राँची : पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को भेजा गया ज्यूडिशियल कस्टडी में

राँची: लगातार 8 दिनों तक एनआईए द्वारा की गई पूछताछ के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए की कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद एनआईए की विशेष अदालत ने दिनेश गोप को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया 21 मई 2023 को दिनेश गोप को किया गया था गिरफ्तार , एनआइए और झारखंड पुलिस ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को बीते 21 मई को गिरफ्तार किया था । 

गिरफ्तार किए जाने के बाद दिनेश गोप को एनआईए ने विशेष कोर्ट में पेश किया था जिसके बाद पूछताछ के लिए कोर्ट ने दिनेश गोप को 8 दिनों की कस्टडी दी थी। एनआईए को दी गई कस्टडी का आज आखिरी दिन था। जिसे लेकर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

बरामद किए गए गोलियों को किया गया एनआईए कोर्ट में प्रोड्यूस 8 दिनों की लगातार चली पूछताछ के दौरान दिनेश गोप की निशानदेही पर गुमला सिमडेगा और खूंटी इलाके से सैकड़ों कारतूस बरामद किए गए हैं जिससे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

सप्ताहिक जनता दरबार में आए लोगो से मिले उपायुक्त, ऑन द स्पॉट विभिन्न समस्याओं का किया गया समाधान

सरायकेला : जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त श्री अरवा राजकमल के द्वारा आज समाहरणालय में सप्ताहिक जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्र (शहरी तथा ग्रामीण) से आए लोगों ने जनता दरबार में आकर अपनी अपनी समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा।

 इस दौरान उपायुक्त नें क्रमवार लोगो की समस्याओं से अवगत हो सभी आवेदन सम्बन्धित विभागीय को हस्तात्रित करते हुए उन्हें आश्वस्त किया गया कि संज्ञान में आए हुए सभी शिकायतों की जाँच कराते हुए जल्द से जल्द सभी का समाधान किया जाएगा।

आज आयोजित जनता दरबार में मुख्यमंत्री रूप से भूमि विवाद, पेंशन, खरसावां में रथयात्रा आयोजन, शिक्षा विभाग, विधुत विभाग समेत अन्य मामले से सम्बन्धित आवेदन प्राप्त हुए।

गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरूडीह पंचायत के धीवर टोला आज भी है मूलभूत सुविधाओं से वंचित


ना यहां सड़क और ना है कोई अन्य सुविधाएं,कोई अपनी बेटी भी इस गांव में देने से कतराते हैं

 

 सरायकेला : देश की आज़ादी के बाद झारखंड राज्य अलग होने के प्रश्चात् सरायकेला खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बुरूडीह पंचायत के धीवर टोला के लोग आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं ।

आज जो भी जन प्रतिनिधि इनके मतदान से जीतते आये हैं। पंचायत से प्रखण्ड और जिला स्तर के पद से जीत कर जाते रहे हैं किसी ने इनके हक और इनके समस्याओं को लेकर कोई आवाज नही उठाया।

जब भी चुनाव नजदीक आता है नेता मंत्री और पंचायत में मुखिया ,पंचायत समिति ,जिला परिषद आदि उम्मीदवारों द्वारा इन लोगो से बड़े बड़े बायदे किये जाते रहे हैं।लेकिन जीत जाने के बाद सभी इनकी समस्या और अपने वायदे भूल जाते हैं। 

मुख्यालय से 10 किलो मीटर की दूरी पर यह गांव बसा हुआ है।और सरकारी योजना अंतिम गांव तक नही पहुंच पाता है।

आज भी यहां लोग सरकारी योजना से वंचित रहे। ग्रामीणों द्वारा कोई बार लिखित रूप से सभी पदाधिकारी को अपनी समस्या लिख कर दिया गया विभिन्न समस्याओं को लेकर ,आज तक एक भी योजना का कार्य नही पहुंचा । जो दुःखद है। इस पंचायत में अधिकतर धीवर परिवार के लोग बेस हैं जिनके पास समस्या हैं समस्या है।

सरायकेला जिला के गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय से करीब 10 से 15 किमी की दूरी पर स्थित उक्त गांव तक जाने के लिए आज भी लोगों को पगडंडी ही उसका मुख्यमार्ग है। आवागमन के लिए सड़क की व्यवस्था नहीं होने की वजह से बरसात के समय उक्त गांव से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है । 

