2024 के पहले दिन भूकंप के 155 झटकों से दहला जापान, कई लोगों की मौत, 33000 घरों की बिजली गुल, मचा त्राहिमाम

2024 के पहले दिन जापान में आए शक्तिशाली भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि अधिकारियों को आपदा की भयावहता का मूल्यांकन करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। जापान मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि सोमवार से द्वीप राष्ट्र में कम से कम 155 भूकंप आए हैं, जिनमें प्रारंभिक 7.6 तीव्रता का झटका और 6 से अधिक तीव्रता का झटका शामिल है।

अधिकारियों ने शुरुआती भूकंप के तुरंत बाद सुनामी की चेतावनी जारी की, जिसमें देश में 5 फीट तक ऊंची लहरें उठीं। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 33,000 घरों में बिजली नहीं है और प्रमुख राजमार्गों सहित देश भर में कई महत्वपूर्ण मार्ग बंद हैं, जिससे डॉक्टरों और सेना के जवानों को बचाव सेवाओं में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जापान के सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने कहा कि वाजिमा शहर में आठ लोगों की मौत की सूचना मिली है, जो भूकंप के केंद्र के पास है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने छह लोगों की मौत की पुष्टि की है।

जापान के अपेक्षाकृत सुदूर नोटो प्रायद्वीप में सेना के हजारों जवानों को तैनात किया गया है, जो देश का भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। हालाँकि, क्षतिग्रस्त और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव अभियान बाधित हो गया है, जिसमें रनवे पर दरार के कारण क्षेत्र के एक हवाई अड्डे को बंद करना भी शामिल है। क्षेत्र में कई रेल सेवाएं और उड़ानें भी निलंबित कर दी गई हैं। जापान के परिवहन मंत्रालय ने कहा कि चार एक्सप्रेसवे, दो हाई-स्पीड रेल सेवाएं, 34 स्थानीय ट्रेन लाइनें और 16 नौका लाइनें रोक दी गईं, जबकि देश में भूकंप के झटके के बाद से 38 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। हालाँकि, जापान मौसम विज्ञान कार्यालय ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में देश में और अधिक शक्तिशाली झटके आ सकते हैं।

सोमवार के भूकंप और उसके बाद आए कई अन्य भूकंपों से हुई क्षति का स्तर अभी भी सामने आ रहा है। समाचार फ़ुटेज में ढही हुई इमारतें, एक बंदरगाह पर डूबी हुई नावें, कई जले हुए घर और रात भर तापमान गिरने के कारण बिजली बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को दिखाया गया। हवाई समाचार फ़ुटेज में सुज़ू शहर के मछली पकड़ने वाले बंदरगाह पर डूबी हुई नावें दिखाई गईं।

वीडियो में दिखाया गया है कि भूकंप के कारण वाजिमा में भीषण आग लग गई, जिसने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को अंधेरे में निकाला गया, कुछ के पास कंबल थे और कुछ के पास बच्चे थे। वाजिमा अग्निशमन विभाग के एक ड्यूटी अधिकारी ने कहा कि वे बचाव अनुरोधों और नुकसान की रिपोर्टों से अभिभूत हैं, उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह से यह संख्या बढ़ रही है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि हजारों लोगों को खाली करने का आदेश दिया गया था, जिनमें से लगभग 1,000 लोग सैन्य अड्डे पर रह रहे थे। जापानी सरकार ने कहा कि सोमवार रात तक, होंशू द्वीप के पश्चिमी तट पर नौ प्रान्तों में 97,000 से अधिक लोगों को खाली करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन लोगों ने स्पोर्ट्स हॉल और स्कूल जिम्नेजियम में रात बिताई।

इशिकावा प्रान्त में मंगलवार तक लगभग 33,000 घर बिजली के बिना रहे। एनएचके ने बताया कि उत्तरी नोटो प्रायद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं है। पड़ोसी निगाटा प्रान्त में कम से कम 700 घर बिजली के बिना रहे। इस बीच, पश्चिम जापान रेलवे ने सोमवार देर रात कहा कि कनाज़ावा और टोयामा शहरों के बीच चार हॉल्टर बुलेट ट्रेन सेवाओं पर कुल 1,400 यात्री फंसे हुए हैं।

जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने सोमवार देर रात संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने खोज और बचाव टीमों को "जो भी उपलब्ध साधन" के साथ भूकंप प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने का आदेश दिया है। मंगलवार को एक आपातकालीन आपदा बैठक के दौरान टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणियों में उन्होंने कहा, "भूकंप से प्रभावित लोगों की खोज और बचाव समय के खिलाफ लड़ाई है।"

जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद रूस, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया ने सुनामी की चेतावनी जारी की है। रूसी राज्य समाचार एजेंसी TASS ने सोमवार को अधिकारियों के हवाले से खबर दी कि सखालिन द्वीप के पश्चिमी तट और मुख्य भूमि प्रिमोर्स्क और खाबरोवस्क क्षेत्र सुनामी के खतरे में हैं। इस बीच, जापान में आए भीषण भूकंप के बाद दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट पर 3.3 फीट से नीचे की सुनामी पहुंच गई। अलग से, उत्तर कोरिया ने अपने तट के लिए 2 मीटर से अधिक की आबादी के लिए चिंता जताई है।

डिटेल में जानिए, कौन है गोल्डी बराड़? जिसे भारत सरकार ने UAPA के तहत घोषित किया अतंकी

भारत सरकार ने गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित कर दिया है। भारत सरकार ने यह निर्णय UAPA के तहत लिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिस में बताया गया है कि गोल्डी बराड़ प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा अंतर्राष्ट्रीय से जुड़ा है। वह भारत में कई बड़े अपराधों में सम्मिलित रहा है। फिलहाल गोल्डी बराड़ कनाडा में हैं तथा वहीं से अपनी अपराध की दुनिया को ओपरेट कर रहा है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्याकांड का मास्टर माइंड भी गोल्डी बराड़ को बताया जाता है। पंजाबी गायक मूसेवाला के क़त्ल के पश्चात् गोल्‍डी बराड़ ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी।

कौन है गोल्डी बराड़

गोल्डी बराड़ पंजाब के मौजूदा मोस्ट वॉन्टेड गैंग्स्टर्स में से एक है तथा फिलहाल कनाडा में रह रहा है। कहा जा रहा है कि वह कॉलेज का एक ड्रॉप आउट छात्र है तथा पढ़ाई छोड़ने के पश्चात् से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय है। वर्ष 2019 में गोल्डी बराड़ स्टूडेंट वीजा पर पढ़ाई करने के लिए कनाडा गया था। वह भारत के कई नेताओं को धमकी भरे कॉल करने, फिरौती मांगने एवं विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हत्याओं के दावों को पोस्ट करने के लिए भी जाना जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भी दावा किया जाता है कि गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई गुरलाल बराड़ का जुलाई 2021 में चंडीगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में एक डिस्को के बाहर क़त्ल कर दिया गया था। गुरलाल बिश्नोई और गोल्डी का करीबी सहयोगी था। इस मौत का बदला लेने के लिए गोल्डी बराड़ ने कथित तौर पर फरीदकोट में युवा कांग्रेस नेता गुरलाल पहलवान के क़त्ल का षड्यंत्र रचा था। गोल्डी बराड़ कनाडा में जबरन वसूली जिसे एक्सटॉर्शन मनी (Extortion Money) के नाम से जाना जाता है, शुरू कर दी। इस के चलते उसने पैसों के लालच में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का भी काम आरम्भ कर दिया। आगे पुलिस ने बताया कि अब तक उसके खिलाफ कई जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली सहित 50 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं।

18 घंटों में 155 भूकंप के झटकों से जापान में भारी तबाही, सड़कें फटीं, पुल गिरे, घरों में पड़ी दरारें देख दहशत में लोग

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नए साल के जश्न के आए भूकंप से बीच जापान दहशत में है। जापान में एक के बाद एक भूकंप के तेज झटकों से भारी तबाही हुई है। पहला भूकंप 7.6 तीव्रता का रहा। पहले आई रिपोर्ट में इसे 7.4 तीव्रता का बताया गया था और बाद में 7.5 तीव्रता का। बाद में इसके 7.6 तीव्रता के होने की पुष्टि हुई। इसके बाद जापान में भूकंप का सिलसिला शुरू हो गया और एक ही दिन में जापान में 155 भूकंप आए। यह एक रिकॉर्ड है। इनमें 7.6 तीव्रता का झटका और 6 से अधिक तीव्रता का झटका शामिल हैं। अधिकांश भूकंप की तीव्रता 3 से अधिक थी। बड़ी बात ये है कि सिर्फ दो घंटे के भीतर 40 से ज्यादा झटके लगे। साथ ही सुनामी का खतरा भी बढ़ गया है।

