G20 के बीच 3.8 बिलियन डॉलर का मार्केट बना भारत, निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा, विशेषज्ञों ने दिए 'शुभ' संकेत

भारत अपने शेयर बाजार में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबंध में अन्य विश्व नेताओं के सामने चर्चा करने की पूरी संभावना जानकार बता रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इसका शेयर बाजार रिकॉर्ड तोड़ने के करीब जा पहुंच है। यह कई अन्य देशों से अलग है, खासकर चीन, जिसकी अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में कुछ समस्याएं दिख रहीं हैं। आज निवेशक भारत को अधिक पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके लिए अधिक से अधिक सुरक्षित होता जा रहा है। निवेशकों को यह अहसास होने लगा है कि भारत अपना पैसा लगाने के लिए एक अच्छी जगह है।

बता दें कि, भारत का शेयर बाज़ार, अब बहुत धन, यानी लगभग 3.8 ट्रिलियन डॉलर का हो गया है। आर्थिक मोर्चे पर यह बहुत बड़ी बात है और इससे पता चलता है कि भारत, आज दुनिया का एक महत्वपूर्ण देश बनता जा रहा है। वहीं, देश के पीएम मोदी इसका इस्तेमाल कंपनियों को भारत में आकर कारोबार करने के लिए आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं। Apple और Samsung जैसी बड़ी कंपनियां पहले से ही भारत में चीजें बना रही हैं। विदेशी निवेशक इस साल भारत में जमकर पैसा लगा रहे हैं, 16 अरब डॉलर से भी अधिक अब तक आ चुका है। इसके उलट, कई अन्य एशियाई देशों को विदेशी निवेशकों से उतना पैसा नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर अभी भारत अपने शेयर बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कई निवेशक इससे खुश हैं। भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ महीनों में अन्य बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का शेयर बाजार लगातार बढ़ता रहेगा, क्योंकि भारत में कंपनियां अधिक पैसा कमाएंगी, खासकर रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में। वे यह भी सोचते हैं कि भारत इस समय निवेश के लिए चीन से काफी बेहतर जगह बन चुका है। लेकिन, भारत में कुछ समस्याएं भी हैं। जैसे तेल की कीमत बढ़ती जा रही है, जिससे देश में चीजें और महंगी हो सकती हैं। भारतीय मुद्रा, रुपया भी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रही है, और अन्य मुद्राओं की तुलना में इसकी कीमत कम है। अगले कुछ समय में भारत में भी चुनाव आने वाला है, जिसका असर शेयर बाजार पर पड़ सकता है। 

दीर्घावधि में, भारत को अपने बुनियादी ढांचे, शिक्षा जैसी चीजों में सुधार करने और अपने युवाओं के लिए अधिक नौकरियां पैदा करने की आवश्यकता है। लेकिन, जिस तरह से निवेश आ रहा है और कंपनियां, भारत में कारोबार करने के लिए लालायित हो रहीं हैं, ऐसे में देश के लोगों के लिए रोज़गार भी पैदा होगा ही और वो भी बड़े पैमाने पर। वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के जरिए सरकार इस क्षेत्र में भी सुधार करने का प्रयास कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार को इस संबंध में कुछ राज्य सरकारों का सहयोग नहीं मिल रहा है, खासकर विपक्ष शासित राज्यों का। उनका आरोप है कि, केंद्र सरकार, इस शिक्षा नीति के जरिए कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही है। इसलिए कुछ विपक्ष शासित राज्य अपनी खुद की शिक्षा नीति बनाने की घोषणा कर चुके हैं।

क्या समझौते से निकलेगा रूस-यूक्रेन युद्ध का हल ? G20 में भारत कर रहा प्रयास. लेकिन सर्वसम्मति पर फंसा पेंच, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

