*नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन*
गोरखपुर- भारत में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। इसके प्रबंधन और उपचार के लिए शुरुआती पहचान जरूरी है। अज्ञानता और सामाजिक भय के कारण कई लोगों को कैंसर हो जाता है जिसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है। यदि जल्दी पता चल जाता है, तो ज्यादातर मामलों में ठीक होने की संभावना रहती है। इसीलिए मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कैंपियरगंज में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया शिविर में दिखाने एवं परामर्श लेने आए 163 लोग शामिल थे। पुरुषो में माउथ, लंग, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ आदि में परेशानी वाले लोग ज्यादा रहे जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय, पित्त आदि की समस्या वाले लोग आए। सभी को उचित परामर्श एवं निशुल्क दवाई दी गई। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित ए. एन. एम., संगिनी एवं आशा कार्यकर्ताओं को बुलाकर कैंसर से बचाव, लक्षण एवं इलाज के बारे में समझाया गया कि यदि कैंसर का समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। अगर कैंसर का बाद में पता चला तो यह बहुत खरतनाक साबित हो सकता है। कैंसर को रोकने के तरीके निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है। भरपूर पानी से मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि पानी कैंसर का कारण बनने वाले एजेंटों की एकाग्रता को कम कर सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है। स्वस्थ आहार खाने में कोई संदेह नहीं है। विभिन्न फलों, सब्जियों, अनाज और दालों से भरे एक स्वस्थ आहार एक स्वस्थ जीवन शैली की कुंजी है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को कम रखती है। हरी सब्जियां खाने का सुझाव इसलिए है क्योंकि ये मैग्नीशियम में समृद्ध होती हैं जो कैंसर का खतरा कम करती हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है। अपने आहार में ब्राजील नट्स शामिल करें जो सेलेनियम से भरे होने के कारण मूत्राशय, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने का काम करता है। भरपेट भोजन करना सांस लेने की प्रणाली को विफल कर सकता है जिससे विषाक्त कैंसर को पैदा करने वाली हवा बाहर निकलती है। जो कैफीन युक्त कॉफ़ी के 5 या उससे अधिक कप पीते हैं उनमें कम कॉफ़ी पीने वालों की तुलना में मस्तिष्क, मुंह और गले के कैंसर के विकास की कम संभावना होती है।
मध्यम व्यायाम में शामिल होने से नियमित रूप से विभिन्न प्रकार के कैंसर विकसित करने के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।इन स्वस्थ आदतों का पालन करने के अलावा तंबाकू की खपत को कम करने और शराब का सेवन कम करना महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग 70% कैंसर के ज्ञात कारण जीवनशैली से संबंधित होते हैं और इसका थोड़ा प्रयास करके बचा जा सकता है। एक स्वस्थ आहार का पालन करना और नियमित रूप से व्यायाम करना फिट रहने और इस ख़तरनाक स्थिति को रोकने के लिए आदत बनाना आवश्यक है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार वर्मा, अजय श्रीवास्तव, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, सुशीला वर्मा, अंकित पांडेय , अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा।
Oct 21 2023, 19:23