हेल्थ टिप्स: स्टार फ्रूट्स के सेवन से इम्युनिटी होगी बूस्ट साथ हृदय रोगों से भी बचाता है ये फल


दिल्ली:- खट्टा रसीला कमरख यानी स्टार फ्रूट विटामिन बी विटामिन और फाइबर का खजाना है, जिसके कारण यह इम्यूनिटी बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में सहायक होता है।

अक्सर लोग खांसी-सर्दी, जुकाम, सिर दर्द, गले में खराश, ठंड लगने से उल्टी, पेट दर्द, दस्त आदि समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन समस्याओं को आप कुछ मौसमी फलों को खाकर भी दूर कर सकते हैं। 

सर्दी के मौसम में खट्टे फल खूब मिलते हैं। इन्हीं में से एक फल है कमरख या स्‍टार फ्रूट (Kamrakh Benefits)। इसका सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि कमरख (Star fruit) में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो छोटी-मोटी सर्दी में होने वाली समस्याओं को दूर करते हैं। कमरख में विटामिन सी, ई और बी 6 की प्रचुर मात्रा में मौजूद होती है। इसके अलावा पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर और जिंक का भी खजाना है यह फल। 

इसे खाने से आप कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर कर सकते हैं। जानें, कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने से आपके शरीर को क्या फायदे होंगे।

कमरख या स्टार फ्रूट (Star Fruit Benefits) खाने के फायदे

1. दिल रहे स्वस्थ

कमरख यानी स्टार फ्रूट (Carambola Fruit) में फॉलिक एसिड, विटामिन बी 9 और एंटीऑक्सीडेंट काफी होता है, जो हार्ट की समस्याओं से आपको बचाए रखता है। इसे खाने से आप हार्ट अटैक के खतरे से भी बचे रहते हैं।

2. डैंड्रफ का सफाया

कुछ लोगों को ठंड के दिनों में रूसी (Dandruff in winter) की समस्या हो जाती है। ऐसे में कमरख (Kamrakh Benefits) या स्टार फ्रूट को बादाम के तेल में पकाकर सप्ताह में दो-तीन बार लगाएं। इससे रूसी या ड्रैंडफ की समस्या दूर हो जाएगी। बालों में गजब का शाइन नजर आएगा।

3. आंख रहेंगे हेल्दी

मैग्नीशियम और विटामिन बी 6 के गुणों के कारण यह आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे आंखों में सूजन, दर्द, पानी निकलना और कम दिखाई देने की समस्या दूर होती है।

4. बूस्ट होगी इम्यूनिटी

पोषक तत्‍व और विटामिन सी के गुणों से भरपूर स्टार फ्रूट के सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, जिससे शरीर में ताजगी और एनर्जी बनी रहती है।

5. भूख बढ़ाए

कुछ लोग सर्दी के दिनों में बहुत कम पानी पीते हैं। खाने से भी बचते हैं। इससे आपका शरीर कमजोर हो सकता है। पानी की कमी से शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है। सुबह के समय स्टार फ्रूट का जूस पिएं। दो-तीन दिनों में ही आपको भूख-प्यास लगने लग जाएगी।

विशाखापट्टनम में जन्मी सिने तारिका जरीना वहाव के फिल्मी कैरियर के साथ निजी जिंदगी में भी रहा उतार-चढ़ाव


नई दिल्ली (दिल्ली डेस्क) 17 जुलाई 1959 के दिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जन्मी जरीना वहाब आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. हालांकि, एक दौर ऐसा भी रहा, जब उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी.

दरअसल, सांवला रंग होने के कारण जरीना को कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. बर्थडे स्पेशल में हम आपको जरीना की जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू करा रहे हैं. 

ऐसे शुरू हुआ एक्टिंग का करियर

बता दें कि जरीना ने करियर की शुरुआत करने से पहले एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी. उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. उनकी अदाकारी की लोग मिसाल देते थे, लेकिन पहला मौका पाने के लिए भी जरीना को काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा. शुरुआत में उन्हें फिल्म गुड्डी में कास्ट किया गया, लेकिन बाद में यह किरदार जया बच्चन को मिल गया. जरीना को पहला मौका देव आनंद की फिल्म इश्क इश्क इश्क से मिला, जिसमें उन्होंने जीनत अमान की बहन का किरदार निभाया था. 