लंबे विचार-विमर्श और खींचतान के बाद अंततः G20 प्रतिनिधि यूक्रेन पर रूस के युद्ध को लेकर "समझौता" शब्द पर पहुंच गए हैं और सदस्य देशों के बीच संयुक्त घोषणा के एक संशोधित मसौदे को प्रसारित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटनाक्रम तब हुआ जब दुनिया के सबसे धनी देशों के नेता G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली में एकत्र हुए और बातचीत शुरू की। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले शेरपा, अंतिम विज्ञप्ति के लिए यूक्रेन संघर्ष का वर्णन करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।

दरअसल, यूक्रेन में युद्ध को लेकर 20 देशों का गुट गहराई से बंटा हुआ है, पश्चिमी देश रूस की कड़ी निंदा पर जोर दे रहे हैं, जबकि मॉस्को अपने सहयोगी चीन के समर्थन से अपने विशेष सैन्य अभियान की अंतरराष्ट्रीय निंदा को कम करना चाहता है, जिससे संयुक्त कार्रवाई में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है। शुक्रवार को, भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि संयुक्त घोषणा "लगभग तैयार" थी और दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान इसे G20 नेताओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, शिखर सम्मेलन घोषणा के पिछले मसौदे से पता चला है कि वार्ताकार यूक्रेन संघर्ष से संबंधित भाषा के संबंध में असहमति का समाधान नहीं कर सके थे। सदस्यों के बीच वितरित 38 पेज के मसौदे में, "भूराजनीतिक स्थिति" को संबोधित करने वाले अनुभाग को खाली छोड़ दिया गया था, जबकि विभिन्न विषयों को कवर करने वाले 75 अन्य पैराग्राफों पर सहमति बनी थी।

अब, भारत द्वारा प्रस्तावित नए पाठ पर प्रतिनिधियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई है, और इसे अगले नेताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि विशिष्ट विवरण फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह इंडोनेशिया में 2022 शिखर सम्मेलन की विज्ञप्ति में इस्तेमाल की गई भाषा से मेल खा सकता है। यूक्रेन पर पाठ पर सर्वसम्मति की कमी के परिणामस्वरूप समूह के लिए पहली बार संयुक्त घोषणा के बिना शिखर सम्मेलन समाप्त हो सकता है। हालाँकि, संयुक्त विज्ञप्ति पर आम सहमति को भी उतना ही उल्लेखनीय माना जा सकता है, क्योंकि दो शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष - रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग - शिखर सम्मेलन से दूर रहे। जबकि रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव कर रहे हैं, शी जिनपिंग ने उनके स्थान पर प्रधान मंत्री ली कियांग को भेजा है।

लाल डायरी लहराकर राजनीतिक भूचाल लाने वाले कांग्रेस नेता राजेवेद्र गुढ़ा शिवसेना में शामिल, एकनाथ शिंदे ने ज्वॅाइन करवाई पार्टी

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राजस्थान में राजनीति ने एक बार फिर करवट बदली है। राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले यहां की सियासत में बड़ा बदलाव आया है।अशोक गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री और लाल डायरी को लेकर राज्य की राजनीति में कांग्रेस सरकार के लिए बवंडर खड़ा करने वाले विधायक शिवसेना में शामिल हो गए।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुढ़ा को शिवसेना में शामिल कराया।

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बेटे के जन्म दिन पर एक नई पारी की शुरूआत की। राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिन के मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे उदयपुरवाटी आए थे। लिबर्टी फार्महाउस पर आयोजित कार्यक्रम में राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना में शामिल हो गए।गुढ़ा में हुई जनसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र शूरवीरों की धरती है। महाराष्ट्र में वीर शिवाजी और राजस्थान में महाराणा प्रताप बड़े योद्धा थे। राजस्थान के इस क्षेत्र से देश के सपूतों ने सेना में रहकर कुर्बानियां दी हैं। आज राजेंद्र गुढ़ा का शिवसेना में पदार्पण हुआ है। इससे महाराष्ट्र और राजस्थान की धरोहर का मिलन हुआ है। सीएम शिंदे ने राजेंद्र गुढ़ा को शपथ भी दिलाई। 

