श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और चेहल्लुम को लेकर पटना डीडीसी और एसएसपी ने अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए यह सख्त निर्देश


डेस्क : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और चेहल्लुम छह सितंबर को है। दोनों पर्वों के एक साथ होने से जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया है। सभी संवेदनशील इलाके में मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती रहेगी। शनिवार को डीडीसी तनय सुल्तानिया और एसएसपी राजीव मिश्रा ने विधि व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।

क्विक रिस्पांस टीम का होगा गठन 

डीडीसी और एसएसपी ने कहा कि क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया जाएगा। नियंत्रण कक्ष में पर्याप्त संख्या में स्ट्राइकिंग फोर्स की व्यवस्था रखा जाएगा। डीडीसी ने कहा है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की जिम्मेदारी मजिस्ट्रेट, थानाध्यक्ष, सीओ, एसडीएम तथा डीएसपी को रहेगी।

एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि सभी एसडीएम, एसडीएम, डीएसपी, बीडीओ, सीओ तथा थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के सभी स्थलों की जानकारी लेते रहेंगे।

लाइसेंस मिलने के बाद ही निकलेगा जुलूस 

डीडीसी ने कहा कि जुलूस निकालने के लिए थानों से लाइसेंस लेना जरूरी है। प्रत्येक जुलूस का रूट निर्धारण होगा। मार्ग में पड़ने वाले किसी प्रकार के अवरोध जैसे पेड़ की टहनी, बिजली के तार, गड्ढे इत्यादि को ससमय ठीक कराया जाए। एसडीएम व डीएसपी शांति समिति की बैठक करेंगे।

डीजे पर रहेगा प्रतिबंध 

विर्सजन या पहलाम के जुलूसों में डीजे पर पूर्णत प्रतिबंधित रहेगा। एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक प्रतिमा के विर्सजन या पहलाम जुलूस में पुलिस स्कॉर्ट की व्यवस्था रहेगी। जुलूस में विवादास्पद एवं किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाले कॉर्टून या नारा का प्रयोग न हो इसके लिए सभी पदाधिकारी को सर्तक रहने को कहा गया है। एसएसपी ने कहा कि सोशल मीडिया एवं वाट्सएप के माध्यम से संदेहास्पद सूचनाओं के आदान-प्रदान पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।

शिक्षा विभाग के अपर सचिव के.के पाठक के कार्यो का सीएम नीतीश कुमार ने किया समर्थन, कही यह बात

डेस्क : शिक्षा विभाग के अपर सचिव बनाए जाने के बाद से के.के पाठक के कई निर्णय से प्रदेश में बड़ा विवाद मचा हुआ है। ताजा मामला शिक्षको के अवकाश में की गई कटौती को लेकर है। जिसे लेकर जहां शिक्षकों में रोष व्याप्त है। वहीं इसपर राजनीति भी चरम पर है। 

इधर बिहार के शिक्षकों के अवकाश को लेकर उपजे विवाद से संबंधित एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई विवाद नहीं है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के कार्यों का समर्थन किया और कहा कि वे बढ़िया काम कर रहे हैं। वे तो स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना ही चाहते हैं। इसमें परेशानी क्या है? विभाग या अधिकारी जो अच्छा समझते हैं, वही निर्णय लेते हैं। 

सीएम ने कहा कि कोई इस पर सवाल खड़ा करता है तो मुझे आश्चर्य होता है। किसी को कोई शंका है तो वे आकर बताएं। हम सबकी बातें सुनेंगे। हम सबकी बात सुनते हैं और सबके हित में काम करते हैं। हम चाहते हैं कि बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई समय पर हो।

बिहार बीजेपी के 7 मोर्चा के पदाधिकारी व प्रदेश प्रवक्ता मनोनीत

डेस्क : बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पार्टी के विभिन्न मोर्चा एवं प्रवक्ताओं का मनोनयन किया है। गुरुवार को पार्टी की ओर से नये पदाधिकारियों के मनोनयन की सूची जारी की गयी।

