India

Apr 26 2024, 16:13

NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

#supremecourtissuesnoticetoecion_nota

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।

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Apr 26 2024, 15:13

EVM-VVPAT पर आए फैसले के बाद विपक्ष पर बरसे PM मोदी, बोले-मतपेटियां लूटने वालों को मिला जवाब

#pmmodiattackedcongressrjdonevmvvpatsupremecourtverdict

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।

कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना

देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।

कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।

నిజంనిప్పులాంటిది

Apr 26 2024, 10:12

ఈవీఎం ఓట్లు, వీవీప్యాట్ స్లిప్పులు మ్యాచ్ అవుతాయా? నేడు సుప్రీంకోర్టు తీర్పు

100% ఎలక్ట్రానిక్ ఓటింగ్ మెషిన్ (ఈవీఎం) ఓట్లు మరియు ఓటర్ వెరిఫైయబుల్ పేపర్ ఆడిట్ ట్రయల్ (వీవీపీఏటీ) స్లిప్‌లను 100% క్రాస్ చెక్ చేయాలన్న డిమాండ్‌పై లోక్‌సభ ఎన్నికల రెండో దశ ఓటింగ్ కొనసాగుతోంది ఇదిలావుండగా, జూన్ 4న లోక్‌సభ ఎన్నికల కౌంటింగ్ జరిగేటప్పుడు ఈవీఎం ఓట్లతో వీవీప్యాట్ స్లిప్‌లు సరిపోతాయా లేదా అనేదానిపై సుప్రీంకోర్టు ఈరోజే నిర్ణయం తీసుకోనుంది. EVM మరియు VVPAT స్లిప్‌లను సరిపోల్చాలని డిమాండ్ చేస్తూ చాలా సంస్థలు పిటిషన్లు దాఖలు చేశాయని మీకు తెలియజేద్దాం. ఏప్రిల్ 24న ఈ కేసు విచారణ అనంతరం కోర్టు తన నిర్ణయాన్ని రిజర్వ్‌లో పెట్టింది.

ఓటర్ వెరిఫైయబుల్ పేపర్ ఆడిట్ ట్రయిల్ (వీవీపీఏటీ)తో ఎలక్ట్రానిక్ ఓటింగ్ మెషీన్‌లలో (ఈవీఎం) వేసిన ఓట్లను తప్పనిసరిగా క్రాస్ వెరిఫికేషన్ చేయాలంటూ దాఖలైన పిటిషన్లపై సుప్రీంకోర్టులో జస్టిస్ సంజీవ్ ఖన్నా నేతృత్వంలోని ధర్మాసనం శుక్రవారం తీర్పు వెలువరించనుంది . ఈ బెంచ్‌లో జస్టిస్ దీపాంకర్ దత్తా కూడా ఉన్నారు. ఈవీఎంల పనితీరుకు సంబంధించిన కొన్ని సాంకేతిక అంశాలపై స్పష్టత ఇవ్వాలంటూ భారత ఎన్నికల సంఘం అధికారిని బుధవారం అంతకుముందు కోర్టు సమన్లు ​​జారీ చేసింది.

ఈ పిటిషన్లపై విచారణ జరిపి ఎన్నికల సంఘం నుంచి స్పష్టత ఇవ్వడంతో సుప్రీంకోర్టు బుధవారం తన నిర్ణయాన్ని రిజర్వ్ చేసింది. వీవీప్యాట్ స్లిప్పుల ద్వారా ఈవీఎం ఓట్లను 100 శాతం వెరిఫికేషన్ చేయాలంటూ దాఖలైన పిటిషన్లపై సుప్రీంకోర్టు నేడు తీర్పు వెలువరించనుంది. ఎన్నికల ప్రక్రియలో స్వచ్ఛత ఉండాలని గత విచారణలో సుప్రీంకోర్టు ఎన్నికల కమిషన్‌కు చెప్పింది.

