राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को दिया यह खास तोहफा

डेस्क : राज्य सरकार ने रक्षा बंधन पर महिलाओं और छात्राओं को खास तोहफा दिया है। रक्षा बंधन के अवसर पर 31 अगस्त को महिलाओं व छात्राओं के लिए राजधानी पटना में सरकारी बस की सुविधा मुफ्त रहेगी।

सुबह 7 बजे से रात 8.30 बजे तक उन्हें बस से यात्रा करने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्हें यह सुविधा उन्हें रूट संख्या 111, 111 ए, 222, 444, 555, 888, 888 ए, 100, 200, 999 के अलावा आईएसबीटी-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से परिचालित होने वाली अन्य बसों पर लागू होगी। 

वे इस दिन किसी बस में बैठकर कहीं भी आ और जा सकती हैं। इसके लिए उन्हें कोई राशि नहीं देनी होगी।

जाती गणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भड़के बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी, केन्द्र सरकार पर लगाया यह आरोप

डेस्क : वित्त मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि जानबूझकर एक साजिश के तहत केंद्र सरकार बिहार में हो रही जाति आधारित गणना को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 

जदयू प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देना हास्यास्पद है। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। यह बात तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही कहते आ रहे हैं। इसके लिए हलफनामा दायर करने की क्या जरूरत थी। 

राज्य सरकार बिहार में जाति आधारित गणना करा रही है और साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति का आकलन भी हो रहा है। ताकि। जरूरतमंदों के लिए योजनाएं बनाकर उनके विकास की गति को और तेज किया जा सके। पर केंद्र सरकार को गरीबों के हितों का कोई ख्याल नहीं है। बिहार में हो रहे जातीय गणना की सफलता से केंद्र की बेचैनी साफ दिखती है। 

उन्होंने कहा कि तारीफ यह भी है कि बिहार के भाजपा नेतागण केंद्र की इस बदहवासी को भी अंधभक्ति में प्रशंसनीय ही मानते हैं। सवालिया लहजे में कहा कि हलफनामे के किस पंक्ति का अर्थ यह लगा लिया गया कि केंद्र सरकार जातीय गणना के विरोध में नहीं है? जबकि पूरे हलफनामे का तात्पर्य बिहार सरकार के कार्य को अनाधिकृत बताकर रोकना ही है।

राजधानी पटना में बढ़ते स्नैचिंग को लेकर पुलिस गंभीर, अब मॉर्निग वॉक के समय गश्ती टीम रहेगी तैनात


डेस्क : राजधानी में हर रोज हो रही चेन लूट की घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर पटना पुलिस के आलाधिकारी गंभीर हैं।

पुलिस अधिकारियों ने सुबह के छह बजे से लेकर नौ बजे तक विशेष रूप से अलर्ट रहने के निर्देश थानेदारों को दिये हैं। सभी थानेदार हर ढाई किलोमीटर के दायरे में अपने इलाके में गश्ती टीम को तैनात रखेंगे।

इसके अलावा पुलिस ने 100 चेन झपटमारों की पहचान की है। वहीं चेन लूट मामले में पूर्व में जेल जा चुके 300 बदमाशों को चिन्हित किया गया है। सभी थानों की पुलिस को सुबह के समय संदिग्ध वाहन चालकों से पूछताछ करने के लिये कहा गया है।

पुलिस ऐसे स्पॉट को चिन्हित करेगी जहां अक्सर चेन लूट की घटनाएं होती हैं। हाल के दिनों में कुछ संदिग्धों का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगा है। कईयों की पहचान की गई है। हरेक अनुमंडल में तैनात डीएसपी चेन लुटेरों पर होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

पटना सेंट्रल रेंज आईजी राकेश राठी से लेकर एसएसपी राजीव मिश्रा ने सोमवार को सभी डीएसपी व थानेदारों के साथ बैठक की।

रेंज आईजी ने चेन और मोबाइल झपटमारी की घटनाओं पर लगाम लगाने और इसमें शामिल अपराधियों को पकड़ने के निर्देश दिये।

आईजी की बैठक के बाद एसएसपी ने सभी थानेदारों को अपराधियों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने को कहा है।

पारस एचएमआरआई के डॉक्टरों ने 16 साल के किशोर को दिया नया जीवन, दिल के छेद को किया ठीक

