मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए विहिप की पहल, जनजागरण के लिए चलाएगी देशव्यापी अभियान

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मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को देशव्यापी जन-जागरण अभियान की घोषणा की है। विहिप अगले महीने से देशव्यापी जन-जागरण अभियान शुरू करेगी। विहिप के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान इस अभियान की जानकारी दी। मिलिंद परांडे ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कहा कि संतों और हिंदू समाज के श्रेष्ठ लोगों की अगुवाई में आगामी 5 जनवरी से इस संबंध में एक देशव्यापी जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा।

विहिप के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा, पूज्य संत समाज और हिंदू समाज के प्रमुख लोगों के नेतृत्व में हम 5 जनवरी को देशव्यापी जन जागरण अभियान शुरू करने जा रहे हैं। इस अखिल भारतीय अभियान का आह्वान आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आयोजित होने वाले ‘हैंदव शंखारावम’ नामक लाखों लोगों की एक विशेष सभा में किया जाएगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के बाद कई मंदिर जिन्हें हिंदू समाज को सौंप दिया जाना चाहिए था, उन्हें राज्य सरकारों के अधीन रखा गया। उन्होंने कहा कि मंदिरों की मुक्ति के लिए यह अखिल भारतीय जागरण अभियान, इन मंदिरों की चल-अचल संपत्तियों की रक्षा करने और उनका हिंदू समाज की सेवा और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समुचित उपयोग करने के लिए हिंदू समाज का जागरण शुरू हो गया है।

मिलिंद परांडे ने कहा, मंदिरों के प्रबंधन और नियंत्रण का काम अब हिंदू समाज के समर्पित और योग्य लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए। इसके लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित वकीलों, उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों, संत समाज के प्रमुख लोगों और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का एक थिंक टैंक बनाया है, जिसने मंदिरों के प्रबंधन और इससे जुड़े किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने के प्रोटोकॉल का अध्ययन करने के बाद एक मसौदा तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि सरकारें जब मंदिर समाज को लौटाएंगी, तो उसे स्वीकार करने के लिए क्या प्रोटोकॉल होंगे और किन प्रावधानों के तहत ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसीलिए संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ लोग राज्य स्तर पर धार्मिक परिषद का गठन करेंगे, जिसमें प्रतिष्ठित धर्माचार्य, सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी तथा समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे, जो हिंदू धर्मग्रंथों और आगम शास्त्रों और अनुष्ठानों के विशेषज्ञ हैं।

इससे पहले, गत 30 सितंबर को विहिप ने देश के सभी राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंप कर उनकी सरकारों को मंदिरों के प्रबंधन से हट जाने के लिए निवेदन किया था।

Mirzapur: डाक्टर प्रवीण भाई तोगाड़िया से BJP के बागी नेता मनोज श्रीवास्तव का मिलना, ढ़ूढ़े जा रहें हैं मायने

मिर्ज़ापुर। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व फायर ब्रांड नेता एवं राष्ट्रवादी मंच के संस्थापक मनोज श्रीवास्तव का अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया से मिलना राजनीति गलियारे में हलचल मचाने के साथ कईयों के माथे पर सिंकन लाने का काम किया है। बताते चलें कि

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री और राष्ट्रवादी मंच के संस्थापक अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव व अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया के बीच हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। मनोज श्रीवास्तव जो पहले विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे, ने कुछ समय पहले इनसे दूरी बना ली थी। उनकी नीतियों से असहमति और जनहित के मुद्दों पर पार्टी के प्रति नाराजगी को उनकी रुसवाई का कारण माना गया था, लेकिन तोगड़िया से उनकी हालिया मुलाकात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उनकी घर वापसी की तैयारी हो रही है?

सियासी समीकरणों में बदलाव की अटकलें हुई तेज़

मनोज श्रीवास्तव और डॉ. तोगड़िया की यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं मानी जा रही। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मुलाकात भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के भीतर नए समीकरणों को लेकर चल रहे मंथन की ओर इशारा करती है। तो वहीं यह भी चर्चा जोरों पर है कि क्या यह मुलाकात हिंदूवादी ताकतों को फिर से एकजुट करने का कहीं प्रयास तो नहीं है?

दूसरी ओर क्या मनोज श्रीवास्तव अब फिर से संगठन के साथ अपनी पुरानी भूमिका में लौट सकते हैं? इन सवालों के साथ विरोधी दलों में बेचैनी देखी जा रही है। मनोज श्रीवास्तव की संगठन में मजबूत पकड़ और संगठनात्मक कौशल उन्हें मिर्जापुर और आसपास के क्षेत्रों में एक प्रभावशाली नेता बनाता हैं।

खबर होते ही विरोधियों में मच गई है हलचल

मनोज श्रीवास्तव का डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया से जुड़ना उनके विरोधियों के लिए चिंता का कारण बन गया है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और सियासी सक्रियता ने विपक्षी खेमों को नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। वहीं मिर्जापुर की जनता जिले की गंदी राजनीति से ऊब चुकी है, वह इस मुलाकात की खबर को लेकर उत्सुक है। लोगों का मानना है कि अगर यह मुलाकात घर वापसी का संकेत है, तो इससे जिले की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। मनोज को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि जिले में मनोज की अपनी एक अलग ही मृदुल छवि है जो लोगों को प्रभावित करती हैं, जिससे लोग मनोज के प्रति झुके हुए हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है जिले की बागडोर अगर एक बार श्रीवास्तव जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर संघर्षरत रहने वाले सेवाभाव के धनी व्यक्तित्व को मिल जाए तो जिले की भ्रष्ट तस्वीर को बदल सकते हैं। अगर इन्हें आगामी चुनावों से पहले सियासी रणनीति का हिस्सा बना दिया जाए। वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि मनोज अगर जनहित में थोड़ी और कड़ी मेहनत करें तो किसी पार्टी की जरूरत उन्हें नहीं है उनकी अपनी लोकप्रियता ही उनको एक अलग मुकाम पर ले जाएगी।

बहरहाल, अब देखना यह है कि आगे क्या डॉ.प्रवीण भाई तोगड़िया और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच हालिया मुलाकातों के संदर्भ में देखा जाए तो मनोज को लेकर यह पहल किसी बड़ी सियासी योजना का हिस्सा लग रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी पक्ष ने इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक थी, या फिर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरणों की शुरुआत होने वाली है।

