लगातार पाचवीं बार भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव बने दीपांकर भट्टाचार्य, केंद्रीय कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों ने किया चुनाव*


डेस्क : दीपंकर भट्टाचार्य एक बार फिर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव चुन लिए गए हैं। पार्टी महाधिवेशन के अंतिम दिन सोमवार को केंद्रीय कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों ने उन्हें अगले पांच साल के लिए महासचिव चुना है।

दीपांकर भट्टाचार्य लगातार पांचवीं बार महासचिव बने हैं। महासचिव निर्वाचन के साथ ही पटना में 16 फरवरी से चल रहे पार्टी के 11वें महाधिवेशन का समापन हो गया। इससे पहले अधिवेशन में भाग ले रहे 1639 प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कमेटी के 76 सदस्यों के लिए वोट डाले। 

सोमवार देर शाम तक वोटिंग प्रक्रिया चली। राज्यवार प्रतिनिधियों ने वोट डाले। निर्वाचन संपन्न कराने के लिए बनी टीम में एसके शर्मा, राधिका मेनन, प्रशांत शुक्ला आदि शामिल रहे। 

महाधिवेशन में 1639 प्रतिनिधियों के अलावा 160 पर्यवेक्षकों व अतिथियों ने हिस्सा लिया।

*जदयू से अलग होकर तीसरी बार बनाई अपनी नई पार्टी, नाम रखा रालोजद*

डेस्क : पूर्व केन्द्रीय मंत्री व् जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सोमवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बिहार विधान परिषद की सदस्यता भी वे शीघ्र त्याग देंगे। अपने समर्थकों संग तकरीबन डेढ़ दिन के मंथन के बाद सोमवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने जदयू से तीसरी बार राह जुदा होने तथा नई पार्टी के गठन का एलान किया। पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) रखा गया है। उपेन्द्र इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं।

कुशवाहा ने तीसरी बार नई पार्टी बनाई है। अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि जमीर बेचकर हम अमीर नहीं बन सकते। हमलोगों के सामने दो रास्ते थे। पहला, या तो हम मूकदर्शक बनकर जननायक कर्पूरी ठाकुर की विरासत को उन हाथों में जाते देखते, जिन्होंने (राजद) बिहार को नोच-मरोड़ दिया। दूसरा, बिहार उन हाथों में न जाए, इसके लिए संघर्ष करें। साथियों ने प्रस्ताव पारित कर दूसरा रास्ता चुनने और कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नई राजनीतिक पार्टी बनाने का निर्णय लिया। 

गौरतलब है कि उपेन्द्र कुशवाहा मार्च 2021 में जेडीयू में शामिल हुए थे। इसी के साथ अपनी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय कर दिया था. विलय की घोषणा करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि यह देश और राज्य के हित में है. 

उन्होंने कहा था कि विलय वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति की मांग थी. इसके पहले वे 2013 में जेडीयू से अलग हुए थे और अलग पार्टी रालोसपा बनाई थी. साल 2014 में कुशवाहा एनडीए में शामिल हो गए थे, जबकि नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चले गए थे. 

2014 में उपेंद्र कुशवाहा को तीन लोकसभा सीटें बिहार में मिली थीं और सभी पर जीत हुई थी. कुशवाहा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी बनाए गए. साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन महज़ तीन सीटों पर ही खाता खोल पाई थी इसके बाद साल 2018 में कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए थे और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था

*आशा और ममता दीदियों के लिए बड़ी खुशखबरी, डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने किया यह बड़ा एलान

डेस्क : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि सरकार आशा और ममता दीदियों का मानदेय बढ़ाएगी। इस पर गंभीरता से काम हो रहा है। तेजस्वी रविवार को रविदास चेतना मंच के तत्वावधान में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की 646वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

कहा कि 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वायदा हमें याद है। शीघ्र ही बड़ी संख्या में बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी।

