अतीक अहमद मामला, साथ-साथ हैं शाइस्ता, आयशा व गुड्डू मुस्लिम! बढ़ सकती है इनाम की राशि

उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरार 50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता परवीन और पांच लाख रुपये के इनामी गुड्डू मुस्लिम को एसटीएफ खोज रही है। शाइस्ता के सरेंडर की आशंकाओं के बीच चर्चा यह भी है कि अतीक की बीवी शाइस्ता, उसकी बहन आयशा और गुड्डू बमबाज साथ-साथ हैं।

शाइस्ता व गुड्डू हैं साथ-साथ

हालांकि इस पर बहुत से लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है पुलिस अधिकारी भी इस पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं। एसटीएफ दोनों की लोकेशन के लिए हर तरह के प्रयास कर रही है। शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम यूपी एसटीएफ के लिए मोस्ट वांडेट हैं। फरार तो अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा, बहन आयशा नूरी और दो भांजियों समेत शूटर अरमान व साबिर भी हैं, लेकिन ज्यादा जोर शाइस्ता तथा गुडडू की गिरफ्तारी पर है।

शाइस्ता जानती है माफिया के कई राज

वजह ये कि शाइस्ता माफिया अतीक की पत्नी होने की वजह से उसके तमाम राज जानती है। वह अतीक से मिलने साबरमती जेल जाती रही है। देश भर में फैली बेनामी संपत्तियों के बारे में भी उसे पता है। साथ ही उमेश पाल हत्याकांड की साजिश की बैठकों में शुरू से शामिल रही है। वह इस कांड के तमाम पहलुओं के बारे में जानती है। उससे पूछताछ करने पर बहुत सी जानकारियां पुलिस के सामने आएंगी।

गुड्डू मुस्लिम जानता है कई राज

गुड्डू मुस्लिम भी अतीक गिरोह का सबसे पुराना आदमी है। वह राजू पाल हत्याकांड से लेकर उमेश पाल हत्याकांड तक अतीक गैंग में बना रहा है। सबसे ज्यादा अनुभवी है। अतीक के जेल में बंद होने पर वह शाइस्ता और बेटों के लिए गाइड की तरह काम कर रहा था। अतीक और अशरफ की गैर मौजूदगी में गुड्डू ही शाइस्ता का साथ दे रहा था।

कहा जा रहा है कि कत्ल की साजिश में भी उसने अपना अनुभव उड़ेला। ऐसे में इस बात की संभावना है कि वह शाइस्ता और आयशा नूरी के साथ ही कहीं हो। संभव है कि किसी एक जगह पर शाइस्ता, आयशा नूरी, उसकी दोनों बेटियां और गुड्डू मुस्लिम भी हो। मगर यह जगह प्रयागराज से बाहर होगी।

गुड्डू मुस्लिम पर संदेह की बात उठने के बाद ही साथ होने की बात कमजोर दिखने लगी वर्ना अब तक गुड्डू को अतीक का सबसे खास आदमी ही माना जाता रहा है।

शाइस्ता पर बढ़ सकती है इनाम की राशि

फरार शाइस्ता की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाने की तैयारी शाइस्ता की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाने की तैयारी है। उस पर उमेशपाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। शाइस्ता पर 50 हजार रुपये का इनाम है जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है। फरार तीन शूटरों गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, 'मोदी सरनेम' मामले में पेशी से मिली छूट


राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मोदी सरनेम के मामले में राहुल गांधी को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। फिलहाल उन्हें पेशी के लिए बिहार नहीं आना पड़ेगा।

पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर दिये बयान पर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर नहीं होना पड़ेगा।

सुशील मोदी ने दर्ज कराया था मानहानि का केस

बता दें कि राहुल के बयान 'इन सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है' पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में उनपर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है।

इसी मामले में पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता को 25 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था। राहुल गांधी की तरफ से पटना हाईकोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर एमएलए-एमपी कोर्ट द्वारा पेश होने के आदेश को रद करने की मांग की गई थी। राहुल गांधी के अधिवक्ता अंशुल ने इस मामले की त्वरित सुनवाई की गुहार भी लगाई थी।

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई दो साल की सजा

उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम पर बयान के बाद सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। इस मामले में 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसके बाद राहुल की लोकसभा सांसद सदस्यता रद कर दी गई।

कोरोना संक्रमण के मामले में मामूली राहत, पिछले 24 घंटे में 7 हजार नए केस, 69 दिन बाद सबसे कम एक्टिव केस