विधान पार्षद डॉ. राजेंद्र गुप्ता उत्तर बिहार के प्रांतीय संयोजक एवं सह-संयोजक विधान पार्षद घनश्याम ठाकुर तथा दक्षिण बिहार के प्रांतीय संयोजक विधान पार्षद अनिल कुमार एवं सह-संयोजक पूर्व जिलाध्यक्ष मिथिलेश कुशवाहा बनाए गए हैं। प्रोटोकॉल प्रभारी राजीव मिश्र, संयोजक मनोज कुमार व सह-संयोजक रोहित चंद्रा को बनाया गया है। नवगठित टीम में नये, पुराने नेताओं के अलावा दूसरे दलों से आए लोगों को भी महत्वपूर्ण जिम्मा दिया गया है।

मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा द्वारा जारी सूची के अनुसार, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भारतेंदु मिश्र, उपाध्यक्ष पिंकु मेहता, महामंत्री शशि रंजन व सीमांत शेखर तथा प्रभारी दुर्गेश सिंह मनोनीत किए गए हैं। महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. धर्मशीला गुप्ता, उपाध्यक्ष शीला कुशवाहा, महामंत्री मीना झा एवं प्रभारी सजल झा मनोनीत की गयी हैं। किसान मोर्चा के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष अशोक वर्मा व बाबू लाल शौर्य, महामंत्री नवीन कुमार एवं प्रभारी ब्रजेश रमण मनोनीत किए गए हैं। ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष बलराम मंडल व प्रभारी अचल सिन्हा को नियुक्त किया गया है। 

अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष लखेंद्र पासवान, उपाध्यक्ष मनोज चौधरी व महामंत्री संजय राम तथा प्रभारी प्रवीण तांती बनाए गए हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के शैलेंद्र गढवाल व प्रभारी शिव नारायण महतो को बनाया गया है, जबकि अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कमरू जमां, महामंत्री सरदार सूचित सिंह व मोहिब्बुल हक तथा प्रभारी प्रतीक एडवीन को नियुक्त किया गया है।

पूर्व मंत्री डॉ. भीम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश प्रभारी पदाधिकारी बनाया है। प्रदेश पदाधिकारियों की टीम में से किसी एक प्रदेश उपाध्यक्ष को प्रदेश प्रभारी बनाये जाने की परंपरा है। डॉ. भीम सिंह इस नाते प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश पदाधिकारियों के बीच सेतु का काम करेंगे।

पूर्व विधायक मनोज शर्मा पार्टी का पक्ष मजबूती से प्रदेश प्रवक्ता के रूप में रखते रहेंगे। इसके अलावा उन्हें दानिश इकबाल के साथ संयुक्त रूप से मीडिया प्रभारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। सुनील सेवक, अमित प्रकाश बब्लू, प्रभात मालाकार, रणवीर कुमार व सूरज पांडेय को सह प्रभारी मनोनीत किया गया है।

पार्टी ने मनोज शर्मा, प्रेमरंजन पटेल, सुरेश रूंगटा, डॉ. उषा विद्यार्थी, योगेंद्र पासवान, जयराम विप्लव, डॉ. सुहेली मेहता, कुंतल कृष्णन, सुषमा साहू, रामसागर प्रसाद, अरविंद सिंह, प्रभाकर मिश्र, राकेश सिंह, अनामिका सिंह एवं संजीव मिश्र को प्रदेश प्रवक्ता मनोनीत किया है। इसके साथ ही 15 नेताओं को प्रेस पैनलिस्ट का भी जिम्मा मिला है।

पूरे देश में रक्षाबंधन की धूम, बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध उनसे ले रही यह वचन

