क्या है 'रैट होल माइनिंग'? सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए साबित हुआ वरदान, जिसपर 9 साल पहले लगा था बैन

#whatisratholeminingitsusetorescueworkersin_silkyara-tunnel

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर 12 नवंबर से फंसे हैं। उन्हें बचाने का काम जारी है। पहाड़ का सीना चीर कर उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड बनाने के मिशन में जुटे ये 41मजदूर किसी भी वक्त टनल से बाहर आ सकते हैं।जिसका पूरा देश शिद्दत से इंतजार कर रहा है। दरअसल, दिवाली के दिन हुए हादसे के बाद से लगातार टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जंग जारी थी। बीते दिनों में हर तरह की तकनीक और मशीनों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल पाई थी। 41 श्रमिकों को निकालने के लिए अब ‘रैट होल माइनिंग’ के जानकारों की सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो काफी कारगार साबित हुई है।

सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर से फँसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ‘रैट होल माइनिंग’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें 12 लोगों की एक टीम है, जो देसी तरीक़े से उस सुरंग तक पहुँचने की कोशिश कर रही है, जहाँ पहुँचने में उच्च तकनीक वाली ‘ऑगर’ मशीन सफल नहीं हो पाई। ताजा जानकारी के मुताबिक खुदाई का काम पूरा हो चुका है और टनल में पाइप आर पार हो चुका है।एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कुछ जवान अंदर गए हैं।अब अब खुशखबरी मिलने ही वाली है। इससे पहले, एक भारी और शक्तिशाली 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन से सुरंग में क्षैतिज ड्रिलिंग की जा रही थी लेकिन शुक्रवार को उसके कई हिस्से मलबे में फंसने के कारण काम में व्यवधान आ गया. लेकिन इससे पहले उसने मलबे के 47 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग कर दी थी।

क्या है 'रैट होल माइनिंग'?

अब सवाल ये उठता है कि यह 'रैट होल माइनिंग' तकनीक क्या है जो इस बचाव प्रयास में सबसे बड़ी उम्मीद की किरण बन कर उभरी। रैट-होल माइनिंग मेघालय में काफी प्रचलित है। यह माइन‍िंग का एक तरीका है जिसका इस्‍तेमाल करके संकरे क्षेत्रों से कोयला निकाला जाता है। 'रैट-होल' टर्म जमीन में खोदे गए संकरे गड्ढों को दर्शाता है। यह गड्ढा आमतौर पर सिर्फ एक व्यक्ति के उतरने और कोयला निकालने के लिए होता है। एक बार गड्ढे खुदने के बाद माइनर या खनिक कोयले की परतों तक पहुंचने के लिए रस्सियों या बांस की सीढ़ियों का उपयोग करते हैं। फिर कोयले को गैंती, फावड़े और टोकरियों जैसे आदिम उपकरणों का इस्‍तेमाल करके मैन्युअली निकाला जाता है। रैट-होल माइनिंग मुख्‍य रूप से दो तरह की होती है। एक है साइड कटिंग प्रोसीजर। दूसरी कहलाती है बॉक्‍स कटिंग। साइड कटिंग में संकरी सुरंगें बनाई जाती हैं। पहाड़ों के ढलान पर इन्‍हें बनाया जाता है। फिर इन टनल में में वर्कर जाकर कोयले की परत को तलाशते हैं। बॉक्‍स कटिंग तरीके में 10 से 100 वर्गमीटर तक की एक ओपनिंग बनाई जाती है। उसके बीच से 100 से 400 फीट गहरा एक वर्टिकल गड्ढा खोदा जाता है। एक बार कोयले की परत मिल जाने के बाद चूहे के बिल के आकार की सुरंगें हॉरिजॉन्‍टल रूप से खोदी जाती हैं। इसके जरिये श्रमिक कोयला निकालते हैं।

विवादित क्यों है यह पद्धति?

