Jharkhand

Apr 29 2024, 14:50

आज सुप्रीम कोर्ट में हेमंत की याचिका पर हुई सुनवाई,ईडी को कोर्ट ने कहा जवाब दाखिल करने, अगली सुनवाई 6 मई को


झारखंड डेस्क

हाईकोर्ट ने 55 दिन बीत जाने के बाद भी अपना फैसला नहीं सुनाया, तो हेमंत ने Supreme Court की शरण ली।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आज सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शपथ पत्र दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 6 मई को तय की।

India

Apr 26 2024, 16:13

NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

#supremecourtissuesnoticetoecion_nota

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।

India

Apr 26 2024, 15:13

EVM-VVPAT पर आए फैसले के बाद विपक्ष पर बरसे PM मोदी, बोले-मतपेटियां लूटने वालों को मिला जवाब

#pmmodiattackedcongressrjdonevmvvpatsupremecourtverdict

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।

कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना

देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।

कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।

Streetbuzznews

Apr 24 2024, 16:16

Kragbuzz Retail Unveils Flagship Store in Noida, Welcomes Distinguished Guests.

 

In a momentous event that marked the convergence of sports enthusiasts, industry leaders, and celebrities, Kragbuzz Retail proudly inaugurated its flagship store in Noida. The grand opening ceremony, held from April 19th to April 21st, saw the unveiling of a meticulously curated space dedicated to providing athletes of all levels with access to top-notch gear, apparel, and equipment.

The Kragbuzz Retail main shop, located in a bustling sector of Noida, covers three sprawling floors and exudes an air of athletic excellence and creativity. From quality clothes and accessories to cutting-edge sports equipment, the shop provides a wide choice of items sourced from top companies throughout the world. With a solid dedication to quality and client happiness, Kragbuzz Retail aims to redefine the sporting experience for enthusiasts and professionals alike.

Kragbuzz Retail's goal is based on a passion for sports and a commitment to excellence. Mr. Arjun Gupta founded the business, which reflects the result of years of industry experience and a constant quest for quality. Kragbuzz Retail aspires to be more than just a retail space, with a clear focus on providing athletes with access to the highest quality gear. It wants to be a sanctuary for sports enthusiasts, a place where they can find inspiration, guidance, and the tools they need to excel in their respective fields.

Kragbuzz Retail's opening ceremony was attended by a remarkable group of guests, each of whom brought their own distinct viewpoint and skills to the occasion. Mr. Rajat Sharma, Chairman and Editor in Chief of India TV, led the opening activities. Mr. Rohan Jaitley, President of the DDCA, Mr. CK Khanna, Former President of the BCCI, and Mr. Madan Lal, former Indian cricketer and World Cup champion from 1983, all joined him.

Mr. Vijay Singh, IPS - Jt.CP Delhi Police, and Mr. Santosh K Rai, IAS - Secretary (Home), Delhi Government, Mr. Rakesh Paweriya, IPS - DCP, Delhi Police, Mr. Lakshay Singhal, IAS - DM-South West Delhi, Mr. Gangadhar Panda, IRS - Addl Director-General, DGFT, and Mr. Bhavya Bishnoi - MLA, Haryana Legislative Assembly, whose presence highlighted the significance of Kragbuzz Retail's opening. Also in attendance were significant individuals from the media profession, including Mr. Vijay Lokapally, senior journalist, Mr. Aniket Mishra, senior journalist specializing in FIFA, and Mr. Shankar Singh, journalist.

The event also included prominent sports celebrities such as Mr. Parvinder Awana, a former Indian cricketer, and Mr. Smit Singh, an international shooter, who supported Kragbuzz Retail's objective to promote athletic achievement and innovation.

Mr. Manoj Mittal, Chairman, Alumni Management Company; Mr. Pawan Gulati, Treasurer, DDCA; and Mr. Shyam Sharma, Director, Executive Member of DDCA and Delhi High Court Bar Association, are among the other important visitors who attended. In addition, Mr. Rajesh Mishra, Secretary of the Delhi Bar Council, Mr. Anmol Nohria, Magistrate of Karkardooma Court, and world-renowned astrologer Mr. Nitin Kashyap were in attendance.

In his opening remarks, Mr. Arjun Gupta thanked the distinguished guests for their attendance and stressed Kragbuzz Retail's dedication to offering sports fanatics outstanding quality and service. He also discussed the store's future plans, emphasizing its position as a catalyst for the growth and development of the local athletic community.