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भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। इस बीच आज कोरोना संक्रमण के मामलों में थोड़ी राहत देखी गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटे में देश में 7,178 नए मामले सामने आए है। इससे पहले रविवार को कोरोना के 10,112 नए केस आए थे।कल की तुलना में आज 2,934 नए मामले कम आए। वहीं, शनिवार को 12,193 नए केस मिले थे। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीते 24 घंटे में रविवार को 7,178 नए कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं।देश में कुल 16 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इन 16 मौतों के साथ देश में कोविड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,345 हो गई है, जिनमें से आठ का मिलान केरल से किया गया है।

सक्रिय मामलों की संख्या 69 दिनों के बाद कम

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सक्रिय मामलों की संख्या 69 दिनों के बाद कम हो गई है।कोरोना के नए मामलों में करीब 3 हजार की गिरावट के बीच देश में एक्टिव केस की संख्या में भी कमी आई है। देश में 69 दिन बाद कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या में गिरावट आई। अभी 65,683 एक्टिव केस चल रहे हैं जबकि एक दिन पहले यह संख्या 67,806 थी।

केंद्र ने राज्य सरकारों को लिखा पत्र

केंद्र द्वारा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित आठ राज्यों को कड़ी निगरानी रखने और संक्रमण के किसी भी उभरते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए चिंता के किसी भी क्षेत्र में पूर्वव्यापी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली को लिखे पत्र में उनसे किसी भी स्तर पर ढिलाई के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया है।

महा विकास अघाडी गठबंधन को लेकर शरद पवार का बड़ा बयान,कहा-एमवीए कल हों या न हों, ये पता नहीं

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महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हलचल बढ़ गई है।खासकर एनसीपी नेता अजित पवार के हालिया रुख से महाराष्ट्र का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। इसे और बढ़ाने का काम किया हैएनसीपी चीफ शरद पवार ने। शरद पवार ने शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा गठबंधन के बारे में भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि आज महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में हैं, कल हों या न हों, ये पता नहीं। इसके बाद राजनीति गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बीच वाले अघाडी गठबंधन के भविष्य पर संकट दिख रहा है।पूर्व केंद्रीय मंद्री पवार ने रविवार को अमरावती में कहा, महाराष्ट्र में अघाड़ी है। हमारी इच्छा है कि हम साथ में काम करें, पर इच्छा से क्या होता है। आगे विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं। आगे अघाड़ी रहेगी या नहीं, इस पर चर्चा नहीं हुई।शरद पवार ने कहा, कई प्रक्रिया होती है। सीट बंटवारे का मुद्दा होता है। पार्टियों के विषय हैं तो अभी कैसे कह सकते हैं।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को भी अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि वह महसूस करते हैं कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटकों शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा को वर्ष 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर फैसला पार्टी और गठबंधन में शामिल घटकों के साथ बातचीत कर के ही लिया जाएगा।

संजय राउत ने कहा-महा विकास अघाड़ी रहेगी

वहीं, शरद पवार के बयान के बाद शिवसेना के उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा है कि अघाड़ी रहेगी और 2024 में हम साथ चुनाव लड़ेंगे। राउत ने कहा 'महा विकास अघाड़ी रहेगी। पवार साहब ने जो कहा है उस पर भी प्रयास किया जा रहा है। महाविकास अघाड़ी के प्रमुख नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार हैं। 2024 का विधानसभा चुनाव महाविकास अघाड़ी के साथ लड़ेंगे। उसमें शरद पवार की भूमिका पहले भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी।

अमित शाह पर ओवैसी का बड़ा हमला,पूछा-आप तेलंगाना के आम लोगों से नफरत क्यों करते हो?

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केंद्रीय मंत्री अमत शाह ने रविवार को तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनने पर मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म करने की बात कही थी। अमित शाह के इस बयान पर ऑल इंडिया मजीलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है।ओवैसी ने कहा कि भगवा पार्टी के पास तलंगाना में मुस्लिमों खिलाफ हेट स्पीच देने के अलावा कोई विजन नहीं है। 

ओवैसी ने अमित शाह को टैग करते हुए एक ट्वीट किया है। ओवैसी ने पूछा, "ये ओवैसी-ओवैसी का रोना कब तक चलेगा? खाली खट्टे डॉयलॉगां मारते रहते हैं। कभी तो रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और बेरोजगारी की भी बात करो। तेलंगाना में प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे अधिक है।"

