की जा रही थी।

बांग्लादेश प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीम ने शोएब मलिक के साथ करार खत्म कर दिया है। इसके पीछे की वजह से उनके खिलाफ फिक्सिंग की जांच बताई जा रही है। अगर मलिक दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा भी तय की जा सकती है। इस पाकिस्तानी खिलाड़ी के बीपीएल खेलने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

तेजस्वी यादव ने मसौढ़ी के गांधी मैदान में किया झंडात्तोलन, कहा– जनता मालिक होती है

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सीधे तौर पर कहा कि जनता मालिक होती है। पटना जिले के मसौढ़ी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 75 वां गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडात्तोलन किया। 

झंडात्तोलन के पूर्व उहोंने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद परेड की सलामी ली। 

झंडात्तोलन के बाद मंच पर न जाकर गांधी जी की प्रतिमा के समीप से ही संक्षिप्त भाषण दिया और कहा कि जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है। उन्होंने कहा कि देश का अगर कोई दुश्मन है तो वह बेरोजगारी,बिहार में युवाओं को रोजगार मिला है और आगे भी करते रहेंगे। संक्षिप्त भाषण के बाद तेजस्वी मीडिया से बगैर बात किए पटना के लिए रवाना हो गए। तेजस्वी के चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा था।

नीतीश कुमार की बेचैनी बता रही कुछ ना कुछ हो रहा है– उपेंद्र कुशवाहा

पटना: राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जिस तरीके से हालात बने हैं लग तो रहा है कि कुछ ना कुछ हो रहा है नीतीश कुमार की बेचैनी बता रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार अभी आ जाएं लेकिन आने के बाद फिर 2024 के बाद वह महागठबंधन के साथ नहीं चले जाएं. इसकी गारंटी क्या है यह जनता गारंटी चाहती है।

बिहार में सियासी भूचालः बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे नीतीश!

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बिहार में सियासी बवंडर आने का पूरे हालात बने हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें तेज हैं कि वे फिर से एक बार पाला बदलने जा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” का नेता न बनाए जाने से नाराज नीतीश कुमार गठबंधन का साथ छोड़ एनडीए खेमे में वापसी कर कर सके हैं। इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। वे बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार 28 जनवरी को दोबारा सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

अगले चौबीस घंटे बिहार की राजनीति के लिए अहम बताया जा रहा। इस दौरान नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बनाए जा सकते हैं। नीतीश कुमार को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बड़े संकेत दिए हैं। बीजेपी नेता सुशील मोदी का कहना है कि राजनीति में दरवाजे बंद होते हैं और दरवाजे खुल भी जाते हैं। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार 27 जनवरी यानी कि शनिवार को सीएम पथ से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद वह 28 जनवरी को फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने को लेकर बीजेपी तैयार नहीं हुई है।

बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई सांसद चिराग पासवान को भी दिल्ली बुलाया है। पटना स्थित पार्टी कार्यालय में तिरंगा फहराने के बाद चिराग पासवान दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान रविवार शाम साढ़े पांच बजे एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और देश के गृह मंत्री अमित शाह से अहम बातचीत करेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने अपने आवास पर लोजपा (रामविलास) के नेताओं के साथ बैठक की। चिराग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। 

बिहार की राजनीति में मची हलचल और नीतीश कुमार के फिर से पाला बदल कर भाजपा के साथ जाने के कयासों के बीच फिलहाल पार्टी सार्वजनिक रूप से अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। पटना में मचे राजनीतिक घमासान के बीच भाजपा आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह उच्चस्तरीय बैठक हुई। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार मंथन किया।

कर्तव्य पथ से आसमान की ओर उठीं सबकी निगाहें, दिखा भारतीय सेना का शौर्य और नारी शक्ति की झलक

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देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर सलामी मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान बजा और 21 तोपों की सलामी दी गई। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के 4 एमआई-17 से कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ परेड शुरू हुई।इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी मौजूद रहे।इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि हैं। फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ।

आकाश में भारत के ताकत की गरज

परेड दस्ता में भारतीय वायुसेना दल में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल रहे। उनकी झांकी भारतीय वायु सेना की थीम ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ पर आधारित थी। झांकी में एलसीए तेजस और Su-30 को IOR के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया।

 

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. देश के हिंटरलैंड में तैनात महिला कर्मियों का प्रदर्शन देखने को मिला है. इंस्पेक्टर शहनाज खातून के हाथों में कमान है. शहनाज के साथ 13 और महिला कार्मिकों का दस्ता कर्तव्य पथ पर है. अभिवादन- फॉर्मेशन की कमान इंस्पेक्टर सोनिया बनवारी के हाथ में है. योग से सिद्धि- सीटी अनिता भारती और 7 कार्मिकों का फॉर्मेशन है.