सरकार से फरियाद के बाद भी उनकी समस्या को जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा नजर अंदाज किये जाने से ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया है । इसको लेकर ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया । 

गांव की स्थापना आजादी से पूर्व हुई थी

देश के आजादी के पूर्व से सड़क की समस्या यहां जस की तस बनी हुई है । प्रत्येक। चुनाव में नेता मंत्री गांव पहुंचते है ।

 सड़क ,बिजली ,शिक्षा, स्वास्थ्य केंद्र बनाने का आश्वासन भी देते है ।चुनाव के परिणाम के बाद बाद दोबारा लौटकर कोई शुद्धि लेने नहीं पहुंचते है।

कांदरबेड़ा एन एच 33 मुख्य राज्य मार्ग से पुडिशिल्ली सड़क को बुरूडीह सुवर्णरेखा नदी घाट को न्यू पुल का निर्माण हो जाने से   उक्त गांव के लोगो को प्रतिदिन 30 किलो मीटर सपड़ा होते हुए घूमना नही पड़ेगा । बरसात में नदी में बाड़ आजाने से लोगो लंबी रास्ता तय करके गांव पहुंचते है। 8 महीना लोगो ने बुरूडीह नदी घाट से नाव द्वारा मोटर साइकिल घरेलू सामग्री लेकर नदी पार करते है। इस घाट में दो नाव चलता है। जिसे सेकडो ग्रामीणों चांडिल ,रांची जाने के लिए सुविधा होता है। कभी कभी ग्रामीणों ने मरीज का इलाज कराने के लिए नाव द्वारा चांडिल मुख्यालय स्वास्थ्य केंद्र या फिर एमजीएम हॉस्पिटल ले जाते है।ग्रामीणों का मांगे है।इस घाट पर सरकार।द्वारा पुल का निर्माण करने से कोई परिवारों को आवागमन के लिए सुविधा होगा ।

कई बार देखा गया कि मरीजों को खटिया में ढोकर ले जाना पड़ता है बाहर । गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग मधु धोरा ने कहा कि गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने से सबसे बड़ी परेशानी बीमार पड़ने वाले मरीज व छात्रों को होती है । मधु धोरा ने कहा कि गांव तक जाने को सरल साधन नहीं होने की वजह से बीमार पड़ने वाले मरीजों को खटिया में ढोकर गांव से बाहर लाया जाता है । उसके बाद वहां से वाहन के माध्यम से अस्पताल तक ले जाया जाता है ।इस दौरान गांव से निकालने में देर होने की वजह से कई ग्रामीणों की असामयिक मृत्यु भी हो चुकी है. 

बेटी ,बहन की शादी के लिए रिश्ता जोड़ने को कतराते है रिश्तेदार।

बुजुर्ग महिला मंजूड़ा धीवर ने कहा कि गांव तक सड़क की व्यवस्था नहीं होने से यहां के युवक-युवतियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही । सड़क के अभाव में रिश्तेदार उक्त गांव में नया रिश्ता जोड़ने में कतराते है। किसी प्रकार रिश्ता तय होने पर बाराती गाड़ी को डेढ़ किमी दूर बुरूडीह में खड़ा कर दुल्हा व बारात को पैदल गांव आना पड़ता है । इससे ग्रामीणों को शर्मिंदगी महसूस होती है।

फरियाद के बाद भी नहीं पड़ रहा असर 

बुरूडीह के पंचायत के वार्ड सदस्य कवि लाल मंडल ने कहा कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान को लेकर जनप्रतिनिधियों समेत प्रशासनिक पदाधिकारियों तक फरियाद की गयी. इसके बाद भी समस्या को लेकर वे गंभीर नहीं है । इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. बरसात का मौसम आते ही उक्त टोला के लोगों का आक्रोश हमें झेलना पड़ता है।कोई बार ग्रामीणों स्वास्थ केंद्र गर्भवती माता को लेजाने के लिए प्रश्चात्प करना पड़ता क्युकी गाड़ी घुसने का कोई सुविधा नहीं सड़क नही होने कारण धीवर परिवार को परेशानी सामना करना पड़ता।इस गांव में कोई स्वास्थ्य केंद्र आंगनबाड़ी नही हे। सरकार की योजना इस गांव में नही पहुंचा क्युकी यह मछुआ समुदाय के परिवार से जुड़े है।इनकी बाते उच्च समुदाय के लोग नही सुनते हे।इसे मजबूरी माने या फिर ईश्वर की मर्जी ।आज भी लोगो ने ईश्वर पर भोरोसे में जीते है।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने ईवीएम वेयरहाउस का किया मासिक निरीक्षण