बताते चलें कि मनोज श्रीवास्तव विहिप के दिग्गज नेताओं में स्थान रखने के साथ दिवंगत अशोक जी सिंघल के काफी करीबी लोगों में से थे, यह बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मनोज श्रीवास्तव अशोक सिंघल की उस क़रीबी टीम के खास रहे हैं जो सीधे अशोक सिंघल से जुड़े हुए थे।

छत्तीसगढ़: पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान पर मचा बवाल, हिन्दू संगठन ने प्रदर्शन कर की FIR की मांग…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में संत राजीव लोचन महाराज के बयान पर पूर्व मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा के टिप्पणी को लेकर बवाल खड़ा हो गया. विधायक लखमा के विवादित बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कवासी लखमा के खिलाफ हिंदू विरोधी के नारे भी लगाए और FIR दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस में ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद तत्काल FIR की माँग रख सभी कार्यकर्ता थाना परिसर में बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे.

दरअसल, हाल ही में संत राजीव लोचन महाराज के चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर विधायक कवासी लखमा ने एक विवादित टिप्पणी कर दी. उन्होंने संत राजीव लोचन महाराज को शादी कर बच्चे पैदा करने की सलाह दे दी. जिसके बाद VHP और बजरंग दल विरोध में उतर आये हैं.

सार्वजनिक रूप से माफी मांगे विधायक लखमा : VHP

VHP के जिला संयोजक ने बताया कि इससे पहले खमारडीह थाने में भी FIR का ज्ञापन सौंपा जा चुका है. 24 घंटों का समय मांगा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसलिए सभी कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने सिविल लाइन थाने पहुंचे हैं. वहीं VHP और बजरंग दल ने ये भी मांग रखी है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. अन्यथा इसके विरोध में शासन के खिलाफ जाने की पूरी रणनीति तैयार की जा चुकी है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान

वहीं इस विषय पर अब सियासत भी तेज होने लगी है. इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि धर्म गुरु क्या कहते हैं, क्या नहीं… ये उनका विषय है. उस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर विरोध करना, कांग्रेस का हमेशा का काम रहा है.

तेलंगाना में सड़कों पर उतरे हिंदू संगठन, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जानिए क्या है पूरा मामला?

डेस्क: तेलंगाना के सिकंदराबाद में मुथ्यालम्मा मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में उतरे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठी बरसाईं। हिंदुवादी संगठन मंदिर में हाल ही में हुई तोड़फोड़ के खिलाफ कई दिनों से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। रविवार मंदिर के सामने एकत्रित भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सिकंदराबाद के मुथ्यालम्मा मंदिर के पास शनिवार को दिन भर इसी तरह बवाल होता रहा। पुलिस ने जिन हिंदू संगठनों पर लाठी चार्ज किया है। वे बीते 14 अक्टूबर को मंदिर में हुई तोड़फोड़ का विरोध करने के लिए जमा हुए थे।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने मंदिरों पर बढ़ रहे हमले को लेकर तेलंगाना बंद का ऐलान किया था। प्रोटेस्ट के दौरान आई भीड़ मंदिर के सामने धरने पर बैठी थी। इनमें से कुछ लोग भगवान शिव की आराधना करते हुए प्रोटेस्ट कर रहे थे।

इसी बीच, लिंगाष्टकम के साथ विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस और हिंदुवादी संगठनों में झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। बाद में केंद्रीय मंत्री बंडी संजय इन घायलों से मिलने उनके घरों में पहुंचे। उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया है।

14 अक्टूबर को मंदिर में घुसे एक शख्स ने गर्भ गृह में मुख्य प्रतिमा को अपवित्र कर दिया था। हालांकि, घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था।

मंदिर में तोड़फोड़ के संदिग्ध की पहचान महाराष्ट्र के सलमान सलीम के रूप में हुई है। वो एक महीने पहले पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैंप में शामिल होने सिकंदराबाद आया था।

सिकंदराबाद के मुथ्यालम्मा मंदिर में तोड़फोड़ का आरोपी सलाखों के पीछे है। अब प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि आरोपी सलमान जिस पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैंप में शामिल होने आया था, उसके आयोजक पर भी एक्शन हो। सिकंदराबाद में कार्यशाला का आयोजन इंग्लिश हाउस अकादमी के मुनव्वर ज़मा, मोहम्मद कफ़ील अहमद के द्वारा किया गया था। हिंदुवादी संगठन अब इनकी गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने मंदिर में ‘शांतिपूर्ण’ तरीके से प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर किए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की मांग की है। वीएचपी के महासचिव सुरेंद्र जैन भी देश में हिंदू मंदिरों पर बढ़ रहे हमले और तोड़फोड़ से भड़के हुए हैं।

अवैध है जामा मस्जिद, इसे गिराओ', हिमाचल की राजधानी शिमला के बाद अब कुल्लू में हिन्दुओं ने किया प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पश्चात् अब हिन्दू संगठनों ने कुल्लू में स्थित एक अन्य मस्जिद को अवैध बताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। इस बार कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद को गिराने की माँग की जा रही है। सोमवार (30 सितंबर 2024) को हिन्दू संगठनों ने एक बड़े जुलूस के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। वर्तमान में मस्जिद के आसपास सुरक्षा के मद्देनज़र भारी आंकड़े में पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मांग अब तक जारी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवादित मस्जिद कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित है तथा इसे मुस्लिम समुदाय जामा मस्जिद के नाम से जानता है। प्रशासन ने इस मस्जिद को वैध ठहराया है, किन्तु हिन्दू संगठनों का दावा है कि इसका निर्माण अवैध है। सोमवार को इन संगठनों ने लगभग 3 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला, जिसे ‘धर्म जागरण यात्रा’ का नाम दिया गया। इस यात्रा के चलते ढोल-नगाड़े बजते रहे तथा लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनकर भगवा ध्वज लहराया। जुलूस का आरम्भ रामशिला से हुआ, जिसमें बड़े आंकड़े में लोग सम्मिलित थे। जब यह जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुँचा, तो कुछ प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए और मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके चलते हल्की धक्का-मुक्की हुई।

हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ने दिया तथा मस्जिद के पास कोई प्रदर्शन नहीं होने दिया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 163 लागू कर दी थी।प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ करने के पश्चात् सनातन धर्म की रक्षा की शपथ ली और मस्जिद को गिराने की माँग को लेकर प्रशासन से वार्ता की। उपायुक्त तोरुल एस रवीश एवं SDM विकास शुक्ला ने मस्जिद के वैध दस्तावेज़ दिखाए, मगर प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए। SDM विकास शुक्ला ने बताया कि अखाड़ा बाजार की जामा मस्जिद वक्फ बोर्ड के अधीन है, इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अधिक उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।

गौरतलब है कि 21 जून 2017 को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए नगर परिषद कुल्लू से शिकायत की थी। 28 जून को नगर परिषद ने एक नोटिस जारी किया, तत्पश्चात, मस्जिद का निर्माण कार्य रोक दिया गया था। यह मस्जिद 14 जुलाई 2000 से अस्तित्व में है, जहाँ पहले एक मंजिल थी तथा बाद में तीन मंजिलें बनाई गईं। हालांकि, आरोप है कि मस्जिद का निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं हुआ, जिसकी तहकीकात शहरी विकास विभाग द्वारा की जा रही है। हिन्दू संगठनों ने अब प्रशासन पर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इस मामले को अदालत में ले जाने की घोषणा की है।

मारा गया नसरल्ला और आंसू महबूबा के निकल रहे हैं” वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने पीडीपी प्रमुख को घेरा

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हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्ला की मौत के बाद भारत में सियासत तेज हो गई है। एक तरफ पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्ला नेता नसरल्ला को शहीद बताया तो दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, "मारा नसरल्ला गया है और आंसू महबूबा के निकल रहे हैं"

विनोद बंसल ने कहा, "राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जो बयान दिया है, मैं उनसे यही कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्‍छेद -370 खत्म हो गया है और उनकी मानसिक विदाई का भी समय आ गया है। यह सब तो अब तक खत्म हो जाना चाहिए था।"

विनोद बंसल ने कहा, "महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर अनुच्‍छेद-370 खत्म हो गया, तो कश्मीर घाटी में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। लेकिन, अब वहां चारों और सिर्फ तिरंगा ही दिखाई देता है। उन्हें अब गाजा के लिए बाजा बजाना और आतंकियों के लिए आंसू बहाना बंद कर देना चाहिए।" उन्होंने कहा, "हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्ला के साथ उनका कोई भला नहीं होने वाला है। अगर भला होगा तो भारत तथा मानवता और यूएन के साथ खड़ा होकर ही हो पाएगा। उन्हें अब आतंकियों की पैरवी बंद कर देनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोग भी उनकी मानसिकता को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। इसलिए उन्हें मानवता की ‘महबूबा' बनना है। अन्यथा समाज उन्हें छोड़ेगा नहीं।"

मुफ्ती ने नसरुल्ला को बताया शहीद

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने नसरुल्ला को शहीद बताया और कल (रविवार) के अपने सभी चुनावी कार्यक्रम रद कर दिए थे।महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा कि लेबनान और गाजा के शहीदों, खासकर हसन नसरुल्ला के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल (रविवार) अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख और अनुकरणीय प्रतिरोध की घड़ी में फिलीस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।

कौन था नसरुल्ला?

बता दें कि हसन नसरुल्ला सन् 1992 से हिजबुल्लह का चीफ था। वह लेबनान की मजबूत राजनीतिक और सैन्य ताकत के रूप में उभरा था। उसे न सिर्फ लेबनान में बल्कि पश्चिम एशिया के प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता था। नसरुल्ला ने 30 सालों से भी ज्यादा समय तक आतंकवादी ग्रुप हिजबुल्ला की लीडरशिप की।

गणेश जी की मूर्ति को पुलिस वैन में बंद करने पर विवाद, बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर किया हमला

कर्नाटक में गणेश जी की मूर्ति को पुलिस वैन में बंद करने के मामले पर सियासी संग्राम छिड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता लगातार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें बप्पा की मूर्ति पुलिस वैन में रखी हुई दिखाई दे रही है.

इस मुद्दे पर तेज होती सियासत के बीच बेंगलुरु पुलिस ने सफाई दी है. पुलिस ने कहा, 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ता गणेश भगवान की मूर्ति को लेकर प्रोटेस्ट करने के लिए आए थे. चूंकि टाउन हॉल में प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी इसीलिए पुलिस ने प्रतिमा को जब्त करते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. ये कार्यवाई नियमों के मुताबिक ही की गई है.'

क्या बोले बीजेपी नेता?

बीजेपी नेता बीएल संतोष ने वायरल तस्वीर और गणपति विसर्जन के दौरान हुई दो गुटों की झड़प के मामले में दर्ज हुई एफआईआर के मुद्दे पर कर्नाटक सरकार को घेरा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीएल संतोष ने लिखा, 'पुलिस वैन में गणपति जी की मूर्ति की ये फोटो और कार्यक्रम के आयोजकों को आरोपी के रूप में दिखाने वाली ये एफआईआर देशभर में कांग्रेस को परेशान करेगी, विशेषतौर से कर्नाटक में जहां सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार वामपंथी उदारवादियों की मर्जी पर चलती है.'

एकनाथ शिंदे का वार

कर्नाटक में गणपति की मूर्ति विवाद में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कांग्रेस को घेरा. शिंदे ने कहा, 'ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. गणपति उत्सव को रोककर मूर्ति भी जब्त कर ली. महाराष्ट्र और पूरे देश के लोग कांग्रेस सरकार को करारा जवाब दिए बिना नहीं बैठने वाले.'

टीपू सुल्तान की विरासत की याद दिलाई'

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कर्नाटक सरकार के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मांड्या में बहुत ही पीड़ादायक तस्वीर आई है. वो बोले कि गणेशोत्सव के दौरान सिद्दारमैया सरकार की ज्यादतियां टीपू सुल्तान की विरासत की याद दिलाती हैं.