ओवैसी ने आगे कहा कि मोदी पसमांदा मुस्लिमों तक पहुंचने की बात करते हैं। वहीं, शाह मुस्लिम आरक्षण हटाने की बात करते हैं। मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच के अलावा बीजेपी के पास तेलंगाना के लिए कोई विजन नहीं है। वे केवल फर्जी मुठभेड़, हैदराबाद पर सर्जिकल स्ट्राइक, कर्फ्यू, बुलडोजर और अपराधियों को रिहा करने की बात करते हैं। आप तेलंगाना के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? ओवैसी ने कहा कि अगर शाह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए न्याय के बारे में गंभीर हैं, तो उन्हें 50 फीसदी कोटा सीमा को हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश करना चाहिए।

बता दें कि हैदराबाद के पास चेवेल्ला में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने धर्म आधारित आरक्षणों को "असंवैधानिक" बताते हुए उनकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदायों को अधिकार प्रदान करते हुए 4 प्रतिशत मुस्लिम कोटा खत्म कर देगी। अमित शाह ने कहा, "यह अधिकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी का है। अपने भाषण में अमित शाह ने ओवैसी पर भी हमला करते हुए कहा, हम मजलिस (एआईएमआईएम) से नहीं डरते। तेलंगाना की सरकार आम लोगों के लिए होगी न कि ओवैसी के लिए।

दिल्ली में “दंगल”, भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन फिर शुरू, बजरंग बोले- बृजभूषण की गिरफ्तारी के बाद ही उठेंगे

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भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन फिर से शुरू हो गया है।दिल्ली के जंतर मंतर पर फिर भारतीय पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ रविवार दोपहर से जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना जारी है। 7 महिला पहलवानों ने सिंह के खिलाफ पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। पहलवानों ने कहा- 3 महीने हो गए, पर हमें न्याय नहीं मिला, इसलिए हम फिर से विरोध कर रहे हैं।बता दें कि इस साल की शुरुआत में भी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और अन्य ट्रेनर्स के खिलाफ विरोध किया था।

हमारा सब्र जवाब दे चुका- बजरंग पुनिया

पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि जब तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे। हमारा सब्र जवाब दे चुका है। जांच के लिए दो कमेटियां बनीं, लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं आया। अब इस केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए।वहीं, बजरंग पुनिया ने कहा, इस बार सभी दलों का हमारे धरने में शामिल होने के लिए स्वागत है, चाहे वह भाजपा, कांग्रेस, आप या कोई अन्य पार्टी हो। हम किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं। बता दें कि पिछली बार जनवरी में पहलवानों ने किसी भी पार्टी के सदस्य को मंच पर नहीं आने दिया था।

सरकार की तरफ से नहीं मिल रहा कोई जवाब-विनेश फोगाट

वहीं, विनेश फोगट ने कहा, 'बार-बार कोशिश करने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। हम न्याय मिलने तक यहीं खाएंगे और सोएंगे। हम तीन महीने से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। समिति के सदस्य हमें जवाब नहीं दे रहे हैं, खेल मंत्रालय ने भी हमें कुछ नहीं कहा, वे हमारा फोन भी नहीं उठाते। हमने देश के लिए पदक जीते हैं और इसके लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया है।

जनवरी में भी किया था प्रदर्शन

इसी साल जनवरी में पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। ओलिंपिक एसोसिएशन और खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए 2 कमेटियां बनाई थीं। खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा दो सप्ताह बढ़ा दी और प्रदर्शनकारी पहलवानों की अपील पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया। समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है।

36 दिन बाद पुलिस की पकड़ में आया भगोड़ा अमृतपाल, जानिए किन-किन आरोपों के कारण एनएसए के तहत हुई कार्रवाई

#amritpalsingharrestnsainvoke

फरार कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को 36 दिन बाद पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। रोडे जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। अमृतपाल को विशेष विमान से असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। इस दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया था। अमृतपाल के खिलाफ 18 मार्च को सर्च ऑपरेशन चलाया गया। उसके बाद से वह कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ। इधर पुलिस ने एक-एक करके उसके सारे सहयोगियों को अरेस्ट कर लिया और आखिरकार रविवार सुबह अमृतपाल भी हाथ आ गया।