जापान के मौसम विज्ञान कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार शाम 4 बजे (स्थानीय समय) के बाद से आए ज्यादातर भूकंप रिक्टर पैमाने पर 3 से अधिक तीव्रता के थे। उन्होंने यह भी कहा कि इन भूकंपों की तीव्रता हालांकि धीरे-धीरे कम हो गई, फिर भी मंगलवार को कम से कम छह बड़े झटके महसूस किए गए।

रिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) का कहना है कि होंशू के मुख्य द्वीप इशिकावा प्रान्त में आए भूकंप की तीव्रता 7.5 थी। वहीं, जापानी अधिकारियों का कहना है कि इशिकावा में आए भूकंप की तीव्रता 7.6 थी। 155 भूकंपों के बाद जापान की मौसम एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की है।

समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान ने हालांकि सुनामी की सभी चेतावनियां हटा ली हैं। सोमवार को आए भीषण भूकंप में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और एक मीटर से अधिक ऊंची सुनामी लहरें उठीं। भूकंप से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और कई जगह भीषण आग लग गई, जिससे रात भर में भारी नुकसान हुआ। करीब एक लाख लोगों को तटीय इलाकों से शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है। तटीय इलाकों के निवासियों से कहा कि वे अपने घरों में न लौटें क्योंकि घातक लहरें अभी भी आ सकती हैं। अधिकारी अभी भी सोमवार के भूकंप से हुए नुकसान के पैमाने का आकलन कर रहे हैं।

जापानी के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि नए साल के दिन मध्य जापान में आए भूकंप से ‘व्यापक’ क्षति हुई और कई लोग हताहत हुए। उन्होंने कहा कि अधिकारी पीड़ितों को बचाने के लिए पूरी मशक्कत कर रहे हैं। समाचार एजेंसी एएफपी ने किशिदा के हवाले से बताया, ‘(भूकंप से) बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसमें कई लोगों की मौत, इमारत ढहना और आग शामिल है।

हो गया रामलला की मूर्ति का चयन, जानें कौन हैं योगीराज अरुण जिनकी बनाई प्रतिमा गर्भगृह में होगीं स्थापित

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अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पूरा देश उत्सव मनाने को तैयार है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही है। इसी तैयारियों का क्रम में राम मंदिर के लिए भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की एक मूर्ति का चयन किया गया है।आयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन हुआ है।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी जानकारी दी है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है। हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लिखा, जहां राम हैं, वहां हनुमान हैंय़ अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है।हमारे देश के फेमस मूर्तिकार, हमारे गौरव योगीराज अरुण जी द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। प्रह्लाद जोशी ने लिखा, इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है।

कौन हैं अरुण योगीराज?

अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर शहर के रहने वाले हैं। वह एक प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार से आते हैं। उनकी पांच पीढ़ियां मूर्ति तराशने का काम करती चली आ रही हैं। अरुण देश के सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में अरुण की तराशी गई मूर्तियों की बहुत ज्यादा मांग होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अरुण की प्रतिभा को लेकर उनकी तारीफ कर चुके हैं। अरुण ने अपनी कुशलता का इस्तेमाल कर एक से बढ़कर एक मूर्तियां बनाई हैं।

अरुण के पिता योगीराज भी एक बेहतरीन मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण हासिल था। अरुण योगीराज भी बचपन से ही मूर्तिकला के काम से जुड़े रहे हैं। एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वक्त तक एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया। हालांकि, वह अपने भीतर बैठे मूर्तिकार को ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं पाए। यही वजह रही कि उन्होंने 2008 से अपने मूर्तिकला के करियर को शुरू किया। 

इन मूर्तियों को तराश चुके हैं योगीराज

योगीराज ने आयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के अलावा मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी बनाई है। इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही तराशी है।

नए साल के पहले दिन गुजरात में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक साथ इतने लोगों ने किया सूर्य नमस्कार

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नए साल पर गुजरात ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है।यहां 108 अलग-अलग जगहों पर लोगों ने एक साथ सूर्य नमस्कार किया है। इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।सूर्य नमस्कार का आज जहां-जहां आयोजन हुआ, उसमें मोढेरा सूर्य मंदिर भी शामिल रहा।सिर्फ मोढेरा सूर्य मंदिर में 2 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने भी भाग लिया।

