बेतिया: बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक का आयोजन
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बेतिया: गुरुवार को जिला परिसदन हॉल में बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु, श्रम अधीक्षक, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए।
बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने दिशा निर्देश देते हुए कहा की 6 से 14 वर्ष के बच्चे से बाल श्रम कराना एवं 14 से 18 वर्ष तक खतरनाक नियोजन में काम लेना कानूनन दंडनीय अपराध है।
प्रभावशाली व्यक्ति ईट भट्ठा मालिक,घर प्रतिष्ठान, दुकान एवं कारखाने में काम करवाते पकड़े गए तो 20 हजार से 50 हजार तक का आर्थिक जुर्माना एवं 2 साल की सजा होती है। श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराकर सरकार द्वारा मिलने वाली सभी योजनाओं को लागू किया जाए। श्रमिकों की स्थिति जब तक अच्छी नहीं, बाल श्रम पर रोक नहीं लगेगा।
उन्होंने निर्देशित किया की बाल श्रम एवं खतरनाक नियोजन में लगे बाल श्रमिकों की सूची 3 माह में उपलब्ध कराया जाए। सप्ताह में 2 दिन धावा दल चलाया जाए, विद्यालय एवं आंगनबाड़ी में नामांकित छात्राओं का जांच किया जाए। नामांकित छात्र विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर आते हैं या नहीं अगर नहीं आते हैं इसका सही कारण का पता लगाया जाए।
विमुक्त बाल श्रमिकों के परिवार को राशि इंदिरा आवास, राशन कार्ड, मिला या नहीं बच्चे विद्यालय जाते हैं या नहीं बाल श्रम गरीबी, बढ़ती आबादी एवं अशिक्षा का कारण है सरकार द्वारा दृढ़ इच्छाशक्ति से गरीब उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने जताया कि संविधान के प्रावधान जिसमें 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने का मौलिक अधिकार है, जिससे वह शिक्षित नागरिक बन सके, गैर खतरनाक नियोजन में लगे बच्चों से 1 दिन में 6 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जा सकता। बच्चों को 2 घंटे की शिक्षा की व्यवस्था नियोजक के खर्च पर किया जाएगा। बाल श्रम सभ्य समाज के लिए कलंक है।
बाल श्रम उन्मूलन हेतु जागरूकता अभियान एवं कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभागीय पदाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि, त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधि राजनीतिक संगठन एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास किया जाए।
May 11 2023, 22:02