शिंदे ने की गुढ़ा की तारीफ

शिवसेना में शामिल होने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “वो सच के लिए लड़ते हैं सत्ता के लिए नहीं। इसलिए इन्होंने सत्ता छोड़ दी, ठीक उसी तरह जिस तरह मैंने भी सच्चाई के लिए और बालासाहेब ठाकरे के विचारों और जनहित के लिए उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया था।

कौन है राजेंद्र गुढ़ा?

राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा के अंदर लाल डायरी दिखाकर अचानक से चर्चा में आए थे। राजस्थान की गहलोत सरकार की कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने के बाद गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में लाल डायरी लेकर आए थे। उनकी ओर से यह दावा किया जा रहा था कि इस डायरी में सीएम गहलोत के खिलाफ आरोपों की पूरी जानकारी है। हालांकि तब उन्हें सदन से ही बाहर कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि लाल डायरी कांग्रेस के लोगों ने उनसे छीन ली थी।

तो क्या बदल जाएगा देश का नाम? जी-20 में पीएम मोदी की टेबल पर 'इंडिया' की जगह दिखा 'भारत'

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देश में इन दिनों इंडिया बनाम भारत पर बहस चल रही है। भारत और इंडिया को लेकर चल रहे विवाद के बीच जी 20 समिट के दौरान इस बात को और बल मिला कि देश का नाम बदलने वाला है। दरअसल, जी-20 की शुरुआत शनिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ हो गई। मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय भारत शब्द का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जिस चेयर से संबोधित कर रहे थे उसके सामने भारत का प्लेट लगा हुआ था। इससे पहले मेहमानों को भी जो निमंत्रण दिया गया उसमें भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया।

आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इंडिया जी 20 प्रेसिडेंसी की जगह भारत जी20 प्रेसिडेंसी का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेश और सबका साथ का प्रतीक बन गई है। भारत में ये पीपुल्स जी20 बन गया है। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं। यही नहीं, जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में पीएम मोदी के सामने रखी प्लेट पर इंडिया की जगह अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ दिखा।

दरअसल किसी भी बैठक में सभी नेताओं के आगे देशों का नाम लिखा होता है। पीएम मोदी जब आज संबोधित कर रहे थे तो उनके सामने रखे कार्ड पर भारत लिखा हुआ था। भारत और इंडिया को लेकर विवाद देश में कई दिनों से चल रहा है। इस बीच G20 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधानमंत्री के सामने भारत लिखना चर्चा का केंद्र बन गया है। साथ ही ये सवाल बी उठने लगे हैं कि देश का नाम बदलने की सुगबुगाहट थी कहीं वो सच तो नहीं।

इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर भेजे गए निमंत्रण पत्र में भी ‘प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेजिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था, जिसकी वजह से देश का नाम बदले जाने की चर्चा छिड़ गई है। यही नहीं विपक्षी दलों की ओर से भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखे जाने पर मोदी सरकार को घेरा गया। विपक्षी दल केंद्र सरकार के देश का नाम भारत किए जाने की कवायद को लेकर लगातार आलोचना कर रहा है।

गिरफ्तार हुई पन्ना राज परिवार की महारानी जीतेश्वरी कुमारी, भगवान जुगल किशोर मंदिर में मचाया था हंगामा, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

मध्य प्रदेश में पन्ना राजघराने की महारानी जीतेश्वरी देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर भगवान जुगल किशोर मंदिर में हंगामा करने तथा शासकीय कार्य मे व्यवधान डालने के आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि महारानी जीतेश्वरी देवी ने कृष्ण जन्माष्ठमी की आरती के चलते पूजा पद्धति को अपने मुताबिक कराए जाने की कोशिश की थी। मंदिर में उपस्थित पुजारियों और व्यक्तियों ने इसका विरोध किया। हंगामे के बीच आरती चलती रही और जीतेश्वरी देवी चवंर डुलाती रहीं। तत्पश्चात, उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की तथा वो जमीन पर गिर गईं जिससे हंगामा मच गया। 