'मंदिर आए तो वाहन जब्त कर लेंगे..', कांग्रेस सरकार ने 3 दिवसीय लोधी मल्लैया उत्सव पर लगाया प्रतिबंध तो विरोध में उतरे हिन्दू संगठन

विश्व हिंदू परिषद (VHP), तेलंगाना ने हिंदू समुदाय के धार्मिक अधिकारों और भावनाओं पर निर्णय के प्रभाव पर गहरी चिंताओं का हवाला देते हुए लोधी मल्लैया उत्सव पर प्रतिबंध को तत्काल हटाने का आह्वान किया है। यह उत्सव, जो सालाना हजारों भक्तों को आकर्षित करता है, जो पारंपरिक रूप से पहली एकादशी के दिन से शुरू होकर तीन दिनों तक आयोजित किया जाता है। इस साल, यह उत्सव 17 जुलाई, 2024 को शुरू होने वाला है। प्रसिद्ध लोधी मल्लैया मंदिर महबूबनगर जिले के मन्नानूर चेकपोस्ट श्रीशैलम रोड के पास नल्लमल्ला वन में स्थित है।

हालाँकि, राज्य की कांग्रेस सरकार के अंतर्गत आने वाले तेलंगाना वन विभाग और अचंपेट वन रेंज अधिकारी ने एक बयान जारी कर उत्सव को स्थगित करने की घोषणा की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि मंदिर में आने वाले भक्तों को वन कानूनों के तहत दंड का सामना करना पड़ सकता है और उनके वाहन जब्त किए जा सकते हैं। इस घोषणा ने भक्तों, विहिप और हिंदू संगठनों की ओर से कड़ी निंदा की है। राज्य की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए, विहिप ने कहा कि हिंदू समुदाय ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को वोट दिया था, जिससे उन्हें सत्ता हासिल करने में मदद मिली। अब सरकार बनने के बाद विहिप ने सवाल उठाया है कि कांग्रेस हिंदू मान्यताओं का ख्याल क्यों नहीं रख रही है और क्या वे इस तरह से किसी अन्य समुदाय के त्योहारों पर प्रतिबंध लगाएंगे।


विहिप तेलंगाना के संयुक्त सचिव डॉ. शशिधर ने कहा, "कांग्रेस सरकार द्वारा त्योहार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला न केवल हिंदू मान्यताओं को कमजोर करता है, बल्कि समुदाय के मूल अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।" उनका तर्क है कि अगर पर्यटकों को पर्यटन पैकेज के तहत पूरे साल इस क्षेत्र में आने की अनुमति दी जाती है, तो तीन दिनों के लिए आने वाले भक्तों के लिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विहिप तेलंगाना ने यह भी उजागर किया कि वार्षिक उत्सव ने बाघों के प्रजनन को कभी प्रभावित नहीं किया है, जैसा कि बाघों की बढ़ती आबादी से संकेत मिलता है।

डॉ. शशिधर ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और वरिष्ठ वन अधिकारियों से त्योहार को हमेशा की तरह जारी रखने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है। विहिप तेलंगाना ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में मांग की है कि अचंपेट वन रेंज अधिकारी को हिंदू विरोधी एजेंडे के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। संगठन ने अधिकारियों से अचंपेट वन क्षेत्र के भीतर प्रमुख तीर्थ स्थलों पर जाने वाले भक्तों को अधिकारी द्वारा कथित रूप से जानबूझकर बाधा डालने की जांच करने और उसका समाधान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर तेलंगाना सरकार प्रतिबंध लागू करती है, तो वे भक्तों के साथ मिलकर सीधे विरोध प्रदर्शन करेंगे। डॉ. शशिधर ने कहा, "हम अधिकारियों को लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं।" उन्होंने समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं को बनाए रखने के लिए इस मुद्दे को हल करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল কংগ্রেসের প্রার্থীর প্রচারে অভিনেতা সোহম চক্রবর্তী ও রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস
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এসবি নিউজ ব্যুরো: আজ উত্তর দিনাজপুরের চোপড়ায় দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল কংগ্রেসের প্রার্থী গোপাল লামার সমর্থনে প্রচার করেন অভিনেতা সোহম চক্রবর্তী ও রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস। এদিন দুপুরে চোপড়ার কাঁচাকালী কালীমন্দিরে পুজো দিয়ে হুডখোলা গাড়িতে করে প্রচার শুরু করেন। অভিনেতার সাথে প্রচারে উপস্থিত ছিলেন রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস ও চোপড়ার বিধায়ক হামিদুল রহমান। এদিন চোপড়ার ব্লকের বিভিন্ন এলাকায় প্রচার করেন তারা। অভিনেতার প্রচারে কয়েক'শ  বাইক নিয়ে মিছিলে অংশ নেয় তৃণমূল কংগ্রেসের কর্মী সমর্থকেরা।
బిజెపి నల్లగొండ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం ఆధ్వర్యంలో నల్గొండ 35వ వార్డులో బిజెపి టిఫిన్ బైటెక్ కార్యక్రమం,బిజెపి జండా ఆవిష్కరణ..

బిజెపి నల్లగొండ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం ఆధ్వర్యంలో నల్గొండ 35వ వార్డులో బిజెపి టిఫిన్ బైటెక్ కార్యక్రమం,బిజెపి జండా ఆవిష్కరణ..

భారతీయ జనతా పార్టీ అల్పాహార సమావేశం( టిఫిన్ బైటెక్ )అనంతరం.భారతీయ జనతా పార్టీ ఆవిర్భావ దినోత్సవం సందర్భంగా 35వ వార్డులో బీజెపీ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం గారి ఆధ్వర్యంలో జెండావిష్కరణ కార్యక్రమాన్ని విజయవంతంగా నిర్వహించడం జరిగింది. ఈ కార్యక్రమంలో స్థానిక కౌన్సిలర్ గుర్రం ధనలక్ష్మి వెంకటేశ్వర్లు VHP జిల్లా గౌరవ అధ్యక్షులు కర్నా టి యాదగిరి గారు.శ్యామల తారక్. సురెపల్లి వెంకటేశ్వర్లు. పున్న రామేశ్వర్ .మూడ సైదులు.పొట్టబత్తుల శ్రీను.కైరంకొండ చంద్రశేఖర్.చెరుకు శివశంకర్. గంజి శ్యాంసుందర్ .జువ్వాజి సోమయ్య. తదితరులు పాల్గొన్నారు.ఈ సందర్భంగా సీనియర్ కార్యకర్తలకు సన్మానం చేయడం జరిగింది.

मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए विहिप की पहल, जनजागरण के लिए चलाएगी देशव्यापी अभियान

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मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गुरुवार को देशव्यापी जन-जागरण अभियान की घोषणा की है। विहिप अगले महीने से देशव्यापी जन-जागरण अभियान शुरू करेगी। विहिप के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान इस अभियान की जानकारी दी। मिलिंद परांडे ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कहा कि संतों और हिंदू समाज के श्रेष्ठ लोगों की अगुवाई में आगामी 5 जनवरी से इस संबंध में एक देशव्यापी जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा।

विहिप के संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा, पूज्य संत समाज और हिंदू समाज के प्रमुख लोगों के नेतृत्व में हम 5 जनवरी को देशव्यापी जन जागरण अभियान शुरू करने जा रहे हैं। इस अखिल भारतीय अभियान का आह्वान आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में आयोजित होने वाले ‘हैंदव शंखारावम’ नामक लाखों लोगों की एक विशेष सभा में किया जाएगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के बाद कई मंदिर जिन्हें हिंदू समाज को सौंप दिया जाना चाहिए था, उन्हें राज्य सरकारों के अधीन रखा गया। उन्होंने कहा कि मंदिरों की मुक्ति के लिए यह अखिल भारतीय जागरण अभियान, इन मंदिरों की चल-अचल संपत्तियों की रक्षा करने और उनका हिंदू समाज की सेवा और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समुचित उपयोग करने के लिए हिंदू समाज का जागरण शुरू हो गया है।

मिलिंद परांडे ने कहा, मंदिरों के प्रबंधन और नियंत्रण का काम अब हिंदू समाज के समर्पित और योग्य लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए। इसके लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित वकीलों, उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों, संत समाज के प्रमुख लोगों और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का एक थिंक टैंक बनाया है, जिसने मंदिरों के प्रबंधन और इससे जुड़े किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने के प्रोटोकॉल का अध्ययन करने के बाद एक मसौदा तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि सरकारें जब मंदिर समाज को लौटाएंगी, तो उसे स्वीकार करने के लिए क्या प्रोटोकॉल होंगे और किन प्रावधानों के तहत ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसीलिए संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ लोग राज्य स्तर पर धार्मिक परिषद का गठन करेंगे, जिसमें प्रतिष्ठित धर्माचार्य, सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी तथा समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे, जो हिंदू धर्मग्रंथों और आगम शास्त्रों और अनुष्ठानों के विशेषज्ञ हैं।

इससे पहले, गत 30 सितंबर को विहिप ने देश के सभी राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंप कर उनकी सरकारों को मंदिरों के प्रबंधन से हट जाने के लिए निवेदन किया था।

Mirzapur: डाक्टर प्रवीण भाई तोगाड़िया से BJP के बागी नेता मनोज श्रीवास्तव का मिलना, ढ़ूढ़े जा रहें हैं मायने

मिर्ज़ापुर। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व फायर ब्रांड नेता एवं राष्ट्रवादी मंच के संस्थापक मनोज श्रीवास्तव का अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया से मिलना राजनीति गलियारे में हलचल मचाने के साथ कईयों के माथे पर सिंकन लाने का काम किया है। बताते चलें कि

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री और राष्ट्रवादी मंच के संस्थापक अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव व अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया के बीच हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। मनोज श्रीवास्तव जो पहले विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे, ने कुछ समय पहले इनसे दूरी बना ली थी। उनकी नीतियों से असहमति और जनहित के मुद्दों पर पार्टी के प्रति नाराजगी को उनकी रुसवाई का कारण माना गया था, लेकिन तोगड़िया से उनकी हालिया मुलाकात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उनकी घर वापसी की तैयारी हो रही है?

सियासी समीकरणों में बदलाव की अटकलें हुई तेज़

मनोज श्रीवास्तव और डॉ. तोगड़िया की यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं मानी जा रही। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मुलाकात भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के भीतर नए समीकरणों को लेकर चल रहे मंथन की ओर इशारा करती है। तो वहीं यह भी चर्चा जोरों पर है कि क्या यह मुलाकात हिंदूवादी ताकतों को फिर से एकजुट करने का कहीं प्रयास तो नहीं है?

दूसरी ओर क्या मनोज श्रीवास्तव अब फिर से संगठन के साथ अपनी पुरानी भूमिका में लौट सकते हैं? इन सवालों के साथ विरोधी दलों में बेचैनी देखी जा रही है। मनोज श्रीवास्तव की संगठन में मजबूत पकड़ और संगठनात्मक कौशल उन्हें मिर्जापुर और आसपास के क्षेत्रों में एक प्रभावशाली नेता बनाता हैं।

खबर होते ही विरोधियों में मच गई है हलचल

मनोज श्रीवास्तव का डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया से जुड़ना उनके विरोधियों के लिए चिंता का कारण बन गया है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और सियासी सक्रियता ने विपक्षी खेमों को नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। वहीं मिर्जापुर की जनता जिले की गंदी राजनीति से ऊब चुकी है, वह इस मुलाकात की खबर को लेकर उत्सुक है। लोगों का मानना है कि अगर यह मुलाकात घर वापसी का संकेत है, तो इससे जिले की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। मनोज को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि जिले में मनोज की अपनी एक अलग ही मृदुल छवि है जो लोगों को प्रभावित करती हैं, जिससे लोग मनोज के प्रति झुके हुए हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है जिले की बागडोर अगर एक बार श्रीवास्तव जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर संघर्षरत रहने वाले सेवाभाव के धनी व्यक्तित्व को मिल जाए तो जिले की भ्रष्ट तस्वीर को बदल सकते हैं। अगर इन्हें आगामी चुनावों से पहले सियासी रणनीति का हिस्सा बना दिया जाए। वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि मनोज अगर जनहित में थोड़ी और कड़ी मेहनत करें तो किसी पार्टी की जरूरत उन्हें नहीं है उनकी अपनी लोकप्रियता ही उनको एक अलग मुकाम पर ले जाएगी।

बहरहाल, अब देखना यह है कि आगे क्या डॉ.प्रवीण भाई तोगड़िया और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच हालिया मुलाकातों के संदर्भ में देखा जाए तो मनोज को लेकर यह पहल किसी बड़ी सियासी योजना का हिस्सा लग रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी पक्ष ने इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिक थी, या फिर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरणों की शुरुआत होने वाली है।

बताते चलें कि मनोज श्रीवास्तव विहिप के दिग्गज नेताओं में स्थान रखने के साथ दिवंगत अशोक जी सिंघल के काफी करीबी लोगों में से थे, यह बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मनोज श्रीवास्तव अशोक सिंघल की उस क़रीबी टीम के खास रहे हैं जो सीधे अशोक सिंघल से जुड़े हुए थे।

छत्तीसगढ़: पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान पर मचा बवाल, हिन्दू संगठन ने प्रदर्शन कर की FIR की मांग…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में संत राजीव लोचन महाराज के बयान पर पूर्व मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा के टिप्पणी को लेकर बवाल खड़ा हो गया. विधायक लखमा के विवादित बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कवासी लखमा के खिलाफ हिंदू विरोधी के नारे भी लगाए और FIR दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस में ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद तत्काल FIR की माँग रख सभी कार्यकर्ता थाना परिसर में बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे.

