*प्रतिबन्धित चीता के दांत एवं नाखून, सियार-सिंघी, इन्द्रजाल तथा हत्था जोड़ी सहित तीन तस्कर अयोध्या से गिरफ्तार*
लखनऊ । यूपी एसटीएफ ,वन विभाग एवं वाइल्ड लाइफ क्राइम कण्ट्रोल व्यूरो के संयुक्त अभियान में चीता के दांत एवं नाखून, सियार-सिंघी, इन्द्रजाल तथा हत्था जोड़ी सहित तीन तस्करों को जनपद अयोध्या से गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से बीस चीता के दांत, 24 चीता के नाखून, 110 सियार सिंघी, दो हत्याजोड़ी, 140 इंद्रजाल के पौधे, तीन मोबाइल फोन और 2550 रुपये नकद बरामद किया है। गिरफ्तार अभियुक्त दयाराम दूबे पुत्र हरिष्चन्द्र दूबे निवासी पूरे उमापति गोपीपुर, बेल्सर, थाना तरबगंज, जनपद-गोण्डा।बृजेश केसरवानी पुत्र स्व. हनुमान प्रसाद केशरवानी निवासी शास्त्रीनगर, थाना कोतवाली, जनपद अयोध्या। संजय तिवारी पुत्र रामकिशन तिवारी निवासी ग्राम रामदेवरैया, थाना तरबगंज, जनपद-गोण्डा है।
विगत कुछ दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि प्रतिबन्धित टाइगर आदि की तस्करी में वन्य जीव तस्कर जनपद अयोध्या एवं आस पास के जनपदों में प्रतिबन्धित वन्य जीव के अंगों एवं प्रतिबन्धित वनस्पतियों की तस्करी में लिप्त है। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण कार्यवाही करते हुए वाइल्ड लाइफ क्राइम कण्ट्रोल व्यूरो एवं वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के दौरान मुखबिर द्वारा ज्ञात हुआ कि जनपद गोण्डा कचहरी के पास दयाराम दूबे की पूजा सामग्री की दुकान का संचालन करता है जहॉ से प्रतिबन्धित वन्य जीव एवं वनस्पतियों से सम्बन्धित सामान की चोरी छुपे बिक्री करता है। उक्त सामान उसे अयोध्या के बृजेष केषरवानी द्वारा दिया जाता हैं जो नो अगस्त को जनपद अयोध्या के उपरोक्त स्थान पर देने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ लखनऊ के निरीक्षक वेद प्रकाश श्रीवास्तव, संतोष कुमार सिंह, मु.आ कवीन्द्र साहनी, मु.आ. कमाण्डो मनोज कुमार, आरक्षी चालक अफजाल की एक टीम गठित कर, वन विभाग अयोध्या एवं डब्लूसीसीवी की टीम को साथ लेकर, मुखबिर के बताये स्थान पर पहुंची, आवष्यक घेराबंदी करते हुए, मुखबिर की निषादेही पर उक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभिुयक्तों ने पूछताछ पर बताया कि बरामद की गयी वस्तुओ का प्रयोग घरों मे सजावट के साथ-साथ आध्यात्मिक एवं तात्रिक क्रियाओं में किया जाता है। पूजा सामग्री दुकानदार इन्हे चोरी छिपे रखकर बेचते है। दया राम दूबे की गोण्डा में पूजा सामग्री की दुकान है, जिसके माध्यम से यह सामान बेचा जाता है एवं सामान अयोध्या निवासी बृजेष केषरवानी से प्राप्त किया जाता है। चूॅकि समस्त सामग्री प्रतिबन्धित क्षेणी की है, इस लिए गुप-चुप तरीके से ही मंगवाकर बेचा जाता है। बृजेष केषरवानी उक्त सामान को वाराणसी निवासी एक वन्य जीव तस्कर से लेता हैं। संजय तिवारी तिवारी इस अवैध व्यापार में दया राम दूबे का सहयोगी है। गहन पूछताछ पर सभी अभियुक्तों ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार पूजापाठ, वास्तु साधना तांत्रिक क्रिया एवं नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने के लिए इन सामग्रियों का प्रयोग किया जाता हैं सामान्यतः चीते का दॉत व नाखून प्रति पीस रू0 5,000/- तक बिक जाता है। सियार-सिघी प्रति जोड़ा रू0 4-5 हजार, हत्था जोड़ी प्रति पीस 15-20 हजार एवं इन्द्रजाल रू0 1-5 हजार तक बिकता है।
बरामद की गयी सामग्री के सम्बन्ध में वन विभाग एवं डब्लूसीसीवी की टीम से पूछने पर पता चला कि इन्द्रजाल समुद्र के गहरे क्षेत्रों पाया जाने वाला एवं दुर्लभ प्रजाति का पौधा है जिसमें पत्तिया नहीं होती है। हत्थाजोड़ी वन्य जीव गोह के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो दुर्लभ एवं प्रतिबन्धित श्रेणी का है। सियार-सिन्घी प्रतिबन्धित सियार नामक वन्य जीव के सिर पर पाये जाने वाली एक प्रकार की गॉठ होती है जो सभी सियारों के सिर पर न होकर कुछ विषेष प्रकार के सियार के सिर पर पायी जाती है। षिकारी व वन्य जातियों के लोग ऐसे सियारों की पहचान कर उन्हे मार डालते है और सियार-सिन्घी प्राप्त कर लेते है इसी प्रकार प्रतिबन्धित वन्य जीव टाइगर को भी दॉत, खाल, नाखून एवं मांस की विक्री हेतु वन्य जीव तस्करों द्वारा षिकार किया जाता है।
वन्य जीव संरक्षण अधि0 1972 के सीड्यूल-1, पार्ट-1 के अन्तर्गत टाइगर, सीड्यूल-1, पार्ट-3 के अन्तर्गत इन्द्रजाल (सी-फैन) सीड्यूल-1, पार्ट-2 के अन्तर्गत गोह, सीड्यूल-2, पार्ट-2 के अन्तर्गत सियार-सिंघी प्रतिबन्धित श्रेणी के वन्य जीव है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग अ0सं0 आर0सी0 नं0 16/2023 धारा 9, 29, 48ए, 49बी, 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संषोधित) व धारा-52(ए) भारतीय वन अधिनियम 1972 (यथा संषोधित) माया वन रेंज, अयोध्या में पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रभागीय वन अधिकारी अयोध्या के स्तर से सम्पादित की जायेगी।
Aug 11 2023, 09:29