As the three-day event came to a conclusion, guests left full of enthusiasm and expectation for the future of sports retail in Noida. With its flagship shop now available to the public, Kragbuzz Retail hopes to serve as a source of inspiration and excellence for athletes of all levels, empowering them to achieve new heights of accomplishment.

To connect or make a purchase with Kragbuzz, click on the link provided below.

Website : https://kragbuzz.com/ 

                https://kragbuzzretail.com/  

Instagram : https://www.instagram.com/kragbuzzretailstore?igsh=YzljYTk1ODg3Zg==  

India

Apr 18 2024, 12:18

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम पर सुनवाई टली, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, 26 अप्रैल को होगी सुनवाई

#court_hearing_on_charge_frame_against_brijbhushan_sharan_singh_postponed 

रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम पर सुनवाई टल गई है। बृजभूषण शरण सिंह ने जो पहले याचिका दी है उस पर 26 अप्रैल को कोर्ट फैसला सुनाएगी। उसके बाद चार्ज फ्रेम पर सुनवाई होगी।बृजभूषण शरण सिंह ने राउज ऐवन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले में कुछ पहलुओं पर आगे की जांच करने और कुछ बिंदुओं पर बहस करने की मांग की है। इस बीच कोर्ट ने ब्रजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर 26 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

महिला रेस्टलर छेड़छाड़ मामले में बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से कोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई गई जिसमें कहा गया है कि एक शिकायतकर्ता के बयान में विरोधभास है। शिकयतकर्ता के मुताबिक वो जब रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर गयी थी तो उसके साथ छेड़छाड़ कि गयी थी जबकि बृजभूषण ने कहा कि वो उस समय देश मे नहीं थे। जिसके एविडेंस में बृजभूषण ने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है। लिहाजा उस मामले की एक बार फिर जांच के लिए याचिका लगाई गई है।

कोर्ट ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से वापस आने के बाद रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया दिल्ली कार्यालय में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था, अभियोजन ने उस तारीख पर सीडीआर की कॉपी नहीं जमा की है। बृजभूषण के वकील ने कहा हमने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है, इमिग्रेशन की मोहर लगी हुई है, अगर दिल्ली पुलिस को इस बिंदु पर जवाब दाखिल करना है तो एक हफ्ते का समय ले सकती है। हमने यह अर्जी मामले में देरी के लिए नहीं लगाई है।

अदालत में बृजभूषण के वकील ने कहा, हमने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है, जिसमें इमिग्रेशन की मोहर लगी हुई है, अगर दिल्ली पुलिस को इस बिंदु पर जवाब दाखिल करना है तो एक हफ्ते का समय ले ले। हमने यह अर्दी मामले में देरी के लिए नहीं लगया है। जबकि महिला पहलवानों के वकील ने कहा कि यह याचिका मामले में देरी के लिए दाखिल की गई है। कोर्ट को इस अर्ज़ी पर सुनवाई नहीं करनी चहिए।

बता दें कि विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट देश और दो अन्य पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण को जमानत मिल गई।

నిజంనిప్పులాంటిది

Apr 15 2024, 11:16

MLC Kavith: ఎమ్మెల్సీ కవితకు బిగ్ షాక్.. మళ్లీ కస్టడీ పొడిగింపు

Delhi Liquor Scam Case: ఢిల్లీ లిక్కర్ స్కామ్ కేసులో బీఆర్ఎస్(BRS) నాయకురాలు, ఎమ్మెల్సీ కవితకు(MLC Kavitha) మరో షాక్ తగిలింది. ఈ నెల 23 వరకు కవితకు జ్యుడీషియల్ కస్టడీ విధించింది రౌస్ అవెన్యూ కోర్టు(Rouse Avenue Court)..

లిక్కర్ స్కామ్ కేసులో కవితను మూడు రోజులు సీబీఐ కస్టడీకి అప్పగించారు. ఈ మూడు రోజుల కస్టడీ నేటితో ముగియడంతో.. ఆమెను రౌస్ అవెన్యూ కోర్టులో హాజరుపరిచారు.

ఈ సందర్భంగా సీబీఐ తరఫు న్యాయవాదులు, కవిత తరఫున న్యాయవాదుల మధ్య వాదోపవాదనలు జరిగాయి. 14 రోజుల జ్యుడీషియల్ కస్టడీకి ఇవ్వాలని సీబీఐ కోరింది.