इन फिल्मों में दिखाया अपना दम

बता दें कि इश्क इश्क इश्क फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन जरीना के अभिनय को काफी सराहा गया था. हालांकि, जरीना वहाब को सिनेमा की दुनिया में असली पहचान फिल्म 'चितचोर' से मिली. राजश्री प्रोडक्शन की इस फिल्म में जरीना के काम की काफी सराहना हुई. इसके अलावा उन्होंने 'घरौंदा', 'अनपढ़', 'सावन को आने दो', 'नैया', 'सितारा' और 'तड़प' जैसी कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. 

उतार-चढ़ाव भरी रही निजी जिंदगी

बता दें कि जरीना वहाब की निजी जिंदगी काफी उथल-पुथल भरी रही. उन्होंने अभिनेता आदित्य पंचोली को अपना हमसफर बनाया है और वह सूरज पंचोली की मां हैं. जरीना के पति और बेटे दोनों का नाम कई विवादों में आ चुका है, जिसके चलते उनके नाम की चर्चा होने लगती है. जब कंगना ने आदित्य पंचोली पर आरोप लगाए थे, तब जरीना ने अपने पति का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि जब मैंने खुद से छोटे लड़के से शादी की थी, मैं तब से ही इसके लिए तैयार थी.

गाज़ियाबाद: वेव सिटी थाना क्षेत्र में को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे मिला महिला का शव, हत्या की आशंका

गाजियाबाद, वेव सिटी थाना क्षेत्र में मंगलवार को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे सुंदरदीप कालेज के पास एक महिला का खून से लथपथ शव मिला। शव के पास से कोई दस्तावेज बरामद नहीं होने के कारण महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी है.

खून से लथपथ मिला महिला शव

अंदेशा जताया जा रहा है कि महिला की हत्या की गई है. वहीं, पुलिस प्रथम दृष्टया मामले को सड़क हादसे का मानकर चल रही है. शव की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं. मसूरी पुलिस मंगलवार तड़के गश्त पर थी. इस दौरान ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल के नीचे सुंदरदीप कालेज के पास एक महिला का शव पड़ा मिला.

करीब 35 साल है महिला की उम्र

घटना दूसरे थाना क्षेत्र की होने के कारण पुलिस ने वेव सिटी पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. महिला की उम्र करीब 35 साल है.

महिला की शिनाख्त के हो रहे प्रयास

एसीपी वेव सिटी रवि प्रकाश सिंह का कहना है कि महिला की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक कार भी क्षतिग्रस्त मिली है.इसके चलते सड़क हादसा होना प्रतीत हो रहा है। मामले की जांच की जा रही है.

बेटी से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 26 दिन में सुनाया फैसला


मथुरा (दिल्ली एनसीआर): जनपद के पोस्को एक्ट कोर्ट ने मंगलवार को दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसी के साथ 80 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. कार्य दिवस के मात्र 26 दिनों में कोर्ट ने 10 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले सौतेले बाप को सजा सुनाई है. बहुत कम दिनों में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

अभियोजन के मुताबिक फरह थाना क्षेत्र इलाके में 17 मई को महेंद्र अपनी 10 साल की बेटी को अपने साथ आधार कार्ड बनवाने के लिए मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले गया था. इस दौरान वह आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर हिंदुस्तान कॉलेज के पास जंगल में ले जाकर सौतेली बेटी के साथ घिनौनी हरकत की थी. 

इसके बाद महेंद्र ने बेटी को धमकाते हुए कहा कि अगर किसी से कुछ कहा तो जान से मार दूेगा. जब नाबालिग घर पहुंची तो उसने अपनी मां को सारी बात बता दी.

