*इफको तथा सहकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विकासखंड स्तरीय सहकारी गोष्ठी का आयोजन*
अमेठी।आज इफको तथा सहकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विकासखंड स्तरीय सहकारी गोष्ठी का आयोजन विकासखंड सभागार जगदीशपुर जनपद अमेठी में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता में गिरीश चंद्र पांडेय, सभापति सहकारी विकास संघ जगदीशपुर, एवम मुख्य अतिथि आकांक्षा सिंह खंड विकास अधिकारी , जगदीशपुर , तथा विशिष्ट अतिथि श्री मित्रसेन वर्मा सहायक आयुक्त एवम सहायक निबंधक सहकारिता अमेठी , शिशु पाल इफको क्षेत्राधिकारी जनपद अमेठी, एडीसीओ संत लाल, Dr. आर के आनंद वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम हेड कृषि विज्ञान केन्द्र कठौरा जगदीशपुर अमेठी, Dr. देवेश पाठक, मृदा कृषि वैज्ञानिक केवीके कठौरा जगदीशपुर, आलोक कुमार दुबे एडीओ जगदीशपुर, शिव कुमार एडीओ मुसाफिरखाना, इत्यादि उपस्तिथि रहे।
कार्यक्रम में समिति सचिव एवम प्रगतिशील किसानों सहित लगभग 72 प्रतिभागी उपस्तिथि रहे। इफको क्षेत्राधिकारी शिशु पाल ने इफको नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी की आवश्यकता, निर्माण, प्रयोग विधि, प्रयोग से लाभ तथा प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
धान की खड़ी फसल में नैनो यूरिया का प्रयोग 35 से 40 दिन पर 4 मिलीलीटर पानी या स्प्रे मशीन की 15 लीटर की टंकी में ढाई से तीन ढक्कन नैनो यूरिया का प्रयोग करना चाहिए। प्रयोग से पहले बोतल को अच्छी तरह से हिला लें। इसके प्रयोग से फसल में रोग, कीट,और खरपतवार कम लगते हैं तथा आंधी व बारिश में पकी हुई फसल गिरती नहीं है।
चौड़ी पत्ती की फसलों में पहला छिड़काव 15 से 20 दिन पर करना चाहिए तथा पहले छिड़काव के 15-20 दिन बाद दूसरा छिड़काव करें। नैनो डीएपी 5 मिली लीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीज शोधन किया जाता है तथा खड़ी फसल में नैनो यूरिया की भांति 4 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी या 15 लीटर स्प्रे मशीन की टंकी में ढाई से तीन ढक्कन नैनो डीएपी का प्रयोग करना चाहिए। 35 से 40 दिन की फसल में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी एक ही टंकी में मिलाकर एक साथ प्रयोग करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। इससे अच्छी गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होगी।
नैनो यूरिया ₹225 और नैनो डीएपी ₹600 प्रति बोतल की दर से सभी समितियों पर उपलब्ध है,साथ ही इफको द्वारा किए जा रहे किसान हित में कार्यों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि यह परिवर्तन का दौर है और सभी को नैनो उर्वरक प्रयोग करने चाहिए यह अत्यंत लाभकारी हैं तथा मिट्टी और इंसान की सेहत के लिए आवश्यक है, गोष्ठियों के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा सचिवों को नैनो उर्वरक की प्रयोग विधि और लाभ सदस्य किसानों को बताने को कहा।
एडीसीओ श्री संत लाल ने बी पैक्स के संविधान में परिवर्तन तथा उनके व्यवसाय में विविधीकरण के बारे में चर्चा की, तथा नैनो उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले लाभों में बारे में बताया ।सहायक आयुक्त एवम सहायक निबंधक सहकारिता मित्रसेन वर्मा ने सभी को नैनो उर्वरक प्रयोग करने पर बल दिया ,साथ ही सभी समितियों के सचिवों को समझाकर नैनो उर्वरक बिक्री करने को कहा, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा आर के आनंद जी ने कृषि में हो रहे बदलाव, उर्वरक प्रबंधन बेहतर उपज लेने की विधि बताई, साथ ही किसानों को नैनो यूरिया एवम नैनो डीएपी ,परंपरागत उर्वरकों से बेहतर कार्य करने में सक्षम है, का तुलनात्मक दृष्टिकोण बताया। कृषि वैज्ञानिक डा देवेश पाठक जी ने किसानों को नैनो उर्वरक प्रयोग करने हेतु आग्रह किया, तथा उच्च मृदा प्रबंधन के गुर बताए।
एडीओ सहकारिता आलोक दुबे ने किसानों को उर्वरक उपलब्धता, सब्सिडी, पर्यावरण संरक्षण, मृदा जीवांश बढ़ाने से लाभ के बारे में बताया, साथ ही नैनो उर्वरकों को बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष जी ने सभी को धन्यवाद दिया।
Aug 21 2023, 17:12