సాక్ష్యాలను కవిత ముందు పెట్టి విచారించామని.. విచారణకు ఆమె సహకరించలేదని సీబీఐ ఆరోపించింది. ఇరు పక్షాల వాదనలు విన్న ధర్మాసనం.. కవితను 9 రోజుల జ్యూడీషియల్ కస్టడీకి అప్పగించింది. దీని ప్రకారం.. కవిత ఏప్రిల్ 23వ తేదీ వరకు జ్యూడీషియల్ కస్టడీలో ఉండనున్నారు..

India

Apr 10 2024, 13:56

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- हम अंधे नहीं, अगली कार्यवाही के लिए रहें तैयार

#patanjalimisleadingadssupremecourthearingslamsbabaramdevacharyabalkrishna 

पंतजलि के खिलाफ दर्ज भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी और उन्हें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाया। शीर्ष अदालत ने दोनों को फटकारते हुए कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं। वहीं, यह भी कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है। 

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं। योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की ओर से माफी गई माफी से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हैं और उसने फिर से जमकर फटकार लगाई है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बाबा रामदेव की तरफ से दलीलें रखीं। वकील मुकुल ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सार्वजनिक माफी मांगेंगे। 

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'माफी सिर्फ कागजों के लिए हैं। हम इसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना मानते हैं। समाज को यह संदेश जाना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कानून जानते हैं। पिछले हलफनामे में हेरफेर किया गया। यह बहुत ही गंभीर है। एक तरफ छूट मांग रहे हैं और वो भी उल्लंघन करके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा समाज में एक संदेश जाना चाहिए

मामले पर जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमें माफी को उसी तिरस्कार के साथ क्यों नहीं लेना चाहिए जैसा कि अदालती उपक्रम को दिखाया गया है? हम आश्वस्त नहीं हैं। अब इस माफी को ठुकराने जा रहे हैं। रोहतगी ने कहा कि कृपया 10 दिनों के बाद सूचीबद्ध करें, अगर कुछ और है तो मैं कर सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम अंधे नहीं हैं। हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते। अब समाज में एक संदेश जाना चाहिए।

सरकार की ओर से दर्ज हलफनामे में यह कहा गया?

वहीं मामले को लेकर सरकार के आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान, पतंजलि को कोरोनिल को वायरस के इलाज के रूप में प्रचारित करने के प्रति आगाह किया गया था। पतंजलि को मंत्रालय द्वारा कोरोना वैक्सीन या किसी भी दवाई के लिए अनिवार्य टेस्ट की जरूरतों की याद दिलाई गई थी। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से भी कहा गया था कि जब तक मंत्रालय द्वारा मामले की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाती, तब तक वह कोविड-19 के खिलाफ कोरोनिल की प्रभावकारिता के बारे में दावों का विज्ञापन न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी लपेटे में लिया था। कोर्ट ने पूछा था कि जब पतंजलि ने कोविड के दौरान आधुनिक चिकित्सा को खारिज कर दिया था, तब केंद्र सरकार ने इसपर कार्रवाई क्यों नहीं की थी।

Jharkhand

Apr 07 2024, 07:15

बिना त्रुटि दूर किए याचिकाझारखंड हाई कोर्ट ने दायर किये जाने के कारण केंद्रीय मंत्री अर्जुन पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना

अर्जुन मुंडा को तत्काल राहत देते हुए उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई



झारखंड हाई कोर्ट ने दायर याचिका में बिना त्रुटि दूर किए मामले को सुनवाई के लिए मेंशन करने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

 झारखंड हाई कोर्ट ने दायर याचिका में बिना त्रुटि दूर किए मामले को सुनवाई के लिए मेंशन करने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

दरअसल हाई कोर्ट अर्जुन मुंडा द्वारा 11 अप्रैल 2023 को रांची में सचिवालय मार्च के दौरान धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह करने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि याचिका में त्रुटि अब तक दूर नहीं की गई है। इसके बाद भी मामले को Court में सुनवाई के लिए मेंशन किया गया।

कोर्ट ने याचिका में त्रुटि दूर किए बिना इस याचिका को कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए मेंशन करने को गंभीरता से लेते हुए अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