इसके बाद 18 मई को फरह थाने में पीड़िता की मां ने आरोपी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए संगीन धाराओं में जेल भेज दिया. पुलिस ने विवेचना कर आरोपी के खिलाफ 12 जून को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. जिस पर न्यायाधीश पोस्को एक्ट कोर्ट में एडीजीसी अधिवक्ता ने केस की पैरवी की. अधिवक्ता एडीजीसी अलका उपमन्यु ने बताया कि मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट कोर्ट ने नाबालिग के साथ हुई घिनौनी घटना में दोषी को आजीवन कारावास की सजा और आर्थिक दंड अस्सी हजार रुपये लगाया गया है. पुलिस की सतर्कता और न्यायालय में कड़ी पैरवी करते हुए दोषी को कार्य दिवस के मात्र 26 दिन में सजा सुनाई दे.

के के पाठक को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर लगायी अंतरिम रोक


दिल्ली/पटना: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया है,जिसमें राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के खिलाफ कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था. 

पूर्व की सुनवाई में जस्टिस पीवी बजंत्री की खंडपीठ ने एक अवमानना के सिलसिले में के के पाठक के विरुद्ध जमानतीय वारंट जारी किया था.कोर्ट ने के के पाठक को 13 जुलाई,2023 को निश्चित रूप से कोर्ट में स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन किसी कारणवश के के पाठक स्वयं उपस्थित नहीं होकर,अपने वकील के जरिए हाजिर हुए थे. 

कोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना करार देते हुए उनकी हाजिरी को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया।

पटना हाईकोर्ट ने जारी किया था जमानती वारंट: अपर मुख्य शिक्षा सचिव की ओर से कोर्ट के समक्ष उपस्थित अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया था कि केके पाठक ने जून, 2023 में अपने पद पर योगदान दिया था. नालंदा के एक टीचर घनश्याम प्रसाद सिंह को हेडमास्टर के पद पर प्रोन्नत का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर आदेश का पालन किये जाने का निर्देश दिया.

HC में 20 जुलाई को सुनवाई: 

नालंदा के जिला शिक्षा 

पदाधिकारी ने आदेश का पालन कर विभाग को सूचित किया. उस शिक्षक ने भी आदेश के अनुपालन होने को स्वीकार किया. पटना उच्च न्यायालय द्वारा केके पाठक के विरुद्ध जारी जमानती वारंट को एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी. इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 जुलाई, 2023 को होगी.

कुछ खास: राजा अबुम्बी द्वितीय,जिनकी हैं 100 रानियां आइये जानते हैं,आज भी इस परम्परा को ढोने वाले ये किस देश की राजा हैं...?


नई दिल्ली ( दिल्ली डेस्क):- बाफुत के 11वें फॉन या राजा अबुम्बी द्वितीय की 100 रानियां हैं. उन्‍होंने इन सभी से शादी नहीं की है. स्थानीय परंपरा के अनुसार जब एक फॉन की मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को उसकी सभी पत्नियां विरासत में मिलती हैं.

फिर वह अपनी रानियों से शादी करता है. बाफुत के प्रिंस निक्शन के मुताबिक, रानियों की साम्राज्‍य में बहुत बड़ी भूमिका होती है. 

उन्होंने कहा कि पुरुष को राजसी भूमिका में आकार देना इन सभी महिलाओं पर निर्भर करता है. अबुम्बी की तीसरी पत्‍नी क्‍वीन कॉन्स्टेंस कहती हैं कि हर सफल आदमी के पीछे एक बेहद सफल और कट्टर महिला का हाथ होता है.

क्‍वीन कॉन्‍स्‍टेंस के मुताबिक, हमारी परंपरा है कि जब आप राजा होते हैं, तो बुजुर्ग पत्नियां छोटी पत्नियों को स्‍थानीय रीति-रिवाज सौंपती हैं. साथ ही बुजुर्ग रानियां राजा बनने वाले राजकुमार को भी अपनी परंपराओं की शिक्षा देती हैं.

 बता दें कि कैमरून में बहु विवाह कानूनी तौर पर मान्‍य है. इसके बाद भी आंकड़े बताते हैं कि अफ्रीकी महाद्वीप में बहुत कम लोग ही बहु विवाह करते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे पहले तो बदलते मूल्य, ईसाई धर्म के प्रसार, पश्चिमी जीवन शैली को लेकर बढ़ते आकर्षण के कारण लोग बहु विवाह से दूर रहते हैं. 