यह कार्यक्रम मोढेरा में स्थित सूर्य मंदिर में सोमवार सुबह हुआ। लोगों ने इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लिया। इस मौके पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निरीक्षक स्वप्निल डांगरीकर भी पहुंचे थे।गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निरीक्षक स्वप्निल डांगरीकर ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि गुजरात ने अपने नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब दर्ज कर लिया है। स्वप्निल डांगरीकर ने कहा, मैं यहां रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए आया था लोग सूर्य नमस्कार कर रहे थे। यह एक नया शीर्षक है क्योंकि इससे पहले किसी ने भी इस रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास नहीं किया था। सभी सबूतों के तौर पर गुजरात ने सफलतापूर्वक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

गुजरात में लोगों ने सूर्य नमस्कार करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संदेश देकर एक आग्रह भी किया।पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, गुजरात ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ 2024 का स्वागत किया - 108 स्थानों पर एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा सूर्य नमस्कार करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। जैसा कि हम सभी जानते हैं, हमारी संस्कृति में 108 अंक का विशेष महत्व है। उन्होंने आगे कहा, आयोजन स्थलों में प्रतिष्ठित मोढेरा सूर्य मंदिर भी शामिल है, जहां कई लोग शामिल हुए। यह वास्तव में योग और हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सच्चा प्रमाण है। मैं आप सभी से भी आग्रह करता हूं कि सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। फायदे बहुत हैं।

जापान में 7.4 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट जारी, लोगों से तटीय इलाकों को खाली करने की अपील

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जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.4 मापी गई है।भूकंप 16:10 (जेएसटी) पर नोटो, इशिकावा प्रात में आया। द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के झटके राजधानी टोक्यो और कांटो क्षेत्र में महसूस किए गए। जिसके बाद जापान मौसम विभाग ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है। संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को खाली करने का निर्देश दिया गया है।

एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक निगाता प्रांत का काशीवाकी शहर से 40 सेंटीमीटर दूर था भूकंप का केंद्र, रिपोर्ट के अनुसार, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर ने कहा कि वह अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी भी अनियमितता की जांच कर रहा है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा और आसपास के प्रान्तों में भूकंप आने की सूचना दी, जिनमें से एक की प्रारंभिक तीव्रता 7.4 मापी गई है। जापानी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके टीवी ने चेतावनी दी कि सुनानी आने के बाद समुद्र में पानी की धार 5 मीटर (16.5 फीट) तक पहुंच सकती है और लोगों से जितनी जल्दी हो सके ऊंची भूमि या पास की इमारत की चोटी पर भागने का आग्रह किया गया है।

बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी

भूकंप के बाद इशिकावा के नोटो प्रायद्वीप में 1.2 मीटर तक ऊंची लहरें उठीं, जिससे एक दुर्लभ बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी की गई। शुरुआती भूकंप के बाद, कई झटके आए और नोटो प्रायद्वीप क्षेत्र में सुनामी के 5 मीटर तक की ऊंचाई तक पहुंचने की आशंका जताई गई।इनके अलावा, 80 सेंटीमीटर की लहरें टोयामा प्रीफेक्चर तक पहुंच गईं, जबकि 40 मीटर की लहरें काशीवाजाकी, निगाटा प्रीफेक्चर में भी देखी गईं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 सेंटीमीटर की लहरें निगाटा के साडो द्वीप तक पहुंच गईं।

गुरुवार को भी जापान में आया था भूकंप

जापान में बीते गुरुवार (28 दिसंबर) को भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। कुरिल द्वीप में उस दिन आए भूकंप की तीव्रता 6.3 तीव्रता मापी गई थी। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई थी। भूकंप के कारण भगदड़ मच गई थी और लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर बाहर भाग निकल गए थे। लोग दहशत में आ गए थे। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, आधे घंटे के भीतर जापान के इस इलाके में एक दिन में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का पहला झटका गुरुवार की दोपहर 2.45 मिनट पर आया था और फिर इसके बाद 3:07 बजे 5.0 की तीव्रता का दूसरा झटका आया था।

2011 में भूकंप के बाद सुनामी से हुई थीं 16 हजार मौतें

जापान में मार्च 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था। इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी।

उत्तर भारत ने ओढ़ी कोहरे की चादर, कंपकंपा देने वाली सर्दी से अभी नहीं मिलेगा निजात, मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट

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नए साल का स्वागत घने कोहरे के साथ हुआ है। समूचा उत्तर भारत इस वक्त कोहरे के चादर से लिपटा हुआ है। लोगों को शीतलहर के कारण गलन वाली ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले कुछ दिनों तक किसी भी तरह की राहत ना मिलने की चेतावनी जारी की है।मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिन में लोगों को भीषण ठंड और घने कोहरे का सामना करना पड़ सकता है।

आईएमडी के मुताबिक 1 जनवरी 2024 को सुबह 6 बजे ली गई सैटेलाइट तस्वीर में उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, दक्षिण उत्तराखंड, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पंजाब पर कोहरे की एक स्पष्ट परत नजर आ रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह हालात अभी कुछ दिन और नजर आएंगे। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भीषण ठंड व शीतलहर का कहर जारी है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक जनवरी के लिए इन इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है। पंजाब के अमृतसर, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूर्थला, लुधियाना, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर और तरनतारन जिलों में 'कोल्ड डे' जैसे हालात और घना कोहरा रहने वाला है। यूपी, राजस्थान व मध्य प्रदेश में 1 जनवरी, पंजाब व हरियाणा में 2 से 4 जनवरी के बीच हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, तमिलनाडु, दक्षिण केरल व लक्षद्वीप में 4 जनवरी तक बारिश का अनुमान है।

आईएमडी ने बताया, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 31 दिसंबर, 2023 की रात से लेकर 2 जनवरी, 2024 की सुबह तक घने कोहरे से लेकर बहुत ज्यादा घने कोहरे के हालात रहने वाले हैं। इस दौरान विजिबिलिटी 50 मीटर से कम हो सकती है। अगले 2-3 दिनों तक राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में भी कोहरे का सितम देखने को मिलेगा।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को लेकर सियासत जारी, विहिप प्रमुख ने बताया किसने किसे दिया न्योता

#ramlala_pran_pratistha_vhp_first_reaction_on_invitation

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों जोरों पर चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम के लिए भेजे गए निमंत्रण और उसमें शामिल होने को लेकर सियासत भी खूब हो रही है। व‍िपक्ष ने समारोह के निमंत्रण बांटने में राजनीति के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बीच विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्‍यक्ष आलोक कुमार की प्रतिक्रिया सामने आई है।आलोक कुमार ने कहा कि अगर राजनीति होती तो विपक्षी नेताओं को निमंत्रण क्यों दिया जाता। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया इन नेताओं को निमंत्रण देने के लिए कौन गया था।

विश्व हिंदू परिषद को अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विपक्ष के जिन नेताओं को बुलाया गया है अगर वो आएंगे तो उन्‍हें सम्मानपूर्वक स्थान दिया जाएगा। उनका स्वागत है। कांग्रेस के अलावा अन्‍य कई प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को भी बुलाया गया है। यह कार्यक्रम पूरे देश का है। सबका स्वागत है।

उन्होंने दावा किया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 22 जनवरी के समारोह का निमंत्रण देने खुद गए थे। जबकि विहिप के सदस्य अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण देने पहुंचे थे।अधीर रंजन चौधरी के पास भी विश्व हिन्दू परिषद और ट्रस्ट के लोग गए थे। नृपेंद्र जी (श्रीराम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा) ने भी सोनिया गांधी जी के पास जाकर उन्हें निमंत्रण दिया है।

आलोक कुमारा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विपक्षी गठबंधन में शामिल कई दलों ने निमंत्रण नहीं मिलने का आरोप लगाया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि उन्हें उद्घाटन समारोह के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया। कई अन्य नेताओं ने भी दावा किया था कि उन्हें अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है। रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए अब तक आमंत्रण नहीं मिला है।

नए साल का शानदार आगाज, इसरो ने लॉन्च किया एक्सपोसैट सैटेलाइट, जानें क्यों है खास

#isroxposatlaunch

भारत ने साल की शानदार शुरुआत की है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने साल के पहले स्पेस मिशन को लॉन्च किया है। इसरो ने 'एक्स-रे पोलेरिमीटर सैटेलाइट' (एक्सपोसैट) मिशन को सुबह 9.10 बजे लॉन्च किया। 2023 में चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचने और आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य तक सफर की शुरुआत के बाद इसरो ने इस साल स्पेस सेक्टर में अपना पहला कदम बढ़ाया है।इससे अंतरिक्ष और ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाया जा सकेगा। इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल का होगा।

चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर एक्सपोसैट लॉन्च किया गया। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (पीएसएलवी-सी58) रॉकेट अपने इस 60वें मिशन पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ के साथ 10 अन्य सैटेलाइट भी लेकर गया, जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।