दरअसल, हाल ही में संत राजीव लोचन महाराज के चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर विधायक कवासी लखमा ने एक विवादित टिप्पणी कर दी. उन्होंने संत राजीव लोचन महाराज को शादी कर बच्चे पैदा करने की सलाह दे दी. जिसके बाद VHP और बजरंग दल विरोध में उतर आये हैं.

सार्वजनिक रूप से माफी मांगे विधायक लखमा : VHP

VHP के जिला संयोजक ने बताया कि इससे पहले खमारडीह थाने में भी FIR का ज्ञापन सौंपा जा चुका है. 24 घंटों का समय मांगा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसलिए सभी कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने सिविल लाइन थाने पहुंचे हैं. वहीं VHP और बजरंग दल ने ये भी मांग रखी है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. अन्यथा इसके विरोध में शासन के खिलाफ जाने की पूरी रणनीति तैयार की जा चुकी है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान

वहीं इस विषय पर अब सियासत भी तेज होने लगी है. इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि धर्म गुरु क्या कहते हैं, क्या नहीं… ये उनका विषय है. उस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर विरोध करना, कांग्रेस का हमेशा का काम रहा है.

तेलंगाना में सड़कों पर उतरे हिंदू संगठन, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जानिए क्या है पूरा मामला?

डेस्क: तेलंगाना के सिकंदराबाद में मुथ्यालम्मा मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में उतरे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठी बरसाईं। हिंदुवादी संगठन मंदिर में हाल ही में हुई तोड़फोड़ के खिलाफ कई दिनों से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। रविवार मंदिर के सामने एकत्रित भीड़ बेकाबू हो गई। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सिकंदराबाद के मुथ्यालम्मा मंदिर के पास शनिवार को दिन भर इसी तरह बवाल होता रहा। पुलिस ने जिन हिंदू संगठनों पर लाठी चार्ज किया है। वे बीते 14 अक्टूबर को मंदिर में हुई तोड़फोड़ का विरोध करने के लिए जमा हुए थे।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने मंदिरों पर बढ़ रहे हमले को लेकर तेलंगाना बंद का ऐलान किया था। प्रोटेस्ट के दौरान आई भीड़ मंदिर के सामने धरने पर बैठी थी। इनमें से कुछ लोग भगवान शिव की आराधना करते हुए प्रोटेस्ट कर रहे थे।

इसी बीच, लिंगाष्टकम के साथ विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस और हिंदुवादी संगठनों में झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए। बाद में केंद्रीय मंत्री बंडी संजय इन घायलों से मिलने उनके घरों में पहुंचे। उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया है।

14 अक्टूबर को मंदिर में घुसे एक शख्स ने गर्भ गृह में मुख्य प्रतिमा को अपवित्र कर दिया था। हालांकि, घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था।

मंदिर में तोड़फोड़ के संदिग्ध की पहचान महाराष्ट्र के सलमान सलीम के रूप में हुई है। वो एक महीने पहले पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैंप में शामिल होने सिकंदराबाद आया था।

सिकंदराबाद के मुथ्यालम्मा मंदिर में तोड़फोड़ का आरोपी सलाखों के पीछे है। अब प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि आरोपी सलमान जिस पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैंप में शामिल होने आया था, उसके आयोजक पर भी एक्शन हो। सिकंदराबाद में कार्यशाला का आयोजन इंग्लिश हाउस अकादमी के मुनव्वर ज़मा, मोहम्मद कफ़ील अहमद के द्वारा किया गया था। हिंदुवादी संगठन अब इनकी गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने मंदिर में ‘शांतिपूर्ण’ तरीके से प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर किए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की मांग की है। वीएचपी के महासचिव सुरेंद्र जैन भी देश में हिंदू मंदिरों पर बढ़ रहे हमले और तोड़फोड़ से भड़के हुए हैं।

अवैध है जामा मस्जिद, इसे गिराओ', हिमाचल की राजधानी शिमला के बाद अब कुल्लू में हिन्दुओं ने किया प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पश्चात् अब हिन्दू संगठनों ने कुल्लू में स्थित एक अन्य मस्जिद को अवैध बताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। इस बार कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद को गिराने की माँग की जा रही है। सोमवार (30 सितंबर 2024) को हिन्दू संगठनों ने एक बड़े जुलूस के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। वर्तमान में मस्जिद के आसपास सुरक्षा के मद्देनज़र भारी आंकड़े में पुलिस बल तैनात किया गया है। यह मांग अब तक जारी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विवादित मस्जिद कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित है तथा इसे मुस्लिम समुदाय जामा मस्जिद के नाम से जानता है। प्रशासन ने इस मस्जिद को वैध ठहराया है, किन्तु हिन्दू संगठनों का दावा है कि इसका निर्माण अवैध है। सोमवार को इन संगठनों ने लगभग 3 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला, जिसे ‘धर्म जागरण यात्रा’ का नाम दिया गया। इस यात्रा के चलते ढोल-नगाड़े बजते रहे तथा लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनकर भगवा ध्वज लहराया। जुलूस का आरम्भ रामशिला से हुआ, जिसमें बड़े आंकड़े में लोग सम्मिलित थे। जब यह जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुँचा, तो कुछ प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए और मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे। पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन्हें रोकने का प्रयास किया, जिसके चलते हल्की धक्का-मुक्की हुई।

हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ने दिया तथा मस्जिद के पास कोई प्रदर्शन नहीं होने दिया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 163 लागू कर दी थी।प्रदर्शनकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ करने के पश्चात् सनातन धर्म की रक्षा की शपथ ली और मस्जिद को गिराने की माँग को लेकर प्रशासन से वार्ता की। उपायुक्त तोरुल एस रवीश एवं SDM विकास शुक्ला ने मस्जिद के वैध दस्तावेज़ दिखाए, मगर प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए। SDM विकास शुक्ला ने बताया कि अखाड़ा बाजार की जामा मस्जिद वक्फ बोर्ड के अधीन है, इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अधिक उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।

गौरतलब है कि 21 जून 2017 को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए नगर परिषद कुल्लू से शिकायत की थी। 28 जून को नगर परिषद ने एक नोटिस जारी किया, तत्पश्चात, मस्जिद का निर्माण कार्य रोक दिया गया था। यह मस्जिद 14 जुलाई 2000 से अस्तित्व में है, जहाँ पहले एक मंजिल थी तथा बाद में तीन मंजिलें बनाई गईं। हालांकि, आरोप है कि मस्जिद का निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं हुआ, जिसकी तहकीकात शहरी विकास विभाग द्वारा की जा रही है। हिन्दू संगठनों ने अब प्रशासन पर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इस मामले को अदालत में ले जाने की घोषणा की है।

मारा गया नसरल्ला और आंसू महबूबा के निकल रहे हैं” वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने पीडीपी प्रमुख को घेरा

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हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्ला की मौत के बाद भारत में सियासत तेज हो गई है। एक तरफ पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्ला नेता नसरल्ला को शहीद बताया तो दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने तंज कसा है। उन्होंने कहा, "मारा नसरल्ला गया है और आंसू महबूबा के निकल रहे हैं"

विनोद बंसल ने कहा, "राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जो बयान दिया है, मैं उनसे यही कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्‍छेद -370 खत्म हो गया है और उनकी मानसिक विदाई का भी समय आ गया है। यह सब तो अब तक खत्म हो जाना चाहिए था।"

विनोद बंसल ने कहा, "महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर अनुच्‍छेद-370 खत्म हो गया, तो कश्मीर घाटी में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा। लेकिन, अब वहां चारों और सिर्फ तिरंगा ही दिखाई देता है। उन्हें अब गाजा के लिए बाजा बजाना और आतंकियों के लिए आंसू बहाना बंद कर देना चाहिए।" उन्होंने कहा, "हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्ला के साथ उनका कोई भला नहीं होने वाला है। अगर भला होगा तो भारत तथा मानवता और यूएन के साथ खड़ा होकर ही हो पाएगा। उन्हें अब आतंकियों की पैरवी बंद कर देनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोग भी उनकी मानसिकता को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। इसलिए उन्हें मानवता की ‘महबूबा' बनना है। अन्यथा समाज उन्हें छोड़ेगा नहीं।"

मुफ्ती ने नसरुल्ला को बताया शहीद

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने नसरुल्ला को शहीद बताया और कल (रविवार) के अपने सभी चुनावी कार्यक्रम रद कर दिए थे।महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा कि लेबनान और गाजा के शहीदों, खासकर हसन नसरुल्ला के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल (रविवार) अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख और अनुकरणीय प्रतिरोध की घड़ी में फिलीस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।

कौन था नसरुल्ला?

बता दें कि हसन नसरुल्ला सन् 1992 से हिजबुल्लह का चीफ था। वह लेबनान की मजबूत राजनीतिक और सैन्य ताकत के रूप में उभरा था। उसे न सिर्फ लेबनान में बल्कि पश्चिम एशिया के प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता था। नसरुल्ला ने 30 सालों से भी ज्यादा समय तक आतंकवादी ग्रुप हिजबुल्ला की लीडरशिप की।

गणेश जी की मूर्ति को पुलिस वैन में बंद करने पर विवाद, बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर किया हमला

कर्नाटक में गणेश जी की मूर्ति को पुलिस वैन में बंद करने के मामले पर सियासी संग्राम छिड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता लगातार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें बप्पा की मूर्ति पुलिस वैन में रखी हुई दिखाई दे रही है.

इस मुद्दे पर तेज होती सियासत के बीच बेंगलुरु पुलिस ने सफाई दी है. पुलिस ने कहा, 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ता गणेश भगवान की मूर्ति को लेकर प्रोटेस्ट करने के लिए आए थे. चूंकि टाउन हॉल में प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी इसीलिए पुलिस ने प्रतिमा को जब्त करते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. ये कार्यवाई नियमों के मुताबिक ही की गई है.'

क्या बोले बीजेपी नेता?

बीजेपी नेता बीएल संतोष ने वायरल तस्वीर और गणपति विसर्जन के दौरान हुई दो गुटों की झड़प के मामले में दर्ज हुई एफआईआर के मुद्दे पर कर्नाटक सरकार को घेरा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीएल संतोष ने लिखा, 'पुलिस वैन में गणपति जी की मूर्ति की ये फोटो और कार्यक्रम के आयोजकों को आरोपी के रूप में दिखाने वाली ये एफआईआर देशभर में कांग्रेस को परेशान करेगी, विशेषतौर से कर्नाटक में जहां सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार वामपंथी उदारवादियों की मर्जी पर चलती है.'

एकनाथ शिंदे का वार

कर्नाटक में गणपति की मूर्ति विवाद में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कांग्रेस को घेरा. शिंदे ने कहा, 'ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. गणपति उत्सव को रोककर मूर्ति भी जब्त कर ली. महाराष्ट्र और पूरे देश के लोग कांग्रेस सरकार को करारा जवाब दिए बिना नहीं बैठने वाले.'

टीपू सुल्तान की विरासत की याद दिलाई'

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कर्नाटक सरकार के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मांड्या में बहुत ही पीड़ादायक तस्वीर आई है. वो बोले कि गणेशोत्सव के दौरान सिद्दारमैया सरकार की ज्यादतियां टीपू सुल्तान की विरासत की याद दिलाती हैं.