कोर्ट ने जुर्माना की इस राशि को एडभोकेट क्लर्क एसोशिएशन, झारखंड हाई कोर्ट के पास जमा करने का निर्देश दिया है।

हालांकि कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मंत्री अर्जुन मुंडा को तत्काल राहत देते हुए उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होनी है।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि कार्यक्रम के तहत सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। मामले को लेकर धुर्वा थाना में कांड संख्या 107/ 2023 दर्ज किया गया था।

इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव, सांसद निशिकांत दुबे सहित 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी।

 अर्जुन मुंडा की ओर से इसी प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया गया है।

తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Apr 04 2024, 16:49

Avinash Reddy Bail: అవినాష్ రెడ్డి బెయిల్‌పై విచారణ.. కీలక వ్యాఖ్యలు చేసిన కోర్టు..

Avinash Reddy Bail Petition: ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి(MP Avinash Reddy) ముందస్తు బెయిల్ రద్దు పిటిషన్‌పై తెలంగాణ హైకోర్టులో(Telangana High Court) గురువారం విచారణ జరిగింది..

ఈ పిటిషన్‌పై సీబీఐ(CBI) తరఫు న్యాయవాది, పిటిషనర్ తరఫు న్యాయవాది జడ శ్రావణ్ వాదనలు వినిపించారు. ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి ద్వారా తనకు ప్రాణాహనీ ఉందని అప్రూవర్ దస్తగిరి(Dasthagiri) తరుపు కోర్టు దృష్టి తీసుకెళ్లారు. దేవిరెడ్డి శివ శంకర్ రెడ్డి కుమారుడు చైతన్య రెడ్డి.. తాను జైల్లో ఉన్న సమయంలో ప్రలోభాలకు గురిచేశాడని దస్తగిరి పిటిషన్‌లో పేర్కొన్నాడు. తన తండ్రి పైనా అవినాష్ అనుచరులు దాడి చేశారని గుర్తు చేశారు. ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి చాలా ప్రభావితమైన వ్యక్తి అని, ఆయనకు వెంటనే బెయిల్ రద్దు చేయాలని కోర్టును కోరారు పిటిషనర్ తరుపు న్యాయవాది.

మరోవైపు దస్తగిరికి ప్రాణ హానీ ఉందని సీబీఐ వాదించింది. దీనికి ప్రతిస్పందించిన హైకోర్టు.. దస్తగిరిక ప్రాణ హానీ ఉందని మీరు ఇప్పుడు ఎలా చెబుతున్నారు? అని ప్రశ్నించింది. అవినాష్ రెడ్డి బెయిల్ రద్దుపై సుప్రీంకోర్టుకు ఎందుకు వెళ్లలేదని సీబీఐని హైకోర్టు సూటిగా ప్రశ్నించింది. ఈ ప్రశ్నకు స్పందించిన సీబీఐ.. సుప్రీంలో బెయిల్ రద్దు చేయాలని సవాల్ చేసే లోపే వివేకా కూతురు సునీత సుప్రీంకోర్టుకు వెళ్లిందని పేర్కొంది. దీంతో సీబీఐ సైతం సునీత పెటిషన్‌లో కౌంటర్ దాఖలు చేశామని హైకోర్టుకు సీబీఐ వివరణ ఇచ్చింది.

కాగా, విట్‌నెస్ ప్రొటెక్షన్ స్కీమ్ కింద రిపోర్ట్ ఇవ్వాలని సీబీఐకి నాంపల్లి కోర్టు ఆదేశాలు ఇచ్చింది. తమకు ప్రాణాహనీ ఉందని దస్తగిరి భార్య, దస్తగిరి ఇద్దరూ సీబీఐకి ఫిర్యాదు చేశారు. అయితే, దీనిపై ఇంకా చర్యలు తీసుకోలేదని పిటిషనర్ తరుపు న్యాయవాది.. కోర్టు దృష్టికి తీసుకెళ్లారు. దీనికి స్పందించిన హైకోర్టు.. విట్‌నెస్ ప్రొటెక్షన్ రిపోర్ట్ వచ్చాక పరిశీలించి నిర్ణయం తీసుంటామని హైకోర్టు ధర్మాసనం తెలిపింది. తదుపరి విచారణను ఏప్రిల్ 8వ తేదీకి వాయిదా వేసింది..