బుధవారం తీర్పును రిజర్వ్ చేస్తూ, ఎన్నికలను నియంత్రించలేమని, రాజ్యాంగ సంస్థకు నియంత్రణ అధికారంగా వ్యవహరించలేమని సుప్రీంకోర్టు వ్యాఖ్యానించింది. తప్పు చేసిన వ్యక్తి పర్యవసానాలను ఎదుర్కోవడానికి చట్టం కింద నిబంధనలు ఉన్నాయి. కేవలం అనుమానం ఆధారంగా కోర్టు మాండమస్‌ మంజూరు చేయదు. ఓటింగ్ యంత్రాల ప్రయోజనాలను అనుమానించే వారి ఆలోచనా విధానాన్ని మార్చలేమని, బ్యాలెట్‌లోకి తిరిగి రావాలని న్యాయస్థానం పేర్కొంది.

India

Apr 26 2024, 09:28

क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज*
#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

India

Apr 26 2024, 09:08

क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए।

बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

WestBengalBangla

Apr 24 2024, 08:52

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।

Begusarai

Apr 20 2024, 19:51

लोकसभा चुनाव को लेकर आयुक्त ने की समीक्षा बैठक: डिस्पैच सेंटर और मतगणना केंद्र का भी किया निरीक्षण

लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर आज मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। 

बैठक में डीएम, एडीएम, डीडीसी, एडीएम-पीजीआरओ, डीपीआरओ एवं विभिन्न कोषांग के नोडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में डीएम रोशन कुशवाहा द्वारा आदर्श आचार संहिता, विधि-व्यवस्था का संधारण, मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं प्रशिक्षण, EVM डिस्पैच सेंटर, मतदान केन्द्रों पर AMF की व्यवस्था, निर्वाचन व्यय संबंधी विधि-व्यवस्था, कम्यूनिकेशन प्लान, EVM एवं वजगृह इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया।

कार्मिक कोषांग के नोडल पदाधिकारी द्वारा मतदान कर्मियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी। पोस्टल बैलेट कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने पोस्टल बैलेट एवं फैसिलिटेशन सेंटर की तैयारी के बारे में जानकारी दी। वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी द्वारा बताया कि वाहन की आवश्यकता एवं उपलब्धता क्या है। EVM कोषांग के प्रभारी द्वारा EVM कमिशनिंग की जानकारी दी गई।

आयुक्त ने निर्देश दिया कि EVM कमिशनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में अधिक कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं मतदान केन्द्र अनुसार टेबुल की संख्या का आकलन कर लें।उन्होंने कम वोटिंग वाले बूथों के आसपास मतदाता जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। 

इस पर स्वीप कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि सभी कम वोटिंग वाले बूथों को चिन्हित कर लिया गया है। आईसीडीएस, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, जीविका इत्यादि के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है।

होर्डिंग और फ्लैक्स के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है। नेहरू युवा केन्द्र, स्वीप आइकन, इंडियन ऑयल, डाकघर, विभिन्न बैंक एवं एनसीसी के द्वारा भी मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 

बैठक के बाद आयुक्त ने जीडी कॉलेज डिस्पैच सेंटर, एपीएसएम कॉलेज बरौनी डिस्पैच सेंटर, आरसीएसएस कॉलेज मंझौल डिस्पैच सेंटर एवं बाजार समिति स्थित मतगणना केन्द्र का निरीक्षण किया।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

Saharanpur

Apr 19 2024, 20:33

बेरोजगारी और विकास को लेकर हमने अपने वोट का चयन किया

अंकुर सैनी,सहारनपुर लोकसभा सीट पर वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है। दोपहर 3 बजे तक 53.31% मतदान हुआ। वोटर्स का कहना है कि हमारा और कोई मुद्दा नहीं है। बेरोजगारी और विकास को लेकर हमने अपने वोट का चयन किया है।