इस तरीके में खदानें आमतौर पर अनियमित होती हैं। इनमें उचित वेंटिलेशन, संरचनात्मक सहायता या श्रमिकों के लिए सुरक्षा गियर जैसे सुरक्षा उपायों का अभाव होता है। इस तरीके से होने वाली खुदाई से सुरक्षा को खतरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि खनिक सुरक्षा उपाय किए बिना गड्ढे में उतर जाते थे और कई बार हादसों का शिकार हो जाते थे। ऐसे कई मामले भी आए जहां बरसात में रैट होल माइनिंग के कारण खनन क्षेत्रों में पानी भर गया, जिसके चलते श्रमिकों की जानें गईं।यही कारण है इस पद्धति से होने वाली खुदाई पर पाबंदी लगा दिया गया है।

9 साल पहले बैन की गई प्रक्रिया

साल 2024 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस विधि पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इसके बाद भी कई इलाकों में रैट होल माइनिंग जारी है, जो कि अवैध माना जाता है। मेघालय में सबसे ज्यादा रैट होल माइनिंग होती है, जिसके कारण न जाने कितने ही मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है

कैसे हुआ था हादसा?

सिलक्यारा बचाव अभियान में लगातार विफल होते विकल्पों के बीच सोमवार को रैट माइनर्स की टीम को तैनात किया गया। ऑगर मशीन के फेल होने के बाद हाथ से खोदाई कराने का फैसला किया गया। श्रमिकों की कुशल टीम रैट होल माइनिंग पद्धति का इस्तेमाल करके हाथ से मलबा हटाने का काम किया। दरअसल, 12 नवंबर 2023 की अल सुबह 05.30 बजे सिलक्यारा से बड़कोट के बीच बन रही निर्माणाधीन सुरंग में धंसाव हो गया। सुरंग के सिल्क्यारा हिस्से में 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण यह घटना हुई।41 श्रमिक सुरंग के अंदर सिलक्यारा पोर्टल से 260 मीटर से 265 मीटर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे, तभी सिलक्यारा पोर्टल से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर मिट्टी का धंसाव हुआ और सभी 41 श्रमिक अंदर फंस गए।घटना की सूचना तुरंत राज्य और केंद्र सरकार की सभी संबंधित एजेंसियों को दी गई और उपलब्ध पाइपों के जरिए सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन, पानी, बिजली, पैक भोजन की आपूर्ति के साथ बचाव कार्य शुरू किया गया। फंसे हुए श्रमिकों से वॉकी-टॉकी के माध्यम से भी संचार स्थापित किया गया है। श्रमिकों को शीघ्र बचाव के लिए कई बीते 16 दिनों में कई उपाय किए गए हैं।अब बस सभी के सुरक्षित निकल आने का इंतजार है।

तेलंगाना के लोगों को सोनिया गांधी का भावुक मैसेज, बोलीं-आपने मुझे अम्मा कहा...

#congress_leader_sonia_gandhi_video_message_for_people_of_telengana

तेलंगाना में आज चुनाव के लिए हो रहा प्रचार थम गया। आज चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तमाम दलों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन एक वीडियो संदेश जारी कर प्रदेश के मतदाताओं से उनकी पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील की।

सोनिया गांधी ने लगभग दो मिनट का एक वीडियो संदेश जारी किया है।अपने वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा कि तेलंगाना की मेरी बहनों और प्यारे भाइयों नमस्कारम। मैं आप सबके बीच नहीं आ पाई लेकिन, मैं आप सबके दिल के बेहद करीब हूं। आज मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। तेलंगाना मां के शहीद बेटों का सपना पूरा होते देखना चाहती हूं। मेरी दिल से इच्छा है कि दोराला तेलंगाना को हम सब प्रजाला तेलंगाना में बदल दें। हम आपके सपनों को साकार करें और आपको एक सच्ची और ईमानदार सरकार दें।