Streetbuzznews

Mar 29 2024, 13:51

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

Jharkhand

Apr 29 2024, 14:50

आज सुप्रीम कोर्ट में हेमंत की याचिका पर हुई सुनवाई,ईडी को कोर्ट ने कहा जवाब दाखिल करने, अगली सुनवाई 6 मई को


झारखंड डेस्क

हाईकोर्ट ने 55 दिन बीत जाने के बाद भी अपना फैसला नहीं सुनाया, तो हेमंत ने Supreme Court की शरण ली।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आज सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शपथ पत्र दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 6 मई को तय की।

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Apr 26 2024, 16:13

NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

#supremecourtissuesnoticetoecion_nota

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।

India

Apr 26 2024, 15:13

EVM-VVPAT पर आए फैसले के बाद विपक्ष पर बरसे PM मोदी, बोले-मतपेटियां लूटने वालों को मिला जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।

कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना

देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।

कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।

Streetbuzznews

Apr 24 2024, 16:16

Kragbuzz Retail Unveils Flagship Store in Noida, Welcomes Distinguished Guests.

 

In a momentous event that marked the convergence of sports enthusiasts, industry leaders, and celebrities, Kragbuzz Retail proudly inaugurated its flagship store in Noida. The grand opening ceremony, held from April 19th to April 21st, saw the unveiling of a meticulously curated space dedicated to providing athletes of all levels with access to top-notch gear, apparel, and equipment.

The Kragbuzz Retail main shop, located in a bustling sector of Noida, covers three sprawling floors and exudes an air of athletic excellence and creativity. From quality clothes and accessories to cutting-edge sports equipment, the shop provides a wide choice of items sourced from top companies throughout the world. With a solid dedication to quality and client happiness, Kragbuzz Retail aims to redefine the sporting experience for enthusiasts and professionals alike.

Kragbuzz Retail's goal is based on a passion for sports and a commitment to excellence. Mr. Arjun Gupta founded the business, which reflects the result of years of industry experience and a constant quest for quality. Kragbuzz Retail aspires to be more than just a retail space, with a clear focus on providing athletes with access to the highest quality gear. It wants to be a sanctuary for sports enthusiasts, a place where they can find inspiration, guidance, and the tools they need to excel in their respective fields.

Kragbuzz Retail's opening ceremony was attended by a remarkable group of guests, each of whom brought their own distinct viewpoint and skills to the occasion. Mr. Rajat Sharma, Chairman and Editor in Chief of India TV, led the opening activities. Mr. Rohan Jaitley, President of the DDCA, Mr. CK Khanna, Former President of the BCCI, and Mr. Madan Lal, former Indian cricketer and World Cup champion from 1983, all joined him.

Mr. Vijay Singh, IPS - Jt.CP Delhi Police, and Mr. Santosh K Rai, IAS - Secretary (Home), Delhi Government, Mr. Rakesh Paweriya, IPS - DCP, Delhi Police, Mr. Lakshay Singhal, IAS - DM-South West Delhi, Mr. Gangadhar Panda, IRS - Addl Director-General, DGFT, and Mr. Bhavya Bishnoi - MLA, Haryana Legislative Assembly, whose presence highlighted the significance of Kragbuzz Retail's opening. Also in attendance were significant individuals from the media profession, including Mr. Vijay Lokapally, senior journalist, Mr. Aniket Mishra, senior journalist specializing in FIFA, and Mr. Shankar Singh, journalist.

The event also included prominent sports celebrities such as Mr. Parvinder Awana, a former Indian cricketer, and Mr. Smit Singh, an international shooter, who supported Kragbuzz Retail's objective to promote athletic achievement and innovation.

Mr. Manoj Mittal, Chairman, Alumni Management Company; Mr. Pawan Gulati, Treasurer, DDCA; and Mr. Shyam Sharma, Director, Executive Member of DDCA and Delhi High Court Bar Association, are among the other important visitors who attended. In addition, Mr. Rajesh Mishra, Secretary of the Delhi Bar Council, Mr. Anmol Nohria, Magistrate of Karkardooma Court, and world-renowned astrologer Mr. Nitin Kashyap were in attendance.

In his opening remarks, Mr. Arjun Gupta thanked the distinguished guests for their attendance and stressed Kragbuzz Retail's dedication to offering sports fanatics outstanding quality and service. He also discussed the store's future plans, emphasizing its position as a catalyst for the growth and development of the local athletic community.

