नशाखोरी को सियासी संरक्षण ! ड्रग्स मामले में चंडीगढ़ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा गिरफ्तार, कांग्रेस नेता ने कार्रवाई सोशल मीडिया पर किया

पंजाब पुलिस ने आज गुरुवार (28 सितम्बर) को मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी चंडीगढ़ में खैरा के आवास पर दिन में की गई सिलसिलेवार छापेमारी के बाद हुई है। जलालाबाद पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने सुबह के समय खैरा के बंगले पर छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई विधायक के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत दर्ज एक पुराने मामले के संबंध में की गई थी।

वहीं, पुलिस की छापेमारी के दौरान कांग्रेस नेता ने पूरी कार्रवाई फेसबुक पर लाइव कर दी। लाइव वीडियो स्ट्रीम में उन्हें घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक करते देखा गया। खैरा ने वारंट देखने का अनुरोध किया और अपनी गिरफ्तारी के लिए स्पष्टीकरण मांगा। इस पर DSP जलालाबाद अच्छरू राम शर्मा ने खैरा को सूचित किया कि उन्हें पुराने NDPS मामले के कारण हिरासत में लिया जा रहा है। खैरा ने गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया और दावा किया कि मामले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था और आरोप लगाया कि गिरफ्तारी राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थी।

खैरा के प्रतिरोध और उनके परिवार के विरोध के बावजूद, अधिकारी, जिनमें से कुछ सादे कपड़े पहने हुए थे, अंततः विधायक को हिरासत में लेने में सफल रहे। गिरफ्तारी के बाद, खैरा को कथित तौर पर जलालाबाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जैसा कि अज्ञात सूत्रों ने पुष्टि की है। सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ चल रहे मामले में यह घटनाक्रम स्थिति में जटिलता और विवाद की एक और परत जोड़ता है, क्योंकि विधायक का तर्क है कि गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और उनके खिलाफ आरोपों की वैधता पर सवाल उठाते हैं। जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ेगी, यह देखना बाकी है कि यह मामला कैसे सामने आएगा और पंजाब में राजनीति और कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में इसका क्या प्रभाव हो सकता है।

दुनियाभर में हुई कनाडा की किरकिरी, तो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मांगी माफ़ी

#trudeau_apologizes_after_praising_nazi_veteran_in_canadian_parliament

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच बुधवार को एक नाजी सैनिक को सम्मान दिलवाने के लिए माफी मांगी है।ट्रूडो ने कहा कि वह विशेष रूप से इस बात से दुखी हैं कि इससे ज़ेलेंस्की को परेशानी का सामना करना पड़ा।बता दें कि पिछले हफ्ते कनाडा की पार्लियामेंट में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के संबोधन के दौरान नाजियों की ओर से युद्ध लड़ चुके एक व्यक्ति को सम्मानित किया गया था। इस घटना की पूरी दुनिया में आलोचना की गई थी और अंत में कनाडा की पार्लियामेंट के स्पीकर को इस्तीफा देना पड़ गया था। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मुद्दे पर खुद पीएम ट्रूडो को माफी मांगनी पड़ गई है।

ट्रूडो ने कहा, ''ये एक ग़लती थी, जिससे देश और संसद दोनों शर्मिंदा हुए। सदन में मौजूद हम सभी लोगों को खेद है कि हमने खड़े होकर ताली बजाई और सम्मान किया. हालांकि हमें संदर्भ नहीं पता था। ट्रूडो बोले, नाज़ियों के किए जनसंहार में मारे गए लाखों लोगों की यादों का ये भयानक अपमान है। ट्रूडो ने कहा कि पूर्व सैनिक यारस्लोव हुंका का संसद में सम्मान किया जाना दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों के निशाने पर रहे यहूदियों, पोल्स, रोमा और एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए बेहद पीड़ादायक था।

कुछ दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की कनाडा की संसद में गए थे. इस दौरान स्पीकर एंथनी रोटा ने संसद में मौजूद यारस्लोव हुंका की तरफ़ लोगों को ध्यान दिलवाया और कहा कि हुंका रूसियों के ख़िलाफ़ दूसरे विश्व युद्ध में लड़े थे। इसके बाद जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में संसद में मौजूद लोगों ने खड़े होकर हुंका का ताली बजाकर सम्मान किया था। बाद में जब ये पता चला कि हुंका तो नाज़ियों की तरफ़ से लड़े थे तो स्पीकर ने माफ़ी मांगी थी और कहा था कि ये फ़ैसला उनका था और इस बारे में किसी और को कुछ नहीं मालूम था।इस मामले में एंथनी रोटा ने स्पीकर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