डेस्क : भाई-बहन के अनूठे प्रेम का पर्व रक्षाबंधन आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भद्रा काल के कारण जो भाई-बहन 30 अगस्त को रक्षाबंधन नहीं मना सके, वो आज त्योहार को मना रहें हैं। सालभर इंतजार करने के बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर आज राखी बांधकर रखा का वचन ले रही हैं। 

मान्यता के अनुसार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को रक्षा सूत्र के रूप में अपनी साड़ी के आंचल का टुकड़ा बांधा था, तभी से भाई को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है और श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं।

आज यानी 31 अगस्त की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। 7 बजकर 5 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी। ऐसे में इससे पहले ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधनी होगी।

पूरे देश में रक्षाबंधन की धूम, सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश और देशवासियों को दी राखी की बधाई व शुभकामना

डेस्क : भाई-बहन के अनूठे प्रेम का पर्व रक्षाबंधन आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भद्रा काल के कारण जो भाई-बहन 30 अगस्त को रक्षाबंधन नहीं मना सके, वो आज त्योहार को मना रहें हैं। सालभर इंतजार करने के बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर आज राखी बांधकर रखा का वचन ले रही हैं। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रक्षाबंधन के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच प्यार एवं स्नेह का त्योहार है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आज के दिन हम सभी को महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण का संकल्प लेना चाहिए।

*शिक्षा विभाग द्वारा त्योहारों की छुट्टियों में की गई कटौती पर शुरु हुई सियासत, नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर लगाया यह आरोप

डेस्क : बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आफत कम नहीं हो रही है। केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है तब से लगातार कई प्रकार के आदेशों से विवाद बढ़ता रहा है। अब छुट्टियों के नए आदेश ने सबसे बड़ा झटका दिया है। शिक्षा विभाग के नए आदेश ने अब शिक्षकों की छुट्टियों पर डंडा चला दिया है। बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी है। जिसमें हिन्दुओं के त्योहार ही ज्यादा शामिल है। 

इधर शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। 

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा पार कर चुके हैं। यही कारण है कि चुन-चुनकर हिंदुओं की छुट्टियों को रद्द किया जा रहा है। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकारी स्कूलों में तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गुरु नानक जयंती जैसे कई व्रत, त्योहारों पर छुट्टियाँ रद्द करने के शिक्षा विभाग के आदेश की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश को जवाब देना चाहिए कि हिंदुओं की छुट्टियां रद्द क्यों हो रही है। केवल तुष्टिकरण की राजनीति के लिए यह सब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में आए दिन शिक्षा विभाग के नए नए आदेश से शिक्षकों की आवाज दवाई जा रही है। बिहार के विद्यालयों को चरवाहा विद्यालय की ओर क्यों लौटाया जा रहा है? शिक्षा विभाग अपने सचिव के माध्यम से शिक्षकों को अपमानित कर रही है। उन्हें कानून के शिकंजे में लाकर उनकी आवाज को दबाई जा रही है। उन्हें अपमानित किया जा रहा है।

विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार का नियोजित शिक्षकों के साथ वही अमर्यादित व्यवहार है। अब ऐसे ऐसे फरमान जारी किए जा रहे हैं जिससे शैक्षणिक वातावरण खराब हो रहा है। शिक्षकों की छुट्टी रद्द करने का फरमान उन्हें हतोत्साहित और अपमानित करेगा। 

उन्होंने सवाल किया कि विद्यालय के अंदर भवन नहीं है। शौचालय नहीं है। पेयजल की व्यवस्था नहीं है। लैबोरेट्री नहीं है लेकिन इसकी चिंता बिहार सरकार को नहीं है। इसे बेहतर करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। शिक्षा विभाग के सचिव का इस पर ध्यान नहीं जाता है। उलटे कभी शिक्षकों की कुर्सी हटा दी जाती है तो कभी अन्य तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि शिक्षकों की जो निर्धारित छुट्टियाँ हैं उसे बरकार रखा जाए। हिंदुओं की छुट्टियों को रद्द करना तुष्टिकरण है। यह बिहार की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है। इस्ससे आतंकवादियों उग्रवादियों का मनोबल बढ़ रहा है।