चंद्रयान-3 की निकली झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड दस्ते में इसरो की कामयाबी की भी झलक देखने को मिली। परेड में इसरो भी शामिल हुआ। इस दौरान चंद्रयान-3 की झांकी निकाली गई। दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग दिखाई गई। चंद्रयान-3 की झांकी देख दर्शकों के साथ केंद्रीय मंत्री भी उठ खड़े हुए। बता दें कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है।

पहली बार दिल्ली पुलिस की परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस की तरफ से परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं. मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल ने हिस्सा लिया. इस परेड का नेतृत्व आईपीएस ऑफिसर श्वेता के सुगथन ने की।

उत्तर प्रदेश की झांकी में रामलला के हुए दर्शन

उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ से गुजर रही है। इस झांकी की थीम अयोध्या: विकसित भारत समृद्ध विरासत रही। अयोध्या के राम मंदिर और रामलला के गीत यूपी की झांकी के साथ बजाए गए। झांकी के आगे के हिस्से में रामलला की प्रतिमा दिखाई गई। उत्तर प्रदेश की झांकी के पीछे तेलंगाना की झांकी आ रही है, जिसकी थीम - जमीनी स्तर पर लोकतंत्र- तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत रही।

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित है। भारत में तसर सिल्क का 62% झारखंड में उत्पादन होता है। तसर सिल्क से लगभग 1 लाख 50 हजार लोगों की आजीविका चलती है।अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश में सिल्क का निर्यात होता है। झांकी में आदिवासी झमताओं का प्रदर्शन है।

लोजपा कार्यालय में चिराग पासवान ने किया झंडोतोलन, नीतीश कुमार के एनडीए में आने पर दी प्रतिक्रिया

पटना: लोजपा कार्यालय मे चिराग पासवान ने झंडोतोलन किया।वही चिराग ने नीतीश कुमार एनडीए में आने पर कहा कि देखिए अगर मगर की बात होगी तो इस पर बहुत सारे सवाल जवाब हो जाएंगे। 

मैं कल भी इस बात को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मेरी बातचीत चल रही है। मुझे लगता है सही समय आने पर तमाम प्रश्नों के जवाब आपको मिल जाएंगे. आज मैं दिल्ली जा रहा हूं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मेरी बातचीत होनी है। वैसे आज मुझे कर्पूरी धाम जाना था।

 आज कई तरीके कार्यक्रम थे लेकिन सभी कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। राजनीतिक सरगमियों को लेकर के कई कार्यक्रमों को आज कैंसिल कर दिया गया है। 

मैं लगातार इस बात को दोहरा रहा हूं कि राजनीतिक स्थितियों पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की नजर बनी हुई है। जिस तरीके से घटनाक्रम बदल रहा है अभी भी कई चीजों पर चर्चाएं होना बाकी है।

वो चित्रकार जिसने सजाया हमारा संविधान, एक नाम जो संविधान की हर पृष्ठ पर है मौजूद, जानिए दिलचस्प बातें

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हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। हममें से ज्यादातर लोगों को ये पता है कि भारत का संविधान किसने बनाया। लेकिन क्या हमें इस बात की जानकारी है कि हमारा संविधान किसने सजाया? 

29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। हम यह जानते हैं कि संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे जिनके निर्देशन में भारत का संविधान लिखा गया। लेकिन क्या हम ये जानते हैं कि हमारे संविधान को जिन चित्रों से सजाया गया है, वो किसके निर्देशन में तैयार किया गया।

बता दें कि इसे बनाने वाले थे विख्यात चित्रकार नंदलाल बोस। दरअसल जब संविधान तैयार किया जा रहा था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इन्हें सजाने वाला ढूंढ रहे थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शांतिनिकेतन में आए हुए थे। तब उनकी मुलाकात नंदलाल बोस से हुई। यहां नंदलाल बोस कलाभवन के प्राध्यापक के तौर पर काम कर रहे थे। पंडित नेहरू ने उन्हें संविधान को भारतीय चित्रों सजाने का उनसे आग्रह किया, जिन्हें नंदू बोस ने मान लिया।