हंगामा होते देख मौके पर उपस्थित पन्ना पुलिस ने उन्हें मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकाला तथा मंदिर के परिसर से उठाकर बाहर कर दिया।

 सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। पन्ना के इतिहास में ये अब तक की सबसे निंदनीय घटना मानी जा रही है। इस मामले में पुलिस भी फूंक- फूंक कर कदम रख रही है। इस घटना पर पुलिस अधीक्षक पन्ना साई कृष्ण एस थोटा ने बताया कि बृहस्पतिवार को पन्ना के ऐतिहासिक जुगल किशोर मंदिर में हंगामा करने एवं आरती के चलते व्यवधान पैदा करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में जीतेश्वरी देवी को धारा 295 ए एवं 353 आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस द्वारा पन्ना महारानी को इस तरह घसीटने तथा बाहर उठाकर फेंकने जाने पर शहर में कई प्रकार की चर्चाएं हो रही हैं। 

घटनाक्रम को लेकर देर रात तक हंगामा चलता रहा। पुलिस द्वारा जीतेश्वरी देवी को मंदिर से बाहर करने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस प्रकार पुलिस उन्हें घसीटते हुए बाहर कर रही है।

 गिरफ्तारी के पश्चात् पन्ना पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किया गया। जहां उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई तथा उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल जाते जाते पन्ना महारानी ने 65 हजार करोड़ के डिफेंस वेलफेयर फंड के गवन के आरोप लगाए गए। उधर जीतेश्वरी देवी के अधिवक्ता एमएल अवस्थी ने बताया कि अदालत में वो फिर बेल के लिए प्रयास करेंगे। उम्मीद है कि महारानी जीतेश्वरी देवी को जमानत मिल जाएगी।

AAP ने जारी की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची, यहां पढ़िए पूरी लिस्ट

 मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर AAP ने अपने उम्मीदवार की पहली लिस्ट जारी कर दी है। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश चुनाव के लिए पहली सूची में 10-10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में AAP ने दंतेवाड़ा से बालूराम भवानी, अकलतरा से आनंद प्रकाश मिरी एवं भटगांव से सुरेंद्र गुप्ता को मैदान में उतारा है। वहीं मध्य प्रदेश के सेवड़ा से संजय दुबे, दिमनी से सुरेंद्र सिंह तोमर, मुरैना से रमेश उपाध्याय एवं महाराजपुर से रामजी पटेल ताल ठोकेंगे।

AAP ने मध्य प्रदेश की इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी

सेवड़ा- संजय दुबे

गोविंदपुरा- सज्जन सिंह परमार

हुजूर- डॉ. रविकांत द्विवेदी

दिमनी- सुरेंद्र सिंह तोमर

मुरैना- रमेश उपाध्याय

पेटलावाड़- कोमल दामोर

सिरमौर-सरिता पांडे

सिरोंज- आईएस मोर्ये

चुरहट- अनेंद्र गोविंद मिश्रा 'राजन'

महाराजपुर- रामजी पटेल

AAP ने छत्तीसगढ़ की इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी

दंतेवाड़ा- बालूराम भवानी

नारायणपुर - नरेन्द्र कुमार नाग

अकलतरा - आनंद प्रकाश मिरी

भानुप्रतापपुर - कोमल हुपेंडी

कोरबा -विशाल केलकर

राजिम - तेजराम विद्रोही

पत्थलगांव - राजाराम लकड़ा

कवर्धा - खड़गराज सिंह

भटगांव -सुरेन्द्र गुप्ता

कुनकुरी - लेओस मिंज

छत्तीसगढ़ के लिए जारी 10 उम्मीदवारों में से 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 10 प्रत्याशियों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख कोमल हुपेंडी एवं किसान नेता तेजराम विद्रोही सम्मिलित हैं। AAP ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए AAP प्रत्याशियों की पहली सूची आ गई है। सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं। इस बार चलेगी झाड़ू।