'मंदिर आए तो वाहन जब्त कर लेंगे..', कांग्रेस सरकार ने 3 दिवसीय लोधी मल्लैया उत्सव पर लगाया प्रतिबंध तो विरोध में उतरे हिन्दू संगठन

विश्व हिंदू परिषद (VHP), तेलंगाना ने हिंदू समुदाय के धार्मिक अधिकारों और भावनाओं पर निर्णय के प्रभाव पर गहरी चिंताओं का हवाला देते हुए लोधी मल्लैया उत्सव पर प्रतिबंध को तत्काल हटाने का आह्वान किया है। यह उत्सव, जो सालाना हजारों भक्तों को आकर्षित करता है, जो पारंपरिक रूप से पहली एकादशी के दिन से शुरू होकर तीन दिनों तक आयोजित किया जाता है। इस साल, यह उत्सव 17 जुलाई, 2024 को शुरू होने वाला है। प्रसिद्ध लोधी मल्लैया मंदिर महबूबनगर जिले के मन्नानूर चेकपोस्ट श्रीशैलम रोड के पास नल्लमल्ला वन में स्थित है।

हालाँकि, राज्य की कांग्रेस सरकार के अंतर्गत आने वाले तेलंगाना वन विभाग और अचंपेट वन रेंज अधिकारी ने एक बयान जारी कर उत्सव को स्थगित करने की घोषणा की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि मंदिर में आने वाले भक्तों को वन कानूनों के तहत दंड का सामना करना पड़ सकता है और उनके वाहन जब्त किए जा सकते हैं। इस घोषणा ने भक्तों, विहिप और हिंदू संगठनों की ओर से कड़ी निंदा की है। राज्य की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए, विहिप ने कहा कि हिंदू समुदाय ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को वोट दिया था, जिससे उन्हें सत्ता हासिल करने में मदद मिली। अब सरकार बनने के बाद विहिप ने सवाल उठाया है कि कांग्रेस हिंदू मान्यताओं का ख्याल क्यों नहीं रख रही है और क्या वे इस तरह से किसी अन्य समुदाय के त्योहारों पर प्रतिबंध लगाएंगे।


विहिप तेलंगाना के संयुक्त सचिव डॉ. शशिधर ने कहा, "कांग्रेस सरकार द्वारा त्योहार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला न केवल हिंदू मान्यताओं को कमजोर करता है, बल्कि समुदाय के मूल अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।" उनका तर्क है कि अगर पर्यटकों को पर्यटन पैकेज के तहत पूरे साल इस क्षेत्र में आने की अनुमति दी जाती है, तो तीन दिनों के लिए आने वाले भक्तों के लिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। विहिप तेलंगाना ने यह भी उजागर किया कि वार्षिक उत्सव ने बाघों के प्रजनन को कभी प्रभावित नहीं किया है, जैसा कि बाघों की बढ़ती आबादी से संकेत मिलता है।

डॉ. शशिधर ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और वरिष्ठ वन अधिकारियों से त्योहार को हमेशा की तरह जारी रखने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है। विहिप तेलंगाना ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में मांग की है कि अचंपेट वन रेंज अधिकारी को हिंदू विरोधी एजेंडे के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। संगठन ने अधिकारियों से अचंपेट वन क्षेत्र के भीतर प्रमुख तीर्थ स्थलों पर जाने वाले भक्तों को अधिकारी द्वारा कथित रूप से जानबूझकर बाधा डालने की जांच करने और उसका समाधान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर तेलंगाना सरकार प्रतिबंध लागू करती है, तो वे भक्तों के साथ मिलकर सीधे विरोध प्रदर्शन करेंगे। डॉ. शशिधर ने कहा, "हम अधिकारियों को लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं।" उन्होंने समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं को बनाए रखने के लिए इस मुद्दे को हल करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল কংগ্রেসের প্রার্থীর প্রচারে অভিনেতা সোহম চক্রবর্তী ও রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস
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এসবি নিউজ ব্যুরো: আজ উত্তর দিনাজপুরের চোপড়ায় দার্জিলিং লোকসভা কেন্দ্রের তৃণমূল কংগ্রেসের প্রার্থী গোপাল লামার সমর্থনে প্রচার করেন অভিনেতা সোহম চক্রবর্তী ও রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস। এদিন দুপুরে চোপড়ার কাঁচাকালী কালীমন্দিরে পুজো দিয়ে হুডখোলা গাড়িতে করে প্রচার শুরু করেন। অভিনেতার সাথে প্রচারে উপস্থিত ছিলেন রাজ্যের মন্ত্রী অরূপ বিশ্বাস ও চোপড়ার বিধায়ক হামিদুল রহমান। এদিন চোপড়ার ব্লকের বিভিন্ন এলাকায় প্রচার করেন তারা। অভিনেতার প্রচারে কয়েক'শ  বাইক নিয়ে মিছিলে অংশ নেয় তৃণমূল কংগ্রেসের কর্মী সমর্থকেরা।
బిజెపి నల్లగొండ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం ఆధ్వర్యంలో నల్గొండ 35వ వార్డులో బిజెపి టిఫిన్ బైటెక్ కార్యక్రమం,బిజెపి జండా ఆవిష్కరణ..

బిజెపి నల్లగొండ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం ఆధ్వర్యంలో నల్గొండ 35వ వార్డులో బిజెపి టిఫిన్ బైటెక్ కార్యక్రమం,బిజెపి జండా ఆవిష్కరణ..

భారతీయ జనతా పార్టీ అల్పాహార సమావేశం( టిఫిన్ బైటెక్ )అనంతరం.భారతీయ జనతా పార్టీ ఆవిర్భావ దినోత్సవం సందర్భంగా 35వ వార్డులో బీజెపీ జిల్లా ఉపాధ్యక్షులు మిర్యాల వెంకటేశం గారి ఆధ్వర్యంలో జెండావిష్కరణ కార్యక్రమాన్ని విజయవంతంగా నిర్వహించడం జరిగింది. ఈ కార్యక్రమంలో స్థానిక కౌన్సిలర్ గుర్రం ధనలక్ష్మి వెంకటేశ్వర్లు VHP జిల్లా గౌరవ అధ్యక్షులు కర్నా టి యాదగిరి గారు.శ్యామల తారక్. సురెపల్లి వెంకటేశ్వర్లు. పున్న రామేశ్వర్ .మూడ సైదులు.పొట్టబత్తుల శ్రీను.కైరంకొండ చంద్రశేఖర్.చెరుకు శివశంకర్. గంజి శ్యాంసుందర్ .జువ్వాజి సోమయ్య. తదితరులు పాల్గొన్నారు.ఈ సందర్భంగా సీనియర్ కార్యకర్తలకు సన్మానం చేయడం జరిగింది.