वहीं, एक वोटर ने बताया कि अंबाला रोड गुरु नानक इंटर कॉलेज की बूथ नंबर-117 की EVM खराब हुई है। इंतजार कर रहे हैं कि EVM ठीक हो जाए तो वोट डालें। खेमका सदन मतदान केंद्र पर बूथ संख्या 169 और बूथ संख्या 173 पर EVM मशीन खराब हुई। ऐसे में वोटिंग शुरू होने के दो घंटे में 3 जगह से EVM खराब होने की शिकायत मिली।

इमरान मसूद ने अंबाला रोड स्थित पीएनटी सेंटर पर वोट डाला। इमरान मसूद ने कहा- यह लोकतंत्र का महापर्व है। जिसमें हर नागरिक को डालना चाहिए। मैंने भी अपने मत का प्रयोग किया है। फिलहाल प्रशासन निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने में लगा है। आगे का पता नहीं।

वोट डालने के बाद भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा ने कहा- आज दिन की शुरुआत भगवान की पूजा पाठ के बाद वोट डालकर की है। यह लोकतंत्र का महापर्व है। इसमें सभी लोगों को हिस्सेदारी लेनी चाहिए और अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे लोगों का साथ दें जो संविधान का पालन करते हों।

भाजपा से राघव लखनपाल कैंडिडेट हैं। कांग्रेस से इमरान मसूद मैदान में है। 18.51 लाख वोटर मतदान करेंगे। सहारनपुर लोकसभा सीट में कुल 2708 मतदान स्थल बनाए गए है। जिनमें 867 मतदान केंद्रों पर 1926 मतदेय स्थल बनाए गए है। जिनमें से 1380 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिह्नित किए गए है। इन सीटों पर 9,74,625 पुरुष और 8,69,478 महिलाएं मतदाता है। नए मतदाता 1,41,477 है। जिनमें पहली बार वोट करने वाले 28,875 है।

बाइट : इमरान मसूद (कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी)

बाइट : राघव लखनपाल शर्मा (बीजेपी प्रत्याशी)

narsingh481

Apr 19 2024, 19:37

राजनीतिक दलों की उपस्थिति में EVM और VVPAT मशीनों का किया गया विधानसभा वार प्रथम रैण्डमाईज़ेशन
लखनऊ। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल (NIC) में जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी लखनऊ सूर्य पाल गंगवार के द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 और विधानसभा उप निर्वाचन के EVM और VVPAT मशीनों का प्रथम रैण्डमाईज़ेशन विधानसभा वार समस्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में किया गया।

रैण्डमाईज़ेशन प्रक्रिया में ज़िला निर्वाचन अधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन शुभी सिंह, अपर जिलाधिकारी भू अ प्रथम धर्मेन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व राकेश सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती राकेश सिंह, अपरनगर मैजिस्ट्रेट चतुर्थ सचिन वर्मा, DIO NIC कृष्ण मोहन, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अभय किशोर व समस्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उपस्थित राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को बताया गया की 29 अप्रैल 2024 से केकेसी कालेज में मतदान कार्मिकों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जिसके लिए 96 EVM व VVPAT का मूवमेंट मोहनलागंज स्थित वेयरहाउस से केकेसी कालेज में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों में किया जाएगा। रैण्डमाईज़ेशन का विवरण निमन्वत है:- 1) मलिहाबाद विधानसभा में 514 बैलट यूनिट, 514 कंट्रोल यूनिट और 546 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 2) बक्शी का तालाब में 618 बैलट यूनिट, 618 कंट्रोल यूनिट और 657 VVPAT यूनिट का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 3) सरोजनीनगर में 739 बैलेट यूनिट, 739 कंट्रोल यूनिट और 785 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 4) लखनऊ पश्चिम में 525 बैलेट यूनिट, 525 कंट्रोल यूनिट और 558 VVPAT यूनिट का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 5) लखनऊ पूर्व में 529 बैलेट यूनिट, 529 कंट्रोल यूनिट और 562 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 6) लखनऊ उत्तर में 501 बैलेट यूनिट, 501 कंट्रोल यूनिट और 533 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 7) लखनऊ मध्य में 430 बैलेट यूनिट, 430 कंट्रोल यूनिट और 457 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 8) लखनऊ कैंट में 419 बैलेट यूनिट, 419 कट्रोल यूनिट और 445 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 9) मोहनलालगंज में 506 बैलेट यूनिट, 506 कंट्रोल यूनिट और 538 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। *10) विधानसभा उप निर्वाचन* 173 विधानसभा लखनऊ पूर्व में 533 बैलेट यूनिट, 533 कंट्रोल यूनिट और 567 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया।