सोनिया ने आगे कहा कि आपने मुझे सोनिया अम्मा कहकर अपार श्रद्धा और सम्मान दिया है। मुझे मां समान माना, इस प्रेम और आदर के लिए मैं आपकी सदा आभारी रहूंगी और आपके प्रति हमेशा के लिए समर्पित रहूंगी। सोनिया गांधी ने तेलंगाना की जनता से आग्रह करते हुए कहा कि बहनों, माताओं, बेटों-बेटियों और भाइयों आपसे मेरी गुजारिश है कि इस बार अपनी पूरी शक्ति बदलाव लाने के लिए इस्तेमाल करें। कांग्रेस के लिए वोट करें।

बता दें कि तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। कांग्रेस दक्षिणी राज्य में सत्ता में आने की कोशिश में लगी है, जबकि केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है। भारतीय जनता पार्टी ने भी सत्ता में आने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में पूरी तरह बैन करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा-इतनी छोटी सोच ना रखें

#sc_dismisses_plea_seeking_ban_on_pakistani_artistes

सुप्रीम कोर्ट ने पाक कलाकारों के भारत में काम करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इतनी संकीर्ण मानसिकता नहीं रखे। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने मंगलवार कहा कि वह बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है, जिसने फैज अनवर कुरैशी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी पाकिस्तान के कलाकारों को प्रतिबंधित करने की मांग खारिज कर दी है। अदालत में दायर याचिका में अपील की गई थी कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में प्रदर्शन या काम करने की अनुमति न दी जाए। कलाकारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए अदालत ने फटकार लगाई। 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने फैज अनवर कुरैशी द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए ने कहा कि वह बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। अदालत ने कुरैशी से कहा कि आपको इस अपील पर बार-बार जोर नहीं देना चाहिए। आपको इतनी छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ हाईकोर्ट द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने की दलील देने से भी इनकार कर दिया।

बंबई उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अदालत से जो अनुमति चाहता है वह सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रतिकूल कदम है और इसमें कोई दम नहीं है। अदालत ने कहा था, किसी को भी यह समझना चाहिए कि देशभक्त होने के लिए किसी को विदेश, खासकर पड़ोसी देश के लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने की जरूरत नहीं है।उच्च न्यायालय ने कहा एक सच्चा देशभक्त वह व्यक्ति है जो निस्वार्थ होता है, जो अपने देश के लिए समर्पित है। वह तब तक ऐसा नहीं हो सकता जब तक कि वह दिल से नेक व्यक्ति नहीं हो। जो व्यक्ति दिल का अच्छा है वह अपने देश में किसी भी गतिविधि का स्वागत करेगा जो देश के भीतर और सीमा पार शांति, सद्भाव और शांति को बढ़ावा देती हो।

याचिका में अदालत से केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि अदालत भारतीय नागरिकों, कंपनियों, फर्म और एसोसिएशन पर पाकिस्तान के सिने कर्मियों, गायकों, गीतकारों और तकनीशियनों सहित किसी भी पाक कलाकार को रोजगार देने या किसी भी काम अथवा प्रस्तुति के लिए बुलाने, कोई सेवा लेने या किसी भी संगठन में प्रवेश करने आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए

तेलंगाना में राहुल गांधी ने एक तीर से लगाए कई निशाने, भाजपा, बीआरएस और ओवैसी को बताया एक टीम

#rahul_gandhi_in_telangana

पांच राज्यों के चुनाव में अब सिर्फ तेलंगाना में वोटिंग शेष है।यहां 30 नवंबर को वोट डाले जाने हैं। लंबे समय से सत्ता में काबिज बीआरएस को हटाने के लिए कांग्रेस एडी चोटी का जोर लगा रही है।आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज तेलंगाना में जगह जगह पार्टी के लिए प्रचार किया। हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा, बीआरएस और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को एक बताया और इनपर तीखा हमला बोला। 

राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना में बीआरएस बीजेपी, और एआईएमआईएम सभी एक टीम है। राहुल गांधी ने कहा कि वो (बीआरएस) कांग्रेस को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं और भाजपा को महाराष्ट्र, असम, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, गोवा में भाजपा को समर्थन दे रहे हैं। अगर हम पीएम मोदी को दिल्ली में हराना चाहते हैं तो हमें पहले तेलंगाना में केसीआर को हराना होगा। ये सब एक टीम हैं। यहां बीआरएस, भाजपा और एआईएमआईएम साथ मिलकर टीम की तरह काम कर रही हैं।  

केसीआर के खिलाफ कोई केस नहीं है। ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग की टीम उनके पीछे नहीं लगी है। ओवैसी जी के ऊपर भी कोई केस नहीं है। मगर मेरे ऊपर 24 केस हैं। मेरे पीछे हर एजेंसियां लगी हैं। मेरा पहला लक्ष्य केसीआर को हराना है जबकि दूसरा लक्ष्य पीएम मोदी को हराना है।

कांग्रेस नेता ने कहा, मोदी के हाथ में रिमोट कंट्रोल है। जिसमें एक बटन ईडी वाला है और एक सीबीआई वाला है। मोदी बटन दबाते भी नहीं, सिर्फ रिमोट कंट्रोल दिखाते है। जैसे ही दिखाते हैं, केसीआर बैठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन दोनों को हराने जा रहे हैं, पहले अभी तेलंगाना में और फिर दिल्ली में।

चीन के बाद ब्रिटेन ने बढ़ाई टेंशन, इंसान में मिला सूअरों में फैलने वाला वायरस

#britain_detects_first_human_case_of_flu_strain_similar_pig_virus

चीन में एक बार फिर एक महामारी फैल रही है। इस महामारी ने दुनिया को दहशत में डाल रखा है। इस बीच ब्रिटेन में एक टेंशन बढ़ाने वाला मामला सामने आया है।दरअसल, ब्रिटेन में स्वाइन फ्लू के एच1एन2 वायरस का केस मिला है। सूअर में मिलने वाले इस स्ट्रेन के इंसान में पाए जाने का ये ब्रिटेन में पहला मामला है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने इसकी पुष्टि की है। 

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) का कहना है कि ब्रिटेन में पहली बार किसी इंसान में स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन का पता चला है। यह शख्स सांस लेने में दिक्कत की वजह से टेस्ट के लिए आया था।उत्तरी यॉर्कशायर में सांस से जुड़ी परेशानी होने पर इस शख्स का टेस्ट किया गया था। टेस्ट मे उसके स्वाइन फ्लू स्ट्रेन एच1एन2 से संक्रमित होना पाया गया।स्वाइन फ्लू के इस स्ट्रेन का जिस व्यक्ति में पता चला है, उसका सूअरों के साथ काम करने या कोई संपर्क रहने की बात भी सामने नहीं आई है। उसे स्वाइन फ्लू के हल्के लक्षण हुए थे और वह पूरी तरह से ठीक हो गया है।हालांकि, वह शख्स अब पूरी तरह से ठीक है लेकिन उस पर लगातार नजर रखी जा रही है।

अभी ये पता नहीं चला है कि ये स्ट्रेन कितना संक्रामक है। यूके में इसके और कितने मामले हो सकते हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ नहीं कहा है। इस स्ट्रेन से महामारी फैलने की संभावना पर यूकेएचएसए ने कहा कि इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दीबाजी होगी।यूकेएचएसए ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी लगातार संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं लेकिन अभी इसका स्रोत नहीं मिला है। यूकेएचएसए में निदेशक मीरा चंद ने कहा, फ्लू की नियमित निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग जारी रखने की वजह से हम इस वायरस का पता लगाने में कामयाब रहे हैं।