वहीं, बड़े परिवार रखने की बढ़ती लागत ने भी बहुविवाह की प्रथा को चुनौती दी है.

परंपरा और आधुनिकता के बीच फंसा जीवन

कैमरून के पारंपरिक शासकों को बदलती सोच और पुरानी परंपराओं की दो विरोधी संस्‍कृतियों के बीच अपना जीवन जीना पड़ता है. बाफुत पर शासन करने वाले अबुम्‍बी द्वितीय ने स्‍वीकार किया कि उपनिवेशवाद के दौरान शासन के अन्य मूल्य आए, जो हमारे पारंपरिक मूल्यों से काफी अलग थे. इसलिए पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक पश्चिमी मूल्यों के बीच लगातार संघर्ष होता रहा है. बता दें कि बाफुत 47 साल से क्षेत्र में सबसे बड़ा साम्राज्‍य है. अबुम्‍बी द्वितीय कहते हैं कि मेरी भूमिका सभी मूल्‍यों को मिलाकर आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की है, ताकि प्रजा अपनी संस्कृति को नष्ट किए बिना विकास और आधुनिकता का एकसाथ आनंद ले सके.

राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने खुद भी 28 शादियां की हैं. उनके कुल 500 बच्‍चे हैं.

बहुविवाह की आलोचना सही है या गलत

अबुम्‍बी द्वितीय का मानना है कि संस्कृति के बिना इंसान मनुष्य नहीं, पशु जैसा हो जाता है. इसलिए हम अपनी प्रजा को संस्कृति की सुरक्षा की गारंटी देते हैं. पश्चिमी देशों में बहुविवाह की हमेशा आलोचना की जाती है. फिर भी कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इसे मूल्यवान परंपरा मानते हैं. फॉन अबुम्बी द्वितीय से मिलने वाले कुछ लोगों का कहना है कि इस परंपरा में जो दिखता है, उससे कहीं ज्‍यादा है. उनके मुताबिक, हम राजाओं की जीवनशैली का आकलन करने में जल्दबाजी कर सकते हैं. लेकिन, ये ठीक वैसा ही है, जैसे यूनाइटेड किंगडम तथा अफ्रीकी राज्य के राजा एक समृद्ध संस्कृति और इतिहास से बंधे हैं.

विरासत में मिलीं पत्नियां हैं नैतिक दायित्‍व

बाफुत की प्रथा के मुताबिक, नए राजा को अपने पिता से विरासत में मिली सभी पत्नियां उसके लिए नैतिक दायित्व से ज्‍यादा कुछ नहीं हैं. ऐसे ही कई राजपरिवार बहुत सफल भी हैं. कैमरून के सबसे युवा पारंपरिक शासकों में से एक बाबुंगो के फॉन एनडोफुआ जोफिया द्वितीय की रानियां शासन में राजा की काफी मदद करती हैं. उनकी सभी युवा पत्नियां फ्रेंच भाषी क्षेत्र में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती थीं. वे सभी शानदार मार्केटर्स थीं. ये सभी रानियां परंपरा के कारण जोफिया द्वितीय के साथ थीं. यह साफ दिखने वाला विरोधाभास ही है, जो प्रेम में जीवन को आकर्षक और भ्रमित करने वाला बनाता है.

क्‍या अतीत और वर्तमान के बीच फंसे हैं राजा

अब सवाल उठता है कि क्‍या ऐसे राजपरिवार अतीत में फंसे हुए हैं या वर्तमान के साथ तालमेल बैठा रहे हैं? फॉन जोफोआ तृतीय को नहीं लगता कि किसी भी राजा को इन दोनों में से कुछ भी चुनना होगा. पिता की मृत्यु के बाद भले ही उन्‍हें 72 पत्नियां और 500 से ज्‍यादा बच्चे विरासत में मिले हों, लेकिन वह खुद को एक आधुनिक राजा मानते हैं. वह कहते हैं कि मौजूदा दौर में किसी भी शासक को राज्य चलाने के लिए शिक्षित होना चाहिए. आजकल चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं. वह कहते हैं कि शिक्षा प्रकाश है और अज्ञानता अंधेरा है.राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने 1968 में पिता के निधन के बाद गद्दी संभाल ली थी.