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Apr 17 2024, 16:28

ईवीएम से वोटिंग के खिलाफ दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को खूब सुनाया, कहा-हमें याद है की पहले मतदान में क्या होता था

#evm_vvpat_slip_counting_petition_hearing_in_supreme_court

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई हुई।इस दौरान कोर्ट ने बैलट पेपरों से वोटिंग के दौरान होने वाली समस्याओं की ओर इशारा किया। साथ ही, बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं को भी याद दिलाया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण से कहा, हम अपनी जिंदगी के छठे दशक में हैं। हम सभी जानते हैं कि जब बैलट पेपर्स से मतदान होता था, तब क्या समस्याएं होती थीं। हो सकता है आपको पता नहीं हो, लेकिन हम भूले नहीं हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े ने पैरवी की। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। मामले में करीब दो घंटे सुनवाई हुई।इसमें एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दलील दी कि VVPAT की स्लिप बैलट बॉक्स में डाली जाएं। जर्मनी में ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा, या तो बैलेट पेपर से चुनाव हों या वोटर को वीवीपैट पर्ची बॉक्स में डालने दी जाए। जिसे बाद में गिना जाए।

इस पर जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि वहां के एग्जाम्पल हमारे यहां नहीं चलते।जस्टिस दत्ता ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों पर कहा, मेरे गृह राज्य पश्चिम बंगाल की जनसंख्या जर्मनी से भी अधिक है। हमें किसी पर भरोसा करने की जरूरत है। इस तरह व्यवस्था को गिराने की कोशिश न करें। 

इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से ईवीएम के बनने से लेकर भंडारण और डेटा से छेड़छाड़ की आशंका तक हर चीज के बारे में बताने को कहा है। बेंच ने पूछा कि क्या वोटिंग के बाद गिनती में किसी गड़बड़ी के आरोपों को खत्म करने के लिए ईवीएम की तकनीकी जांच की जा सकती है? इस पर आयोग ने कहा कि हमारा पक्ष सुने बिना ऐसे कोई संकेत कोर्ट न दे। कोर्ट ने पूछा, क्या ईवीएम में हेरफेर करने पर कड़ी सजा का कानून है? लोगों में डर होना चाहिए। आयोग ने बताया कि इसे लेकर कार्यालय संबंधी कानून हैं।

इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप जर्मनी की बात कर रहे हैं। यहां 98 करोड़ वोटर हैं। हमारी उम्र 60 से ऊपर है। हमें याद है कि पहले के मतदान में क्या होता था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैलट पेपर पर लौटने से भी कई नुकसान हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने ईवीएम को हटाने की याचिका के पक्ष में अपनी बात रख रहे प्रशांत भूषण से पूछा कि अब आप क्या चाहते हैं?

इस पर उन्होंने कहा कि पहला ये कि बैलेट पेपर पर वापस जाएं। दूसरा 100 फीसदी वीवीपैट का मिलान हो। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि 60 करोड़ वोटों की गिनती हो। प्रशांत ने कहा कि बैलेट पैपर से वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं तो वीवीपैट की पर्ची मतदाताओं को दी जाए. मतदाता उसे एक बैलेट बॉक्स में डाल दे। अभी जो वीवीपैट है, उसका बॉक्स ट्रांसपेरेंट नहीं है। सिर्फ सात सेकंड के लिए पर्ची वोटर को दिखाई देती है।

