*फोरेंसिक विज्ञान संस्थान के छात्रों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद, कहा- हर जनपद में और हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क होनी चाहिए*
लखनऊ । कहीं कोई अपराध होता है तो उसकी जांच और रिपोर्ट पूरी होने में महीनों लग जाते हैं। बहुत बार पीड़ित न्याय पाने से वंचित हो जाता है या न्याय की आस में पूरा जीवन ही खत्म हो जाता है।
आवश्यक है कि हम लोग आज अपराध की प्रकृति क्या है और समाज की डिमांड क्या है, उसके लिए खुद को तैयार करें। टेक्नोलॉजी के लिहाज से अगर हम खुद को तैयार नहीं करेंगे तो पिछड़ जाएंगे। हम आम लोगों के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। इसीलिए प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हम लोग उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना करेंगे।
प्रसन्नता है कि आज इसका पहला बैच 5 कोर्सेज के साथ शुरू हो रहा है। गृह विभाग के साथ ही संस्थान से जुड़े लोगों को इसे वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित करना है। हम नए कोर्सेज लेकर आएंगे।
फॉरेंसिक से जुड़े टॉप संस्थानों के साथ एमओयू हो रहे हैं। नॉलेज शेयरिंग की जा रही है। अच्छी से अच्छी फैकल्टी का चयन किया जा रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के प्रथम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के छात्रों से संवाद करते हुए कहीं। इस अवसर मुख्यमंत्री ने संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं छात्र व छात्राओं का परिचय भी प्राप्त किया।
सीएम ने फोरेंसिक जैसी तकनीक की वकालत करते हुए कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार आई थी, तब साइबर क्राइम का रेट बढ़ता दिखाई दे रहा था। उस समय ही हमने कहा था कि इसे गंभीरता से लेना चाहिए। आज भी उसके एक्सपर्ट्स की कमी महसूस की जाती है। आज हम मानते हैं कि रेंज नहीं, बल्कि हर जनपद में और हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क होनी चाहिए।
साथ ही इसके एक्सपर्ट्स भी होने चाहिए। यही हाल एफएसएल लैब्स का भी है। इनके लिए साइंटिस्ट और टेक्नीशियन की कमी है। ये सिर्फ यूपी नहीं पूरे देश में स्थिति है। आप इस आवश्यकता की पूर्ति का माध्यम बनेंगे। इसके लिए आपको खुद को तैयार करना होगा। साइबर अपराध से जुड़े लोगों से दो कदम आगे सोचने की आदत डालनी होगी।
अपनी दृष्टि को विस्तार देना होगा। अगर आप किसी भी एंटी सोशल, एंटी नेशनल या लॉ एंड ऑर्डर को चुनौती देने वाले किसी भी तत्व से दो कदम आगे सोचने की सामर्थ्य रखते हैं तो आप उसको नियंत्रित कर पाएंगे। यदि दो कदम पीछे हैं तो वह आपको नियंत्रित कर लेगे। आपके सोचने की सामर्थ्य समाप्त कर देगा। इसके लिए निरंतर संस्थान को कार्य करना होगा।
Aug 17 2023, 17:20