India

Jun 18 2024, 10:30

24 साल बाद उत्तर कोरिया जा रहे पुतिन, जानिए क्या हैं इसके मायने

#russian_president_vladimir_putin_on_visit_of_north_korea 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पहुंचने वाले हैं। बीते 24 वर्षों में पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी। माना जा रहा है कि पुतिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात कर के सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश अमेरिका के साथ अपने अलग-अलग मतभेदों के मद्देनजर अपने गठबंधन को और मजबूत कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि पुतिन किम के निमंत्रण पर मंगलवार और बुधवार को राजकीय यात्रा पर रहेंगे। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस बारे में तत्काल विस्तृत जानकारी नहीं दी है। साथ ही रूस ने भी इस यात्रा की पुष्टि की।इस बात को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि रूस और उत्तर कोरिया एक दूसरे से क्या चाहते हैं। ऐसा लगता है कि ये सारा मामला हथियारों की आपूर्ति पर जाकर रुक जाता है।

पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर ऐसे वक्त जा रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी हथियार समझौते के बारे में चिंता जता रहा है। माना जा रहा है कि प्योंगयांग द्वारा आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में मास्को को आवश्यक हथियार उपलब्ध कराया जाएगा। युक्रेन से जारी युद्ध में ये हथियार पुतिन के लिए बहुत ज्यादा ही जरूरी हैं। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने तोप के लगभग पचास लाख गोले रूस भेजे हैं।

सवाल ये है कि पुतिन का दौरा क्यों अहम है और वो इसी वक़्त क्यों उत्तर कोरिया जा रहे हैं? पहली बात तो ये है कि पुतिन चूंकि सिर्फ़ दूसरी बार उत्तर कोरिया जाने वाले हैं, तो उनके दौरे को लेकर उत्सुकता होना लाज़मी है। इससे पहले वो साल 2000 में तब उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे, जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति का पद संभाला था। उस समय किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता थे। लेकिन, इससे इतर दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है, जो एक दूसरे के प्रति दोस्ती जताने से आगे बढ़कर अब एक दूसरे के फ़ायदे वाला हो गया है और इससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी भी रूस और उत्तर कोरिया के संबंध उस स्तर के नहीं हैं, जैसे सोवियत संघ के ज़माने में थे।

हालांकि, रूस के लिए एक ऐसा साझीदार तलाशना काफ़ी महत्वपूर्ण है जो उसी की तरह पश्चिमी देशों और उनके प्रतिबंधों से नफ़रत करता हो और इसी वजह से रूस के साथ कारोबार करने के लिए राज़ी हो।

WestBengalBangla

Jun 14 2024, 18:14

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*

msyadav

Feb 19 2024, 14:47

అక్రిడిటేషన్‌ అనేది రాయితీ కార్డు మాత్రమే* *-జర్నలిస్టులని గుర్తించే పట్టా కానే కాదు* *-నిజాలు రాసేవారంతా జర్నలిస్టులే* *-చిన్నపెద్


అక్రిడిటేషన్‌ అనేది రాయితీ కార్డు మాత్రమే

-జర్నలిస్టులని గుర్తించే పట్టా కానే కాదు

-నిజాలు రాసేవారంతా జర్నలిస్టులే

-చిన్నపెద్ద అనేది సిండికేట్ల సృష్టే

-జర్నలిస్టు ఔనో కాదో తేల్చాల్సింది పత్రిక ఎడిటర్లు మాత్రమే "ఖాకీలు" కాదు.

-డెమోక్రటిక్ జర్నలిస్ట్ ఫెడరేషన్ జాతీయ అధ్యక్షుడు:మనసాని కృష్ణారెడ్డి.