सरायकेला : जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त सरायकेला खरसावां श्री अरवा राजकमल के द्वारा आज समुदायिक भवन सरायकेला स्थित ईवीएम वेयरहाउस का मासिक निरीक्षण किया। 

भारत निर्वाचन आयोग-नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती प्रियंका सिंह एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ ईडीएम वेयरहाउस की विधि-व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने वेयर हाउस में लगाए गए CCTV कैमरे, भवन की स्थिति, तैनात सुरक्षा बल, अग्निशमन सिलेंडर, इत्यादि का जाँच करते हुए सुरक्षा के मद्देनजर कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मौके पर उपायुक्त के साथ उप निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती प्रियंका सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, SMPO श्री नंदन उपाध्याय, निर्वाचन कार्यालय के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी समेत अन्य उपस्थित रहे।

बुंडू:7 पंचायत के ग्रामीणों ने हारिन पुल को सुरक्षित रखने के लिये सौपा मांग पत्र

बुंडू:अनुमंडल क्षेत्र के सोनाहातू प्रखंड अंतर्गत पूर्वी क्षेत्र से 7 पंचायत के ग्रामीणों ने आज प्रमुख विक्टोरिया देवी और उप प्रमुख प्रतिनिधि निशिकांत गोंझु के नेतृत्व में सीओ सोनाहातू और थाना प्रभारी को हारिन पुल की सुरक्षित रखने के लिये मांग पत्र सौपा है। 

मांग पत्र के माध्यम से मांग किया गया है कि हारिन पुल से भारी वाहनों का आवागमन पर रोक लगाया जाय।

 पुल के नीचे से बालू का अवैध खनन पर रोक लगाए जाय तथा पुल पर बैरियर लगा कर चौकीदार की नियुक्ति किया जाय। मांग पत्र में कहा गया है कि पुल से बालू लदा भारी वाहन का परिचालन होता है जिससें पुल गिरने के कगार पर है। साथ ही नया पुल निर्माण में तीब्रता लाने के लिये विभाग पर दबाब बनाया जाय।

ग्रामीणों ने कहा कि पुल बचाव को लेकर बैठक किया गया फिर सीओ, थाना ओर वरीय अधिकारियों को मांग पत्र सौपा गया है। कारवाई नही होती है तो क्रमबद्ध आंदोलन किया जायेगा। इस मौके पर मुखिया मनोज सिंह मुंडा, विकास सिंह मुंडा, अवनी सिंह मुंडा, प्रताप सिंह मुंडा, सावना महली, कलेवर मुंडा, अभिराम महतो, भोलानाथ महतो आदि मौजूद थे।

चतरा: 15-20 की संख्या में आए वर्दीधारी, हथियारबंद दस्ते ने मजदूरों के साथ की मारपीट


चतरा: झारखंड / बिहार दोनो राज्य की सीमा हंटरगंज-शेरघाटी मुख्य मार्ग घरी नदी पर पतसुगिया पुल का निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ 15-20 की संख्या में आए वर्दीधारी हथियारबंद दस्ते ने जमकर मारपीट की है। 

दस्ता के लोग ने संवेदक और मुंशी को तलाश रहे थे। वर्दीधारी दस्ता मजदूरों के साथ मारपीट करने के बाद उनके 5 मोबाइल फोन अपने साथ लेकर चलते बने। 

वही मिली सूचना के अनुसार घटना से डरे-सहमे दो मजदूर भाग गए थे, जो मंगलवार की सुबह कैंप में लौट आए है।