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Apr 26 2024, 16:13

NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

#supremecourtissuesnoticetoecion_nota

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।

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Apr 26 2024, 15:13

EVM-VVPAT पर आए फैसले के बाद विपक्ष पर बरसे PM मोदी, बोले-मतपेटियां लूटने वालों को मिला जवाब

#pmmodiattackedcongressrjdonevmvvpatsupremecourtverdict

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।

कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना

देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।

कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।

నిజంనిప్పులాంటిది

Apr 26 2024, 10:12

ఈవీఎం ఓట్లు, వీవీప్యాట్ స్లిప్పులు మ్యాచ్ అవుతాయా? నేడు సుప్రీంకోర్టు తీర్పు

100% ఎలక్ట్రానిక్ ఓటింగ్ మెషిన్ (ఈవీఎం) ఓట్లు మరియు ఓటర్ వెరిఫైయబుల్ పేపర్ ఆడిట్ ట్రయల్ (వీవీపీఏటీ) స్లిప్‌లను 100% క్రాస్ చెక్ చేయాలన్న డిమాండ్‌పై లోక్‌సభ ఎన్నికల రెండో దశ ఓటింగ్ కొనసాగుతోంది ఇదిలావుండగా, జూన్ 4న లోక్‌సభ ఎన్నికల కౌంటింగ్ జరిగేటప్పుడు ఈవీఎం ఓట్లతో వీవీప్యాట్ స్లిప్‌లు సరిపోతాయా లేదా అనేదానిపై సుప్రీంకోర్టు ఈరోజే నిర్ణయం తీసుకోనుంది. EVM మరియు VVPAT స్లిప్‌లను సరిపోల్చాలని డిమాండ్ చేస్తూ చాలా సంస్థలు పిటిషన్లు దాఖలు చేశాయని మీకు తెలియజేద్దాం. ఏప్రిల్ 24న ఈ కేసు విచారణ అనంతరం కోర్టు తన నిర్ణయాన్ని రిజర్వ్‌లో పెట్టింది.

ఓటర్ వెరిఫైయబుల్ పేపర్ ఆడిట్ ట్రయిల్ (వీవీపీఏటీ)తో ఎలక్ట్రానిక్ ఓటింగ్ మెషీన్‌లలో (ఈవీఎం) వేసిన ఓట్లను తప్పనిసరిగా క్రాస్ వెరిఫికేషన్ చేయాలంటూ దాఖలైన పిటిషన్లపై సుప్రీంకోర్టులో జస్టిస్ సంజీవ్ ఖన్నా నేతృత్వంలోని ధర్మాసనం శుక్రవారం తీర్పు వెలువరించనుంది . ఈ బెంచ్‌లో జస్టిస్ దీపాంకర్ దత్తా కూడా ఉన్నారు. ఈవీఎంల పనితీరుకు సంబంధించిన కొన్ని సాంకేతిక అంశాలపై స్పష్టత ఇవ్వాలంటూ భారత ఎన్నికల సంఘం అధికారిని బుధవారం అంతకుముందు కోర్టు సమన్లు ​​జారీ చేసింది.

ఈ పిటిషన్లపై విచారణ జరిపి ఎన్నికల సంఘం నుంచి స్పష్టత ఇవ్వడంతో సుప్రీంకోర్టు బుధవారం తన నిర్ణయాన్ని రిజర్వ్ చేసింది. వీవీప్యాట్ స్లిప్పుల ద్వారా ఈవీఎం ఓట్లను 100 శాతం వెరిఫికేషన్ చేయాలంటూ దాఖలైన పిటిషన్లపై సుప్రీంకోర్టు నేడు తీర్పు వెలువరించనుంది. ఎన్నికల ప్రక్రియలో స్వచ్ఛత ఉండాలని గత విచారణలో సుప్రీంకోర్టు ఎన్నికల కమిషన్‌కు చెప్పింది.