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msyadav
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Feb 05 2024, 20:23

कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट, जानें कितने समय से हैं अंतरिक्ष में

#878daysinspacerecordbrokenbyrussiancosmonaut_oleg

रूस ने अंतरिक्ष में बड़ा कमाल कर दिखाया है।रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। उन्होंने 878 से अधिक दिन में स्पेस में रह कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।ऐसा करके उन्होंने अपने ही देश के अंतरिक्ष यात्री गेन्नेडी पडल्का का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गेन्नेडी ने अंतरिक्ष में 878 दिन बिताए थे। वहीं, ओलेग अभी भी स्पेस में बने हुए हैं।

5 जून तक अंतरिक्ष में रह सकते हैं

बताया जा रहा है कि 59 वर्षीय ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो स्पेस में रहते हुए उनके 1 हजार दिन पूरे हो जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए इंटरव्यू में ओलेग ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया, मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरता हूं, रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं। ओलेग धरती से करीब 427 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे हैं।

2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया

कोनोनेंको ने रूसी एजेंसी तास के दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बचपन से ही स्पेस में जाने की इच्छा थी। वे अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में आना पसंद करते हैं। कोनोनेंको ने 2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया है।

ड्राइवर के बेटे का अंतरिक्ष से लगाव

21 जून, 1964 को तुर्कमेनिस्तान में जन्मे ओलेग को बचपन से अंतरिक्ष को समझने में दिलचस्पी थी। उनके पिता दिमित्री इवानोविच एक कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे और मां ताइसिया तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट पर कम्युनिकेशन ऑपरेटर थीं। ओलेग ने इसी देश से हाईस्कूल किया। इसके साथ स्थानीय भाषा में सर्वाधिक नम्बर पाने का कीर्तिमान हासिल किया।

India

Mar 15 2023, 10:42

काला सागर के ऊपर रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन में टक्कर, यूएस ने जताई कड़ी आपत्ति, बढ़ सकता है तनाव

#russianjetcollideswithusdroneoverblacksea

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनियाभर के देशों के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है। दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। दरअसल, काला सागर में एक रूसी जेट की अमेरिकी ड्रोन से टक्कर हो गई। अमेरिका का दावा है कि रूसी जेट ने जानबूझकर टक्कर मारकर अमेरिकी ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन से टकराया और उसे मार गिराया। जानकारी के मुताबिक ब्लैक सी के उपर मंगलवार को अमेरिकी ड्रोन और रूसी जेट आमने सामने आ गए जिसके बाद रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन को नीचे गिराने के लिए उससे टकराया और ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया।

अमेरिकी सेना के अनुसार, काला सागर के ऊपर एक रूसी एसयू-27 फाइटर जेट अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन से टकरा गया, कहा गया है कि अमेरिकी वायु सेना को अपने मानवरहित विमान को नीचे उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा।अमेरिकी वायु सेना के जनरल जेम्स हेकर ने कहा कि एमक्यू -9 विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित संचालन कर रहा था, जब इसे एक रूसी विमान द्वारा रोका गया और मारा गया, जिसके परिणामस्वरूप एक दुर्घटना हुई और ड्रोन का पूर्ण नुकसान हुआ।

अमेरिका का दावा जानबूझकर रूस की हरकत

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस का जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आया था और जेट से तेल गिराने लगा था। इस दौरान एक जेट ने ड्रोन के प्रोपेलर को नुकसान पहुंचाया है। ये प्रोपेलर ड्रोन के पीछे लगा था। प्रोपेलर को नुकसान पहुंचते ही अमेरिकी सेना को मजबूरन रीपर को नीचे लाना पड़ा।

रूस बोला- विमान से टकराने से पहले ही गिरा ड्रोन

उधर, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर गया। रूस ने दावा किया है कि अमेरिकी सैन्य ड्रोन रूसी सीमा पर तेजी से मंडरा रहा था और इस कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसके लड़ाकू विमान ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।

बता दें कि काला सागर वो जल क्षेत्र है जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन दोनों से मिलती है। यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी समय से इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां बढ़ी हुई हैं।