दो छात्रों की हत्या के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को लगाई आग

#manipurviolencesituationworsensduetomurderoftwo_students

मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई है। दो युवकों की हत्या की तस्वीरें वायरल होने के बाद यह हिंसा भड़की है।ताजा हिंसा में लोगों की भीड़ ने इंफाल में डीसी (जिलाधिकारी)कार्यालय पर हमला कर दिया। इस दौरान डीसी ऑफिस में तोड़फोड़ की गई और दो चार पहिया वाहनों में आग लगा दी गई।साथ ही थाउबेल जिले में बीजेपी के एक मंडल कार्यालय को जला दिया।

इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू

लापता स्टूडेंट्स की हत्या के बाद इंफाल घाटी में एक बार फिर प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने छात्रों की हत्याओं के विरोध में रैलियां निकाली और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। इस दौरान पुलिस ने तोड़फोड़ पर उतारू भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जमकर आंसू गैस के गोले दागे, जिससे घाटी में करीब 50 लोग घायल हो गए। जख्मी होने वाले लोगों में अधिकतर छात्र थे।कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

बीजेपी मंडल कार्यालय को लगाई आग

वहीं, दूसरी तरफ गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली। घटना के वक्त कार्यालय में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी पीटा गया।

जांच के लिए सीबीआई की टीम मणिपुर पहुंची

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दो युवकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मणिपुर में अगले छह महीने के लिए अफस्पा बढ़ा दिया गया है। हालांकि घाटी के 19 थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 5 दिनों तक इंटरनेट सस्पेंड कर रखा है। साथ ही 29 सितंबर को प्रदेश के तमाम स्कूल बंद रखने की घोषणा की गई है। वहीं हत्या की जांच में मदद के लिए सीबीआई की एक टीम मणिपुर पहुंची है।

6 जुलाई को लापता हो गए थे दोनों छात्र

बता दें कि इम्फाल निवासी छात्रा हिजाम लिनथोइंगामी (17) और छात्र फिजाम हेमजीत (20), 6 जुलाई को अचानक लापता हो गए थे। इसके बाद उनकी आखिरी फोन लोकेशन चुराचांदपुर में पाई गई थी। 2 दिन पहले उनके शव चुराचांदपुर में एक खाई में पड़े मिले। उनकी गोली मारकर हत्या की गई थी। दोनों छात्रों की बर्बर हत्या की घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक बार फिर से राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय में तनाव पसर गया है।

पंकजा मुंडे ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- मुझे टिकट नहीं दिया तो अच्छा नहीं होगा

#bjpleaderpankajamundebig_statement

आने वाले साल यानी 2024 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले बीजेपी में लगातार साइड लाइन हो रही पंकजा मुंडे को टिकट कटने का डर सता रहा है। इसी बीच बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अगर 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो किसी भी पार्टी के अच्छा नहीं होगा।उन्होंने बुधवार को एक कार्यक्रम में दौरान ये बातें कही।

पंकजा मुंडे एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, मेरी पार्टी मुझे क्यों चुनाव में नहीं उतारेगी। मेरे जैसे उम्मीदवार को चुनाव में टिकट नहीं देना किसी भी पार्टी के लिए कोई अच्छा निर्णय नहीं होगा। यदि वे ऐसा निर्णय लेते हैं तो उन्हें लोगों के प्रश्नों का उत्तर देना होगा।

क्या बहन की जगह लेंगी पंकजा मुंडे?

इस दौरान पंकजा मुंडे ने ये भी साफ किया कि वह अपने लिए नया निर्वाचन क्षेत्र नहीं खोज रही हैं। वह पार्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने के मूड में हैं। इतना ही नहीं पंकजा मुंडे ने अपनी बहन और सांसद प्रीतम मुंडे की जगह लेने की संभावनाओं को भी खारिज किया। पंकजा ने साफ कहा कि वह अपनी बहन की जगह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी तैयारी है। उन्हें विश्वास है कि कोई भी पार्टी अगर उन्हें टिकट नहीं देने का निर्णय करती है तो वह फैसला गलत होगा।