पटना :- राजधानी पटना के प्रसिद्ध पारस एचएमआरआई में दिल के छेद का ऑपरेशन कर 16 साल के किशोर को नया जीवन दिया है। किशोर के जन्म से दिल में छेद था, बीमारी से ग्रस्त उक्त किशोर के दिल में छेद था और हृदय से निकलने वाली रक्त नलिका में भी गड़बड़ी थी। इतनी उम्र में इस समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी करना काफी जोखिम भरा काम था। लेकिन पारस एचएमआरआई के कार्डियक सर्जन ने हिम्मत और बुद्धिमत्ता से काम लिया और सफल सर्जरी कर किशोर को नवजीवन दिया। 

निदेशक सीटीवीएस विभाग (कार्डियो सर्जरी) डॉ. अरविंद कुमार गोयल और कंसल्टेंट डॉ कुमार आदित्य ने उक्त युवक के हृदय की सफल सर्जरी की। इसमें कार्डियक एनेस्थीसिया के डायरेक्टर डॉ अतुल मोहन की टीम सहयोगी रही।

डॉ. अरविंद कुमार गोयल के अनुसार बेगूसराय के रहनेवाले 16 वर्षीय विक्रांत कुमार को जन्म से ही टीओएफ (नीलेपन) की बीमारी थी। उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। दरअसल, उसके दिल में छेद था। साथ ही हृदय से शरीर और फेफड़ा में खून जाने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन जागरूकता के अभाव और गरीबी के कारण वह शुरुआत के दिनों में इलाज नहीं करवा पाया था। एक दिन मरीज के परिजन बेगूसराय के ही एक डॉक्टर को दिखलाए। वो मरीज को पारस एचएमआरआई पटना रेफर कर दिए। 

यहां जांच के बाद हमलोगों ने ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया। मरीज के परिजन तैयार हो गए। इसके बाद आईसीआर विधि से उसके दिल का सफल ऑपरेशन हुआ। अब मरीज स्वस्थ्य है। मरीज का ऑपरेशन सीएम रिलीफ फंड के जरिये एकदम मामूली दर पर हुआ। 

सीटीवीएस के कंसल्टेंट डॉ कुमार आदित्य ने बताया कि यह बिहार में शायद पहला केस था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में मरीज के जान जाने का खतरा अधिक रहता है। लेकिन हमारी टीम ने इसे सफलतापूर्वक किया। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में जितना जल्दी उपचार हो, ठीक होने की उतनी अधिक संभावना रहती है। 

वहीं पारस एचएमआरआई के मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ. नीतेश कुमार ने बताया कि पहले बिहार के लोग इस बीमारी का इलाज कराने के लिए अहमदाबाद, रायपुर, दिल्ली आदि शहर जाते थे। वहां इतनी लंबी वेटिंग लिस्ट होती है कि कई बार मरीज की मौत हो जाती है। हमलोगों का लक्ष्य कम पैसे में गरीब से गरीब लोगों को इस तरह की गंभीर बीमारी से ठीक करने का है। पारस एचएमआरआई में हार्ट की सभी सर्जरी जैसे बाईपास और वॉल्व बदलने के ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू उपलब्ध है।

पारस एचएमआरआई के बारे में 

बता दें पारस एचएमआरआई, पटना बिहार और झारखंड का पहला कॉर्पोरेट हॉस्पिटल है। 350 बिस्तरों वाले पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है।

चिराग पासवान का सीएम नीतीश पर बड़ा हमला, मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी सात निश्चय योजान का बताया सबसे बड़ा भ्रष्टाचार

डेस्क : लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो व जमुई सांसद चिराग पासवान ने एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री के महत्वकांक्षी योजना सात निश्चय को ही सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है। 

चिराग पासवान ने आज सोमवार को सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि सात निश्चय योजना बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। विजन के नाम पर मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना चलाया लेकिन बिहार में सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी योजना मुख्यमंत्री का सात निश्चय योजना ही है। 

बता दें बिहार की सूरत को बदलने के मकसद से वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की शुरुआत की थी।