गौरतलब है कि कार्यक्रम रवीन्द्र भवन में किया गया। अध्यक्षता राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और रविदास चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवचन्द्र राम ने किया। संचालन लालबावू राम ने किया। उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि लालू प्रसाद व तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व में जातीय जनगणना के बाद जो सबसे बड़ा लाभ होगा वो हम सब को होगा। 

समारोह को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता, विधायक सतीश कुमार दास, मुकेश कुमार रौशन, मनोज कुमार यादव, संगीता कुमारी, राजेन्द्र राम, सुबेदार दास, चन्दन राम, सुरेन्द्र यादव, लालबाबू राम ने भी संबोधित किया। 

शिवचन्द्र राम ने कहा कि अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाए। श्री राम ने तेजस्वी यादव को 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा। उन्होंने विकास मित्रों को 40 हजार और ममता दीदी को 20 हजार मानदेय देने, निजी क्षेत्र सहित न्यायपालिका में आरक्षण लागू करने आदि शामिल है।

सीएम नीतीश कुमार द्वारा विपक्ष के एकजुट होने के प्रस्ताव का कांग्रेस ने किया स्वागत, पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में होगी चर्चा

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास सफल होता नजर आ रहा है। पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से बने माहौल का लाभ उठाते हुए विपक्षी एकजुट पर जल्द फैसला लेना चाहिए। इससे उसको भी फायदा होगा और यह देश हित में भी है। उनका प्रस्ताव था कि अगर ऐसी विपक्षी एकजुटता हुई तो अभी 300 से ज्यादा सीटों वाली भाजपा को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 100 से भी कम सीटों पर समेटा जा सकता है।

इधर कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव का स्वागत किया है। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि 24 फरवरी से शुरू हो रहे पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी। चर्चा के आधार पर आगे का रुख तय किया जाएगा। हालांकि, उसने इस पर भी जोर दिया कि उसकी मौजूदगी के बिना देश में विपक्षी एकता की कोई भी कवायद सफल नहीं हो सकती। कांग्रेस का यह अधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने जा रहा है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जदयू के शीर्ष नेता ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के प्रभाव को स्वीकार किया है। नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में भाकपा (माले) के मंच से कहा था कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से बने माहौल का लाभ उठाते हुए भाजपा विरोधी दलों को एकजुट कर गठबंधन बनाना चाहिए। उनका प्रस्ताव था कि अगर ऐसी विपक्षी एकजुटता हुई तो अभी 300 से ज्यादा सीटों वाली भाजपा को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 100 से कम सीट पर समेटा जा सकता है। 

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, रमेश ने पार्टी अधिवेशन के बारे में कुछ ब्योरा सामने रखा। मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी का पूर्ण अधिवेशन हो रहा है। कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2018 में दिल्ली में हुआ था। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में 24 फरवरी को पार्टी की संचालन समिति की बैठक में फैसला होगा।

नीतीश कुमार के बयान के संदर्भ में वेणुगोपाल ने कहा, हमने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान समान विचार वाले दलों को आमंत्रित किया। ज्यादातर दल आए। संसद सत्र के दौरान अडानी समूह के मामले में विपक्षी दलों को साथ लिया। उन्होंने कहा, अधिवेशन एक ऐसा मंच होगा, जहां इस पर चर्चा होगी। निश्चित तौर पर इस बारे में (नेतृत्व का) निर्देश आएगा। रमेश ने कहा, हम मानते हैं कि विपक्षी एकता जरूरी है। लेकिन, विपक्ष की एकता के लिए यात्रा नहीं निकाली गई थी, यह इसका परिणाम हो सकता है। अधिवेशन में इस पर विचार होगा। यह क्या रूप लेगा, हम नहीं कह सकते।

वहीं रमेश ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का हम स्वागत करते हैं, क्योंकि उन्होंने माना है कि भारत जोड़ो यात्रा का असर न सिर्फ कांग्रेस पर, बल्कि भारतीय राजनीति पर हुआ है। यह भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है, यह उन्होंने स्वीकारा है। रमेश ने कहा, हम अपनी भूमिका अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया है