अब शिक्षकों की छुट्टियों पर चला डंडा, शिक्षा विभाग ने त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर कर दी 11

डेस्क : बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आफत कम नहीं हो रही है। केके पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला है तब से लगातार कई प्रकार के आदेशों से विवाद बढ़ता रहा है। अब छुट्टियों के नए आदेश ने सबसे बड़ा झटका दिया है। 

शिक्षा विभाग के नए आदेश ने अब शिक्षकों की छुट्टियों पर डंडा चला दिया है। बिहार शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहार की छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी है। 

बिहार में तीज और जिउतिया जैसे त्योहारों पर महिलाओं का उपवास और व्रत रहता है। ऐसे में उनके लिये यह सबसे बड़ा झटका है। वहीं विश्वकर्मा पूजा और श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव घर-घर में धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर लोग उपवास और व्रत भी रखते हैं। इन छुट्टियों के रद्द होने से शिक्षकों के बड़े वर्ग को झटका लगा है। 

शिक्षा विभाग ने हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर कई त्योहारों पर छुट्टियां रद्द कर दी है।

वहीं सबसे बड़ा झटका दीपावली से छठ के बीच रहने वाली छुट्टियों पर चला है। अब तक दीपावली से छठ पूजा तक के लिए लगातार छुट्टियां रहती थी। अब इस बीच की 9 दिन की छुट्टी को घटाकर सिर्फ 4 दिन किया गया है। इसमें दीपावली के दिन एक दिन की छुट्टी, चित्रगुप्त पूजा की एक दिन की छुट्टी और छठ के समय की 2 दिन की छुट्टी होगी।

नए आदेश के अनुसार 6 सितम्बर को चेहल्लुम की छुट्टी रहेगी। वहीं 28 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी और हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन है, इस दिन छुट्टी रहेगी। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती, 22, 23 और 24 अक्टूबर दुर्गापूजा, 12 नवंबर को दीपावली, 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा/भैयादूज, 19 और 20 नवंबर को छठ पूजा और 25 दिसम्बर को क्रिसमस की छुट्टी रहेगी।

*रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : सितंबर और अक्टूबर माह में अलग-अलग तिथियों को रद्द रहेंगी ये 40 ट्रेने

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। अगले सितंबर और अक्टूबर माह में अलग-अलग तिथियों को 40 ट्रेने रद्द रहेंगी। दरअसल रेलवे यात्री सुविधाएं बढ़ाने और आवागमन में सुगमता के लिए वाराणसी जंक्शन के यार्ड का रिमाडलिंग करा रहा है। इसे देखते हुए 40 ट्रेनें सितंबर और अक्टूबर में अलग-अलग तिथियों को रद्द करने और 48 के रूट बदलने जबकि तीन ट्रेनों को नियंत्रित कर और एक ट्रेन को पुनर्निर्धारित कर चलाने का फैसला किया है।

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 से 19 सितंबर तक प्री-बीएनआई कार्य, 20 सितंबर से 5 अक्टूबर तक बीएनआई कार्य और 6 से 15 अक्टूबर तक एनआई कार्य किया जाना है। यार्ड रिमाडलिंग के दौरान नॉन रनिंग लाइन को रनिंग लाइन में परिवर्तित किया जायेगा। इसके बाद अधिक गाड़ियों का संचालन हो सकेगा तथा गाड़ियों के विलंब से चलने में कमी आएगी।