संविधान को सजाने के लिए 21 हजार रूपये मेहनताना

221 पेज के इस दस्तावेज के हर पन्ने पर तो चित्र बनाना संभव नहीं था।लिहाजा, नंदलाल जी ने संविधान के हर भाग की शुरूआत में 8-13 इंच के चित्र बनाए। संविधान के कुल 22 भाग हैं। इस तरह उन्हें भारतीय संविधान की इस मूल प्रति को अपने 22 चित्रों से सजाने का मौका मिला। इन 22 चिज्ञों को बनाने में चार साल लग गए। इस काम के लिए उन्हें 21 हजार रूपये मेहनताना के तौर पर दिया गया। 

संविधान की सजावट में संस्कृति की छाप

भारत के संविधान को नंदलाल बोस के निर्देशन में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अपने अद्भुत चित्रों से सजाए हैं। इनमें मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र सुंदर बन पड़े हैं। वास्तव में यह चित्र भारतीय इतिहास की विकास यात्रा हैं। इन चित्रों की की शुरुआत होती है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर से। अगले भाग में भारत की प्रस्तावना लिखी है, जिसे सुनहरे बार्डर से घेरा गया है।

एक चित्रकार को 21 हजार, एक ने ठुकराया हर उपहार

एक तरफ नंनलाल बोस ने अपनी कलाकारी के लिए मात्र 21 हजार रूपये लिए तो वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे कलाकार प्रेम बिहारी रायजादा ने मेहनताना ठुकरा दिया था। भारत के संविधान से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि इसकी मूल प्रति टाइपिंग या प्रिंट में उपलब्ध नहीं है। संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है। इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है। रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है।सुलेखन यानी कैलिग्राफी प्रेम बिहारी का खानदानी शौक था।

संविधान के हर पृष्ठ पर लिखा अपना नाम

संविधान को बनाने में जहां 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, वहीं इसे हाथों से लिखने में 6 महीने का समय लगा था। जब प्रेम बिहारी से सरकार ने इस काम को पूरा करने के लिए मेहनताना के बारे में पूछा, तो उनका जवाब बड़ा गंभीर था। उन्होंने कहा, मुझे एक भी पैसा नहीं चाहिए। ना ही कोई महंगा उपहार चाहिए। लेकिन उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रख दी, जिसे सरकार ने मान लिया।

कर्तव्य पथ पर आज रचेगा इतिहास, गणतंत्र दिवस पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी परेड में हो रही हैं शामिल

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देश भर में आज गणतंत्र दिवस का उत्साह है। देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेना- थल सेना, वायुसेना और जल सेना की महिला सैनिक शामिल होंगी। मेजर जनरल सुमित मेहता ने बताया कि इस बार तीनों सेना की महिला टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है जिसकी वजह से परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस साल पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल होंगी। परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस समारोह परेड कैप्टन शरण्या राव थल सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में पीएम मोदी के साथ अतिथि के तौर पर शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी हिस्सा ले रही हैं। गणतंत्र दिवस परेड में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी।

फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल आया

परेड में भाग लेने के लिए फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल भी भारत आया है।75वें गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। इस फ्रांसीसी दल में छह भारतीय भी हिस्सा बनने वाले हैं। इनमें सीसीएच सुजन पाठक (हेड कॉर्पोरल), सीपीएल दीपक आर्य (कॉर्पोरल), सीपीएल परबीन टंडन (कॉर्पोरल), गुरवचन सिंह (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर), अनिकेत घर्तिमागर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) और विकास डीजेसेगर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) शामिल हैं। 

दरअसल, फ्रांस में विदेशी सेना की एक कोर होती है जिसका नाम 'फ्रेंच फॉरेन लीजन' है। 1831 में स्थापित की गई फ्रेंच फॉरेन लीजन को फ्रेंच सेना का एक अभिन्न अंग माना जाता है। फ्रांसीसी मार्चिंग दल के कमांडर कैप्टन नोएल लुइस ने कहा कि यह विशिष्ट सैन्य कोर विदेशियों के लिए फ्रांसीसी सेना में कुछ शर्तों के साथ सेवा करने का मौका देता है। वर्तमान में इसमें लगभग 9,500 अधिकारी और सेनापति हैं। इस कोर में दुनियाभर से लगभग 140 देशों के लोग हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि

बता दें कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य अतिथि होंगे। यह छठी बार है, जब कोई फ्रांसीसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बने हैं। साथ ही दूसरी बार फ्रांसीसी दल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। वहीं, इस बार 13,000 विशेष अतिथियों को बुलाया गया है।