 अज्ञात हमलावरों की पिटाई से घायल होने वालों में मो० आलमीन पिता जैनुल अंसारी, मो० समीम पिता इस्माइल मियां एवं नगीना विश्वकर्मा पिता तुलसी विश्वकर्मा सभी ग्राम नावाडीह नेवारी, जिला लातेहार के रहने वाले है। घटना के संबंध में मजदूरों ने बताया कि पतसुगिया नदी के किनारे के पुल निर्माण साइड पर सभी मजदूर खाना बना रहे थे। इसी दौरान कुछ ब्लैक कलर का चितकबरा वर्दीधारी हथियारों से लैस होकर 15 से 20 की संख्या में आए। बगैर कुछ कहे काम कर रहे लोगों पर हमला बोल दिया। जिसमें तीन मजदूर घायल हो गए। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल में जुटी है। घटना सोमवार की देर रात साढ़े दस 11 बजे की है।

सरायकेला : कांदरबेड़ा-दौमुहानी सड़क पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बाईक सवार दो व्यक्ति की मौके पर हुई मौत

सरायकेला-खरसावां जिले के कपाली ओपी क्षेत्र के कांदरबेड़ा-दौमुहानी सड़क पर तेज गति से जा रहे किसी अज्ञात वाहन ने बाईक (JH05BZ 1181) जोरदार ठोकर मार दी जिस कारण बाईक सवार दो व्यक्ति की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। मौके पर चांडिल थाना प्रभारी और कपाली ओपी प्रभारी घाटनस्थल पर पहुंचे और सवों को अपने कब्जे में लेकर आगे की करवाई के लिए एमजीएम अस्पताल भिजवाया। बता दें कि मृतकों को अभी तक पहचान नहीं हो पाई है ।

सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने गिट्टी खदानों और बालू घाटों की नीलामी के लिए झारखंड सरकार से किया अपील,

उन्होंने कहा इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को हो रहा है


चाईबासा: सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने एक बार फिर गिट्टी खदानों और बालू घाटों की नीलामी के लिए झारखंड सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा है कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को हो रहा है। 

झारखंड में गिट्टी खदानों और बालू घाटों की नीलामी नहीं होने के कारण इसका सबसे बुरा प्रभाव सरकारी विकास योजनाओं पर पड़ रहा है, इसके बावजूद झारखंड सरकार और सरकारी तंत्र चुप्पी साधे हुए हैं। 

सांसद ने कहा कि आज के समय में झारखंड में लगभग 86 हजार प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य अधूरा है। जिसके कारण केंद्र सरकार राज्य को नई योजनाएं नहीं दे रही है और इसका सीधा नुकसान झारखंड के आम लोगों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास योजनाओं के लिए वित्तीय और बालू उपलब्ध हो सके और इसके लिए नीलामी की प्रक्रिया को पूर्ण करना जरूरी है। 

सांसद ने कहा कि वह इस बारे में सरकार को पहले भी चिट्ठी लिख चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। सांसद ने कहा कि जब तक पूर्व में दी गई योजनाएं पूरी नहीं होगी तब तक नई योजनाएं मिलेंगे नहीं और इसका सीधा नुकसान झारखंड के लाभुकों को होता दिखाई दे रहा है। मौके पर जिला बीस सूत्री सदस्य त्रिशानु राय , जिला कांग्रेस प्रवक्ता जितेन्द्र नाथ ओझा , प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां , मुकेश दास आदि उपस्थित थे ।

दुमका : पहाड़िया टोला में पेयजल संकट गहराया, महिलाएं बाल्टी-घड़ा लेकर उतरी सड़क पर, बीडीओ के आश्वासन के बाद टूटा जाम


दुमका : पेयजल संकट से जूझ रही दुमका सदर प्रखंड के कुरुवा गांव की पहाड़िया टोला की महिलाएं सोमवार को बाल्टी-घड़ा लेकर सड़क पर उतर गयी। महिलाओं ने दुमका-रामपुरहाट मुख्य मार्ग को जाम कर आवागमन बाधित कर दिया।

 बाद में मौके पर पहुँचे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा और मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह पुनि नितीश कुमार के समझाने बुझाने और आश्वासन के बाद महिलाएं शांत हुई और सड़क जाम हटाया। 

दरअसल कुरुवा गांव की महिलाएं लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रही है। जनप्रतिनिधि से लेकर प्रखण्ड मुख्यालय के दरबार तक ग्रामीण महिलाओं ने पेयजल की व्यवस्था करने को लेकर गुहार लगायी लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। 