माले के 11वें महाधिवेशन में बोले राष्ट्री. महासचिव दीपांकर- देश को बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई की जरूरत

डेस्क : माले के 11वें महाधिवेशन में शनिवार को विपक्षी एकता का नारा बुलंद हुआ। ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ’ सत्र में विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार को हटाने के लिए एक होने का आह्वान किया।

पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश को बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई की जरूरत है। सब अपने-अपने तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनों की गूंज विपक्षी एकता को ताकत देगी। 25 को पूर्णिया की रैली की सफलता के लिए भी हमसब मिलकर कोशिश करेंगे।

इस सत्र में सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, विदुथलाई चिरुथिगल काची (लिबरेशन पैंथर्स पार्टी, तमिलनाडु) के नेता थोल. थिरुमावलवन सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया। 

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का संदेश झारखंड से माले विधायक विनोद सिंह ने पढ़कर सुनाया। 

तमिलनाडु से सांसद थिरुमावलवन ने कहा कि हमें बिना समझौता किए कट्टरता का विरोध करते रहना होगा। फासीवाद भारतीय लोकतंत्र पर सुनामी की तरह प्रहार कर रहा है।

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने फिर सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कही यह बात

डेस्क : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं। उनके मन में पीएम बनने के लड्डू फूट रहे हैं।

उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार 17 साल तक बिहार का विकास नहीं कर पाए और एक महीने से समाधान यात्रा में उसका हल ढूंढ़ रहे हैं। वह राजनीतिक विश्वसनीयता हासिल नहीं कर सके। कभी भाजपा, कभी राजद तो कभी कांग्रेस के साथ हो जाते हैं। 

कहा कि आज देश में विपक्षी एकता का अभ्यास कर रहे हैं। वह बिहार का विकास नहीं कर पाए तो देश का विकास कैसे करेंगे? जब केसीआर बिहार गए थे तो उनके दिमाग में था कि नीतीश कुमार उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाएंगे। जबकि नीतीश ने सोचा था कि केसीआर उन्हें उम्मीदवार बनाएं। 

नीतीश कुमार ने कहा था कि उनका प्रधानमंत्री बनने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन, भाजपा को हराना चाहते हैं। उनसे पूछना चाहता हूं कि 17 साल में कितने साल भाजपा के साथ रहे? यह सवाल बार-बार पूछा जाएगा। तेजस्वी यादव के उस बयान का भी जवाब दिया कि भाजपा के खिलाफ बोलने पर चरित्र हनन किया जाता है। 

गिरिराज सिंह ने कहा कि वह बिहार का माहौल ठीक करें तो बेहतर होगा।

भाकपा माले के महाधिवेशन में शामिल हुए सीएम नीतीश कुमार, कहा-मेरे सुझाव को अगर कांग्रेस मान ले तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता के लिए बहुत सारी पार्टियां तैयार बैठी हैं। कांग्रेस को भी जल्द इस पर फैसला लेना चाहिए। हमलोग इंतजार कर रहे हैं कि कांग्रेस बुलाये और विपक्षी एकजुटता के लिए बात करे, ताकि आगे की रणनीति तैयार हो। मुख्यमंत्री शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित भाकपा (माले) के 11 वें महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। 

मंच पर मौजूद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि विपक्षी एकता के मुद्दे पर हम सब तैयार हैं। अब निर्णय कांग्रेस को करना है।

कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से मुख्यमंत्री ने कहा कि आप यहां आये हुए हैं, आपही के माध्यम से आपकी पार्टी के नेतृत्व को हम अनुरोध करेंगे कि जल्द-से-जल्द फैसला कर लीजिए। हमलोगों को बुलाकर बात कर लीजिए कि कहां-कहां किनके-किनके साथ एकजुट होकर अगला चुनाव लड़ना है। जिस दिन फैसला कर लीजिएगा, उसी दिन हमसबलोग एकजुट हो जाएंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो जान लीजिए भाजपा से मुक्ति हो जाएगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुखातिब होकर कहा कि विपक्षी एकता को लेकर जो आप चाहते हैं, कांग्रेस भी वही चाहती है। आपके प्रस्ताव को जल्द-से-जल्द स्वीकार करके इसकी घोषणा होनी चाहिए। इससे देश का पूरा माहौल बदल जाएगा। वहीं, भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी आह्वान किया कि कांग्रेस समेत वामपंथी और समाजवादी शक्तियों को एक होना होगा।