वहीं इंडिया का संयोजक नहीं बनने नीतीश के बयान पर चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि INDIA का ही कुछ नहीं होने वाला है। INDIA का जो तथाकथित गठबंधन है इसमें इन्होंने देश का नाम अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का काम कर रहे है। इस गठबंधन का कुछ नहीं होगा। गठबंधन में सिर्फ विरोधाभाष दिख रहा है। जिस गठबंधन की नीति नहीं उस गठबंधन को जनता स्वीकार नही करेंगी। 

चिराग ने नीतीश को चैलेंज देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार को हिम्मत है तो बिहार के किसी भी सीट से चुनाव लड़ कर दिखा दें। इन्हें बिहार की जनता नकार चुकी है इसलिए ये लोग बाहर जगह तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा केंद्र की सत्ता पलटने वाले रहे हैं। 2014 में भी बिहार के युवाओं का इसमें बहुत बड़ा योगदान था। तब भी केंद्र की नई सरकार को बनाने में बिहार ने अहम भूमिका निभाई थी। अब एक बार फिर अगले चुनाव में बिहार अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में जिस तरह 40 में 39 सीट जीतकर एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में सफल रहा था आने वाले चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन और बेहतर होगा। एक सीट की भी कसर इस बार नहीं होगी। हमलोग 40 में से 40 सीट जीतेंगे।

इंडिया अलायंस के संयोजक बनने के चर्चा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सामने आया बड़ा बयान : मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता, मैं तो बस सबको एकजुट करना चाहता हूं

डेस्क : नीतीश कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि इंडिया की मुम्बई बैठक में उन्हें हम जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें संयोजक का पद शामिल है। हालांकि पटना और बेंगलुरु की बैठक में संयोजक के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। ऐसे में एक बार फिर से मुम्बई बैठक के जिन मुख्य एजेंडों की बातें हो सकती है उसमें इंडिया का एक लोगो जारी करना और संयोजक के रूप में किसी एक नेता को नामित करने पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। जिन प्रमुख चेहरों को संयोजक की जिम्मेदारी देने की चर्चा है उसमें नीतीश कुमार के नाम पर सर्वाधिक चर्चा है। 

इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एक बार फिर कहा है कि वे इंडिया अलायंस के संयोजक नहीं बनेंगे। आज सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें संयोजक या मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता। मैं यह बात बार-बार बता रहा हूं और फिर से दोहराता हूँ कि मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। मैं तो बस सबको एकजुट करना चाहता हूं। 

जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि मुंबई में इंडिया अलायंस की अगली बैठक अगर उन्हें संयोजक की भूमिका की पेशकश की गई तो क्या वह स्वीकार करेंगे। इस बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। 

वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही यह कहें कि वे इंडिया का संयोजक नहीं बनना चाहते हैं लेकिन वे इस पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। इसका बड़ा कारण नीतीश कुमार की वह पहल है जिसके तहत विपक्ष एकजुट हुआ है। 

नीतीश कुमार ने पिछले वर्ष अगस्त 2022 में बिहार में महागठबंधन सरकार बनाई थी। उसके बाद ही उन्होंने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने इसके लिए सितम्बर 2022 में देश के कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। करीब 8 महीनों के बाद नीतीश की पहल रंग लाई और पटना में जून 2023 में पहली बार विपक्षी दल एक साथ बैठक किए। नीतीश की पहल पर सबकुछ साकार होने से वे एक ऐसे चेहरे के रूप में सामने आए हैं जो सबसे योग्य संयोजक माने जा रहे हैं।

राजभवन ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए गठित किया सर्च कमेटी

डेस्क : राजभवन ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन कुलपतियों की नियुक्ति सितंबर तक हो जाएगी। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी।

सर्च कमेटी के माध्यम से कुलपतियों का चयन किया जाएगा। साक्षात्कार और अन्य योग्यता के आधार पर कमेटी के द्वारा एक पैनल बनाकर नियुक्ति की अनुशंसा राज्यपाल सह कुलाधिपति को की जाएगी।

इसके बाद कुलाधिपति के द्वारा मुख्यमंत्री से परामर्श लेकर एक नाम का चयन कर कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। सर्च कमेटी में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधि भी शामिल किये गए हैं। 

राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति होनी है। इनमें पटना विवि, जय प्रकाश विवि, आर्यभट्ट ज्ञान विवि, बीआरए बिहार विवि, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि, एलएन मिथिला विवि और बीएन मंडल विवि शामिल हैं।