गिरफ्तारी के बाद कट्टरपंथी के समर्थकों ने दावा किया कि अमृतपाल ने आत्मसमर्पण किया है। पंजाब पुलिस के आईजी (हेडक्वॉर्टर्स) सुखचैन सिंह गिल ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अमृतपाल रोडे गांव के एक गुरुद्वारे में था। सूचना मिलते ही पुलिस ने गांव और गुरुद्वारे की घेराबंदी की। सादे कपड़ों में पुलिस अधिकारी गुरुद्वारे के भीतर गए। अमृतपाल वहां अरदास की मुद्रा में बैठा था। पुलिस के दबाव पर अमृतपाल गुरुद्वारे से बाहर आया और उसे गिरफ्तार किया गया।

जरनैल सिंह भिंडरांवाले का गांव से गिरफ्तार हुआ अमृतरपाल

अमृतपाल को जहां से गिरफ्तार किया गया, वह ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरांवाले का गांव है। रोडे गांव के गुरुद्वारे में पिछले साल सितंबर में दुबई से लौटने पर अमृतपाल को 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया बनाया गया था। पुलिस ने बीते 18 मार्च को अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में कार्रवाई शुरू की तो अमृतपाल अपने साथियों के साथ फरार हो गया। उस कार्रवाई में पुलिस ने अमृतपाल के साथियों को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अमृतपाल भाग गया। बीते 36 दिन फरार रहे अमृतपाल को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और नेपाल की सीमा के निकट देखा गया, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आया।

एनएसए लगाने की मुख्य वजह

गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अमृतपाल पर गंभीर आरोप हैं। अमृतपाल के खिलाफ एनएसए लगाने की सबसे प्रमुख वजह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ उसके रिश्ते बने। आरोप है कि अमृतपाल सिंह आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहता था। अजनाला थाने पर हमला बोलना हो या फिर दिसम्बर 2022 में कपूरथला और जालंधर में गुरुद्वारों की तोड़फोड़ में उसकी भूमिका से ये साबित हो चुका था। यही बातें उसके ऊपर एनएसए लगाने की मुख्य वजह बनीं।

अब आईबी और रॉ अमृतपाल से पूछताछ करेंगे। आईएसआई के संपर्क में ये कब आया या भारत के खिलाफ इसकी क्या योजना थी? इस सब गंभीर सवालों का उसे जवाब देना होगा।

पूरे पंजाब में हाई अलर्ट

इस बीच, पूरे पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संवेदनशील शहरों में फ्लैग मार्च निकाले गए। पुलिस ने कहा है कि पंजाब पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया है। पुलिस ने कहा कि कोई भी फर्जी खबर साझा न करें, हमेशा सत्यापित करें और उसके बाद ही कोई खबर शेयर करे।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया' ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का किया विरोध, पारित किया प्रस्ताव

डेस्क: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने प्रस्ताव में कहा है, 'ज्वाइंट मीटिंग की एकमत राय है कि समलैंगिक विवाह के मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए और विविध सामाजिक-धार्मिक पृष्ठभूमि के हितधारकों के एक स्पेक्ट्रम को ध्यान में रखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि यह सक्षम विधायिका द्वारा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक समूहों को शामिल करते हुए एक विस्तृत परामर्श प्रक्रिया के बाद निपटाया जाए।'

इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली के अध्यक्ष और एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने कहा, 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सभी प्रतिनिधियों का मानना था कि भारत जैसे देश में समलैंगिक विवाह को हम मान्यता नहीं दे सकते। इससे हमारे देश की मूलभूत संरचना पर बुरा असर पड़ेगा। हम सुप्रीम कोर्ट में IA(अंतर्वर्ती आवेदन) फाइल करेंगे और इसका विरोध करेंगे।'

 

बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है लेकिन शुक्रवार देर रात एक बयान जारी कर ये बात कही गई थी कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एस. रविंद्र भट उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से सुनवाई नहीं हो सकेगी। सुनवाई वाली पीठ में इन दोनों जस्टिस के अलावा डीवाई चंद्रचूड़, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं।

हफ्ते भर की जंग में तबाह हो गया सूडान, 400 लोगों की मौत, हजारों लोग बेघर, संघर्ष अब भी जारी, कई शहर पूरी तरह से बर्बाद

सूडान पिछले एक हफ्ते से जल रहा है। सूडान में 15 अप्रैल से सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष में अब तक 400 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी खार्तूम सहित सूडान के कई शहर तबाह हो चुके हैं।

सूडान में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। बावजूद इसके जंग अभी जारी है।