बिहार के राज्यपाल बने राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

डेस्क : पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर को पिछले दिनों बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आज शुक्रवार को शपथ ग्रहण बिहार के नये राज्यपाल के रुप में शपथ ग्रहण किया। उन्हें पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

इसके पहले बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के पटना पहुँचने पर जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया. हवाई अड्डे पर उनके स्वागत में बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेशचन्द्र ठाकुर, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर, खान एवं भूतत्व मंत्री रामानंद यादव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिता देवी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेन्द्र कुमार राय, विधि मंत्री शमीम अहमद, सूचना प्रावैधिकी मंत्री मो0 इसराईल मंसूरी, श्रम संसाधन मंत्री सुरेन्द्र राम, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे.

 

स्टेट हैंगर में बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गार्ड ऑफ ऑनर के पहले बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अगवानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की तथा फूलों का गुलदस्ता भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर गोवा के रहने वाले हैं. उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि आरएसएस और भाजपा से जुडी रही हैं. 68 वर्षीय राजेंद्र आर्लेकर गोवा के रहने वाले हैं। आर्लेकर पहले गोवा से बीजेपी के विधायक थे और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। बचपन से ही आरएसएस के हार्डकोर वर्कर रहे आर्लेकर ने गोवा में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.  

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले आर्लेकर का बिहार का राज्यपाल बनना बेहद अहम माना जा रहा है.

सीएम नीतीश कुमार का बड़ा एलान : पटना एम्स में बनेगा मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए आश्रय गृह, तकरीबन 500 लोगों के ठहरने की होगी व्यवस्था


डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि पटना एम्स को 25 एकड़ अतिरिक्त जमीन राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है। साथ ही मरीजों के परिजनों के ठहरने की व्यवस्था वहां की जा रही है, जिसमें करीब 500 लोग रह सकेंगे। 

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को समाधान यात्रा के क्रम में ज्ञान भवन में पटना जिले की समीक्षा बैठक में ये बाते कहीं। उन्होंने पदाधिकारियों को कई निर्देश भी दिये।

बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखीं। जनप्रतिनिधियों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतर शिक्षा के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना का लाभ तेजी से दिलाएं, कोई भी छूटे नहीं। बाढ़ में निर्माणाधीन पॉलिटेक्निक संस्थान का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करें।

*आज पटना पहुंचेगें बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर, ग्रहण करेंगे शपथ*

डेस्क : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर को पिछले दिनों बिहार का राज्यपाल बनाया गया। नवनियुक्त राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर आज शुक्रवार को शपथ ग्रहण करेंगे।  

आज शुक्रवार की सुबह 9.45 बजे वे दिल्ली से पटना पहुंचेंगे और 12.30 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विप के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी मौजूद रहेंगे। 

उधर, राज्यपाल फागू चौहान को राजभवन के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की ओर से सादर विदाई दी गई। श्री चौहान ने बिहार के 40वें राज्यपाल के रूप में 29 जुलाई, 2019 को शपथ ली थी। उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के स्टेट हैंगर पर आयोजित बिहार के पूर्व राज्यपाल फागू चौहान के विदाई समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने फागू चौहान को पुष्प गुच्छ भेंटकर सप्रेम विदा किया और नई जिम्मेवारियों के लिए शुभकामनाएं दीं। 

इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी व अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी आरएस भट्टी, अपर मुख्य सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय ब्रजेश मेहरोत्रा, राज्यपाल के सचिव आरएन चोंग्थ आदि वरीय अधिकारी उपस्थित थे।