पांच केंद्रों पर आक्सीजन प्लांट , कहीं लगे जाले तो कहीं चलाने के लिए डीजल नहीं
भदोही। जिले में कोरोना मामलों फिर सामने आने के बाद स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में लगे आक्सीजन प्लांटों की ओर सभी का ध्यान चला गया है। लेकिन इन दिनों ये शो पीस बने हैं। लापरवाही का आलम यह है कि आधिकारों ने एक सप्ताह पहले माॅक ड्रिल कर जिला आक्सीजन प्लांट की हकीकत जानी थी, वह भी आक्सीजन प्लांट तकनीकी खामियों के कारण खराब है। जिसकी मरम्मत चल रही है।
कोरोना महामारी के दौर में आक्सीजन की किल्लत के चलते शासन की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों पर आक्सीजन प्लांट लगाए गए। सांसद, विधायक, और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जिले के पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर आक्सीजन प्लांट लगाए गए। जिसमें सुरियावां, सीएचसी,भदोही एल- टू,डीघ सीएचसी,औराई सीएचसी और जिला अस्पताल शामिल हैं।
पर इसमें कई केंद्रों पर मकड़ी के झाले तक लगे रहे, जबकि अधिकारियों का दावा है कि आक्सीजन प्लांट हर दिन एक से दो घंटे तक चलाया जाता है। इसके इतर पड़ताल के जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखी।
कई सीएचसी पर डीजल के अभाव में आक्सीजन प्लांट हर दिन नहीं चलाया जाता है। एक सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि डीजल की व्यवस्था नहीं है, इसके कारण हर दिन प्लांट स्टार्ट नहीं किया जाता है। 15-20 दिन में एक दिन चलाया जाता है। इसके अलावा सुरियावां सीएचसी खराब हालत में मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार मरम्मत होती ही एक सप्ताह बाद फिर खराब हो जाता है।एक सप्ताह पहले माॅक ड्रिल का प्लांट की स्थिति देखी गई। इसके बाद प्लांट खराब हो गया।
पांच आक्सीजन प्लांट विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए गए थे। सुरियावां में तकनीकी समस्या थी,उसे भी सही कर लिया गया है। हर दिन आक्सीजन प्लांट चालू किया जाता है।अजीत पाठक,जिला संक्रामक रोग अधिकारी भदोही।
Dec 23 2023, 17:30