बता दें कि स्वाइन फ्लू पैंडेमिक ने 2009 में लाखों लोगों को संक्रमित किया था। यह एक वायरस के कारण हुआ था जिसमें सूअरों, पक्षियों और इंसानों में प्रसारित होने वाले वायरस का जेनेटिक शामिल था।

इधर चीन में निमोनिया तेजी से पैर पसार रहा है। अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मगर चीन इसको लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं जारी कर रहा है, जिसे ये पता चल सके कि अभी तक इस रहस्मयी बुखार से कितने लोग प्रभावित हुए हैं और यह निमोनिया चीन के कितने राज्यों तक फैल चुका है। चीन में ज्यादातर बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक दिन में सात हजार से ज्यादा बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।

कश्मीर में छात्रों ने मनाया वर्ल्डकप में भारत की हार का जश्न, यूएपीए के तहत केस दर्ज, सात गिरफ़्तार

#jammu_kashmir_seven_students_arrested_uapa

क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की हार का जश्न मनाने और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने सात छात्रों को गिरफ्तार किया है। विश्वविद्यालय के सात छात्रों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार सभी आरोपी शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के छात्र हैं। सातों आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का आरोप लगाया गया था।

ये केस यूनिवर्सिटी के ही एक छात्र की शिकायत पर दर्ज हुआ है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सातों को एक गैर-कश्मीरी छात्र की शिकायत के बाद एक छात्रावास में जश्न मनाने के कुछ दिनों बाद उठाया गया था। छात्र का आरोप है कि क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम जीती तो ये कश्मीरी छात्र पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे और शिकायत करने वाले छात्र को धमका रहे थे।इस बात को लेकर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में कई छात्रों की एक-दूसरे से तनातनी हो गई थी।

अपनी शिकायत में, छात्र ने आरोप लगाया है कि जोरदार जश्न ‘जीवे जीवे पाकिस्तान (पाकिस्तान लंबे समय तक जीवित रहें)’ के नारे और धमकियों ने उसके और जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले अन्य लोगों में डर पैदा कर दिया। शिकायतकर्ता कृषि विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहा है। वह अन्य राज्यों के कुछ ही छात्रों में से हैं। ज्यादातर जम्मू-कश्मीर से हैं।

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान तौकीर भट, मोहसिन फारूक वानी, आसिफ गुलजार वार, उमर नजीर डार, सैयद खालिद बुखारी, समीर राशिद मीर और उबैद अहमद के रूप में की है।

बता दें कि वर्ल्ड कप-2023 का फाइनल 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। टीम इंडिया को 6 विकेट से हार का सामना पड़ा था। टूर्नामेंट में टीम इंडिया लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल तक का सफर तय की थी। वो तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के बेहद करीब थी। ये उसका वर्ल्ड कप में चौथा फाइनल था।

आज शाम तक बाहर आ सकते हैं मजदूर, अस्पताल में बेड और परिजनों को तैयार रहने को कहा गया

#uttarkashi_tunnel_rescue_operation

उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। फिलहाल मैन्युअली खुदाई की जा रही है।उत्तरकाशी में रेस्क्यू का आखिरी राउंड चल रहा है।अब 2-3 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है।उम्मीद है कि कुछ देर में खुशखबरी आ सकती है। करीब 17 दिन से मलबे में फंसे मजदूरों और परिजनों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज देर शाम तक सभी 41 मजदूर टनल से बाहर आ सकते हैं।मजदूरों के परिजनों को तैयार रहने को कहा गया है। उन्हें अपने परिजनों के कपड़े और दूसरे जरूरी सामान लेकर टनल के बाहर आने को कहा गया है।

रेस्क्यू टीम अब श्रमिकों से केवल तीन मीटर ही दूर है। कर्नल राहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग 53.9 मीटर तक हो गई है। 57 मीटर पर ब्रेकथ्रू होने की उम्मीद है। वहीं, माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि हम अभी भी खुदाई कर रहे हैं। हमें कुछ और मीटर तक जाना है। हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बाकी हैं।

अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं। वहीं, मजदूरों के परिवार वालों से कहा गया है कि वह मजदूरों के कपड़ों समेत जरूरी सामान वाले बैग तैयार रखें। हादसे की जगह सीएम धामी भी मौजूद हैं। धामी ने पीएम मोदी को रेस्क्यू ऑपरेशन की अपडेट दी है। सीएम धामी ने ने बताया है कि फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।मौके पर डॉक्टर की टीम भी मौजूद है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल में 41 बेड तैयार रखे गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों को सीधा यहीं लाया जाएगा।

सीएम पुष्कर धामी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सिलक्यारा पहुंचकर टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया। टनल में फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों को श्रमिक भाइयों से निरंतर संपर्क में रहने के निर्देश दिए। सभी श्रमिक स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। बाबा बौख नाग जी से सभी श्रमिक भाइयों के सकुशल बाहर निकालने हेतु संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की शीघ्र सफलता की कामना करता हूं।

तेलंगाना में आज थम जाएगा प्रचार का शोर, 30 नवंबर को होना है मतदान

#telangana_assembly_election_2023_today_last_day_of_campaign

तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर 30 नवंबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले चुनाव प्रचार आज थम जाएगा। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जी जान लगा रही है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सत्ता में आने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है।इसको लेकर सभी पार्टियों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है। एक ओर जहां बीजेपी की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमान संभाल रखी थी, वहीं बीआरएस को धार देने में केसीआर जुटे रहे।तो कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है।

कांग्रेस ने लगाया जोर

आखिरी वक्त में तमाम सर्वे तेलंगाना में केसीआर और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस इसमें कोई कोर कसर नहीं चोड़ना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी आज प्रचार के आखिरी दिन तेलंगाना में जनसभा और रोड शो करने जा रहे हैं। प्रियंका आज जहीराबाद में जनसभा करेगी। इसके बाद दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक वह रोड शो और पब्लिक मीटिंग में हिस्सा लेगी। राहुल गांधी आज एक रोड शो और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। हैदराबाद के नामपल्ली में उनकी जनसभा होगी। इसे बाद दोपहर चौरास्ता, मल्काजगिरि के आनंद बाग तक रोड शो होगा। 

बीजेपी के लिए महाराष्ट्र से दो बड़े नाम

वहीं बीजेपी की तरफ से कई बड़े नेता आज चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस देवरकोंडा में एक जनसभा करेंगे। जबकि उनकी दूसरी जनसभा नागार्जुन सागर में दोपहर में होगी। दूसरी और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति वारंगल पश्चिम में एक रोड शो करेंगी।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने महात्मा गांधी से की पीएम मोदी की तुलना, बोले-इस शताब्दी के युग पुरूष

#vice_president_jagdeep_dhankhar_compared_pm_modi_with_mahatma_gandhi

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की है और दोनों के बीच समानता बताईं है। धनखड़ ने कहा कि गांधी बीती सदी के महापुरुष थे जबकि पीएम मोदी युगपुरुष हैं।उन्होंने अपने देश के लिए किए गए विकास कार्यों का सदर्भ देते हुए पीएम मोदी की तारीफ में कई बातें कही। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है।

मुंबई में राजचंद्र आत्मकल्याण दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफों के पूल बांधे हैं। पीएम मोदी की महात्मा गांधी से तुलना करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को इस शताब्दी के युग पुरुष बताया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे और इस शताब्दी के युग पुरुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। महात्मा गांधी ने सत्याग्रह व अहिंसा से अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया। पीएम मोदी भी देश को उस रास्ते पर लाए हैं, जो हमारा सदियों से सपना था। धनखड़ ने सोमवार को मुंबई में जैन फकीर और दार्शनिक राजचंद्र जयंती के अवसर पर आयोजित आत्मकल्याण दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान व संस्कृतिक हमारी ताकत है। निया के महान देशों के लोग शांति की खोज में हमारे देश में आते हैं। उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान और महिलाओं को दिए गए आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा आज राजचंद्र और महात्मा गांधी साक्षात रूप में मौजूद होते तो वे भी इन कार्यक्रमों की सराहना करते।