बीजेपी से साइडलाइन चल रहीं पंकजा

पंकजा के इस बयान के बाद से कयासों का दौर शुरू हो गया है। बता दें कि पंकजा इस समय बीजेपी से साइडलाइन चल रही हैं। दो दिन पहले केंद्र सरकार ने पंकजा मुंडे को बड़ा झटका दिया है। जीएसटी विभाग ने उन्हें 19 करोड़ रुपये की जीएसटी का नोटिस दिया है। कहा जा रहा है कि सरकार उनकी चीनी फैक्ट्री की संपत्तियों को भी जब्त कर सकती है। पंकजा की चीनी फैक्ट्री पर पहले भी छापा पड़ा था। इस पूरे मामले को लेकर पंकजा ने कहा कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उनकी फैक्ट्री कई साल से वित्तीय संकट से गुजर रही थी।

बता दें कि बीजेपी नेता पंकजा मुंडे को साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने पार्ली विधानसभा सीट से हरा दिया था। पकंजा मुंडे ने 91 हजार 413 वोट पाए थे, वहीं धनंजय मुंडे ने 1 लाख 22 हजार 114 वोट हासिल किए थे। वहीं, इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे धनंजय मुंडे को हरा चुकी हैं।

एशियन गेम्स 2023: शूटिंग में भारत को गोल्ड, अर्जुन, सरबजोत और शिव की तिकड़ी ने किया कमाल

#asian_games_2023_shooting_team_win_gold_medal_10_meter_air_pistol

एशियन गेम्स 2023 में भारतीय शूटर्स लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।एशियन गेम्स के पांचवें दिन पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने गोल्ड मेडल जीता।पुरुषों की शूटिंग टीम ने चीनी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। अर्जुन चीमा, सरबजोत सिंह और शिव नरवाल ने भारत को यह गोल्ड दिलाया है। भारत की तिकड़ी ने 1734 पॉइंट स्कोर किए। 1733 पॉइंट के साथ चीन को सिल्वर मेडल मिला।

10 मीटर एयर पिस्टल टीम में सरबजोत सिंह, शिवा नरवाल और अर्जुन सिंह चीमा ने फाइनल राउंड में कमाल का खेल दिखाया और सोने तमगे पर निशाना साध दिया। भारतीय शूटिंग टीम ने 1734-50X का स्कोर किया। दूसरे नंबर पर चीन की टीम रही और उसने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। चीन ने 1733-62x का स्कोर किया। ब्रॉन्ज मेडल वियतनाम के खाते में गया। वियतनाम की टीम ने 1730-59x का स्कोर किया। भारतीय प्लेयर्स ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी और चीनी खिलाड़ियों को आगे निकलने का मौका नहीं दिया

भारत को पांचवें दिन पहला पदक वूशु में मिला है। रोशिबिना देवी ने महिलाओं की 60 किग्रा वूशु सांडा में रजत पदक जीता है। वुशु में नाओरेम रोशिबीना देवी ने महिलाओं के 60 किग्रा के फाइनल में स्थानीय दावेदार वू शियाओवेई के खिलाफ 0-2 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन वह रजत पदक जीतने में कामयाब रही। उन्होंने चीन की खिलाड़ी को अच्छी शुरुआत करने का मौका दिया। जजों ने दो दौर के बाद शियाओवेई को विजेता घोषित किया। चीन की खिलाड़ी पहले दौर से ही आक्रामक दिखी और उन्होंने रोशिबिना को गिराकर अंक बनाए। रोशिबीना ने 2018 में जकार्ता खेलों में कांस्य पदक जीता था। 

चीन में जारी एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक अच्छा खेल दिखाया है। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन और चौथे दिन आठ पदक मिले।पांचवें दिन भी भारत को ज्यादा से ज्यादा पदक की उम्मीदें रहेंगी, जिसकी शानदार शुरूआत हो चुकी है।

भारत के पास कितने पदक

स्वर्णः 6

रजतः 8

कांस्यः 10

कुलः 24

*बढ़ सकती हैं अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें? सीबीआई करेगी दिल्ली सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच, केस दर्ज*

#cbi_will_investigate_renovation_case_of_delhi_cm_arvind_kejriwal_residence

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, सीबीआई मुख्यमंत्री के आवास के रेनोवेशन मामले की जांच करेगी।सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है। इससे पहले उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आवास सौंदर्यीकरण में हुए खर्च को संज्ञान में लिया था। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली सरकार से फाइल मांगी है।