सूडान में सेना प्रमुख जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान और आरएसएफ के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच वर्चस्व की जंग जारी है। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जंग कौन जीतेगा, इस बात को लेकर भी चर्चा होने लगी है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अल-बुरहान की सेना आरएसएफ की तुलना में अधिक मजबूत है। ऐसे में अर्धसैनिक बलों के जीत की संभावना कम लगती है। हालांकि शहरी क्षेत्रों में अर्धसैनिक बल के जवान सेना पर हावी रहेंगे।

पड़ोसी देशों के लिए भी खतरा

अलजजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जारी हिंसा की चपेट में और कई मुख्य शहर जल्दी ही आ सकते हैं। मालूम हो कि यह हिंसक झड़प सूडान की राजधानी खार्तूम से शुरू हुई थी लेकिन अब इस जंग ने ओमडुरमैन और दारफुर समेत कई शहरों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप का कहना है कि सेना और अद्धसैनिक बलों के बीच जारी यह हिंसा एक युद्ध का रूप ले रही है। आगे चल कर इस युद्ध का प्रभाव पड़ोसी देशों पर भी पड़ सकता है ऐसे में भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

सूडान से बाहर आ सकती है लड़ाई

वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के कैमरून हडसन का कहना है कि हिंसा सूडान की सीमाओं के पार बढ़ सकती है। हडसन कहते हैं कि चुनौती यह है कि संघर्ष देश के हर कोने में फैला हुआ है। ऐसे में यह लड़ाई सूडान के बाहर आती है तो इसमें किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए।

मालूम हों कि जारी हिंसा के बीच खार्तूम में कई अस्पताल बंद हो गए हैं। इस हिंसा के बीच भारत के भी कई लोग सूडान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं। यौन शोषण, बलात्कार जैसी घटनाएं यहां काफी बढ़ गई है। बताते चलें कि सूडान में अक्तूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार का तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद से ही सेना और अर्धसैनिक बल आमने-सामने हैं।

पढ़िए, अजीबोगरीब घटना, विमान से आया 1 अरब 23 करोड़ रुपये का सोना, कनाडा के टोरंटो पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरते ही गायब

एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चोरी की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां सोने (Gold) से भरा का एक बड़ा कंटेनर गायब हो गया। इस कंटेनर में 1 अरब 23 करोड़ रुपये से अधिक कीमत का सोना था।

मामले को लेकर एक जांच अधिकारी ने बताया कि कार्गो में सोना आया था। लेकिन टर्मिनल से ही गायब हो गया, जिसका खुलासा अनलोडिंग के वक्त हुआ।

'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना कनाडा के टोरंटो पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट की है। इसको लेकर इंस्पेक्टर स्टीफन डुइवेस्टिन ने बताया कि पियर्सन एयरपोर्ट पर 17 अप्रैल को सोने से भरा एक कंटेनर आया था। लेकिन जब इसे अनलोड करने की बारी आई, तो ये गायब था.

इंस्पेक्टर स्टीफन ने कहा कि कंटेनर के एयरपोर्ट पर आने तक इसे देखा गया था। लेकिन जब प्लेन को अनलोड किया गया, तब अचानक इसके मिसिंग होने की खबर आई। इसे कब और किसने गायब किया, पता नहीं चल सका. फिलहाल, जांच जारी है। स्टीफन ने यह नहीं बताया कि सोना कहां से आया था और कहां के लिए जा रहा था।

'टोरंटो सन' ने बताया कि हो सकता है सोने को उत्तरी ओंटारियो की एक खदान से बैंकों के लिए टोरंटो भेजा गया हो। इस चोरी के पीछे संगठित आपराधिक गिरोह हो सकते हैं। चोरी की ऐसी वारदात पहले कभी नहीं देखी गई। हालांकि, स्थानीय प्रशासन द्वारा इस घटना को विमान यात्रियों की सुरक्षा से जोड़कर नहीं देखने की बात कही गई है।

जब ब्राजील में हुई थी सोने की चोरी

चोरी की ऐसी ही एक घटना 2019 में ब्राजील से सामने आई थी। तब साओ पाउलो शहर के ग्वारुलहोस एयरपोर्ट में आठ हथियारबंद बदमाशों ने पुलिस अधिकारियों के भेष में एंटर किया था और करीब 2 अरब रुपये का सोना लूटकर फरार हो गए थे। इस सोने को अमेरिका के न्यूयॉर्क और स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख भेजा जाना था।

पूरी वारदात को महज 3 मिनट में अंजाम दिया गया था। बदमाश दो नकली पुलिस वैन में सवार होकर आए थे। उन्होंने एयरपोर्ट के गार्डों को बंधक बनाकर सोना चुराया था, वो भी बिना गोली चलाए।