अबुम्‍बी द्वितीय खुद भी कर चुके 28 शादियां

राजा अबुम्‍बी द्वितीय ने 1968 में पिता के निधन के बाद गद्दी संभाल ली थी. अबुम्‍बी द्वितीय पिता की मौत होने के बाद कैमरून में बाफुत के राजा बने. अबुम्बी द्वितीय को अपने स्वर्गीय पिता से 72 रानियां और उनके बच्चे विरासत में मिले थे. इसके बाद उन्‍होंने खुद भी 28 शादियां की हैं. बता दें कि अफ्रीकन देश कैमरून में एक से अधिक महिलाओं से शादी करने यानी कि बहुविवाह का रिवाज है. कोई भी व्यक्ति कितनी भी शादी कर सकता है, जिसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है.

भारत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की , जानें कुछ अनसुने किस्से


(दिल्ली डेस्क)

नई दिल्ली : सदी के महान अभिनेता और भारत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अभिनेता राजेश खन्ना बाॅलीवुड में 'काका' के नाम से लोकप्रिय थे।

इन्होंने 1969 से 1971 के बीच अपने स्वर्णिम काल के दौरान लगातार 15 से भी ज्यादा हिट फिल्में दी। अपने पूरे करियर के दौरान इस सुपरस्टार ने जमकर लोकप्रियता हासिल की। 18 जुलाई 2012 को 69 वर्ष की आयु में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। 

काका ने अपने प्रशंसकों को कई सारी सुपरहिट फिल्में दी। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आज हम अभिनेता राजेश खन्ना से जुड़े कुछ रोचक किस्से साझा कर रहे हैं।

15 सुपरहिट फिल्में देने वाले इंडस्ट्रीज के पहले अभिनेता

सबसे पहले हम बात कर रहे हैं वर्ष 1967 की, जहां से राजेश खन्ना ने अपना फिल्मी करियर शुरू किया। वर्ष 1968 से 1972 तक राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा पीक पर थे। इन 4 वर्षों में इन्होंने 15 लगातार सुपरहिट फिल्में दी। हिंदी सिनेमा के वे पहले अभिनेता थे, जिनको इतनी बड़ी सफलता मिली। आराधना, कटी पतंग, दो रास्ते, मर्यादा, महबूब की मेहंदी, रोटी, अमर प्रेम, सच्चा झूठा, खामोशी, आन मिलो सजना, दुश्मन और हाथी मेरे साथी ऐसी फिल्में रही, जिनके बल पर राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपना एक मजबूत मुकाम हासिल किया था। 70 के दशक में राजेश खन्ना के प्रति दीवानगी का आलम यह था कि उनके बंगले 'आशीर्वाद' के बाहर हर रोज प्रशंसकों की भीड़ लगी रहती थी।

डिंपल कपाड़िया से करते थे प्रेम

ऐसा कहा जाता है कि एक्टर राजेश खन्ना जिस स्टूडियो में सूट करते थे, उसके बारह लड़कियों की भीड़ लग जाती थी। लड़कियां उनकी पर्सनैलिटी की दीवानी थीं, लेकिन राजेश खुद से 16 साल छोटी एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया से प्रेम करते थे। साल 1973 में उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी की। जब शादी हुई तो राजेश 32 साल के थे, जबकि डिंपल मात्र 16 साल की थीं। शादी के बाद ट्विंकल खन्ना का जन्म हुआ और कुछ सालों बाद रिंकी खन्ना का जन्म हुआ। राजेश और डिंपल की शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली। शादी के 11 साल के बाद यानि 1984 में दोनों अलग हो गए।