यह ट्रेनें रहेगी रद्द

 22323 कोलकाता-गाजीपुर सिटी शब्दभेदी एक्सप्रेस 31 अगस्त, 7, 14, 21, 28 सितम्बर एवं 5 व 12 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 22324 गाजीपुर सिटी-कोलकाता शब्दभेदी एक्सप्रेस 1, 8, 15, 22, 29 सितम्बर एवं 6 व 13 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 13429 मालदा टाउन-आनंद विहार एक्सप्रेस 15, 22, 29 सितम्बर एवं 6 व 13 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 13430 आनंद विहार-मालदा टाउन एक्सप्रेस 16, 23, 30 सितम्बर एवं 7 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेंगी। 14003 मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस 12, 16, 19, 23, 26, 30 सितम्बर एवं 3, 7, 10 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 14004 नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस 10, 14, 17, 21, 24, 28 सितम्बर एवं 1, 5, 8 तथा 12 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 

14523 बरौनी-अम्बाला कैंट हरिहर एक्सप्रेस 11, 14, 18, 21, 25, 28 सितम्बर एवं 2, 5, 9, 12 व 16 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 14524 अम्बाला कैंट-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस 9, 12, 16, 19, 23, 26, 30 सितम्बर एवं 3, 7, 10 व 14 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 15021 शालीमार-गोरखपुर एक्सप्रेस 12, 19, 26 सितम्बर एवं 3 व 10 अक्टूबर को रद्द रहेगी। 15022 गोरखपुर-शालीमार एक्सप्रेस 11, 18, 25 सितम्बर एवं 2 व 9 अक्टूबर को रद्द रहेगी।

ये ट्रेनें एक दिन नियंत्रित कर चलेंगी 

10 सितंबर को देहरादून से खुलने वाली 12370 देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस रास्ते में 180 मिनट नियंत्रित कर चलायी जाएगी। कोटा से खुलने वाली 13238 कोटा-पटना एक्सप्रेस रास्ते में 90 मिनट नियंत्रित कर चलायी जाएगी।

राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को दिया यह खास तोहफा

डेस्क : राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को खास तोहफा दिया है। रक्षा बंधन के अवसर पर 31 अगस्त को महिलाओं व छात्राओं के लिए राजधानी पटना में सरकारी बस की सुविधा मुफ्त रहेगी।

सुबह 7 बजे से रात 8.30 बजे तक उन्हें बस से यात्रा करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्हें यह सुविधा उन्हें रूट संख्या 111, 111 ए, 222, 444, 555, 888, 888 ए, 100, 200, 999 के अलावा आईएसबीटी-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से परिचालित होने वाली अन्य बसों पर लागू होगी। 

वे इस दिन किसी बस में बैठकर कहीं भी आ और जा सकती हैं। इसके लिए उन्हें कोई राशि नहीं देनी होगी।

जाती गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भड़के बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी, केन्द्र सरकार पर लगाया यह आरोप

डेस्क : वित्त मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि जानबूझकर एक साजिश के तहत केंद्र सरकार बिहार में हो रही जाति आधारित गणना को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 

जदयू प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देना हास्यास्पद है। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। यह बात तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही कहते आ रहे हैं। इसके लिए हलफनामा दायर करने की क्या जरूरत थी। 

राज्य सरकार बिहार में जाति आधारित गणना करा रही है और साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति का आकलन भी हो रहा है। ताकि। जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बनाकर उनके विकास की गति को और तेज किया जा सके। पर केंद्र सरकार को गरीबों के हितों का कोई ख्याल नहीं है। बिहार में हो रहे जातीय गणना की सफलता से केंद्र की बेचैनी साफ दिखती है। 

उन्होंने कहा कि तारीफ यह भी है कि बिहार के भाजपा नेतागण केंद्र की इस बदहवासी को भी अंधभक्ति में प्रशंसनीय ही मानते हैं। सवालिया लहजे में कहा कि हलफनामे के किस पंक्ति का अर्थ यह लगा लिया गया कि केंद्र सरकार जातीय गणना के विरोध में नहीं है? जबकि पूरे हलफनामे का तात्पर्य बिहार सरकार के कार्य को अनाधिकृत बताकर रोकना ही है।