బుధవారం తీర్పును రిజర్వ్ చేస్తూ, ఎన్నికలను నియంత్రించలేమని, రాజ్యాంగ సంస్థకు నియంత్రణ అధికారంగా వ్యవహరించలేమని సుప్రీంకోర్టు వ్యాఖ్యానించింది. తప్పు చేసిన వ్యక్తి పర్యవసానాలను ఎదుర్కోవడానికి చట్టం కింద నిబంధనలు ఉన్నాయి. కేవలం అనుమానం ఆధారంగా కోర్టు మాండమస్‌ మంజూరు చేయదు. ఓటింగ్ యంత్రాల ప్రయోజనాలను అనుమానించే వారి ఆలోచనా విధానాన్ని మార్చలేమని, బ్యాలెట్‌లోకి తిరిగి రావాలని న్యాయస్థానం పేర్కొంది.

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Apr 26 2024, 09:28

क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज*
#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

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Apr 26 2024, 09:08

क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए।

बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

WestBengalBangla

Apr 24 2024, 08:52

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।

Begusarai

Apr 20 2024, 19:51

लोकसभा चुनाव को लेकर आयुक्त ने की समीक्षा बैठक: डिस्पैच सेंटर और मतगणना केंद्र का भी किया निरीक्षण

लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर आज मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। 

बैठक में डीएम, एडीएम, डीडीसी, एडीएम-पीजीआरओ, डीपीआरओ एवं विभिन्न कोषांग के नोडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में डीएम रोशन कुशवाहा द्वारा आदर्श आचार संहिता, विधि-व्यवस्था का संधारण, मतदान कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं प्रशिक्षण, EVM डिस्पैच सेंटर, मतदान केन्द्रों पर AMF की व्यवस्था, निर्वाचन व्यय संबंधी विधि-व्यवस्था, कम्यूनिकेशन प्लान, EVM एवं वजगृह इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया।

कार्मिक कोषांग के नोडल पदाधिकारी द्वारा मतदान कर्मियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी। पोस्टल बैलेट कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने पोस्टल बैलेट एवं फैसिलिटेशन सेंटर की तैयारी के बारे में जानकारी दी। वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी द्वारा बताया कि वाहन की आवश्यकता एवं उपलब्धता क्या है। EVM कोषांग के प्रभारी द्वारा EVM कमिशनिंग की जानकारी दी गई।

आयुक्त ने निर्देश दिया कि EVM कमिशनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में अधिक कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं मतदान केन्द्र अनुसार टेबुल की संख्या का आकलन कर लें।उन्होंने कम वोटिंग वाले बूथों के आसपास मतदाता जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। 

इस पर स्वीप कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि सभी कम वोटिंग वाले बूथों को चिन्हित कर लिया गया है। आईसीडीएस, विकास मित्र, शिक्षा विभाग, जीविका इत्यादि के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है।

होर्डिंग और फ्लैक्स के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है। नेहरू युवा केन्द्र, स्वीप आइकन, इंडियन ऑयल, डाकघर, विभिन्न बैंक एवं एनसीसी के द्वारा भी मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 

बैठक के बाद आयुक्त ने जीडी कॉलेज डिस्पैच सेंटर, एपीएसएम कॉलेज बरौनी डिस्पैच सेंटर, आरसीएसएस कॉलेज मंझौल डिस्पैच सेंटर एवं बाजार समिति स्थित मतगणना केन्द्र का निरीक्षण किया।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

Saharanpur

Apr 19 2024, 20:33

बेरोजगारी और विकास को लेकर हमने अपने वोट का चयन किया

अंकुर सैनी,सहारनपुर लोकसभा सीट पर वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है। दोपहर 3 बजे तक 53.31% मतदान हुआ। वोटर्स का कहना है कि हमारा और कोई मुद्दा नहीं है। बेरोजगारी और विकास को लेकर हमने अपने वोट का चयन किया है।