भीषण गर्मी में इन महिलाओं का सब्र टूट गया और फिर सोमवार को गांव की महिलाएं सड़क पर उतर कर कुछ घंटे के लिए आवागमन बाधित कर दिया। गांव की कौशल्या देवी और मुन्नी देहरी ने कहा कि गांव में चापाकल खराब है। शिकायत करने के बावजूद अब तक नही बना। चापाकल की कमी है। 

पेयजल के लिए गांव में और कोई विकल्प नही है जिसकी वजह से उनलोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। कहा कि गाँव के पहाड़िया टोला में करीब 150 परिवारों की आबादी है लेकिन आये दिन पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। मुखिया से लेकर जल सहिया तक को आवेदन दिया लेकिन पानी की समस्या नही सुधरी। थक हारकर उनलोगों को सड़क पर उतरना पड़ा। बता दे कि पहाड़िया टोला में महज एक चापाकल है। 

वह भी कई साल पुराना हो चुका है जबकि शहरी जलापूर्ति योजना कुरुवा गांव होकर ही गुजरा है लेकिन उसका लाभ इनलोगो को नही मिल पा रहा है। बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने ग्रामीण महिलाओं को भरोसा दिया कि संबंधित विभाग से बात कर पहाड़िया टोला के लिए एक नया चापाकल उपलब्ध कराया जाएगा। गांव में पानी की समस्या से लोगों को जल्द निजात मिले, इसका प्रयास किया जाएगा।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

डीएमएफटी प्रबंध शासकीय निकाय समिति की बैठक सम्पन्न


डीएमएफटी प्रबंध शासकीय निकाय की बैठक उपायुक्त नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में डीएमएफटी मद से ज़िला के स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनवाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण एवं खनन प्रभावित क्षेत्रों में अन्य आधारभूत जन सुविधाओं के लिए चयनित व प्रस्तावित योजनाओं के सन्दर्भ में गहन विचार विमर्श किया गया। 

बैठक में उपायुक्त के अलावे उपविकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित, सिविल सर्जन, समाज कल्याण अधिकारी, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, जिला परिषद, पेयजल आपूर्ति, लघु सिंचाई, भवन प्रमंडल सहित अन्य विभागों के अभियंता प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

उपायुक्त ने कहा डीएमएफटी मद से खनन प्रभावित इलाकों में लोगों की सुविधाओं के चयनित योजनाओं एवं ख़ासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, समाज एवं बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन में संबंधित विभागीय अधिकारी स्वयं रुचि लें समय समय पर योजना स्थल पर जा कर कार्यों की गुणवाता को परखें एवं फीडबैक से ज़िला प्रशासन तक पहुंचाएं।

 उन्होंने निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसी/अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों से कहा कार्य की गुणवत्ता एवं समय योजना पूर्ण करने में कोताही बरतने वाले संवेदकों पर कारवाई करें। साथ ही कार्यपालक अभियंताओं को यह भी कहा योजना प्राकल्लन औचित्यपूर्ण हो एवं डीएमएफटी मद से चयनित योजना व विभागीय योजना से डूप्लीकेसी न हो यह हर हाल में सुनिश्चित कराएं। 

इसके अलावा अभियंत्रण विभागों को खासकर भूमि विवादों के कारण योजना क्रियान्वयन एवं पूर्ण करने में आ रही अड़चनों को तुरंत स्थानीय अंचल व पुलिस प्रशासन से समन्वय बना कर मामले का समाधान निकालने के लिए पहल करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने हजारीबाग शहर में प्रस्तावित पुस्तकालय निर्माण कार्य में हो रही अनावश्यक विलम्ब पर नाराज़गी जताई एवं जिला परिषद के कार्यपालक अभियंता को माह जून के अंत तक पुस्तकालय निर्माण कार्य पूरा करने का अल्टीमेटम दिया।

   इसके अलावा बैठक में कई स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों पर पेयजल समस्या समाधान के लिए डीएमडीटी मद से डीप बोरिंग के प्रस्तावों की मंजूरी दी गई। स्वास्थ्य केंद्रों उपकेंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए मेडिकल उपकरण, संसाधन, स्टॉफ-नर्स क्वॉर्टर, भवन का जीर्णोधार, पेवर्स ब्लॉक, अप्रोच रोड़, मानव संसाधन के लिए नियुक्ति/ भुगतान आदि के प्रस्तावों पर सहमति प्रदान की गई।