2011 से अबतक लगभग 18 लाख लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता लोकसभा में सरकार ने दिया जवाब
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि साल 2020 से 2023 (जून) तक 5,61,272 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी, जिनमें से 2020 में 85,256, 2021 में 1,63,370, 2022 में 2,25,620 और 2023 (जून) तक 87,026 लोगों ने नागरिकता छोड़ी है. यह जानकारी केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने एक लिखित उत्तर के माध्यम से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए साझा की, जिसमें उन्होंने पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान अपनी नागरिकता छोड़ने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या के बारे में पूछा था.
विदेश मंत्री डॉ जयशंकर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 2011 से अब तक 17 लाख 50,466 भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है, जिनमें 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,405, 2014 में 1,29,328, 2015 में 1,31,489, 2016 में 1,41,603, 2017 में 1,33,049, 2018 में 1,34,561, 2019 में 1,44,017 लोगों ने नागरिकता छोड़ी है. उन्होंने कहा कि "पिछले दो दशकों में वैश्विक कार्यस्थल की खोज करने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या महत्वपूर्ण रही है. उनमें से कई ने व्यक्तिगत सुविधा के कारणों से विदेशी नागरिकता लेने का विकल्प चुना है.
जयशंकर ने कहा कि सरकार इस बात से अवगत है. इसको लेकर भारत सरकार ने 'मेक इन इंडिया' के तहत कई योजनाएं भी लॉन्च की हैं, जिससे यहां रह रहे लोगों की प्रतिभा का दोहन करेगी. जयशंकर ने उन 135 देशों की सूची भी प्रदान की जिनकी नागरिकता भारतीयों ने हासिल की है.यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि पिछले साल सदन में सरकार के जवाब के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका इस सूची में शीर्ष पर रहा, 2021 में 78,284 भारतीयों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में बसने के लिए अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी. 2019 और 2020 में क्रमशः 61,683 और 30, 828 लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर अमेरिका में बस गए.
Jul 21 2023, 18:59