जीवन के आखिरी दौर में साथ रहीं डिंपल

राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया अलग तो हुए, लेकिन उन्होंने कभी तलाक नहीं लिया। राजेश खन्ना के आखिरी दिनों में डिंपल उनके साथ रहीं। दोनों के अलग होने की वजह थी कि राजेश खन्ना का नाम शादी से पहले अंजू महेंद्रू और टीना मुनीम जैसी एक्ट्रेस के साथ जुड़ा था। शादी के बाद भी उनका नाम कई एक्ट्रेस के साथ जुड़ा। शायद यही वजह थी कि राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया अलग हो गए।

टीना मुनीम से भी हो गया था प्यार

डिंपल के साथ राजेश की शादी होने के बाद राजेश को टीना मुनीम से भी प्यार हो गया था। राजेश टीना मुनीम से 15 साल बड़े थे, लेकिन फिर भी उनके प्यार में पड़ गए। यह वाे समय था, जब उनके और डिंपल के बीच दरार आना शुरू हो गया था। उस समय डिंपल कपाड़िया को टीना मुनीम और राजेश खन्ना के प्रेम प्रसंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

डिंपल ने छोड़ा राजेश का घर

राजेश और टीना के अफेयर के बारे में जब डिंपल को पता चला, तो वे अपनी दोनों बेटियों के साथ राजेश खन्ना का घर छोड़कर चली गईं। यह भी कहा जाता है कि डिंपल के घर छोड़कर जाने के बाद राजेश खन्ना उसी घर में टीना के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे।अपने विशिष्ट व्यवहार के लिए जाने-जाने वाले राजेश खन्ना का बचपन का नाम जतिन खन्ना था। उन्होंने 160 से अधिक फीचर फिल्मों और 17 लघु फिल्मों में अभिनय किया। राजेश खन्ना की पुण्यतिथि पर हम उनके बारे में 10 रोचक तथ्य लेकर आए हैं।

अभिनेता राजेंद्र कुमार ने अपना बंगला 'डिंपल' राजेश खन्ना को बेच दिया था । यह घर राजेंद्र के लिए अशुभ साबित हुआ था, लेकिन राजेश ने इसका नाम आशीर्वाद रख दिया और वहां रहते हुए लगातार 15 हिट फिल्में दीं। कुछ समय बाद उन्होंने डिंपल से शादी भी कर ली। 

अपने जीवन के शुरुआती दौर में एक अभिनेता के रूप में भी राजेश खन्ना एमजी स्पोर्ट्स कार चलाते थे। 

राजेश खन्ना को ज्योतिष शास्त्र में रुचि थी। कभी-कभी वे घंटों राशिफल पर चर्चा करते थे। 

अभिनेता राजेश खन्ना ने अपने नाती आरव की कुंडली का अध्ययन किया और भविष्यवाणी की थी कि वह बॉलीवुड का सुपरस्टार बनेगा।

राजेश खन्ना एक बेहतरीन रसोइया भी थे। उनके दोस्तों को उनके घर की बनी दाल बहुत पसंद आती थी।

इंडस्ट्री में राजेश खन्ना के सबसे अच्छे दोस्त किशोर कुमार और आरडी बर्मन थे। 

राजेश खन्ना और मुमताज ने कभी एक साथ फ्लॉप फिल्म नहीं की। 

हेमा मालिनी और राजेश खन्ना सबसे ज्यादा फिल्मों (15) में एक साथ नजर आए। 

राजेश खन्ना की 'आखिरी खत' ऑस्कर के लिए भेजा गया था, लेकिन अंतिम पांच में जगह नहीं बना पाई। 

राजेश खन्ना अपने दामाद अक्षय कुमार से बहुत प्यार करते थे और उन्हें बडी कहकर बुलाते थे।

खान -पान: पपीता खाने के बाद क्या खाने से हो सकता है आप के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, जानने के लिए पढिये पूरी खबर....!