As the three-day event came to a conclusion, guests left full of enthusiasm and expectation for the future of sports retail in Noida. With its flagship shop now available to the public, Kragbuzz Retail hopes to serve as a source of inspiration and excellence for athletes of all levels, empowering them to achieve new heights of accomplishment.

To connect or make a purchase with Kragbuzz, click on the link provided below.

Website : https://kragbuzz.com/ 

                https://kragbuzzretail.com/  

Instagram : https://www.instagram.com/kragbuzzretailstore?igsh=YzljYTk1ODg3Zg==  

India

Apr 18 2024, 12:18

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम पर सुनवाई टली, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, 26 अप्रैल को होगी सुनवाई

#court_hearing_on_charge_frame_against_brijbhushan_sharan_singh_postponed 

रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम पर सुनवाई टल गई है। बृजभूषण शरण सिंह ने जो पहले याचिका दी है उस पर 26 अप्रैल को कोर्ट फैसला सुनाएगी। उसके बाद चार्ज फ्रेम पर सुनवाई होगी।बृजभूषण शरण सिंह ने राउज ऐवन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले में कुछ पहलुओं पर आगे की जांच करने और कुछ बिंदुओं पर बहस करने की मांग की है। इस बीच कोर्ट ने ब्रजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर 26 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

महिला रेस्टलर छेड़छाड़ मामले में बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से कोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई गई जिसमें कहा गया है कि एक शिकायतकर्ता के बयान में विरोधभास है। शिकयतकर्ता के मुताबिक वो जब रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के दफ्तर गयी थी तो उसके साथ छेड़छाड़ कि गयी थी जबकि बृजभूषण ने कहा कि वो उस समय देश मे नहीं थे। जिसके एविडेंस में बृजभूषण ने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है। लिहाजा उस मामले की एक बार फिर जांच के लिए याचिका लगाई गई है।

कोर्ट ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से वापस आने के बाद रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया दिल्ली कार्यालय में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था, अभियोजन ने उस तारीख पर सीडीआर की कॉपी नहीं जमा की है। बृजभूषण के वकील ने कहा हमने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है, इमिग्रेशन की मोहर लगी हुई है, अगर दिल्ली पुलिस को इस बिंदु पर जवाब दाखिल करना है तो एक हफ्ते का समय ले सकती है। हमने यह अर्जी मामले में देरी के लिए नहीं लगाई है।

अदालत में बृजभूषण के वकील ने कहा, हमने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है, जिसमें इमिग्रेशन की मोहर लगी हुई है, अगर दिल्ली पुलिस को इस बिंदु पर जवाब दाखिल करना है तो एक हफ्ते का समय ले ले। हमने यह अर्दी मामले में देरी के लिए नहीं लगया है। जबकि महिला पहलवानों के वकील ने कहा कि यह याचिका मामले में देरी के लिए दाखिल की गई है। कोर्ट को इस अर्ज़ी पर सुनवाई नहीं करनी चहिए।

बता दें कि विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट देश और दो अन्य पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण को जमानत मिल गई।

నిజంనిప్పులాంటిది

Apr 15 2024, 11:16

MLC Kavith: ఎమ్మెల్సీ కవితకు బిగ్ షాక్.. మళ్లీ కస్టడీ పొడిగింపు

Delhi Liquor Scam Case: ఢిల్లీ లిక్కర్ స్కామ్ కేసులో బీఆర్ఎస్(BRS) నాయకురాలు, ఎమ్మెల్సీ కవితకు(MLC Kavitha) మరో షాక్ తగిలింది. ఈ నెల 23 వరకు కవితకు జ్యుడీషియల్ కస్టడీ విధించింది రౌస్ అవెన్యూ కోర్టు(Rouse Avenue Court)..

లిక్కర్ స్కామ్ కేసులో కవితను మూడు రోజులు సీబీఐ కస్టడీకి అప్పగించారు. ఈ మూడు రోజుల కస్టడీ నేటితో ముగియడంతో.. ఆమెను రౌస్ అవెన్యూ కోర్టులో హాజరుపరిచారు.

ఈ సందర్భంగా సీబీఐ తరఫు న్యాయవాదులు, కవిత తరఫున న్యాయవాదుల మధ్య వాదోపవాదనలు జరిగాయి. 14 రోజుల జ్యుడీషియల్ కస్టడీకి ఇవ్వాలని సీబీఐ కోరింది.