वहीं, एक वोटर ने बताया कि अंबाला रोड गुरु नानक इंटर कॉलेज की बूथ नंबर-117 की EVM खराब हुई है। इंतजार कर रहे हैं कि EVM ठीक हो जाए तो वोट डालें। खेमका सदन मतदान केंद्र पर बूथ संख्या 169 और बूथ संख्या 173 पर EVM मशीन खराब हुई। ऐसे में वोटिंग शुरू होने के दो घंटे में 3 जगह से EVM खराब होने की शिकायत मिली।

इमरान मसूद ने अंबाला रोड स्थित पीएनटी सेंटर पर वोट डाला। इमरान मसूद ने कहा- यह लोकतंत्र का महापर्व है। जिसमें हर नागरिक को डालना चाहिए। मैंने भी अपने मत का प्रयोग किया है। फिलहाल प्रशासन निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने में लगा है। आगे का पता नहीं।

वोट डालने के बाद भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा ने कहा- आज दिन की शुरुआत भगवान की पूजा पाठ के बाद वोट डालकर की है। यह लोकतंत्र का महापर्व है। इसमें सभी लोगों को हिस्सेदारी लेनी चाहिए और अपने मत का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे लोगों का साथ दें जो संविधान का पालन करते हों।

भाजपा से राघव लखनपाल कैंडिडेट हैं। कांग्रेस से इमरान मसूद मैदान में है। 18.51 लाख वोटर मतदान करेंगे। सहारनपुर लोकसभा सीट में कुल 2708 मतदान स्थल बनाए गए है। जिनमें 867 मतदान केंद्रों पर 1926 मतदेय स्थल बनाए गए है। जिनमें से 1380 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चिह्नित किए गए है। इन सीटों पर 9,74,625 पुरुष और 8,69,478 महिलाएं मतदाता है। नए मतदाता 1,41,477 है। जिनमें पहली बार वोट करने वाले 28,875 है।

बाइट : इमरान मसूद (कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी)

बाइट : राघव लखनपाल शर्मा (बीजेपी प्रत्याशी)

narsingh481

Apr 19 2024, 19:37

राजनीतिक दलों की उपस्थिति में EVM और VVPAT मशीनों का किया गया विधानसभा वार प्रथम रैण्डमाईज़ेशन
लखनऊ। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हाल (NIC) में जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी लखनऊ सूर्य पाल गंगवार के द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 और विधानसभा उप निर्वाचन के EVM और VVPAT मशीनों का प्रथम रैण्डमाईज़ेशन विधानसभा वार समस्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में किया गया।

रैण्डमाईज़ेशन प्रक्रिया में ज़िला निर्वाचन अधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन शुभी सिंह, अपर जिलाधिकारी भू अ प्रथम धर्मेन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व राकेश सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती राकेश सिंह, अपरनगर मैजिस्ट्रेट चतुर्थ सचिन वर्मा, DIO NIC कृष्ण मोहन, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अभय किशोर व समस्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उपस्थित राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को बताया गया की 29 अप्रैल 2024 से केकेसी कालेज में मतदान कार्मिकों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जिसके लिए 96 EVM व VVPAT का मूवमेंट मोहनलागंज स्थित वेयरहाउस से केकेसी कालेज में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों में किया जाएगा। रैण्डमाईज़ेशन का विवरण निमन्वत है:- 1) मलिहाबाद विधानसभा में 514 बैलट यूनिट, 514 कंट्रोल यूनिट और 546 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 2) बक्शी का तालाब में 618 बैलट यूनिट, 618 कंट्रोल यूनिट और 657 VVPAT यूनिट का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 3) सरोजनीनगर में 739 बैलेट यूनिट, 739 कंट्रोल यूनिट और 785 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 4) लखनऊ पश्चिम में 525 बैलेट यूनिट, 525 कंट्रोल यूनिट और 558 VVPAT यूनिट का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 5) लखनऊ पूर्व में 529 बैलेट यूनिट, 529 कंट्रोल यूनिट और 562 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 6) लखनऊ उत्तर में 501 बैलेट यूनिट, 501 कंट्रोल यूनिट और 533 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 7) लखनऊ मध्य में 430 बैलेट यूनिट, 430 कंट्रोल यूनिट और 457 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 8) लखनऊ कैंट में 419 बैलेट यूनिट, 419 कट्रोल यूनिट और 445 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। 9) मोहनलालगंज में 506 बैलेट यूनिट, 506 कंट्रोल यूनिट और 538 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया। *10) विधानसभा उप निर्वाचन* 173 विधानसभा लखनऊ पूर्व में 533 बैलेट यूनिट, 533 कंट्रोल यूनिट और 567 VVPAT का रैण्डमाईज़ेशन किया गया।