दिल्ली सीएम आवास में कथित घोटाले की सीबीआई जांच के गृह मंत्रालय ने आदेश दिए हैं। मई महीने में दिल्ली के एलजी ने सीबीआई डायरेक्ट को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है। दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के बाद सामने में आईं कथित अनियमितताओं के सभी पहलुओं की जांच अब सीबीआई करेगी। इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही सीएजी द्वारा एक विशेष ऑडिट का आदेश दिया जा चुका है।

अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली बीजेपी ने घर के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया था। वहीं कुछ महीने पहले ही एक स्टिंग ऑपरेशन में केजरीवाल के बंगले के अंदर का फोटो सामने बाहर आ गया था। इसमें बताया गया था कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था जब दिल्ली कोरोना की भीषण महामारी से जूझ रहा था। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है, केजरीवाल के अवैध बंगले के मामलें में सीबीआई ने केस दर्ज किया कोरोना के काल में दिल्ली की जनता के पैसों से ग़ैर क़ानूनी शीशमहल बनाने का पाप केजरीवाल ने किया है, इस अपराध की सजा से केजरीवाल बच नहीं सकते।

दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के निर्माण और 'नवीनीकरण' में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई की ओर से दर्ज की गई प्रारंभिक जांच पर आम आदमी पार्टी ने कहा, भाजपा ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घेराबंदी के लिए सभी जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है, लेकिन दिल्ली की 2 करोड़ जनता का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है, इस जांच से कुछ नहीं निकलेगा। भाजपा चाहे जितनी भी जांच कराए, अरविंद केजरीवाल आम आदमी के हितों के लिए लड़ते रहेंगे।'

न्याय इतना महंगा न हो की आम आदमी से दूर हो जाए', मध्यप्रदेश के जबलपुर में नए कोर्ट भवन का शिलान्यास कर बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

बुधवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। द्रौपदी मुर्मू प्रातः इंदौर में आयोजित समारोह के पश्चात् जबलपुर में नए हाईकोर्ट भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित होने आई हैं। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुधवार को शाम 4 बजे स्वागत किया गया। मुर्मू भारतीय वायुसेना के विमान से इंदौर से डुमना हवाईअड्डे पर पहुंची थीं। हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति की आगवानी राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की। पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया।

मुर्मू ने कहा कि यह भवन समय की मांग है। मुझे बताया गया है कि नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा, इसमें न्यायाधीशों तथा मुख्य न्यायाधीशों के कोर्ट रूम, कांफ्रेंस रूम, वकीलों के लिए, महिला अधिवक्ताओं के लिए भी एक अलग रूम प्रस्तावित है। महिला का सशक्तिकरण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। न्याया पालिका भी समाज का ही हिस्सा है, इसीलिए मुझे लगता है कि यहां भी महिलाओं की समुचित भागीदारी होना चाहिए। महिला में न्याया करने का नैसर्सिंग भाव होता है। इसलिए कहा जाता है कि एक मां अपने बच्चों के बीच पक्षपात नहीं करती। न्याय देने की प्रक्रिया किसी गणीतीय सूत्र के अनुसार नहीं है। इसलिए न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी भी न्यायपालिका में हितकारी होगी। मूर्मू ने जबलपुर न्यायालय के एक केस का जिक्र भी किया, जो आज भी याद किया जाता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्याय पालिका का न्याय इतना महंगा न हो जाए कि यह आम आदमी से दूर हो जाए। इसके लिए संस्थागत प्रयासों को मजबूती देने की आवश्यकता है। इस विश्वास के साथ जो न्याय भवन बनकर तैयार हो जाए तो न्यायाधीश, वकील और कर्मचारी मिलकर अपने कर्तव्यों के निर्वाहन करने की नई ऊर्जा देगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि ऐसे जो छोटे-मोटे अपराध में जेल में बंद है, उनके लिए न्याय पालिका एवं पुलिस के लोगों को सोचना चाहिए एवं समाधान का रास्ता निकालना चाहिए। यह पंच परमेश्वर का देश है। मेरा मानना है कि विवादों के समाधान की व्यवस्था को और मजबूत करना चाहिए। इससे न्यायपालिका का बोझ भी कम होगा। मुर्मू ने कहा कि आज का शिलान्यास एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उच्च न्यायालय के पदाधिकारियों को बधाई देती हूं। आज न्याय पालिका के सामने लंबित मामले, अंडर ट्रायल जैसे मामले हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देश की निचली अदालतों में साढ़े 4 करोड़ केस लंबित है। इनमें से कई तो 20 से 30 वर्षों से लंबित है। मुझे बताया गया है कि लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए मध्यप्रदेश में विशेष अभियान शुरू किया गया है।