बड़ी खबर : बिहार में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर-बदल, आईएएस अधिकारी समेत 48 बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का हुआ स्थानांतरण

डेस्क : बिहार में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर-बदल हुआ है। राज्य सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सहित बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 48 पदाधिकारियों का तबादला कर दिया है। स्थानांतरित किए गए बिप्रसे के पदाधिकारियों में 22 अनुमंडल पदाधिकारी शामिल हैं। 

इनके अतिरिक्त इन पदाधिकारियों में जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडलीय लोक शिकायत पदाधिकारी के पद पर तैनाती की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं रविवार को जारी कर दी।

अधिसूचना के अनुसार आईएएस कुमार निशांत विवेक को अनुमंडल पदाधिकारी, कहलगांव से स्थानांतरित कर सारण के सोनपुर अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनात किया गया है। वहीं, बिप्रसे के आशुतोष रंजन को रोहतास के सासाराम सदर के एसडीओ, संजीत कुमार को भोजपुर के जगदीशपुर, श्रेया कश्यप को भोजपुर के पीरो, किसलय वास्तव को गया के गया सदर, सुजीत कुमार को गया के टेकारी, अनुग्रह नारायण सिंह को गया के शेरघाटी का एसडीओ बनाया गया है।

मनोज कुमार को किशनगंज का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, योगेंद्र कुमार को कटिहार का जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, ज्ञान प्रकाश को बक्सर का जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, धनंजय कुमार को अररिया का जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, संजीव कुमार को सहरसा का जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, कुमार रवींद्र को पश्चिमी चंपारण का जिला आपूर्ति पदाधिकारी, अरुण कुमार को किशनगंज का डीटीओ, संजीव कुमार कापड़ को समस्तीपुर का जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, मनीष कुमार को खगड़िया का डीटीओ, कुमार सत्येंद्र यादव को मधेपुरा का डीटीओ, शैलेश चंद्र दिवाकर को आपदा प्रबंधन विभाग का ओएसडी, सुरेश कुमार अलबेला को मुंगेर का डीटीओ, संजय कुमार को बक्सर का डीटीओ, रवि प्रकाश गौतम को बांका का जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शंकर शरण ओमी को सारण (छपरा) का डीटीओ, सुजाता राज को समाज कल्याण विभाग का ओएसडी, ललन प्रसाद को पश्चिमी चंपारण का डीटीओ और मंजूर आलम को सुपौल का डीटीओ बनाया गया है।

बिप्रसे की पदाधिकारी अनिता सिन्हा को जहानाबाद का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मनोज कुमार को अररिया का जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ), साकेत कुमार को सीतामढ़ी के पुपरी का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सीमा कुमारी को शिवहर का जिला पंचायतीराज पदाधिकारी, अमरेंद्र कुमार को पश्चिमी चंपारण का जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, राजेश कुमार को सारण का जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, करिश्मा को कैमूर का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अनिल कुमार रमण को जमुई का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।

इसी तरह डॉ. प्रेरणा सिंह को सारण के मढ़ौरा, सुनील कुमार को सीवान के सीवान सदर, अमित कुमार को मुजफ्फरपुर के मुजफ्फरपुर पूर्वी, सूर्यप्रकाश गुप्ता को पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज, रामबाबू बैठा को वैशाली के हाजीपुर सदर, इंद्रवीर कुमार को सुपौल के सुपौल सदर, नीरज कुमार को सुपौल के वीरपुर, नवनील कुमार को अररिया के अररिया सदर, रोजी कुमारी को अररिया के फारबिसगंज, अरुण कुमार को पूर्वी चंपारण के अरेराज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया। वहीं नलिन प्रताप राणा को पूर्वी चंपारण के पकड़ीदयाल, कुमार ओमकेश्वर को नालंदा के राजगीर, उमेश कुमार भारती को दरभंगा के बिरौल, विजय कुमार को कैमूर के भभुआ, अविनाश कुमार को जहानाबाद के जहानाबाद सदर और अशोक कुमार मंडल को भागलपुर में कहलगांव का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।

सावन की अंतिम सोमवारी आज, मठ, मंदिर और शिवालयों की साज-सज्जा से लेकर भीड़ प्रबंधन तक की पूरी तैयारी