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Jun 18 2024, 10:30

24 साल बाद उत्तर कोरिया जा रहे पुतिन, जानिए क्या हैं इसके मायने

#russian_president_vladimir_putin_on_visit_of_north_korea 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पहुंचने वाले हैं। बीते 24 वर्षों में पुतिन की उत्तर कोरिया की पहली यात्रा होगी। माना जा रहा है कि पुतिन उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात कर के सैन्य सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश अमेरिका के साथ अपने अलग-अलग मतभेदों के मद्देनजर अपने गठबंधन को और मजबूत कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि पुतिन किम के निमंत्रण पर मंगलवार और बुधवार को राजकीय यात्रा पर रहेंगे। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस बारे में तत्काल विस्तृत जानकारी नहीं दी है। साथ ही रूस ने भी इस यात्रा की पुष्टि की।इस बात को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि रूस और उत्तर कोरिया एक दूसरे से क्या चाहते हैं। ऐसा लगता है कि ये सारा मामला हथियारों की आपूर्ति पर जाकर रुक जाता है।

पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर ऐसे वक्त जा रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय किसी हथियार समझौते के बारे में चिंता जता रहा है। माना जा रहा है कि प्योंगयांग द्वारा आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में मास्को को आवश्यक हथियार उपलब्ध कराया जाएगा। युक्रेन से जारी युद्ध में ये हथियार पुतिन के लिए बहुत ज्यादा ही जरूरी हैं। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ने तोप के लगभग पचास लाख गोले रूस भेजे हैं।

सवाल ये है कि पुतिन का दौरा क्यों अहम है और वो इसी वक़्त क्यों उत्तर कोरिया जा रहे हैं? पहली बात तो ये है कि पुतिन चूंकि सिर्फ़ दूसरी बार उत्तर कोरिया जाने वाले हैं, तो उनके दौरे को लेकर उत्सुकता होना लाज़मी है। इससे पहले वो साल 2000 में तब उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे, जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति का पद संभाला था। उस समय किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता थे। लेकिन, इससे इतर दोनों देशों के बीच एक ऐसा रिश्ता है, जो एक दूसरे के प्रति दोस्ती जताने से आगे बढ़कर अब एक दूसरे के फ़ायदे वाला हो गया है और इससे पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी भी रूस और उत्तर कोरिया के संबंध उस स्तर के नहीं हैं, जैसे सोवियत संघ के ज़माने में थे।

हालांकि, रूस के लिए एक ऐसा साझीदार तलाशना काफ़ी महत्वपूर्ण है जो उसी की तरह पश्चिमी देशों और उनके प्रतिबंधों से नफ़रत करता हो और इसी वजह से रूस के साथ कारोबार करने के लिए राज़ी हो।

WestBengalBangla

Jun 14 2024, 18:14

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*

msyadav

Feb 19 2024, 14:47

అక్రిడిటేషన్‌ అనేది రాయితీ కార్డు మాత్రమే* *-జర్నలిస్టులని గుర్తించే పట్టా కానే కాదు* *-నిజాలు రాసేవారంతా జర్నలిస్టులే* *-చిన్నపెద్


అక్రిడిటేషన్‌ అనేది రాయితీ కార్డు మాత్రమే

-జర్నలిస్టులని గుర్తించే పట్టా కానే కాదు

-నిజాలు రాసేవారంతా జర్నలిస్టులే

-చిన్నపెద్ద అనేది సిండికేట్ల సృష్టే

-జర్నలిస్టు ఔనో కాదో తేల్చాల్సింది పత్రిక ఎడిటర్లు మాత్రమే "ఖాకీలు" కాదు.

-డెమోక్రటిక్ జర్నలిస్ట్ ఫెడరేషన్ జాతీయ అధ్యక్షుడు:మనసాని కృష్ణారెడ్డి.