गुजरात में बोले पीएम मोदी- मेरे नाम पर कोई घर नहीं है, क्या आप जानतें है प्रधानमंत्री में पास कितनी है संपत्ति

#pmmodiingujaratthereisnohouseinmyname

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज छोटा उदयपुर पहुंचे। छोटा उदयपुर के बोडेली में प्रधानमंत्री ने लोगों के लिए 5,206 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्‍यास किया। पीएम ने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, मैंने लंबा समय आपके साथ बिताया है इसलिए मुझे गरीबों की दिक्कतों के बारे में पता है और मैंने हमेशा उन मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। मैं आज संतुष्ट हूं कि मेरी सरकार ने देश भर में चार करोड़ घर बनाए। पिछली सरकारों की तरह घर हमारे लिए महज एक संख्या नहीं है। हम घर बनाकर गरीबों को सम्मान दिलाने के लिए काम करते हैं।

मेरे नाम पर कोई घर नहीं

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हम गरीबों की जरूरतों के अनुसार घर बना रहे हैं, वह भी बिना किसी बिचौलिये के। लाखों घर बनाए गए और हमारी महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किए गए। हालांकि मेरे नाम पर घर नहीं है, लेकिन मेरी सरकार ने लाखों बेटियों को घर का मालिक बना दिया।

पीएम मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके पास कोई घर नहीं है। ऐसे में बहुत से लोग ये सोच रहे हैं कि देश का पीएम होते हुए उनके पास घर नहीं होया क्या? तो जानते है हमारे देश के पीएम के पास कितनी संपत्ति है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति है। उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है क्योंकि उन्होंने गांधीनगर में जमीन के एक टुकड़े को दान कर दिया था। 31 मार्च, 2022 को पीएम मोदी के पास नकदी 35 हजार 250 रुपये थी और डाकघर में उनके राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की कीमत 9,05,105 रुपये थी और उनकी जीवन बीमा पॉलिसियां 1,89,305 रुपये की थीं।

पीएम मोदी के पास नहीं है कोई भी वाहन

मोदी की चल संपत्ति एक साल पहले की तुलना में 26.13 लाख रुपये बढ़ गई। किसी भी बांड, शेयर या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है, न ही उनके पास कोई संपत्ति है। कोई भी वाहन नहीं है लेकिन उनके पास चार सोने की अंगूठियां हैं जिनकी कीमत 1.73 लाख रुपये है।

संसद में अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी, उन्हें सचिन पायलट के जिले टोंक का प्रभारी बनाया गया

संसद में अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें सचिन पायलट के जिले टोंक का प्रभारी बनाया गया है। बिधूड़ी दिल्ली की दक्षिण दिल्ली सीट से लोकसभा सदस्य हैं। संसद के विशेष सत्र के दौरान उन्होंने सदन में बीएसपी सांसद दानिश अली पर अभद्र टिप्पणी की थी। जिसकी विपक्षी दलों ने खूब निंदा की थी। बाद में भाजपा ने भी बिधूडी को नोटिस दिया। बिधूड़ी को 15 दिन में इस नोटिस का जवाब देना है उससे पहले ही पार्टी ने उन्हें टोंक का प्रभारी बना दिया है।

 भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने क्या बयान दिया था

लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अमर्यादित टिप्पणी की थी। रमेश बिधूड़ी ने असंसदीय भाषा का प्रयोग किया। बिधूड़ी संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर बोल रहे थे। इस दौरान बसपा सांसद दानिश अली ने कुछ सवाल उठाए। जिस पर भाजपा सांसद ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। दानिश अली ने कहा है कि बिधूड़ी ने ये अमर्यादित बातें उन्हें बोली हैं। इसे लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र भी लिखा है। 

बयान के बाद क्या हुआ

बिधूड़ी के विवादित बयान के बाद लोकसभा के रिकॉर्ड से विवादित हिस्से को हटा दिया गया। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बिधूड़ी से बात की। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जताई और रमेश बिधूड़ी को भाषा का ध्यान रखने की चेतावनी दी। वहीं, भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। 