डेस्क : दो माह लंबे सावन की आज अंतिम सोमवारी है। इसको लेकर राजधानी के मठ, मंदिर और शिवालय पूरी तरह तैयार हैं। उम्मीद है कि अंतिम सोमवारी को बाबा भोलेनाथ के दर्शन को मंदिरों में भीड़ उमड़ेगी। इसके लिए मंदिर और शिवालियों की साज-सज्जा से लेकर भीड़ प्रबंधन तक की तैयारी की गई हैं। 

सावन की अंतिम सोमवारी को कई शुभ योग बन रहे हैं। अंतिम सोमवारी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, दाम योग और त्रिपुष्कर योग पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य पीके युग बताते हैं की सोमवार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को पड़ रहा है। इस दिन सोम प्रदोष व्रत श्रद्धालु रखेंगे। इसके अलावा यह दिन उत्तरषाढ़ा नक्षत्र में पड़ने के कारण काफी शुभ फलदायी साबित होगा। सूर्य और शनि अपने-अपने स्वराशि में होने के कारण श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करने की स्थिति में हैं।

सूर्य व शनि के अलावा अन्य ग्रह भी छह राशियों में स्थित हैं। इसके कारण बेहद दुर्लभ दाम योग का निर्माण सोमवार को हो रहा है। इस योग में भगवान शिव सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा के लिए काफी श्रेष्ठ माना जाता है।

आज सोमवार को सूर्य और बुध की युति होने के कारण बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्य युग कहते हैं कि इस दिन आम लोगों को शिवालय जाकर शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए। साथ-साथ श्रद्धालुओं को ओम नम शिवाय का जप भी करना चाहिए। इसके अलावा शिव पंचाक्षर स्रोत और शिव सहस्त्रत्त्नाम का जाप बेहद फलदायी साबित होगा। जिन लोगों की कुंडली में केमुद्रम योग, विष योग जैसे खराब योग हैं उन्हें सोमवार को रुद्राभिषेक करने से फायदा होगा।

जातीय गणना को लेकर लालू प्रसाद द्वारा केन्द्र पर लगाए आरोप पर सुशील मोदी ने किया पलटवार, कही यह बात

डेस्क : बिहार में जातीय गणना पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शनिवार को एक पुस्तक के लोकार्पण के दौरान कहा बीजेपी और केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जातीय गणना में भाजपा और केन्द्र सरकार अडंगा लगा रही है। 

इधर लालू प्रसाद के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बिहारी के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बीजेपी के जातीय गणना का समर्थन करने से लालू को क्यों परेशानी हो रही है।

सुशील मोदी ने कहा कि लालू को सिर्फ इस बात से परेशानी है कि बीजेपी जातीय गणना का समर्थन क्यों कर रही है। बिहार में जातीय गणना का निर्णय एनडीए की सरकार में हुआ था। बीजेपी अगर नहीं चाहती तो जातीय गणना कभी नहीं हो सकती थी। जब यह फैसला हुआ उस वक्त एनडीए की सरकार थी और सरकार में बीजेपी के 16 मंत्री थे लेकिन लालू यादव की पार्टी का दूर-दूर तक कोई ठिकाना नहीं था।

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद पहले कांग्रेस साशित राज्यों में तो जातीय गणना करा लें उसके बाद बिहार की बात करें। कर्नाटक की सरकार ने 2015 में जातीय गणना कराई थी लेकिन आजतक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी। लालू प्रसाद पहले कर्नाटक सरकार की जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कराएं। बिहार में नगर निकाय चुनाव के समय जो अति पिछड़ा आयोग बना था, आजतक उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई। लालू पहले अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कराएं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कभी भी जातीय गणना का विरोध नहीं किया। 

वहीं नीतीश कुमार द्वारा लालू को बेचारा कहे जाने पर सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बिल्कुल ठीक ही कह रहे हैं क्योंकि उन्होंने ही लालू प्रसाद को बेचारा बना दिया। चार चार मामलों में सजायाफ्ता हो गए। नीतीश कुमार और ललन सिंह के कारण सजायाफ्ता हो गए। लालू अब मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। लालू की बीमारी का कोई कारण है तो वह नीतीश कुमार ही हैं, लालू को जेल में सड़ा दिया। अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है तो लालू और बिहार की जनता से वे माफी मांगे कि फर्जी कागजातों के आधार पर उन्होंने लालू को फंसाया था।