సాక్ష్యాలను కవిత ముందు పెట్టి విచారించామని.. విచారణకు ఆమె సహకరించలేదని సీబీఐ ఆరోపించింది. ఇరు పక్షాల వాదనలు విన్న ధర్మాసనం.. కవితను 9 రోజుల జ్యూడీషియల్ కస్టడీకి అప్పగించింది. దీని ప్రకారం.. కవిత ఏప్రిల్ 23వ తేదీ వరకు జ్యూడీషియల్ కస్టడీలో ఉండనున్నారు..

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Apr 10 2024, 13:56

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- हम अंधे नहीं, अगली कार्यवाही के लिए रहें तैयार

#patanjalimisleadingadssupremecourthearingslamsbabaramdevacharyabalkrishna 

पंतजलि के खिलाफ दर्ज भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी और उन्हें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाया। शीर्ष अदालत ने दोनों को फटकारते हुए कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं। वहीं, यह भी कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है। 

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं। योग गुरु रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की ओर से माफी गई माफी से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हैं और उसने फिर से जमकर फटकार लगाई है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बाबा रामदेव की तरफ से दलीलें रखीं। वकील मुकुल ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सार्वजनिक माफी मांगेंगे। 

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'माफी सिर्फ कागजों के लिए हैं। हम इसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना मानते हैं। समाज को यह संदेश जाना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उल्लंघन न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कानून जानते हैं। पिछले हलफनामे में हेरफेर किया गया। यह बहुत ही गंभीर है। एक तरफ छूट मांग रहे हैं और वो भी उल्लंघन करके।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा समाज में एक संदेश जाना चाहिए

मामले पर जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमें माफी को उसी तिरस्कार के साथ क्यों नहीं लेना चाहिए जैसा कि अदालती उपक्रम को दिखाया गया है? हम आश्वस्त नहीं हैं। अब इस माफी को ठुकराने जा रहे हैं। रोहतगी ने कहा कि कृपया 10 दिनों के बाद सूचीबद्ध करें, अगर कुछ और है तो मैं कर सकता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम अंधे नहीं हैं। हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते। अब समाज में एक संदेश जाना चाहिए।

सरकार की ओर से दर्ज हलफनामे में यह कहा गया?

वहीं मामले को लेकर सरकार के आयुष मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान, पतंजलि को कोरोनिल को वायरस के इलाज के रूप में प्रचारित करने के प्रति आगाह किया गया था। पतंजलि को मंत्रालय द्वारा कोरोना वैक्सीन या किसी भी दवाई के लिए अनिवार्य टेस्ट की जरूरतों की याद दिलाई गई थी। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से भी कहा गया था कि जब तक मंत्रालय द्वारा मामले की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाती, तब तक वह कोविड-19 के खिलाफ कोरोनिल की प्रभावकारिता के बारे में दावों का विज्ञापन न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी लपेटे में लिया था। कोर्ट ने पूछा था कि जब पतंजलि ने कोविड के दौरान आधुनिक चिकित्सा को खारिज कर दिया था, तब केंद्र सरकार ने इसपर कार्रवाई क्यों नहीं की थी।

Jharkhand

Apr 07 2024, 07:15

बिना त्रुटि दूर किए याचिकाझारखंड हाई कोर्ट ने दायर किये जाने के कारण केंद्रीय मंत्री अर्जुन पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना

अर्जुन मुंडा को तत्काल राहत देते हुए उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई



झारखंड हाई कोर्ट ने दायर याचिका में बिना त्रुटि दूर किए मामले को सुनवाई के लिए मेंशन करने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

 झारखंड हाई कोर्ट ने दायर याचिका में बिना त्रुटि दूर किए मामले को सुनवाई के लिए मेंशन करने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

दरअसल हाई कोर्ट अर्जुन मुंडा द्वारा 11 अप्रैल 2023 को रांची में सचिवालय मार्च के दौरान धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह करने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि याचिका में त्रुटि अब तक दूर नहीं की गई है। इसके बाद भी मामले को Court में सुनवाई के लिए मेंशन किया गया।

कोर्ट ने याचिका में त्रुटि दूर किए बिना इस याचिका को कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए मेंशन करने को गंभीरता से लेते हुए अर्जुन मुंडा पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

कोर्ट ने जुर्माना की इस राशि को एडभोकेट क्लर्क एसोशिएशन, झारखंड हाई कोर्ट के पास जमा करने का निर्देश दिया है।