टोंक जिले की शहरी सीट से सचिन पायलट हैं विधायक

वर्तमान में टोंक जिले की टोंक विधानसभा से कांग्रेस नेता सचिन पायलट विधायक हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा ने यहां से यूनुस खान को चुनाव लड़ाया था। उस वक्त यूनुस खान वसुंधरा सरकार में मंत्री भी थे। गौरतलब है कि टोंक एक मुस्लिम बाहुल्य सीट है।

बिधूड़ी ने की है वकालत की पढ़ाई

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की डिग्री ली है। उन्होंने अपने प्रोफेशन में वकील, किसान और सोशल वर्कर लिख रखा है। उन्होंने 2003 से 2008 तक भाजपा दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके बाद 2008 में वह दिल्ली के भाजपा दिल्ली प्रदेश महासचिव बनाए गए। वह 2003 से मई 2014 तक दिल्ली के विधायक भी रहे। 2014-2019 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। विधूड़ी शहरी विकास संबंधी स्थायी समिति और पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समित के सदस्य भी रहे हैं। 

अक्सर विवादित बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं रमेश बिधूड़ी

भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी अपने विवादित बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं। कुछ समय पहले एक माता-पिता स्कूल की समस्या लेकर उनके पास पहुंचे थे तो बिधूड़ी ने कहा कि कि बच्चे पैदा क्यों किए फिर? बिधूड़ी का यह बयान काफी चर्चा में रहा था। इससे पहले बिधूड़ी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जहां भी मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं, वहां मानवाधिकार की बात होती है और जहां बहुमत में आ जाते हैं वहां खूनखराबा शुरू हो जाता है।

तो क्या वर्ल्ड कप के बाद वनडे और टी20 से संन्यास लेंगे विराट कोहली! पढ़िए, उनके है करीबी दोस्त ने किया हैरतंअगेज खुलासा

भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली जल्द ही ICC वनडे वर्ल्ड कप 2023 में धमाल मचाते हुए दिखाई देंगे, जिसका आगाज 5 अक्टूबर से होने जा रहा है। हालांकि, वर्ल्ड कप आरम्भ होने से पहले कोहली के दोस्त और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने एक बेहद चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है। ABD का कहना है कि यदि भारत वर्ल्ड कप जीत गया तो कोहली वनडे फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं।

डिविलियर्स को लगता कि कोहली का वर्ष 2027 में साउथ अफ्रीका में होने वाले वनडे में खेलना मुश्किल है। ऐसे में 34 वर्षीय कोहली वनडे से संन्यास लेकर टेस्ट पर फोकस कर सकते हैं। अपने यूट्यूब चैनल पर डिविलियर्स ने कहा, ''मुझे मालूम है कि कोहली को (2027 वर्ल्ड कप के लिए) साउथ अफ्रीका की यात्रा करना पसंद है, मगर यह कहना बहुत मुश्किल है। इसमें बहुत वक़्त बाकी है। मुझे लगता है कि विराट कोहली आपको यही बताएंगे। मुझे लगता है यदि वे यह विश्व कप जीतते हैं तो यह वनडे से संन्यास का बुरा वक़्त नहीं होगा। मुझे लगता है कि वह बोलेंगे, 'मैं शायद अगले कुछ सालों तक टेस्ट क्रिकेट और थोड़ा-बहुत IPL खेलूंगा।' करियर के आखिरी पड़ाव का आनंद लें तथा परिवार के साथ पर्याप्त समय गुजारें और अलविदा कहें।''

कोहली महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के अब तक कई रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। वह हाल ही में सचिन को पछाड़कर वनडे में सबसे तेज 13 हजार रन पुरे करने वाले खिलाड़ी बने हैं। कोहली के निशाने पर सचिन का वनडे में सर्वाधिक 49 शतक का रिकॉर्ड भी है। कोहली अभी तक 47 वनडे सेंचुरी जमा चुके हैं। हालांकि, डिविलियर्स का कहना है कि कोहली कभी रिकॉर्ड पर फोकस नहीं करते। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि कोहली का फोकस उसपर है। वह कभी अपने बारे में सोचने वाले शख्स नहीं रहे। वह अपनी टीम के लिए विश्व कप जीतना चाहते हैं तथा खेल के सभी प्रारूपों में एक सफल टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। वह एक टीम प्लेयर हैं तथा यही भावनाएं आपको मैदान पर पर दिखती हैं। विशेष तौर पर, जब वह फील्डिंग कर रहे होते हैं। वो इमोशन आपको बताते हैं कि उनके लिए जीतना कितना मायने रखता है।''