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Feb 05 2024, 20:23

कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट, जानें कितने समय से हैं अंतरिक्ष में

#878daysinspacerecordbrokenbyrussiancosmonaut_oleg

रूस ने अंतरिक्ष में बड़ा कमाल कर दिखाया है।रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। उन्होंने 878 से अधिक दिन में स्पेस में रह कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।ऐसा करके उन्होंने अपने ही देश के अंतरिक्ष यात्री गेन्नेडी पडल्का का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गेन्नेडी ने अंतरिक्ष में 878 दिन बिताए थे। वहीं, ओलेग अभी भी स्पेस में बने हुए हैं।

5 जून तक अंतरिक्ष में रह सकते हैं

बताया जा रहा है कि 59 वर्षीय ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो स्पेस में रहते हुए उनके 1 हजार दिन पूरे हो जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए इंटरव्यू में ओलेग ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया, मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरता हूं, रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं। ओलेग धरती से करीब 427 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे हैं।

2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया

कोनोनेंको ने रूसी एजेंसी तास के दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बचपन से ही स्पेस में जाने की इच्छा थी। वे अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में आना पसंद करते हैं। कोनोनेंको ने 2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया है।

ड्राइवर के बेटे का अंतरिक्ष से लगाव

21 जून, 1964 को तुर्कमेनिस्तान में जन्मे ओलेग को बचपन से अंतरिक्ष को समझने में दिलचस्पी थी। उनके पिता दिमित्री इवानोविच एक कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे और मां ताइसिया तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट पर कम्युनिकेशन ऑपरेटर थीं। ओलेग ने इसी देश से हाईस्कूल किया। इसके साथ स्थानीय भाषा में सर्वाधिक नम्बर पाने का कीर्तिमान हासिल किया।

India

Mar 15 2023, 10:42

काला सागर के ऊपर रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन में टक्कर, यूएस ने जताई कड़ी आपत्ति, बढ़ सकता है तनाव

#russianjetcollideswithusdroneoverblacksea

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनियाभर के देशों के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है। दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। दरअसल, काला सागर में एक रूसी जेट की अमेरिकी ड्रोन से टक्कर हो गई। अमेरिका का दावा है कि रूसी जेट ने जानबूझकर टक्कर मारकर अमेरिकी ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन से टकराया और उसे मार गिराया। जानकारी के मुताबिक ब्लैक सी के उपर मंगलवार को अमेरिकी ड्रोन और रूसी जेट आमने सामने आ गए जिसके बाद रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन को नीचे गिराने के लिए उससे टकराया और ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया।

अमेरिकी सेना के अनुसार, काला सागर के ऊपर एक रूसी एसयू-27 फाइटर जेट अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन से टकरा गया, कहा गया है कि अमेरिकी वायु सेना को अपने मानवरहित विमान को नीचे उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा।अमेरिकी वायु सेना के जनरल जेम्स हेकर ने कहा कि एमक्यू -9 विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित संचालन कर रहा था, जब इसे एक रूसी विमान द्वारा रोका गया और मारा गया, जिसके परिणामस्वरूप एक दुर्घटना हुई और ड्रोन का पूर्ण नुकसान हुआ।

अमेरिका का दावा जानबूझकर रूस की हरकत

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस का जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आया था और जेट से तेल गिराने लगा था। इस दौरान एक जेट ने ड्रोन के प्रोपेलर को नुकसान पहुंचाया है। ये प्रोपेलर ड्रोन के पीछे लगा था। प्रोपेलर को नुकसान पहुंचते ही अमेरिकी सेना को मजबूरन रीपर को नीचे लाना पड़ा।

रूस बोला- विमान से टकराने से पहले ही गिरा ड्रोन

उधर, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर गया। रूस ने दावा किया है कि अमेरिकी सैन्य ड्रोन रूसी सीमा पर तेजी से मंडरा रहा था और इस कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसके लड़ाकू विमान ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।

बता दें कि काला सागर वो जल क्षेत्र है जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन दोनों से मिलती है। यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी समय से इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां बढ़ी हुई हैं।