ये 10 उपग्रह भी होने हैं स्थापित

1. रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल, इसे टेक मी 2 स्पेस कंपनी ने बनाया

2. महिलाओं का बनाया उपग्रह, जिसे एलबीएस महिला तकनीकी संस्थान ने तैयार करवाया

3. बिलीफसैट, एक रेडियो उपग्रह जो केजे सोमैया तकनीकी संस्थान ने शौकिया तौर पर बनवाया

4. ग्रीन इम्पल्स ट्रांसमीटर, इसे इंस्पेसिटी स्पेस लैब ने बनाया

5. लॉन्चिंग एक्सपीडिशंस फॉर एस्पायरिंग टेक्नोलॉजीस टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर उपग्रह, इसे ध्रुव स्पेस ने बनाया

6. रुद्र 0.3 एचपीजीपी और आर्का 200, दोनों उपग्रह बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस ने विकसित किए

7. डस्ट एक्सपेरिमेंट, जिसे इसरो के पीआरएल ने बनाया

8. फ्यूल सेल पावर सिस्टम और सिलिकॉन आधारित उच्च ऊर्जा सेल, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने बनाया

 

‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन

‘एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट’ (एक्सपोसैट) एक्स-रे सोर्स के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। इसरो ने बताया कि इस उपग्रह का लक्ष्य सुदूर अंतरिक्ष से आने वाली गहन एक्स-रे का पोलराइजेशन यानी ध्रुवीकरण पता लगाना है। यह किस आकाशीय पिंड से आ रही हैं, यह रहस्य इन किरणों के बारे में काफी जानकारी देते हैं। पूरी दुनिया में एक्स-रे ध्रुवीकरण को जानने का महत्व बढ़ा है। यह पिंड या संरचनाएं ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे (तारे में विस्फोट के बाद उसके बचे अत्यधिक द्रव्यमान वाले हिस्से), आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद नाभिक आदि को समझने में मदद करता है। इससे आकाशीय पिंडों के आकार और विकिरण बनाने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।

एक साल से भी कम समय में भारत का तीसरा मिशन

एक साल से भी कम समय में यह भारत का तीसरा मिशन है। बीते साल चंद्रमा पर पहुंच चुका भारत 2024 की शुरुआत ब्रह्मांड और इसके सबसे स्थाई रहस्यों में से एक यानी ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने में महत्वाकांक्षी प्रयास करने की कोशिश में है। देश एक उन्नत खगोल विज्ञान वेधशाला लॉन्च करने वाला दुनिया का दूसरा देश बना है।

CM योगी, राम मंदिर और STF के एडीजी को बम से उड़ाने की मिली धमकी, दर्ज की गई FIR

डेस्क: नए साल से पहले एक बार फिर से परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, श्री राम मंदिर, सीएम योगी और एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह धमकी ईमेल के जरिए भेजी गई है। वहीं धमकी भरा ई-मेल प्राप्त होने के बाद यूपी 112 के इंस्पेक्टर सहेंद्र कुमार ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। बता दें कि भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। देवेंद्र तिवारी को ही यह ई-मेल प्राप्त हुआ था। आईएसआई से जुड़ा हुआ है शख्स भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र तिवार को जुबेर खान नाम के एक शख्स की ई-मेल आईडी से धमकी भेजी गई थी। इस ई-मेल में जुबेर ने खुद को आईएसआई से जुड़ा हुआ हुआ बताया था। वहीं अब एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की जांच में एटीएस और एसटीएफ को भी लगाया दिया गया है। इसके साथ ही ईमेल करने वाले शख्स की तलाश में कई जांच एजेंसियां जुट गई हैं। देवेंद्र तिवारी ने यूपी 112 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर टैग करते हुए मामले की जानकारी दी है। देवेंद्र को 27 दिसंबर की शाम को जुबेर खान के नाम से ई-मेल भेजा गया था। पहली भी मिल चुकी है धमकी देवेंद्र तिवारी को प्राप्त ई-मेल में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और देवेंद्र तिवारी को गौ सेवक बताते हुए बम से उड़ने की धमकी दी गई थी। इसके साथ ही अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम के मंदिर को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। देवेंद्र तिवारी का कहना है कि इससे पहले भी उन्हें इस तरह की धमकी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समुचित कार्रवाई नहीं की गई है, पुलिस की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है।