(दिल्ली डेस्क)

आर्युवेद के अनुसार कई ऐसे खाद्य पदार्थ, फल एवं सब्जियां है जिसे विपरीत आहार बताया जाता है.लोग जाने अनजाने में ऐसे विपरीत आहार का प्रयोग करते हैं कई तरह के शारीरिक परेशानियों से गुजरते हैं. कभी कभी तो लोग जीवन से भी हाथ धो बैठते हैं .आइये स्ट्रीटबज़्ज़ खान पान टिप्स में ऐसे विपरीत आहार और परस्पर उनकी प्रतिक्रिया की जानकारी इस लेख श्रृंखला में आप को देते हैं,इसी लिए आप हमारे साथ बने रहें.....।

इस अंक का विषय है :- पपीता!पपीता  पका हुआ हो या फिर कच्चा, पेट की सेहत के लिए यह एक बेस्ट फल माना गया है। सालों भर मार्केट में मिलने वाले पपीते के कई सेहत लाभ होते हैं। पके हुए पपीते को आप काटकर खाएं या फिर कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाएं, हर तरह से यह सेहत को लाभ पहुंचाता है। त्वचा और बालों के लिए भी पपीता काफी हेल्दी होता है। हालांकि, पपीता के इतने फायदे होते हैं, लेकिन कुछ चीजों का सेवन पपीता के साथ या पपीता खाने के बाद कभी नहीं खाना चाहिए। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वे फूड्स जिनका सेवन पपीता खाने के तुरंत बाद करने से बचना चाहिए।

पहले जानें पपीते में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में

पपीता में बीटा कैरोटीन, फोलेट, मिनरल्स, विटामिन्स जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ये सभी बेहद जरूरी होते हैं। पपीता में लाइकोपीन भी होता है, जो कई समस्याओं से बचा सकता है। पपीता खाने से आप कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।

किन फूड्स के साथ ना खाएं पपीता

1 यदि आप पपीता खाएं हैं, तो तुरंत ही दही खाने से बचना चाहिए। आधा-एक घंटा रुककर ही दही खाएं। पपीता तासीर में गर्म होता है और दही की तासीर ठंडी होती है। दोनों की तासीर अलग होने के कारण आपको फायदे की बजाय नुकसान पहुंच सकता है।

2:- पपीता को काटकर खाते हैं, तो उस पर नींबू का रस ना डालें। पपीता खाने के बाद नींबू का सेवन करने से बचें। आपके एनीमिया से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ सकती है।

3 पपीता खाने के बाद खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा, मौसमी, कीवी, टमाटर खाने से भी परहेज करना चाहिए। इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।

भाजपा के तीनों राज्यसभा उम्मीदवार निर्विरोध घोषित, 20 जुलाई को दिल्ली में होगा शपथ समारोह

गांधीनगर: गुजरात राज्य की तीन राज्यसभा सीट के लिए 24 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को बीजेपी के तीनों उम्मीदवार निर्विरोध घोषित कर दिए गए. कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि उनके पास पर्याप्त विधायक नहीं थे. बीजेपी के तीनों सांसद विदेश मंत्री एस जयशंकर, बाबूभाई देसाई और केशरी देव सिंह झाला दिल्ली में 20 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में शपथ लेंगे.सोमवार को फॉर्म वापस लेने का आखिरी दिन था. बीजेपी से रजनी पटेल, रघु हुंबल और प्रेरक शाह ने डमी कैंडिडेट के तौर पर फॉर्म भरा था. डमी कैंडिडेट का फॉर्म वापस लिया गया. इसके अलावा, अहमदाबाद के 2 नागरिकों ने पूर्व सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन किया था. 

चूंकि सोमवार को फॉर्म वापस लेने का आखिरी दिन था, इसलिए डमी उम्मीदवारों ने फॉर्म वापस ले लिया और फॉर्म के सत्यापन में निर्दलीय उम्मीदवारों को 10 विधायकों का समर्थन नहीं मिलने के कारण दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों के फॉर्म रद्द कर दिए गए.इसलिए अब राज्य चुनाव आयोग की ओर से सभी उम्मीदवारों को गैर-प्रतियोगी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अब राज्य चुनाव आयोग केंद्रीय चुनाव आयोग को सूचित करेगा. केंद्रीय चुनाव आयोग आधिकारिक तौर पर तीन उम्मीदवारों को निर्विरोध घोषित कर देगा.