अब कांग्रेस पार्टी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये तो चापलूसी की भी हद है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान की कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी से करना "शर्मनाक" है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में मनिकम टैगोर ने लिखा, ''अगर आप महात्मा गांधी से तुलना करते हैं तो यह शर्मनाक है सर, हम सभी जानते हैं कि चाटुकारिता की एक सीमा होती है, अब आप उस सीमा को पार कर चुके हैं और अपनी कुर्सी और पद पर बने रहने के लिए और चाटुकार होना जरूरी है, इत बात को बढ़ाओ मत दीजिए सर।

अब तक 52 मीटर तक मैन्युअल ड्रिलिंग का काम पूरा, रेस्क्यू ऑपरेशन पर मंडराया खराब मौसम का खतरा

#uttarkashi_tunnel_rescue_operation

उत्तराखंड सुरंग हादसे का आज 17वां दिन है।इस सुरंग हादसे में कुल मिलाकर 41 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने का काम जारी है।टनल में फंसी अमेरिकन ऑगर मशीन के मलबे को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद अब मैन्युअल तरीके से सुरंग खोदकर मजदूरों के पास पहुंचने की तैयारी है। स्क्यू ऑपरेशन में तमाम तरह की मुश्किलें भी सामने पेश आ रही हैं। जैसे मौसम का संकट है, इसके साथ ही ऑगर मशीन जो उम्मीद की किरण थी उसमें भी तकनीकी खामी आ गई थी। मौजूदा समय में रैट माइनर्स के जरिए मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। इसके साथ ही वर्टिकल ड्रिलिंग का भी काम किया जा रहा है।दिवाली के पर्व वाले दिन हुए हादसे में 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंसे रह गए थे। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों ने अब तक हार नहीं मानी है और सरकार की ओर से उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अंदर की जा रही मैन्युअल ड्रिलिंग का पहला वीडियो सामने आया है। मंगलवार सुबह न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा जारी किया गया। जबकि मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है, पाइप को धकेलने के लिए बरमा मशीन का उपयोग किया जा रहा है।एएनआई ने बताया कि अब तक लगभग दो मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। 41 मजदूरों को बचाने में मदद के लिए बुलाए गए रैट-होल खनन विशेषज्ञों ने सोमवार को मलबे के माध्यम से मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की।

अगले 24 घंटे में मिल सकती है कामयाबी

भारी भरकम मशीनों के फेल हो जाने के बाद अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स को लगाया गया है जो चूहे की तरह कम जगह में तेज खुदाई करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है। अब इन्हीं के भरोसे सुरंग के 41 मजदूरों की जिंदगी है। ये लोग आगे की खुदाई हाथ से कर रहे हैं जिसके लिए इनके पास हथौड़ा, साबल और खुदाई करने वाले कई टूल्स हैं।टनल में रैट माइनर्स टीम ने रात भर किया। मैनुअल ड्रिलिंग 3 मीटर पाइप आगे डाला गया लेकिन कुछ लोहे की रॉड आने से अभी अवरोध लोहे की रोड काटने का काम जारी रैट माइनर्स को लगभग 7 मीटर और मैनुअल ड्रिल करना है अगले 24 घंटे या उससे कम समय में कामयाबी मिल सकती है।

मजदूर अब सिर्फ 5-6 मीटर दूर

माइक्रो टनलिंग के एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बीती रात हमने सफलता के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया है। हम 50 मीटर की दूरी तक पहुंच चुके हैं। अब 5 से 6 मीटर आगे जाना है, बीती रात किसी तरह की परेशानी नहीं आई। अभी तक की प्रगति पूरी तरह संतोषजनक है।