गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ के पचासवें चरण में 31 घरों में यज्ञ सम्पन्न
अमेठी- गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ के पचासवें चरण में गायत्री नगर अमेठी के 22 घरों व मुसाफिरखाना के 9 घरों सहित कुल 31 घरों में गायत्री महायज्ञ एक साथ एक समय सम्पन्न हुआ। यज्ञाचार्य रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि गायत्री उपासना नियमित करने से व्यक्तित्व में आकर्षण पैदा होता है। गायत्री उपासना करने वाले व्यक्ति की बातों का लोगों पर विशेष प्रभाव पड़ता है तथा उसके सभी काम बनते चले जाते हैं।
सुभाष चंद्र द्विवेदी ने बताया कि गायत्री महाविज्ञान में परम पूज्य गुरुदेव ने लिखा है कि गायत्री वह दैवीय शक्ति है जिससे संबंध स्थापित करके मनुष्य अपने जीवन के विकास के मार्ग को सुगम बना सकता है। यह मनुष्य को सद्बुद्धि की प्रेरणा देती है। मगनलाल कौशल ने बताया कि विधि-विधान से की गई गायत्री उपासना अत्यंत फलदायी होती है। इंद्रदेव शर्मा ने बताया कि गायत्री उपासना के प्रभाव से जीवन मे संकल्प उभरते हैं, सत्साहस बढ़ता है और जीवन सतगुणी होता जाता है। मानवीय उत्कर्ष का यही सर्वोत्तम विधान है।
रविवार की सुबह युगतीर्थ शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री परिवार अमेठी के यज्ञाचार्यों ने विधि विधान के साथ यज्ञ कर्म सम्पन्न कराते हुए देव स्थापना कराई व लोगों को भारतीय संस्कृति व संस्कारों को अपनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर देव दक्षिणा के रूप में एक बुराई छोड़ने का भी संकल्प कराया गया।
जिला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने सावन के पावन माह में यज्ञ कराने वाले सभी यज्ञाचार्यों और यजमानों को शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय भूमिका निभाने के लिए अवधेश बहादुर सिंह, लाल अशोक चन्द्र सिंह ,शिव पूजन यादव, संजय अग्रहरि, घनश्याम वर्मा का आभार व्यक्त किया।
Jul 09 2023, 16:04