India

Apr 17 2024, 16:28

ईवीएम से वोटिंग के खिलाफ दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को खूब सुनाया, कहा-हमें याद है की पहले मतदान में क्या होता था

#evm_vvpat_slip_counting_petition_hearing_in_supreme_court

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई हुई।इस दौरान कोर्ट ने बैलट पेपरों से वोटिंग के दौरान होने वाली समस्याओं की ओर इशारा किया। साथ ही, बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं को भी याद दिलाया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण से कहा, हम अपनी जिंदगी के छठे दशक में हैं। हम सभी जानते हैं कि जब बैलट पेपर्स से मतदान होता था, तब क्या समस्याएं होती थीं। हो सकता है आपको पता नहीं हो, लेकिन हम भूले नहीं हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े ने पैरवी की। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। मामले में करीब दो घंटे सुनवाई हुई।इसमें एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दलील दी कि VVPAT की स्लिप बैलट बॉक्स में डाली जाएं। जर्मनी में ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा, या तो बैलेट पेपर से चुनाव हों या वोटर को वीवीपैट पर्ची बॉक्स में डालने दी जाए। जिसे बाद में गिना जाए।

इस पर जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि वहां के एग्जाम्पल हमारे यहां नहीं चलते।जस्टिस दत्ता ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों पर कहा, मेरे गृह राज्य पश्चिम बंगाल की जनसंख्या जर्मनी से भी अधिक है। हमें किसी पर भरोसा करने की जरूरत है। इस तरह व्यवस्था को गिराने की कोशिश न करें। 

इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से ईवीएम के बनने से लेकर भंडारण और डेटा से छेड़छाड़ की आशंका तक हर चीज के बारे में बताने को कहा है। बेंच ने पूछा कि क्या वोटिंग के बाद गिनती में किसी गड़बड़ी के आरोपों को खत्म करने के लिए ईवीएम की तकनीकी जांच की जा सकती है? इस पर आयोग ने कहा कि हमारा पक्ष सुने बिना ऐसे कोई संकेत कोर्ट न दे। कोर्ट ने पूछा, क्या ईवीएम में हेरफेर करने पर कड़ी सजा का कानून है? लोगों में डर होना चाहिए। आयोग ने बताया कि इसे लेकर कार्यालय संबंधी कानून हैं।

इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप जर्मनी की बात कर रहे हैं। यहां 98 करोड़ वोटर हैं। हमारी उम्र 60 से ऊपर है। हमें याद है कि पहले के मतदान में क्या होता था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैलट पेपर पर लौटने से भी कई नुकसान हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने ईवीएम को हटाने की याचिका के पक्ष में अपनी बात रख रहे प्रशांत भूषण से पूछा कि अब आप क्या चाहते हैं?

इस पर उन्होंने कहा कि पहला ये कि बैलेट पेपर पर वापस जाएं। दूसरा 100 फीसदी वीवीपैट का मिलान हो। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि 60 करोड़ वोटों की गिनती हो। प्रशांत ने कहा कि बैलेट पैपर से वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं तो वीवीपैट की पर्ची मतदाताओं को दी जाए. मतदाता उसे एक बैलेट बॉक्स में डाल दे। अभी जो वीवीपैट है, उसका बॉक्स ट्रांसपेरेंट नहीं है। सिर्फ सात सेकंड के लिए पर्ची वोटर को दिखाई देती है।