G20 में दिखा 'भारत' का दम, देश का नाम बदलने की चर्चाओं के बीच बड़ा संदेश दे गए पीएम मोदी

 भारत बनाम इंडिया विवाद के बीच एक बड़ा संदेश देते हुए, G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लगी नेम प्लेट पर "भारत" लिखा हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विश्व नेताओं को निमंत्रण में इंडिया की जगह भारत लिखने के फैसले से बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इससे यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि इस महीने के अंत में होने वाले संसद के विशेष सत्र का उद्देश्य भारत का नाम बदलकर भारत करने के इस प्रयास को औपचारिक रूप देना है।

बता दें कि, "भारत" का उपयोग विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 पुस्तिका में भी किया गया है जिसका शीर्षक है - "भारत, लोकतंत्र की जननी"। पुस्तिका में कहा गया है, "भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है।" इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। इंडिया गठबंधन के सदस्यों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर "इतिहास को विकृत करने और भारत को विभाजित करने" का आरोप लगाया है।

भाजपा नेताओं ने तीखा पलटवार करते हुए विपक्ष पर देश विरोधी और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 1 की ओर इशारा किया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला औपनिवेशिक मानसिकता के खिलाफ एक बड़ा बयान है। "यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। 'भारत' हमारा परिचय है और हमें इस पर गर्व है।"

मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्य मोरक्को में भीषण भूकंप से 296 लोगों की मौत, कई इमारतें जमींदोज़, भारत के पीएम मोदी ने जताई संवेदना, बढ़ाया मदद का हाथ

मध्य मोरक्को में शुक्रवार देर रात 6.8 तीव्रता का बहुत तेज़ भूकंप आया। इस आपदा में 296 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। भूकंप से मुख्यतः ग्रामीण इलाकों में नुकसान हुआ, शहरों में नहीं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप को लेकर दुख जताया है. उन्होंने मोरक्को के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों की जान जाने का गहरा दुख है और उम्मीद है कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार भूकंप रात 11:11 बजे आया और कई सेकंड तक चला। यह एक शक्तिशाली भूकंप था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि यह 6.8 तीव्रता का भूकंप था, जबकि मोरक्को की निगरानी एजेंसी ने रिक्टर पैमाने पर इसे 7 तीव्रता पर मापा। लगभग 19 मिनट बाद एक छोटा झटका भी आया। बता दें कि, उत्तरी अफ़्रीका में भूकंप आम नहीं हैं, लेकिन मोरक्को में 1960 में एक बड़ा भूकंप आया था, जिससे बहुत सारी मौतें हुईं। इस बार, भूकंप एटलस पर्वत में था, जो माराकेच और ओकाइमेडेन नामक प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट से ज्यादा दूर नहीं था।

USGS के अनुसार भूकंप का केंद्र, लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) और मोरक्को की एजेंसी के अनुसार 8 किलोमीटर (5 मील) जमीन के नीचे था। भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया में भी महसूस किए गए, जो मोरक्को से काफी दूर हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में इमारतें ढहती हुई और लोग इमारतों से बाहर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह कई लोगों के लिए डरावना अनुभव था। मोरक्को के एक शहर मराकेश में कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और लोग डर गए। वे बाहर रुके रहे क्योंकि उन्हें और अधिक भूकंपों की चिंता थी। अभी तक, क्षति की पूरी सीमा और हताहतों की संख्या के बारे में अधिक जानकारी नहीं है क्योंकि मोरक्को सरकार ने अभी तक सभी विवरण साझा नहीं किए हैं।