बीती 11 जुलाई को बीजेपी की ओर से सिर्फ विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी उम्मीदवारी दाखिल की. बाकी दो नामों पर लगातार चर्चा हो रही थी. इस पर बीजेपी ने पूर्व बीजेपी विधायक बाबूभाई देसाई और वांकानेर राजवी केशरीदेव सिंह झाला को चुना. अगले महीने अगस्त में विदेश मंत्री एस जयशंकर, जुगलजी ठाकोर और दिनेश अनावाडिया अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं.बाबूभाई देसाई और केशरीदेव सिंह झाला को बीजेपी ने दो राज्यसभा उम्मीदवारों के रूप में चुना है. बाबूभाई देसाई बीजेपी से कांकेरेज से विधायक चुने गए. वे उत्तर गुजरात के रहने वाले हैं. इसके अलावा बाबूभाई देसाई को रबारी समाज का भामाशाह भी कहा जाता है. 

वहीं दूसरी ओर वांकानेर के राजपरिवार के केसरीदेव सिंह झाला को राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में चुना गया है. वे सौराष्ट्र क्षेत्र से आते हैं और ऐसे में बीजेपी पार्टी ने राज्यसभा में सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात को प्राथमिकता दी है.

2024 के लोकसभा चुनाव: आज विपक्ष की 26 पार्टियों मुकाबला के लिए NDA के 38 दल दिल्ली में जुट रहें हैं,बन रही रणनीति

नई दिल्ली:विपक्षी दल भाजपा के रथ का मुकाबला करने के लिए अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो रहे हैं. कांग्रेस से दूरी बनाकर रहने वाली आप (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी खेमे में शामिल हो गए. क्षेत्रीय दल जो राज्य स्तर पर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर बिखरे हैं, अब भाजपा या विपक्ष की ओर रूख कर रहे हैं. 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 38 सहयोगी आज राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली बैठक में शामिल होंगी.

राष्ट्रीय राजधानी में एनडीए की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है. 

नई दिल्ली में एनडीए की बैठक की पूर्व संध्या पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद गठबंधन में शामिल हो गए. नड्डा ने ट्वीट किया, 'दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात हुई. उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया है. मैं एनडीए परिवार में उनका स्वागत करता हूं.'

मीडिया से बातचीत में बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में अब 38 पार्टियां हैं. आज एनडीए राष्ट्रीय राजधानी में बैठक करेगा, वहीं आज के दिन ही विपक्षी दल बेंगलुरु में अपना मुख्य सम्मेलन आयोजित करेंगे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा, एनडीए बैठक में शामिल होने वाली पार्टियों में एआईएडीएमके, शिवसेना (एकनाथ शिंदे ग्रुप), एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी, मेघालय), एनडीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी), एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) के शामिल होने की उम्मीद है.

साथ ही जेजेपी (जननायक जनता पार्टी), एजेएसयू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन), आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया), एमएनएफ (मिजो नेशनल फ्रंट), टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा), बीपीपी (बोडो) पीपुल्स पार्टी), पीएमके (पट्टाली मक्कल काची), एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी), अपना दल, एजीपी (असम गण परिषद), राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी, निषाद पार्टी, यूपीपीपीएल (यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम), एआईआरएनसी (अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस, पुडुचेरी), शिरोमणि अकाली दल ( संयुक्त, दढियाल), जनसेना (पवन कल्याण), एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अजीत पवार), लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), एचएएम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा), आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी), वीआईपी (विकासशील इंसान) पार्टी, मुकेश सहनी) और एसबीएसएपी (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, ओम प्रकाश राजभर) के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है। 

विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने पिछले महीने पटना में एक बैठक की थी और एकता के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दो दिवसीय बैठक के लिए बेंगलुरु में एक साथ आए हैं. संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले एनडीए और विपक्षी दलों की बैठकें हो रही हैं. कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि एनडीए की बैठक राष्ट्रीय आपदा गठबंधन होगी. विपक्ष की बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के उद्देश्य से एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया और कहा कि वे भ्रष्ट दलों का जमावड़ा हैं जिनमें दृढ़ संकल्प की कमी है.