हालांकि कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मंत्री अर्जुन मुंडा को तत्काल राहत देते हुए उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होनी है।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि कार्यक्रम के तहत सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। मामले को लेकर धुर्वा थाना में कांड संख्या 107/ 2023 दर्ज किया गया था।

इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव, सांसद निशिकांत दुबे सहित 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी।

 अर्जुन मुंडा की ओर से इसी प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया गया है।

తప్పు చేస్తే దొరకక తప్పదు

Apr 04 2024, 16:49

Avinash Reddy Bail: అవినాష్ రెడ్డి బెయిల్‌పై విచారణ.. కీలక వ్యాఖ్యలు చేసిన కోర్టు..

Avinash Reddy Bail Petition: ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి(MP Avinash Reddy) ముందస్తు బెయిల్ రద్దు పిటిషన్‌పై తెలంగాణ హైకోర్టులో(Telangana High Court) గురువారం విచారణ జరిగింది..

ఈ పిటిషన్‌పై సీబీఐ(CBI) తరఫు న్యాయవాది, పిటిషనర్ తరఫు న్యాయవాది జడ శ్రావణ్ వాదనలు వినిపించారు. ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి ద్వారా తనకు ప్రాణాహనీ ఉందని అప్రూవర్ దస్తగిరి(Dasthagiri) తరుపు కోర్టు దృష్టి తీసుకెళ్లారు. దేవిరెడ్డి శివ శంకర్ రెడ్డి కుమారుడు చైతన్య రెడ్డి.. తాను జైల్లో ఉన్న సమయంలో ప్రలోభాలకు గురిచేశాడని దస్తగిరి పిటిషన్‌లో పేర్కొన్నాడు. తన తండ్రి పైనా అవినాష్ అనుచరులు దాడి చేశారని గుర్తు చేశారు. ఎంపీ అవినాష్ రెడ్డి చాలా ప్రభావితమైన వ్యక్తి అని, ఆయనకు వెంటనే బెయిల్ రద్దు చేయాలని కోర్టును కోరారు పిటిషనర్ తరుపు న్యాయవాది.

మరోవైపు దస్తగిరికి ప్రాణ హానీ ఉందని సీబీఐ వాదించింది. దీనికి ప్రతిస్పందించిన హైకోర్టు.. దస్తగిరిక ప్రాణ హానీ ఉందని మీరు ఇప్పుడు ఎలా చెబుతున్నారు? అని ప్రశ్నించింది. అవినాష్ రెడ్డి బెయిల్ రద్దుపై సుప్రీంకోర్టుకు ఎందుకు వెళ్లలేదని సీబీఐని హైకోర్టు సూటిగా ప్రశ్నించింది. ఈ ప్రశ్నకు స్పందించిన సీబీఐ.. సుప్రీంలో బెయిల్ రద్దు చేయాలని సవాల్ చేసే లోపే వివేకా కూతురు సునీత సుప్రీంకోర్టుకు వెళ్లిందని పేర్కొంది. దీంతో సీబీఐ సైతం సునీత పెటిషన్‌లో కౌంటర్ దాఖలు చేశామని హైకోర్టుకు సీబీఐ వివరణ ఇచ్చింది.

కాగా, విట్‌నెస్ ప్రొటెక్షన్ స్కీమ్ కింద రిపోర్ట్ ఇవ్వాలని సీబీఐకి నాంపల్లి కోర్టు ఆదేశాలు ఇచ్చింది. తమకు ప్రాణాహనీ ఉందని దస్తగిరి భార్య, దస్తగిరి ఇద్దరూ సీబీఐకి ఫిర్యాదు చేశారు. అయితే, దీనిపై ఇంకా చర్యలు తీసుకోలేదని పిటిషనర్ తరుపు న్యాయవాది.. కోర్టు దృష్టికి తీసుకెళ్లారు. దీనికి స్పందించిన హైకోర్టు.. విట్‌నెస్ ప్రొటెక్షన్ రిపోర్ట్ వచ్చాక పరిశీలించి నిర్ణయం తీసుంటామని హైకోర్టు ధర్మాసనం తెలిపింది. తదుపరి విచారణను ఏప్రిల్ 8వ తేదీకి వాయిదా వేసింది..

Streetbuzznews

Mar 29 2024, 13:51

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.